ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 24 जून 2015

अनुभव


   जब वायु-यान चालकों का प्रशिक्षण होता है तो उन्हें कई घंटे उड़ान का सा अनुभव देने वाली मशीन - फ्लाईट सिमुलेटर पर सीखने में बिताने पड़ते हैं। ये सिमुलेटर देखने में विमान के चालक कक्ष जैसे ही बने होते हैं और उनमें उस कक्ष के समान ही सभी उपकरण लगे होते हैं। प्रशिक्षण लेने वाले के समक्ष उस सिमुलेटर में उड़ान जैसे कृत्रिम अनुभव रखे जाते हैं और उसे उन अनुभवों में होकर वायुयान चलाना सीखना होता है। इस पूरी प्रक्रिया में प्रशिक्षार्थी ज़मीन पर ही मशीन के अन्दर बैठा होता है, और यदि उससे उस कृत्रिम वायुयान का कोई नुकसान या दुर्घटना भी हो जाए तो भी वास्तव में कोई हानि नहीं हुई होती। सिखाने के लिए ये सिमुलेटर एक बहुत कारगर यंत्र हैं और वायुयान चालकों को तैयार करने में इनकी बहुत महत्वपूर्ण भूमिका है, परन्तु फिर भी ये वास्तविक उड़ान जैसी हर परिस्थिति को बना पाने और वैसा अनुभव दे पाने में सक्षम नहीं हैं। वैसा अनुभव तो चालक को वास्तविक वायुयान में बैठकर और अन्ततः वास्तविक उड़ान भरने से ही मिलता है।

   जीवन भी अनेक रीति से ऐसा ही है - उसे कृत्रिम अनुभवों के आधार पर नहीं जीया जा सकता। ऐसा कोई भी पूर्ण्तया सुरक्षित अथवा किसी भी जोखिम से विहीन वातावरण नहीं है जिसमें हम जीवन के सभी उतार-चढ़ाव कभी भी बिना किसी हानि को उठाएअ अनुभव कर सकें। पाप और उसके दुषप्रभावों से भरे तथा उनसे बिगड़े हुए इस संसार में जीवन जीने के खतरों से हम बच नहीं सकते। इसीलिए हम मसीही विश्वासियों के लिए प्रभु यीशु द्वारा दिए गए आश्वासन बहुत शान्ति देने वाले हैं; प्रभु यीशु ने कहा, "मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीन लिया है" (यूहन्ना 16:33)।

   यद्यपि हम मसीही विश्वासी इस पतित संसार में जीवन के खतरों और जोखिमों से बचे तो नहीं रह सकते, लेकिन हम उन खतरोंअ उर जोखिमों के बावजूद आश्वस्त और शान्त होकर अवश्य रह सकते हैं क्योंकि परमेश्वर प्रभउ के साथ बना हुआ हमारा संबंध हमारे लिए अनन्त काल की शान्ति और हर परिस्थिति में आवश्यक सामर्थ तथा सहायता के उपलब्ध होने का आश्वासन है। हमारा प्रभु संसार तथा संसार के हाकिमों और दुष्ट की सभी शक्तियों एवं योजनाओं पर जयवन्त है। - बिल क्राउडर


परमेश्वर को समर्पित जीवन से अधिक सुरक्षित जीवन कोई नहीं है।

प्रभु यीशु ने कहा: "मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे।" - यूहन्ना 14:27

बाइबल पाठ: यूहन्ना 16:25-33
John 16:25 मैं ने ये बातें तुम से दृष्‍टान्‍तों में कही हैं, परन्तु वह समय आता है, कि मैं तुम से दृष्‍टान्‍तों में और फिर नहीं कहूंगा परन्तु खोल कर तुम्हें पिता के विषय में बताऊंगा। 
John 16:26 उस दिन तुम मेरे नाम से मांगोगे, और मैं तुम से यह नहीं कहता, कि मैं तुम्हारे लिये पिता से बिनती करूंगा। 
John 16:27 क्योंकि पिता तो आप ही तुम से प्रीति रखता है, इसलिये कि तुम ने मुझ से प्रीति रखी है, और यह भी प्रतीति की है, कि मैं पिता कि ओर से निकल आया। 
John 16:28 मैं पिता से निकलकर जगत में आया हूं, फिर जगत को छोड़कर पिता के पास जाता हूं। 
John 16:29 उसके चेलों ने कहा, देख, अब तो तू खोल कर कहता है, और कोई दृष्‍टान्‍त नहीं कहता। 
John 16:30 अब हम जान गए, कि तू सब कुछ जानता है, और तुझे प्रयोजन नहीं, कि कोई तुझ से पूछे, इस से हम प्रतीति करते हैं, कि तू परमेश्वर से निकला है। 
John 16:31 यह सुन यीशु ने उन से कहा, क्या तुम अब प्रतीति करते हो? 
John 16:32 देखो, वह घड़ी आती है वरन आ पहुंची कि तुम सब तित्तर बित्तर हो कर अपना अपना मार्ग लोगे, और मुझे अकेला छोड़ दोगे, तौभी मैं अकेला नहीं क्योंकि पिता मेरे साथ है। 
John 16:33 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि तुम्हें मुझ में शान्‍ति मिले; संसार में तुम्हें क्‍लेश होता है, परन्तु ढाढ़स बांधो, मैं ने संसार को जीन लिया है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 7:22-43


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें