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गुरुवार, 3 दिसंबर 2015

भरोसेमन्द सत्य


   कई सालों से सारा कमर दर्द से परेशान थी, और दर्द बढ़ता ही जा रहा था। उसके चिकित्सक ने उसे फिज़्योथैरपिस्ट के पास भेजा, और वहाँ उसे प्रतिदिन 25 व्यायाम करने के लिए दिए गए। दर्द कुछ कम तो हुआ लेकिन पूरी तरह से हटा नहीं। इसलिए चिकित्सक ने एक्स-रे करवाए और फिर उसे एक दूसरे फिज़ियोथैरपिस्ट के पास भेजा, जिसने उसे पहले फिज़ियोथैरपिस्ट द्वारा बताए गए सभी व्यायामों को बन्द करके उनके स्थान पर केवल एक ही सरल सा व्यायाम करने को कहा। आश्चर्य की बात यह रही कि जो वे 25 व्यायाम नहीं कर पाए, वह कार्य उस एक सरल से व्यायाम ने कर दिया।

   कई दफा बिलकुल सरल और सामान्य प्रतीत होने वाले सत्य ही सबसे कारगर होते हैं। जब कार्ल बार्थ से कहा गया कि आध्यात्मवाद के अपने जीवन भर के अनुभव को एक ही वाक्य में संक्षिप्त करें, तो उन्होंने कहा, "यीशु मुझसे प्रेम करता है!" कुछ लोगों का कहना है उन्होंने साथ ही यह भी कहा, "क्योंकि बाइबल मुझसे यह कहती है और मैं इसे जानता हूँ।"

   हमारे प्रति परमेश्वर का प्रेम प्रगट है; उसने हमें हमारे ही पापों से बचाने के लिए अपने पुत्र को बलिदान होने दिया। मसीह यीशु हमारे पापों को अपने ऊपर लिए क्रूस पर मारा गया, और अपने साथ हमें नया जीवन देने के लिए तीसरे दिन फिर मृतकों में से जी उठा। अद्भुत प्रेम! परमेश्वर के वचन बाइबल में जैसे यूहन्ना कहता है, "देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी..." (1 यूहन्ना 3:1)।

   हम मनुष्यों के प्रति प्रभु यीशु का प्रेम समझ पाना मानव बुद्धि से संभव नहीं है, उसे तो केवल अनुभव के द्वारा ही जाना जा सकता है। ना ही हम अपनी बुद्धि से इस तथ्य को समझ सकते हैं कि प्रभु यीशु का प्रेम हमारे जीवनों को कठिनाईयों और परेशानियों में पड़ने से तो नहीं बचाता किंतु उन सभी विपरीत परिस्थितियों में प्रभु यीशु हमारे साथ ही खड़ा होता है, हमारे समान ही उन में दुखी होता है, उनसे जूझने के लिए हमें ढ़ाढ़स, सांत्वना और सामर्थ प्रदान करता है और हमें उन पर जयवन्त बनाता है।

   प्रभु यीशु का प्रेम वह भरोसेमन्द सत्य है जो हमारे जीवनों को दिशा, उद्देश्य और परमेश्वर की शान्ति प्रदान करता है, जो हमें कहीं और से नहीं मिल सकती। - ऐनी सेटास


सबसे बड़े अचरज की बात; जरा सोचिए, प्रभु यीशु मुझसे प्रेम करता है!

मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:27 

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 2:24-3:3
1 John 2:24 जो कुछ तुम ने आरम्भ से सुना है वही तुम में बना रहे: जो तुम ने आरम्भ से सुना है, यदि वह तुम में बना रहे, तो तुम भी पुत्र में, और पिता में बने रहोगे। 
1 John 2:25 और जिस की उसने हम से प्रतिज्ञा की वह अनन्त जीवन है। 
1 John 2:26 मैं ने ये बातें तुम्हें उन के विषय में लिखी हैं, जो तुम्हें भरमाते हैं। 
1 John 2:27 और तुम्हारा वह अभिषेक, जो उस की ओर से किया गया, तुम में बना रहता है; और तुम्हें इस का प्रयोजन नहीं, कि कोई तुम्हें सिखाए, वरन जैसे वह अभिषेक जो उस की ओर से किया गया तुम्हें सब बातें सिखाता है, और यह सच्चा है, और झूठा नहीं: और जैसा उसने तुम्हें सिखाया है वैसे ही तुम उस में बने रहते हो।
1 John 2:28 निदान, हे बालकों, उस में बने रहो; कि जब वह प्रगट हो, तो हमें हियाव हो, और हम उसके आने पर उसके साम्हने लज्ज़ित न हों। 
1 John 2:29 यदि तुम जानते हो, कि वह धार्मिक है, तो यह भी जानते हो, कि जो कोई धर्म का काम करता है, वह उस से जन्मा है। 
1 John 3:1 देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। 
1 John 3:2 हे प्रियों, अभी हम परमेश्वर की सन्तान हैं, और अब तक यह प्रगट नहीं हुआ, कि हम क्या कुछ होंगे! इतना जानते हैं, कि जब वह प्रगट होगा तो हम भी उसके समान होंगे, क्योंकि उसको वैसा ही देखेंगे जैसा वह है। 
1 John 3:3 और जो कोई उस पर यह आशा रखता है, वह अपने आप को वैसा ही पवित्र करता है, जैसा वह पवित्र है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजकेल 45-46
  • 1यूहन्ना 2