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शुक्रवार, 30 सितंबर 2016

नई शुरूआत


   अनेकों देशों में, स्वास्थ्य से संबंधित नियमों के अन्तर्गत, पुराने गद्दों को बेचने या उनके पुनःउपयोग करना प्रतिबन्धित है; वे केवल कचरे के ढेर में ही डाले जा सकते हैं। टिम कीनन ने इस समस्या का एक समाधान निकाला है, और आज उसका यह व्यवसाय एक दर्जन लोगों को नौकरी देता है कि वे उन गद्दों में से उनके बनाने में प्रयोग हुए कपड़े, फोम और धातु को निकाल कर पुनःउपयोगी बनाने के लिए कार्य करें। लेकिन यह पूरी कहानी का केवल एक भाग ही है। पत्रकार बिल वोग्रिन ने कोलेरॉडो स्प्रिंग्स के अख़बार The Gazette में लिखा, "कीनन जो जो वस्तुएं पुनःउपयोगी बनाते हैं...उनमें संभवतः उनके पास काम करने वाले लोग ही उनकी सबसे बड़ी सफलता हैं।" अपने इस व्यवसाय में कार्य करने के लिए कीनन केवल बेघर और बेरोज़गार लोगों को ही लेता है, उन्हें जिन्हें सब ने त्याग दिया है, कोई रखना नहीं चाहता है; ऐसे लोगों को वह काम तथा जीवन में आगे बढ़ने का एक और अवसर देता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में लूका 5:17-32 में लकवे के मारे एक ऐसे व्यक्ति का उल्लेख है जिसे प्रभु यीशु शरीर और आत्मा की चँगाई दी। इस अद्भुत आश्चर्यकर्म के पश्चात लेवी ने प्रभु यीशु की बुलाहट पर उसके पीछे हो लेने का निर्णय लिया, और फिर प्रभु यीशु के आदर में आयोजित भोज मे भाग लेने के लिए अपने साथ के अन्य चुँगी लेने वालों और मित्रों को बुलाया (पद 27-29)। क्योंकि उस समय के यहूदी, विशेषकर यहूदियों के धार्मिक अगुवे, चुँगी लेने वालों को बहुत तुच्छ समझते थे, उनके साथ संगति रखने में अपना अनादर समझते थे; इसलिए प्रभु यीशु को लेवी के साथियों और मित्रों के साथ भोजन करते देख, उन्होंने प्रभु यीशु पर समाज में तुच्छ समझे जाने वाले लोगों के साथ संगति रखने का दोष लगाया (पद 30)। प्रभु यीशु ने उन्हें उत्तर दिया कि वैद्य की आवश्यकता भले-चंगे लोगों को नहीं वरन बीमारों को ही होती है, और कहा, "मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं" (लूका 5:32)।

   यदि कोई अपने आप को समाज या परिवार से त्यागा हुआ समझता है, यह समझता है कि वह संसार के कूड़े के ढेर में फेंके जाने लायक है, तो उसके लिए प्रभु यीशु की ओर से एक अच्छी खबर है - प्रभु यीशु को उसका प्रयोजन है; प्रभु यीशु उसके लिए अपने प्रेम भरी बाहें फैलाए खड़ा है। ऐसा हर व्यक्ति प्रभु यीशु के पास आए, अपना जीवन उसे समर्पित करे, प्रभु के साथ संगति में हो ले और प्रभु यीशु में एक नया जीवन, एक नई उपयोगिता, आगे बढ़ने के एक नए अवसर का लाभ उठाने वाला बन जाए। प्रभु यीशु संसार में इसीलिए आया है। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रभु यीशु में उद्धार का अर्थ एक नया जीवन प्राप्त करना है।

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17

बाइबल पाठ: लूका 5:17-32
Luke 5:17 और एक दिन ऐसा हुआ कि वह उपदेश दे रहा था, और फरीसी और व्यवस्थापक वहां बैठे हुए थे, जो गलील और यहूदिया के हर एक गांव से, और यरूशलेम से आए थे; और चंगा करने के लिये प्रभु की सामर्थ उसके साथ थी। 
Luke 5:18 और देखो कई लोग एक मनुष्य को जो झोले का मारा हुआ था, खाट पर लाए, और वे उसे भीतर ले जाने और यीशु के साम्हने रखने का उपाय ढूंढ़ रहे थे। 
Luke 5:19 और जब भीड़ के कारण उसे भीतर न ले जा सके तो उन्होंने कोठे पर चढ़ कर और खप्रैल हटाकर, उसे खाट समेत बीच में यीशु के साम्हने उतरा दिया। 
Luke 5:20 उसने उन का विश्वास देखकर उस से कहा; हे मनुष्य, तेरे पाप क्षमा हुए। 
Luke 5:21 तब शास्त्री और फरीसी विवाद करने लगे, कि यह कौन है, जो परमेश्वर की निन्‍दा करता है? परमेश्वर का छोड़ कौन पापों की क्षमा कर सकता है? 
Luke 5:22 यीशु ने उन के मन की बातें जानकर, उन से कहा कि तुम अपने मनों में क्या विवाद कर रहे हो? 
Luke 5:23 सहज क्या है? क्या यह कहना, कि तेरे पाप क्षमा हुए, या यह कहना कि उठ, और चल फिर? 
Luke 5:24 परन्तु इसलिये कि तुम जानो कि मनुष्य के पुत्र को पृथ्वी पर पाप क्षमा करने का भी अधिकार है (उसने उस झोले के मारे हुए से कहा), मैं तुझ से कहता हूं, उठ और अपनी खाट उठा कर अपने घर चला जा। 
Luke 5:25 वह तुरन्त उन के साम्हने उठा, और जिस पर वह पड़ा था उसे उठा कर, परमेश्वर की बड़ाई करता हुआ अपने घर चला गया। 
Luke 5:26 तब सब चकित हुए और परमेश्वर की बड़ाई करने लगे, और बहुत डरकर कहने लगे, कि आज हम ने अनोखी बातें देखी हैं।
Luke 5:27 और इसके बाद वह बाहर गया, और लेवी नाम एक चुंगी लेने वाले को चुंगी की चौकी पर बैठे देखा, और उस से कहा, मेरे पीछे हो ले। 
Luke 5:28 तब वह सब कुछ छोड़कर उठा, और उसके पीछे हो लिया। 
Luke 5:29 और लेवी ने अपने घर में उसके लिये बड़ी जेवनार की; और चुंगी लेने वालों की और औरों की जो उसके साथ भोजन करने बैठे थे एक बड़ी भीड़ थी। 
Luke 5:30 और फरीसी और उन के शास्त्री उस के चेलों से यह कहकर कुड़कुड़ाने लगे, कि तुम चुंगी लेने वालों और पापियों के साथ क्यों खाते-पीते हो? 
Luke 5:31 यीशु ने उन को उत्तर दिया; कि वैद्य भले चंगों के लिये नहीं, परन्तु बीमारों के लिये अवश्य है। 
Luke 5:32 मैं धर्मियों को नहीं, परन्तु पापियों को मन फिराने के लिये बुलाने आया हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 9-10
  • इफिसियों 3


गुरुवार, 29 सितंबर 2016

विलक्षण अनुग्रह


   जॉन न्यूटन (1725-1807) को ब्रिटेन की राजकीय नौसेना की नौकरी से अनाज्ञाकारिता के कारण निकाल दिया गया और वह गुलामों के व्यापार से जुड़ गया। इस कुप्रथा के व्यापार के लिए एटलांटिक महासागर के इस पार से उस पार गुलामों को लाने-ले जाने वाले जलपोतों में काम करते समय जॉन न्यूटन गाली-गलौज से भरी भाषा तथा परमेश्वर के विरुद्ध निन्दाजनक बातें बोलते रहने के लिए कुख्यात हो गया था, और बढ़ते बढ़ते एक समुद्री जहाज़ का कप्तान भी बन गया। सन 1748 की एक ऐसी ही यात्रा में उसका जहाज़ डूबने की कगार पर आ गया, और उसने अपने जीवन की रक्षा के लिए प्रभु यीशु को पुकारा, तथा प्रभु के अनुग्रह से उसकी जान बच गई, जिसके बाद जॉन न्यूटन ने प्रभु यीशु को अपना जीवन समर्पित कर दिया।

   इस नए जीवन तथा प्रभु के अनुग्रह पा लेने की अपनी अयोग्यता का एहसास उसे सारी उम्र बना रहा। वह एक प्रभावी मसीही प्रचारक बन गया और आगे चलकर दास-प्रथा के विरुद्ध खड़े होने वाले लोगों के आन्दोलन का एक अगुवा भी हुआ। न्यूटन ने ब्रिटेन की संसद के सामने दासों से संबंधित अपने अनुभवों और आँखों देखे दुर्व्यहार पर अकाट्य प्रमाण और इस कुप्रथा की अनैतिकता बयान भी दिए। अपने जीवन-परिवर्तन और मसीह यीशु का विश्वासी बनने के अनुभव पर आधारित लिखे भक्ति गीत Amazing Grace (अद्भुत अनुग्रह) के लिए न्यूटन आज भी जाना जाता है; उसका लिखा यह गीत आज भी सबसे लोकप्रीय मसीहि गीतों में से एक है।

   इस परिवर्तन के पश्चात जीवन में आई सारी अच्छाई को न्यूटन ने परमेश्वर के अनुग्रह का परिणाम ही बताया। परमेश्वर के अनुग्रह पर उसका यह विश्वास परमेश्वर के वचन बाइबल के उन नायकों के विश्वास के समान ही है जो अपनी कमज़ोरियों और चरित्र के विकारों के बावजूद परमेश्वर के लिए उपयोगी पात्र बने और आज भी जिनके नाम आदर के साथ लिए जाते हैं, जैसे कि राजा दाऊद जो व्यभिचार और हत्या का दोषी था; प्रेरित पतरस जिसने प्रभु यीशु का चेला होने के बावजूद कायरता दिखाते हुए प्रभु का इन्कार किया; प्रेरित पौलुस, जो मसीही विश्वासियों को सताने वाला हुआ करता था, आदि।

   परमेश्वर का जो विलक्षण अनुग्रह इन सभी और इनके जैसे अन्गिनित अन्य लोगों के जीवनों में कार्यकारी हुआ, जिस अनुग्रह ने उनके जीवनों को बदल कर बिलकुल नया, आदरणीय और अद्भुत बना दिया, वही अनुग्रह आज भी समस्त मानव जाति के हर व्यक्ति के लिए सदा सेंत-मेंत उपलब्ध है; न्यूटन के समान सच्चे हृदय से प्रभु यीशु को पुकारने, उससे अपने पापों के लिए क्षमा माँगने और उसे अपना जीवन समर्पित करने भर की ही देर है: "हम को उस में उसके लोहू के द्वारा छुटकारा, अर्थात अपराधों की क्षमा, उसके उस अनुग्रह के धन के अनुसार मिला है" (इफिसियों 1:7) और परमेश्वर हमारा मन, हमारा जीवन परिवर्तित कर देगा, अपनी आशीषों से भर देगा। - फिलिप यैन्सी


जो जीवन परमेश्वर के विलक्षण अनुग्रह में जड़वत हैं 
वे परमेश्वर की निकटता से कभी उखाड़े नहीं जा सकते।

यह बात सच और हर प्रकार से मानने के योग्य है, कि मसीह यीशु पापियों का उद्धार करने के लिये जगत में आया, जिन में सब से बड़ा मैं हूं। - 1 तिमुथियुस 1:15

बाइबल पाठ: इफिसियों 2:1-10
Ephesians 2:1 और उसने तुम्हें भी जिलाया, जो अपने अपराधों और पापों के कारण मरे हुए थे। 
Ephesians 2:2 जिन में तुम पहिले इस संसार की रीति पर, और आकाश के अधिकार के हाकिम अर्थात उस आत्मा के अनुसार चलते थे, जो अब भी आज्ञा न मानने वालों में कार्य करता है। 
Ephesians 2:3 इन में हम भी सब के सब पहिले अपने शरीर की लालसाओं में दिन बिताते थे, और शरीर, और मन की मनसाएं पूरी करते थे, और और लोगों के समान स्‍वभाव ही से क्रोध की सन्तान थे। 
Ephesians 2:4 परन्तु परमेश्वर ने जो दया का धनी है; अपने उस बड़े प्रेम के कारण, जिस से उसने हम से प्रेम किया। 
Ephesians 2:5 जब हम अपराधों के कारण मरे हुए थे, तो हमें मसीह के साथ जिलाया; (अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है)। 
Ephesians 2:6 और मसीह यीशु में उसके साथ उठाया, और स्‍वर्गीय स्थानों में उसके साथ बैठाया। 
Ephesians 2:7 कि वह अपनी उस कृपा से जो मसीह यीशु में हम पर है, आने वाले समयों में अपने अनुग्रह का असीम धन दिखाए। 
Ephesians 2:8 क्योंकि विश्वास के द्वारा अनुग्रह ही से तुम्हारा उद्धार हुआ है, और यह तुम्हारी ओर से नहीं, वरन परमेश्वर का दान है। 
Ephesians 2:9 और न कर्मों के कारण, ऐसा न हो कि कोई घमण्‍ड करे। 
Ephesians 2:10 क्योंकि हम उसके बनाए हुए हैं; और मसीह यीशु में उन भले कामों के लिये सृजे गए जिन्हें परमेश्वर ने पहिले से हमारे करने के लिये तैयार किया।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 7-8
  • इफिसियों 2


बुधवार, 28 सितंबर 2016

अवसर


   अनेकों अन्य शहरों के समान, अमेरिका के अलाबामा प्रांत में स्थित शहर एंटरप्राइज़ में भी वहाँ की विशिष्ट बात के लिए एक प्रतिष्ठित स्मारक बनाया गया है। लेकिन यह स्मारक अन्य किसी भी स्मारक से बहुत भिन्न है क्योंकि यह ना तो वहाँ के किसी प्रतिष्ठित नागरिक के सम्मान में है, और ना ही वहाँ की किसी विशेष वस्तु अथवा उपलब्धि के लिए है। वह स्मारक रूई की खेती को बरबाद करने वाले एक छोटे से कीड़े बॉल वीविल के सम्मान में है।

   सन 1900 के आरंभिक वर्षों में बॉल वीविल मेक्सिको से दक्षिणी अमेरिका में आया और कुछ ही समय में उस कीड़े ने उस इलाके की आय के प्रमुख स्त्रोत, कपास के खेतों को बरबाद कर दिया। उस कीड़े के कारण आई निराशा और मजबूरी में पड़े किसान कपास छोड़कर एक अन्य फसल - मूँगफली उगाने लगे, जिसपर बॉल वीविल का ज़ोर नहीं चलता था। साथ ही उन्होंने इस बात को भी पहचाना कि वे एक ही प्रकार की फसल पर आवश्यकता से अधिक निर्भर हो गए थे, और बॉल वीविल ने उन्हें फसलों में विविधता लाने पर मजबूर किया, जो उनके लिए और भी अधिक समृद्ध होने का कारण हो गया। इसी बात का श्रेय उस कीड़े को देते हुए उसका वह स्मारक एंटरप्राइज़ शहर में बनाया गया।

   यह घटना और बॉल वीविल से मिली यह शिक्षा हमारे जीवनों में कभी-कभी आने वाली उन परिस्थितियों के समान है जो वह सब कुछ बरबाद कर देती हैं जिसे हमने वर्षों की मेहनत और लगन से बनाकर खड़ा किया है। यह बरबादी आर्थिक, या शारीरिक एवं सेहत संबंधी, या हमारी भावनाओं से संबंधित या अन्य किसी प्रकार की हो सकती है, और उस समय बहुत भयावह होती है; हमें लगता है कि अब कुछ नहीं हो सकता, बस यही अन्त है। लेकिन जैसे एंटरप्राइज़ शहर के लोगों ने सीखा, किसी पुराने की हानि उठाना एक नई आशीष को सीखने का अवसर बन सकता है। परमेश्वर भी हमारे जीवनों में कठिन परिस्थितियों को हमारी किसी पुरानी बुरी आदत को छुड़ाने या फिर हमें कोई नया सदगुण सिखाने के लिए कर सकता है। परमेश्वर ने ऐसा ही पौलुस के साथ किया, जब उसे अनुग्रह के और गहरे अर्थ को समझाने-सिखाने के लिए उसके शरीर में एक कष्ट को आने दिया (2 कुरिन्थियों 12:7-9)।

   बजाए इसके कि हम उन पुरानी बातों या आदतों में बने रहें जो अब प्रभावी और उपयोगी नहीं रही हैं, और उनके जाने से शोकित हों, निराशा में पड़ें; उन परिस्थितियों को जो उन पुरानी बातों को हमारे जीवनों से निकालने में सहायक होती हैं, परमेश्वर की ओर से दिए गए नई आशीषों को पाने के अवसर के रूप में स्वीकार करना चाहिए और उन से शिक्षा लेकर आगे बढ़ना चाहिए। - जूली ऐकैरमैन लिंक


परमेश्वर अकसर कठिन अनुभवों के द्वारा हमारे जीवनों को बेहतर बनाता है।

मुझे जो दु:ख हुआ वह मेरे लिये भला ही हुआ है, जिस से मैं तेरी विधियों को सीख सकूं। - भजन 119:71

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 12:7-10
2 Corinthians 12:7 और इसलिये कि मैं प्रकाशों की बहुतायत से फूल न जाऊं, मेरे शरीर में एक कांटा चुभाया गया अर्थात शैतान का एक दूत कि मुझे घूँसे मारे ताकि मैं फूल न जाऊं। 
2 Corinthians 12:8 इस के विषय में मैं ने प्रभु से तीन बार बिनती की, कि मुझ से यह दूर हो जाए। 
2 Corinthians 12:9 और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। 
2 Corinthians 12:10 इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 5-6
  • इफिसियों 1


मंगलवार, 27 सितंबर 2016

सर्वोत्तम पुनर्मिलन


    मैं अपने पिता के जीवन के अन्तिम दिनों में उनके पास बैठे रहने के समय को कभी नहीं भूल पाऊँगा। आज भी उनके इस पृथ्वी को छोड़कर अनन्त में प्रवेश करने के उस पल को स्मरण करना मुझ पर एक गहरा प्रभाव छोड़ता है। मेरे पिता ने अपने आप को मेरे लिए हर समय उपलब्ध कर रखा था; जब भी मुझे सलाह की आवश्यकता होती मैं निःसंकोच उन्हें फ़ोन कर सकता था, उनसे बात कर सकता था। उनके साथ जाकर मछली पकड़ने के समयों की यादें मुझे बहुत प्रीय हैं; हम परमेश्वर और बाइबल के बारे में बातें किया करते थे और मैं उनको उनके लड़कपन के वो मज़ेदार किस्से सुनाने को भी उकसाता था, जो उन्होंने फार्म के अपने समय में अनुभव किए थे।

   लेकिन जब पिताजी ने अपने जीवन की अन्तिम साँस ली, तब मैं मृत्यु की अपरिवर्तनीय अन्तिमता से भी परिचित हो गया। अब वे इस संसार से चले गए थे और मेरे हृदय में एक स्थान रिक्त हो गया था।

   लेकिन ऐसी हानि और दुःख के समयों में भी, परमेश्वर का वचन बाइबल उस खालीपन में प्रोत्साहित करती है। प्रेरित पौलुस में होकर परमेश्वर के पवित्र आत्मा ने हमें सिखाया है कि प्रभु यीशु के पुनःआगमन पर जो मसीही विश्वासी हमसे पहले पृथ्वी से जा चुके हैं वे पहले जी उठेंगे, और "तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे" (1 थिस्सुलुनीकियों 4:17)। अब, यह वह सर्वोत्तम पुनर्मिलन है मैं जिसकी प्रतीक्षा आतुरता से कर रहा हूँ; केवल अपने पिताजी से ही पुनःमिलने के लिए नहीं, वरन प्रभु यीशु से मिलकर अनन्तकाल तक स्वर्ग में उसके साथ रहने के लिए।

   मैं उस आने वाले सर्वोत्तम पुनर्मिलन की प्रतीक्षा में हूँ; और आप?


