ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 15 जून 2015

महिमा


   जेसन अपने शहर से बाहर एक अन्य स्थान पर था, और वहाँ के स्थानीय चर्च में आरधना के लिए गया। आरधना आरंभ होने से कुछ ही देर पहले जेसन से आग्रह किया गया कि वह परमेश्वर की महिमा के लिए कोई स्तुति गीत आरधना में गाए। जेसन ने सहर्ष वह आग्रह स्वीकार किया और एक जाना-पहचाना स्तुति गीत, To God Be the Glory गाने का निर्णय किया, क्योंकि वह गीत उसके लिए विशेष अर्थ रखता था। उसने चर्च भवन के तहखाने में जाकर उस गीत का अभ्यास किया और फिर आरधना के दौरान जब उसे बुलाया गया तो उसने बिना किसी संगीत वाद्य के अकेले ही वह गीत गाया।

   कुछ सप्ताह के बाद जेसन को पता चला कि उस दिन उसके द्वारा गाए गए गीत को लेकर उस चर्च के कुछ लोग अप्रसन्न हुए क्योंकि उन्हें लगा कि वह परमेश्वर कि स्तुति के लिए नहीं वरन अपनी संगीत प्रतिभा दिखाने के लिए अकेले ही गा रहा था। क्योंकि वे लोग जेसन को जानते नहीं थे, इसलिए उन्होंने यह गलत अन्दाज़ा लगाया कि जेसन परमेश्वर को महिमा देने के लिए नहीं वरन चर्च के लोगों को प्रभावित करने के लिए गीत गा रहा था।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड से हम पाते हैं कि परमेश्वर ने अलग अलग गुण वाले लोगों को मन्दिर में सेवा और आरधना के लिए नियुक्त किया - निर्माण कार्य में लगे कारीगर से लेकर आरधना की अगुवाई करने और संचालित करने वाले लोग, उनके गुणों और योग्यताओं के आधार पर नियुक्त किए गए (1 इतिहास 15:22; 25:1, 7)।

   प्रभु परमेश्वर ने हम सब को भिन्न भिन्न गुण, योग्यताएं और आत्मिक वरदान दिए हैं जिन्हें हमें उसकी महिमा के लिए उपयोग करना है (कुलुस्सियों 3:23-24)। जब हम उन गुणों, योग्यताओं और वरदानों का उपयोग परमेश्वर की महिमा के उद्देश्य से करते हैं ना कि अपनी प्रतिभा को दिखाने के उद्देश्य से, तो फिर हमें अन्य लोगों के विचारों और समझ को लेकर चिंतित रहने की आवश्यकता नहीं है। परमेश्वर ने हमारे लिए अपने सर्वोत्तम को, अर्थात अपने पुत्र प्रभु यीशु मसीह को दे दिया; अब उसे अपना सर्वोत्तम अर्पित करके हम उसकी महिमा करते हैं। - जूली ऐकैअरमैन लिंक


परमेश्वर की जो सेवकाई हम अपने पूरे मन से करते हैं, वही हमारी सर्वोत्तम सेवा होती है।

और बसलेल और ओहोलीआब और सब बुद्धिमान जिन को यहोवा ने ऐसी बुद्धि और समझ दी हो, कि वे यहोवा की सारी आज्ञाओं के अनुसार पवित्रस्थान की सेवकाई के लिये सब प्रकार का काम करना जानें, वे सब यह काम करें। -  निर्गमन 36:1

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 25:1-8
1 Chronicles 25:1 फिर दाऊद और सेनापतियों ने आसाप, हेमान और यदूतून के कितने पुत्रों को सेवकाई के लिये अलग किया कि वे वीणा, सारंगी और झांझ बजा बजाकर नबूवत करें। और इस सेवकाई के काम करने वाले मनुष्यों की गिनती यह थी: 
1 Chronicles 25:2 अर्थात आसाप के पुत्रों में से तो जक्कूर, योसेप, नतन्याह और अशरेला, आसाप के ये पुत्र आसाप ही की आज्ञा में थे, जो राजा की आज्ञा के अनुसार नबूवत करता था। 
1 Chronicles 25:3 फिर यदूतून के पुत्रों में से गदल्याह, सरीयशायाह, हसब्याह, मत्तित्याह, ये ही छ: अपने पिता यदूतून की आज्ञा में हो कर जो यहोवा का धन्यवाद और स्तुति कर कर के नबूवत करता था, वीणा बजाते थे। 
1 Chronicles 25:4 और हेमान के पुत्रों में से, मुक्किय्याह, मत्तन्याह, लज्जीएल, शबूएल, यरीमोत, हनन्याह, हनानी, एलीआता, गिद्दलती, रोममतीएजेर, योशबकाशा, मल्लोती, होतीर और महजीओत। 
1 Chronicles 25:5 परमेश्वर की प्रतिज्ञानुकूल जो उसका नाम बढ़ाने की थी, ये सब हेमान के पुत्र थे जो राजा का दशीं था; क्योंकि परमेश्वर ने हेमान को चौदह बेटे और तीन बेटियां दीं थीं। 
1 Chronicles 25:6 ये सब यहोवा के भवन में गाने के लिये अपने अपने पिता के आधीन रह कर, परमेश्वर के भवन, की सेवकाई में झांझ, सारंगी और वीणा बजाते थे। और आसाप, यदूतून और हेमान राजा के आधीन रहते थे। 
1 Chronicles 25:7 इन सभों की गिनती भाइयों समेत जो यहोवा के गीत सीखे हुए और सब प्रकार से निपुण थे, दो सौ अठासी थी। 
1 Chronicles 25:8 और उन्होंने क्या बड़ा, क्या छोटा, क्या गुरू, क्या चेला, अपनी अपनी बारी के लिये चिट्ठी डाली।

एक साल में बाइबल: 
  • नहेम्याह 1-3
  • प्रेरितों 2:1-21



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें