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बुधवार, 3 जून 2015

बुद्धिमान वचन


   मैं अब उम्र के साठवें दशक में चल रहा हूँ; कभी कभी मैं उन बुद्धिमान अगुवों के विषय में विचार करता हूँ जिन्होंने मेरे जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाला। जब मैं बाइबल स्कूल में था तो परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड के मेरे अध्यापक को परमेश्वर ने मेरे लिए अपने वचन को सजीव करने के लिए प्रयोग किया। युनानी भाषा के मेरे अध्यापक ने उच्च मानकों के अविरल उपयोग पर ज़ोर देते हुए मुझे नए नियम का अध्ययन करना सिखाया। जब मैंने अपनी प्रथम पास्टर सेवा आरंभ करी तो मेरे वरिष्ठ पास्टर ने मेरा मार्गदर्शन किया कि कैसे मैं अच्छे संबंध बनाकर लोगों को आत्मिक जीवन में बढ़ना सिखाऊँ।

   राजा सुलेमान ने बड़ी बुद्धिमानी से उन कुछ तरीकों के बारे में बताया जिनके द्वारा आत्मिक अगुवे दूसरों के बढ़ने में सहायता कर सकते हैं: "बुद्धिमानों के वचन पैनों के समान होते हैं, और सभाओं के प्रधानों के वचन गाड़ी हुई कीलों के समान हैं, क्योंकि एक ही चरवाहे की ओर से मिलते हैं" (सभोपदेशक 12:11)। कुछ शिक्षक हमें उकसाते हैं तो अन्य हमारे जीवनों में मज़बूत आत्मिक ढाँचे खड़े करते हैं तो कुछ अन्य हमारे प्रति संवेदनशील रहते हैं, जब आवश्यकता होती है, हमारी सुनते हैं और हमें समझाते सिखाते हैं।

   हमारे अच्छे चरवाहे, हमारे प्रभु यीशु ने हमें विभिन्न गुणों वाले अगुवे और मार्गदर्शक दिए हैं, हमें उकसाने, सुधारने और बेहतर बनाने के लिए। हम चाहे अगुवे हों या फिर हमने अपना आत्मिक जीवन आरंभ ही किया हो, प्रभु चाहता है कि हम सब के साथ एक नम्र हृदय और प्रेम भरा व्यवहार बनाए रखें।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए यह कैसा अद्भुत आदर है कि हम अपने प्रभु के मार्गदर्शन में उसके लिए कार्य कर सकते हैं और दूसरों को भी उसके साथ जुड़ने और चलने के लिए प्रोत्साहित कर सकते हैं। - डेनिस फिशर


हमारे वचन हमारे प्रभु परमेश्वर के मन और बुद्धिमता को प्रतिबिंबित करने वाले होने चाहिएं।

और उसने कितनों को भविष्यद्वक्ता नियुक्त कर के, और कितनों को सुसमाचार सुनाने वाले नियुक्त कर के, और कितनों को रखवाले और उपदेशक नियुक्त कर के दे दिया। जिस से पवित्र लोग सिद्ध हों जाएं, और सेवा का काम किया जाए, और मसीह की देह उन्नति पाए। - इफिसियों 4:11-12

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 12:9-14
Ecclesiastes 12:9 उपदेशक जो बुद्धिमान था, वह प्रजा को ज्ञान भी सिखाता रहा, और ध्यान लगाकर और पूछपाछ कर के बहुत से नीतिवचन क्रम से रखता था। 
Ecclesiastes 12:10 उपदेशक ने मनभावने शब्द खोजे और सीधाई से ये सच्ची बातें लिख दीं।
Ecclesiastes 12:11 बुद्धिमानों के वचन पैनों के समान होते हैं, और सभाओं के प्रधानों के वचन गाड़ी हुई कीलों के समान हैं, क्योंकि एक ही चरवाहे की ओर से मिलते हैं। 
Ecclesiastes 12:12 हे मेरे पुत्र, इन्ही में चौकसी सीख। बहुत पुस्तकों की रचना का अन्त नहीं होता, और बहुत पढ़ना देह को थका देता है।
Ecclesiastes 12:13 सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कर्त्तव्य यही है। 
Ecclesiastes 12:14 क्योंकि परमेश्वर सब कामों और सब गुप्त बातों का, चाहे वे भली हों या बुरी, न्याय करेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 19-20
  • यूहन्ना 13:21-38


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