मसीही विश्वासी कभी अलविदा नहीं कहते। - सी. एस. ल्युईस

हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? - 1 कुरिन्थियों 15:55

बाइबल पाठ: 1 थिस्सुलुनीकियों 4:13-18
1 Thessalonians 4:13 हे भाइयों, हम नहीं चाहते, कि तुम उनके विषय में जो सोते हैं, अज्ञान रहो; ऐसा न हो, कि तुम औरों की नाईं शोक करो जिन्हें आशा नहीं। 
1 Thessalonians 4:14 क्योंकि यदि हम प्रतीति करते हैं, कि यीशु मरा, और जी भी उठा, तो वैसे ही परमेश्वर उन्हें भी जो यीशु में सो गए हैं, उसी के साथ ले आएगा। 
1 Thessalonians 4:15 क्योंकि हम प्रभु के वचन के अनुसार तुम से यह कहते हैं, कि हम जो जीवित हैं, और प्रभु के आने तक बचे रहेंगे तो सोए हुओं से कभी आगे न बढ़ेंगे। 
1 Thessalonians 4:16 क्योंकि प्रभु आप ही स्वर्ग से उतरेगा; उस समय ललकार, और प्रधान दूत का शब्द सुनाई देगा, और परमेश्वर की तुरही फूंकी जाएगी, और जो मसीह में मरे हैं, वे पहिले जी उठेंगे। 
1 Thessalonians 4:17 तब हम जो जीवित और बचे रहेंगे, उन के साथ बादलों पर उठा लिये जाएंगे, कि हवा में प्रभु से मिलें, और इस रीति से हम सदा प्रभु के साथ रहेंगे। 
1 Thessalonians 4:18 सो इन बातों से एक दूसरे को शान्‍ति दिया करो।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 3-4
  • गलतियों 6


सोमवार, 26 सितंबर 2016

भरोसा


   ऑस्ट्रेलिया से आए एक समाचार ने दोनों टाँगों के निष्क्रीय होने से पीड़ित पास्केल ऑनोरे नामक एक महिला के बारे में बताया, जो 18 वर्ष से पहिए वाली कुर्सी के द्वारा ही इधर-उधर जाने के लिए मजबूर थी, लेकिन अब समुद्र की लहरों पर सर्फिंग का आनन्द लेती है! कैसे?

   उन लहरों पर सर्फिंग करने वाला एक जवान, टाई स्वान, उसे अपनी पीठ पर बाँध लेता है। अपना संतुलन सही बना लेने के पश्चात टाई स्वान लहरों में जाता है जिससे वे एक ऊँची लहर पर स्वार होकर सर्फ कर सकें और ऑनोरे को सर्फिंग के रोमाँच का आनन्द मिल सके। ऐसा कर सकने लिए बहुत भरोसे की आवश्यकता होती है, क्योंकि ऐसा करने में बहुत कुछ बिगड़ सकता है। लेकिन ऑनोरे का टाई स्वान में भरोसा, उन खतरों के बावजूद, उसे अपने मन की तीव्र इच्छा को साकार करने की क्षमता प्रदान करता है।

   हम मसीही विश्वासियों के लिए भी जीवन कुछ ऐसा ही है। हम खतरों से भरे संसार में रहते हैं जहाँ अप्रत्याशित चुनौतियाँ और अनजाने जोखिम कदम कदम पर हमें आहत करने के लिए मूँह बाए खड़े रहते हैं। लेकिन फिर भी हमारे पास अलौकिक आनन्द है क्योंकि हमने एक ऐसे पर भरोसा किया है जो हमें हर खतरे और परिस्थिति के पार सुरक्षित उतार लाने में सक्षम और सामर्थी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने लिखा, "परन्तु जितने तुझ पर भरोसा रखते हैं वे सब आनन्द करें, वे सर्वदा ऊंचे स्वर से गाते रहें; क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है, और जो तेरे नाम के प्रेमी हैं तुझ में प्रफुल्लित हों" (भजन 5:11)।

   जीवन के बड़े खतरों और चुनौतियों में परमेश्वर पर किए गए भरोसे के कारण हम आनन्दित रह सकते हैं; क्योंकि उसकी सामर्थ हमारे जीवन के हर खतरे, चुनौती और परिस्थिति से कहीं बढ़कर है। - बिल क्राउडर


कमज़ोरियों को परमेश्वर की सामर्थ के हवाले कर देने के परिणाम
हमारे भरोसे को और भी अधिक बढ़ा देते हैं।

मैं ने परमेश्वर पर भरोसा रखा है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? - भजन 56:11

बाइबल पाठ: भजन 5:1-12
Psalms 5:1 हे यहोवा, मेरे वचनों पर कान लगा; मेरे ध्यान करने की ओर मन लगा। 
Psalms 5:2 हे मेरे राजा, हे मेरे परमेश्वर, मेरी दोहाई पर ध्यान दे, क्योंकि मैं तुझी से प्रार्थना करता हूं। 
Psalms 5:3 हे यहोवा, भोर को मेरी वाणी तुझे सुनाई देगी, मैं भोर को प्रार्थना कर के तेरी बाट जोहूंगा। 
Psalms 5:4 क्योंकि तू ऐसा ईश्वर नहीं जो दुष्टता से प्रसन्न हो; बुराई तेरे साथ नहीं रह सकती।
Psalms 5:5 घमंडी तेरे सम्मुख खड़े होने न पांएगे; तुझे सब अनर्थकारियों से घृणा है। 
Psalms 5:6 तू उन को जो झूठ बोलते हैं नाश करेगा; यहोवा तो हत्यारे और छली मनुष्य से घृणा करता है। 
Psalms 5:7 परन्तु मैं तो तेरी अपार करूणा के कारण तेरे भवन में आऊंगा, मैं तेरा भय मानकर तेरे पवित्र मन्दिर की ओर दण्डवत करूंगा। 
Psalms 5:8 हे यहोवा, मेरे शत्रुओं के कारण अपने धर्म के मार्ग में मेरी अगुवाई कर; मेरे आगे आगे अपने सीधे मार्ग को दिखा। 
Psalms 5:9 क्योंकि उनके मुंह में कोई सच्चाई नहीं; उनके मन में निरी दुष्टता है। उनका गला खुली हुई कब्र है, वे अपनी जीभ से चिकनी चुपड़ी बातें करते हैं। 
Psalms 5:10 हे परमेश्वर तू उन को दोषी ठहरा; वे अपनी ही युक्तियों से आप ही गिर जाएं; उन को उनके अपराधों की अधिकाई के कारण निकाल बाहर कर, क्योंकि उन्होंने तुझ से बलवा किया है।
Psalms 5:11 परन्तु जितने तुझ पर भरोसा रखते हैं वे सब आनन्द करें, वे सर्वदा ऊंचे स्वर से गाते रहें; क्योंकि तू उनकी रक्षा करता है, और जो तेरे नाम के प्रेमी हैं तुझ में प्रफुल्लित हों।
Psalms 5:12 क्योंकि तू धर्मी को आशिष देगा; हे यहोवा, तू उसको अपने अनुग्रहरूपी ढाल से घेरे रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 1-2
  • गलतियों 5


रविवार, 25 सितंबर 2016

बोलना और सुनना


   वर्षों पहले किसी अज्ञात लेखक ने हमारे बोलने को सीमित रखने की बुद्धिमता से संबंधित एक लघु-कविता लिखी, जो कुछ इस प्रकार है:
एक बुद्धिमान बुज़ुर्ग उल्लू बाँझ वृक्ष पर रहता था;
जितना अधिक वह देखता था उतना ही कम वह बोलता था;
जितना कम वह बोलता था, उतना अधिक वह सुनता था;
क्यों नहीं हम उस उस बुद्धिमान पक्षी के समान बनते?

   बुद्धिमानी और हमारे बोलने को सीमित रखने में एक संबंध है; परमेश्वर का वचन बाइबल भी इस बात को सिखाती है: "जहां बहुत बातें होती हैं, वहां अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुंह को बन्द रखता है वह बुद्धि से काम करता है" (नीतिवचन 10:19)। कुछ परिस्थितियों में हम क्या और कितना बोलते है, इसके प्रति सावधान रहने में बुद्धिमानी होती है। जब हम क्रोध या आवेश में हों तो अपने बोले गए शब्दों के प्रति सचेत और संयमी रहना भला होता है: "हे मेरे प्रिय भाइयो, यह बात तुम जानते हो: इसलिये हर एक मनुष्य सुनने के लिये तत्‍पर और बोलने में धीरा और क्रोध में धीमा हो" (याकूब 1:19)। परमेश्वर की उपस्थिति में अपने शब्दों के प्रयोग का नियंत्रण करना, उनके प्रति संयमी होना परमेश्वर के प्रति हमारे आदर और श्रद्धा को भी दिखाता है: "बातें करने में उतावली न करना, और न अपने मन से कोई बात उतावली से परमेश्वर के साम्हने निकालना, क्योंकि परमेश्वर स्वर्ग में हैं और तू पृथ्वी पर है; इसलिये तेरे वचन थोड़े ही हों" (सभोपदेशक 3:7)। जब लोग दुःखी हों तो उनसे सांत्वना के बहुत शब्द कहने की बजाए उनके साथ हमारी मूक उपस्थिति उनके लिए कहीं अधिक शांतिदायक और सहायक हो सकती है: "तब वे सात दिन और सात रात उसके संग भूमि पर बैठे रहे, परन्तु उसका दु:ख बहुत ही बड़ा जान कर किसी ने उस से एक भी बात न कही" (अय्यूब 2:13)।

   परमेश्वर का वचन हमें सिखाता है कि बोलने का भी समय होता है और शांत रहने का भी (सभोपदेशक 3:7)। कम बोलना हमें अधिक सुनने वाला वाला बनाता है। - जेनिफर बेन्सन शुल्ट


या तो आपके बोल आपके शांत रहने से बेहतर हों; 
अन्यथा शांत रहना बेहतर होता है।

फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है; - (सभोपदेशक 3:7)

बाइबल पाठ: नीतिवचन 10:17-21
Proverbs 10:17 जो शिक्षा पर चलता वह जीवन के मार्ग पर है, परन्तु जो डांट से मुंह मोड़ता, वह भटकता है। 
Proverbs 10:18 जो बैर को छिपा रखता है, वह झूठ बोलता है, और जो अपवाद फैलाता है, वह मूर्ख है। 
Proverbs 10:19 जहां बहुत बातें होती हैं, वहां अपराध भी होता है, परन्तु जो अपने मुंह को बन्द रखता है वह बुद्धि से काम करता है। 
Proverbs 10:20 धर्मी के वचन तो उत्तम चान्दी हैं; परन्तु दुष्टों का मन बहुत हलका होता है। 
Proverbs 10:21 धर्मी के वचनों से बहुतों का पालन पोषण होता है, परन्तु मूढ़ लोग निर्बुद्धि होने के कारण मर जाते हैं।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 6-8
  • गलतियों 4


शनिवार, 24 सितंबर 2016

साथ


   यूरोपिय देश स्पेन के कैनरी द्वीप समूह में एक छोटा सा द्वीप है, ला गोमेरा; इस द्वीप में एक भाषा को, जो पक्षियों की आवाज़ के समान सुनाई देती है, पुनर्जीवित किया जा रहा है। वह द्वीप गहरी घाटियों और ऊँची खड़ी चट्टानों का देश है, जहाँ पर स्कूली बच्चे और सैलानी सीख रहे हैं कि कैसे एक समय पर सीटी बजाकर 2 मील दूर तक भी संदेश भेजे जाते थे। भेड़-बकरियों के एक चरवाहे ने, जो इस प्राचीन संपर्क ’भाषा’ का प्रयोग अपने झुण्ड से संपर्क करने के लिए करता है, कहा: "ये मेरी सीटी को वैसे ही पहिचानती हैं जैसे मेरी आवाज़ को।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी इस प्रकार से सीटी बजाने का उपयोग होने का उल्लेख है। ज़कर्याह नबी की पुस्तक में परमेश्वर को एक चरवाहे के समाने अपने झुण्ड को एकत्रित करने के लिए सीटी का उपयोग करते हुए बताया गया है। परमेश्वर के लोग, जो उससे भटक कर संसार में तितर-बितर हो गए हैं, उन्हें पुनः अपने पास एकत्रित करने के लिए परमेश्वर सीटी बजाकर उन्हें बुलाएगा (ज़कर्याह 10:8)।

   जकर्याह द्वारा कही इस बात के सैंकड़ों वर्षों के पश्चात, प्रभु यीशु ने कहा, "मेरी भेड़ें मेरा शब्द सुनती हैं, और मैं उन्हें जानता हूं, और वे मेरे पीछे पीछे चलती हैं" (यूहन्ना 10:27)। भेड़ें किसी भाषा के शब्द तो नहीं समझती परन्तु अपने चरवाहे की आवाज़ को पहिचानती हैं, चाहे वह सीटी हो या फिर उच्चारण किए गए किसी भाषा के कोई शब्द। चरवाहे की आवाज़ उन्हें आश्वस्त करती है कि उनका रखवाला उनके साथ है, उनके पास है।

   जैसा ज़कर्याह 10:2 में लिखा है, भ्रामक आवाज़ें और ध्यान भंग करने वाला शोर हमारे ध्यान को परमेश्वर से अलग करने के लिए प्रयासरत रहता है; लेकिन परमेश्वर बिना कोई शब्द कहे भी हमारे साथ बनी रहने वाली अपनी उपस्थिति का एहसास हमें कराता रहता है, जिसका एक माध्यम है परिस्थितियाँ; जो चाहे प्रोत्साहित करने वाले हों या भयप्रद, लेकिन परमेश्वर का उन पर नियंत्रण और उनके द्वारा जो वह हमें सिखाता-समझाता है, हमें आश्वस्त करता है कि वह हमारी रक्षा कर रहा है, हमारा मार्गदर्शन कर रहा है, हमारे साथ-साथ बना हुआ है। - मार्ट डी हॉन


परमेश्वर की पुकार का पता सदा लगता ही है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: ज़कर्याह 10:1-8
Zechariah 10:1 बरसात के अन्त में यहोवा से वर्षा मांगो, यहोवा से जो बिजली चमकाता है, और वह उन को वर्षा देगा और हर एक के खेत में हरियाली उपजाएगा। 
Zechariah 10:2 क्योंकि गृहदेवता अनर्थ बात कहते और भावी कहने वाले झूठा दर्शन देखते और झूठे स्वपन सुनाते, और व्यर्थ शान्ति देते हैं। इस कारण लोग भेड़-बकरियों की नाईं भटक गए; और चरवाहे न होने के कारण दुर्दशा में पड़े हैं।
Zechariah 10:3 मेरा क्रोध चरवाहों पर भड़का है, और मैं उन बकरों को दण्ड दूंगा; क्योंकि सेनाओं का यहोवा अपने झुण्ड अर्थात यहूदा के घराने का हाल देखने का आएगा, और लड़ाई में उन को अपना हृष्टपुष्ट घोड़ा सा बनाएगा। 
Zechariah 10:4 उसी में से कोने का पत्थर, उसी में से खूंटी, उसी में से युद्ध का धनुष, उसी में से सब प्रधान प्रगट होंगे। 
Zechariah 10:5 और वे ऐसे वीरों के समान होंगे जो लड़ाई में अपने बैरियों को सड़कों के कीच की नाईं रौंदते हों; वे लड़ेंगे, क्योंकि यहोवा उनके संग रहेगा, इस कारण वे वीरता से लड़ेंगे और सवारों की आशा टूटेगी।
Zechariah 10:6 मैं यहूदा के घराने को पराक्रमी करूंगा, और यूसुफ के घराने का उद्धार करूंगा। और मुझे उन पर दया आई है, इस कारण मैं उन्हें लौटा लाकर उन्हीं के देश में बसाऊंगा, और वे ऐसे होंगे, मानों मैं ने उन को मन से नहीं उतारा; मैं उनका परमेश्वर यहोवा हूं, इसलिये उनकी सुन लूंगा। 
Zechariah 10:7 एप्रैमी लोग वीर के समान होंगे, और उनका मन ऐसा आनन्दित होगा जैसे दाखमधु से होता है। यह देख कर उनके लड़केबाले आनन्द करेंगे और उनका मन यहोवा के कारण मगन होगा।
Zechariah 10:8 मैं सीटी बजाकर उन को इकट्ठा करूंगा, क्योंकि मैं उनका छुड़ाने वाला हूं, और वे ऐसे बढ़ेंगे जैसे पहले बढ़े थे।

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 4-5
  • गलतियों 3


शुक्रवार, 23 सितंबर 2016

आपात स्थिति


   मार्च 2011 में एक विध्वंसकारी सुनामी जापान के तट से टकराई जिससे समुद्र के किनारे के गाँव तथा नगर उजड़ गए, और लगभग 16000 लोगों की जानें जाती रहीं। लेखिका तथा कवित्री ग्रेटल एर्लिच उस विनाश को देखने जब जापान पहुँची, तो जो कुछ उन्होंने देखा उसका बयान करने के लिए उनके पास शब्द नहीं थे; उन्होंने अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए उस परिस्थिति पर एक कविता लिखी। बाद में समाचार मीडिया को दिए एक टेलिविज़न साक्षात्कार में इस विषय पर बात करते हुए उन्होंने अपने एक दिवंगत मित्र और कवी विलियम स्टैफोर्ड का हवाला देकर कहा: "मेरे पुराने मित्र विलियम स्टैफोर्ड ने कहा था, कविता आत्मा की आपात स्थिति का उद्गार है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भी गहरी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए, चाहे वे आनन्द से भरा स्तुतिगान हो या हानि से आया गहरा दुःख, हम कविता का भरपूरी से प्रयोग पाते हैं। जब राजा शाउल और उसका पुत्र योनातान युद्ध में मारे गए तो दाउद दुःख से अभिभूत हो गया (2 शमूएल 1:1-2) और अपने इस गहरे दुःख को व्यक्त करने के लिए उसने एक विलापगीत लिखा: "शाऊल और योनातन जीवनकाल में तो प्रिय और मनभाऊ थे, और अपनी मृत्यु के समय अलग न हुए; वे उकाब से भी वेग चलने वाले, और सिंह से भी अधिक पराक्रमी थे। हे इस्राएली स्त्रियो, शाऊल के लिये रोओ, वह तो तुम्हें लाल रंग के वस्त्र पहिनाकर सुख देता, और तुम्हारे वस्त्रों के ऊपर सोने के गहने पहिनाता था। हाय, युद्ध के बीच शूरवीर कैसे काम आए! हे योनातन, हे ऊंचे स्थानों पर जूझे हुए, हे मेरे भाई योनातन, मैं तेरे कारण दु:खित हूँ; तू मुझे बहुत मनभाऊ जान पड़ता था; तेरा प्रेम मुझ पर अद्‌भुत, वरन स्त्रियों के प्रेम से भी बढ़कर था" (1 शमूएल 1:23-26)।

   आज हमें यदि किसी आत्मा की आपात स्थिति का सामना करना पड़े, वह चाहे आनन्द की हो या दुःख की, हमारी प्रार्थना भी एक कविता के समान प्रमेश्वर के सामने हमारी भावनाएं प्रगट करती है; और हम परमेश्वर के वचन बाइबल से भी प्रार्थनाओं की उन कविताओं का प्रयोग अपनी भावना व्यक्त करने के लिए कर सकते हैं। चाहे अपने मन की बात कहने के लिए हमारे पास शब्द ना हों, लेकिन परमेश्वर का आत्मा हमारी सहायता करता है (रोमियों 8:26) और हमारे मन की भावनाओं को परमेश्वर के सामने प्रार्थना में प्रस्तुत करता है। - डेविड मैक्कैसलैंड


परमेश्वर केवल शब्दों को ही नहीं सुनता; वह दिल का हाल भी पढ़ता है।

इसी रीति से आत्मा भी हमारी दुर्बलता में सहायता करता है, क्योंकि हम नहीं जानते, कि प्रार्थना किस रीति से करना चाहिए; परन्तु आत्मा आप ही ऐसी आहें भर भरकर जो बयान से बाहर है, हमारे लिये बिनती करता है। - रोमियों 8:26

बाइबल पाठ: 2 शमूएल 1:17-27
2 Samuel 1:17 (शाऊल और योनातन के लिये दाऊद का बनाया हुआ विलापगीत ) तब दाऊद ने शाऊल और उसके पुत्र योनातन के विषय यह विलापगीत बनाया, 
2 Samuel 1:18 और यहूदियों को यह धनुष नाम गीत सिखाने की आज्ञा दी; यह याशार नाम पुस्तक में लिखा हुआ है; 
2 Samuel 1:19 हे इस्राएल, तेरा शिरोमणि तेरे ऊंचे स्थान पर मारा गया। हाय, शूरवीर क्योंकर गिर पड़े हैं! 
2 Samuel 1:20 गत में यह न बताओ, और न अश्कलोन की सड़कों में प्रचार करना; न हो कि पलिश्ती स्त्रियाँ आनन्दित हों, न हो कि खतनारहित लोगों की बेटियां गर्व करने लगें। 
2 Samuel 1:21 हे गिलबो पहाड़ो, तुम पर न ओस पड़े, और न वर्षा हो, और न भेंट के योग्य उपज वाले खेत पाए जाएं! क्योंकि वहां शूरवीरों की ढालें अशुद्ध हो गई। और शाऊल की ढाल बिना तेल लगाए रह गई। 
2 Samuel 1:22 जूझे हुओं के लोहू बहाने से, और शूरवीरों की चर्बी खाने से, योनातन का धनुष लौट न जाता था, और न शाऊल की तलवार छूछी फिर आती थी। 
2 Samuel 1:23 शाऊल और योनातन जीवनकाल में तो प्रिय और मनभाऊ थे, और अपनी मृत्यु के समय अलग न हुए; वे उकाब से भी वेग चलने वाले, और सिंह से भी अधिक पराक्रमी थे। 
2 Samuel 1:24 हे इस्राएली स्त्रियो, शाऊल के लिये रोओ, वह तो तुम्हें लाल रंग के वस्त्र पहिनाकर सुख देता, और तुम्हारे वस्त्रों के ऊपर सोने के गहने पहिनाता था। 
2 Samuel 1:25 हाय, युद्ध के बीच शूरवीर कैसे काम आए! हे योनातन, हे ऊंचे स्थानों पर जूझे हुए, 
2 Samuel 1:26 हे मेरे भाई योनातन, मैं तेरे कारण दु:खित हूँ; तू मुझे बहुत मनभाऊ जान पड़ता था; तेरा प्रेम मुझ पर अद्‌भुत, वरन स्त्रियों के प्रेम से भी बढ़कर था। 
2 Samuel 1:27 हाय, शूरवीर क्योंकर गिर गए, और युद्ध के हथियार कैसे नाश हो गए हैं!

एक साल में बाइबल: 
  • श्रेष्ठगीत 1-3
  • गलतियों 2


गुरुवार, 22 सितंबर 2016

सुसमाचार


   यदि आपने हवाई-अड्डों पर कभी स्वचलित मार्ग-पट्टी का प्रयोग किया है तो आप अवश्य बारंबार दोहराई जाने वाली चेतावनी, "सावधान! स्वचलित मार्ग-पट्टी समाप्त होने पर है" से परिचित होंगे। हवाई-अड्डों पर यह चेतावनी बारंबार क्यों दोहराई जाती है? इसलिए कि यात्री सावधान रहें, उस ’स्वचलित मार्ग-पट्टी’ के प्रयोग के समय किसी हानि से बचे रहें और यदि किसी को कोई हानि होती भी है तो वे हवाई-अड्डे को इसका ज़िम्मेदार ना बना सकें।

   बारंबार दोहराई जाने वाली चेतावनियाँ तथा घोषणाएं परेशान करने वाली हो सकती हैं, परन्तु उनकी उपयोगिता भी है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भी हम परमेश्वर की अनेकों चेतावनियों और शिक्षाओं को बारंबार दोहराया गया पाते हैं। प्रेरित पौलुस ने गलतिया के मसीही विश्वासियों को लिखी अपनी पत्री में, ऐसे ही एक महत्वपूर्ण चेतावनी को दोहराया है। पौलुस ने उन्हें सचेत किया कि यदि कोई भी, चाहे वह स्वयं, या चाहे कोई स्वर्गदूत ही आकर उन्हें ऐसा सुसमाचार सुनाए जो उस सुसमाचार से भिन्न हो जो वे पहले सुन चुके हैं, तो उस पर कदापि विश्वास ना करें (गलतियों 1:8)। इससे अगले पद में पौलुस ने फिर से यही बात दोहराई; क्योंकि यह चेतावनी दोहराने के योग्य थी। पौलुस को ऐसा इसलिए करना पड़ा क्योंकि गलतिया के वे मसीही विश्वासी, केवल परमेश्वर के अनुग्रह से मिलने वाली पाप क्षमा और केवल मसीह यीशु पर लाए गए विश्वास द्वारा उद्धार के सच्चे सुसमाचार से हटकर उस गलत शिक्षा की ओर मुड़ने लगे थे कि पाप क्षमा, उद्धार और परमेश्वर के साथ उनका संबंध उनके भले कार्यों और रीति-रिवाज़ों के पालन पर निर्भर है।

   प्रभु यीशु मसीह का सुसमाचार - उसमें लाए गए विश्वास द्वारा पापों की क्षमा और उद्धार, केवल उसकी मृत्यु, गाड़े जाने और पुनरुत्थान के द्वारा ही संभव है: "हे भाइयों, मैं तुम्हें वही सुसमाचार बताता हूं जो पहिले सुना चुका हूं, जिसे तुम ने अंगीकार भी किया था और जिस में तुम स्थिर भी हो। उसी के द्वारा तुम्हारा उद्धार भी होता है, यदि उस सुसमाचार को जो मैं ने तुम्हें सुनाया था स्मरण रखते हो; नहीं तो तुम्हारा विश्वास करना व्यर्थ हुआ। इसी कारण मैं ने सब से पहिले तुम्हें वही बात पहुंचा दी, जो मुझे पहुंची थी, कि पवित्र शास्त्र के वचन के अनुसार यीशु मसीह हमारे पापों के लिये मर गया। और गाड़ा गया; और पवित्र शास्त्र के अनुसार तीसरे दिन जी भी उठा" (1 कुरिन्थियों 15:1-4)। और यही वह सुसमाचार है जिसे दुनिया के लोगों को बताने की ज़िम्मेदारी प्रभु ने अपने अनुयायियों को सौंपी है (मत्ती 28:18-20; प्रेरितों 1:8)।

   जब हम प्रभु यीशु के सुसमाचार को लोगों के सामने रखें, तो सचेत रहें कि उस सुसमाचार को छोड़ जो परमेश्वर की ओर से हमें दिया गया है, अन्य किसी भी गलत ’सुसमाचार’ को ना सुनाएं। प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास और उसके अनुग्रह से मिलने वाली पापों की क्षमा द्वारा उद्धार ही एकमात्र एवं सच्चा सुसमाचार है। - डेव ब्रैनन


मसीह यीशु ही वह एकमात्र मार्ग है जो स्वर्ग ले जाता है।

यीशु ने उस से कहा, मार्ग और सच्चाई और जीवन मैं ही हूं; बिना मेरे द्वारा कोई पिता के पास नहीं पहुंच सकता। - यूहन्ना 14:6

बाइबल पाठ: गलतियों 1:1-10
Galatians 1:1 पौलुस की, जो न मनुष्यों की ओर से, और न मनुष्य के द्वारा, वरन यीशु मसीह और परमेश्वर पिता के द्वारा, जिसने उसको मरे हुओं में से जिलाया, प्रेरित है। 
Galatians 1:2 और सारे भाइयों की ओर से, जो मेरे साथ हैं; गलतिया की कलीसियाओं के नाम। 
Galatians 1:3 परमेश्वर पिता, और हमारे प्रभु यीशु मसीह की ओर से तुम्हें अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे। 
Galatians 1:4 उसी ने अपने आप को हमारे पापों के लिये दे दिया, ताकि हमारे परमेश्वर और पिता की इच्छा के अनुसार हमें इस वर्तमान बुरे संसार से छुड़ाए। 
Galatians 1:5 उस की स्‍तुति और बड़ाई युगानुयुग होती रहे। आमीन।
Galatians 1:6 मुझे आश्चर्य होता है, कि जिसने तुम्हें मसीह के अनुग्रह से बुलाया उस से तुम इतनी जल्दी फिर कर और ही प्रकार के सुसमाचार की ओर झुकने लगे। 
Galatians 1:7 परन्तु वह दूसरा सुसमाचार है ही नहीं: पर बात यह है, कि कितने ऐसे हैं, जो तुम्हें घबरा देते, और मसीह के सुसमाचार को बिगाड़ना चाहते हैं। 
Galatians 1:8 परन्तु यदि हम या स्वर्ग से कोई दूत भी उस सुसमाचार को छोड़ जो हम ने तुम को सुनाया है, कोई और सुसमाचार तुम्हें सुनाए, तो श्रापित हो। 
Galatians 1:9 जैसा हम पहिले कह चुके हैं, वैसा ही मैं अब फिर कहता हूं, कि उस सुसमाचार को छोड़ जिसे तुम ने ग्रहण किया है, यदि कोई और सुसमाचार सुनाता है, तो श्रापित हो। अब मैं क्या मनुष्यों को मनाता हूं या परमेश्वर को? क्या मैं मनुष्यों को प्रसन्न करना चाहता हूं? 
Galatians 1:10 यदि मैं अब तक मनुष्यों को ही प्रसन्न करता रहता, तो मसीह का दास न होता।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 10-12
  • गलतियों 1


बुधवार, 21 सितंबर 2016

दावत


   कुछ समय पहले मैंने मध्य-कालीन समय पर आयोजित एक सम्मेलन में भाग लिया। उस सम्मेलन के एक हिस्से में हमने उस समय की विधियों से कई प्रकार के ऐसे भोजन बनाए जो उन दिनों में प्रचलित रहे होंगे। हमने दालचीनी और फलों को कूट कर जैम बनाने के लिए इमामदस्ते का प्रयोग किया; सन्तरे के छिलके को शहद और अदरक के साथ पका कर मीठा नाशता बनाया; बादाम को पानी और अन्य वस्तुओं के साथ कुचलकर बादाम का दूध बनाया; और चावल के साथ खाने के लिए एक पूरे मुर्गे को मुख्य भोजन के लिए पकाया। इन सभी भोजनों को तैयार कर के हम ने उन के स्वाद के अनुभव का आनन्द भी लिया।

   जब बात हमारे प्राणों के लिए आत्मिक भोजन की आती है तो, परमेश्वर ने अपने वचन बाइबल में हमें विविध प्रकार के वयंजनों का संकलन दिया है, जिन्हें हम समय तथा आवश्यकतानुसार प्रयोग में लाकर उनका लाभ पा सकें। ऐसा करने से हम ना केवल तृप्त एवं संतुष्ट होंगे, वरन विभिन्न परिस्थितियों का सामना करने के लिए आत्मिक बल-बुद्धि-सामर्थ भी प्राप्त करेंगे। बाइबल के विभिन्न अंश, जैसे इतिहास की पुस्तकें, भजन और काव्य, बुद्धिमता की शिक्षाएं, भविष्यवाणियाँ इत्यादि हमें कमज़ोरी के समयों में बल देती हैं; हमारी आवश्यकतानुसार हमें बुद्धिमता और प्रोत्साहन देती हैं (भजन 19:7-14; 119:97-104; इब्रानियों 5:12)। जैसा कि भजनकार कहता है: "तेरे वचन मुझ को कैसे मीठे लगते हैं, वे मेरे मुंह में मधु से भी मीठे हैं!" (भजन 119:103)

   परमेश्वर ने हम सब के लिए अपनी दावत तैयार करके सजाई हुई है; समस्त मानव जाति के लिए उसका खुला निमंत्रण है कि सब उसके पास आएं और उसकी दावत में शामिल हों, उसके व्यंजनों का आनन्द लें। तो अब देर किस बात की है? - डेनिस फिशर


बाइबल जीवन की वह रोटी है जो कभी बासी नहीं होती।

क्योंकि बुद्धि यहोवा ही देता है; ज्ञान और समझ की बातें उसी के मुंह से निकलती हैं। वह सीधे लोगों के लिये खरी बुद्धि रख छोड़ता है; जो खराई से चलते हैं, उनके लिये वह ढाल ठहरता है। वह न्याय के पथों की देख भाल करता, और अपने भक्तों के मार्ग की रक्षा करता है। - नीतिवचन 2:6-8

बाइबल पाठ: भजन 19:7-14
Psalms 19:7 यहोवा की व्यवस्था खरी है, वह प्राण को बहाल कर देती है; यहोवा के नियम विश्वासयोग्य हैं, साधारण लोगों को बुद्धिमान बना देते हैं; 
Psalms 19:8 यहोवा के उपदेश सिद्ध हैं, हृदय को आनन्दित कर देते हैं; यहोवा की आज्ञा निर्मल है, वह आंखों में ज्योति ले आती है; 
Psalms 19:9 यहोवा का भय पवित्र है, वह अनन्तकाल तक स्थिर रहता है; यहोवा के नियम सत्य और पूरी रीति से धर्ममय हैं। 
Psalms 19:10 वे तो सोने से और बहुत कुन्दन से भी बढ़कर मनोहर हैं; वे मधु से और टपकने वाले छत्ते से भी बढ़कर मधुर हैं। 
Psalms 19:11 और उन्हीं से तेरा दास चिताया जाता है; उनके पालन करने से बड़ा ही प्रतिफल मिलता है। 
Psalms 19:12 अपनी भूलचूक को कौन समझ सकता है? मेरे गुप्त पापों से तू मुझे पवित्र कर। 
Psalms 19:13 तू अपने दास को ढिठाई के पापों से भी बचाए रख; वह मुझ पर प्रभुता करने न पाएं! तब मैं सिद्ध हो जाऊंगा, और बड़े अपराधों से बचा रहूंगा।
Psalms 19:14 मेरे मुंह के वचन और मेरे हृदय का ध्यान तेरे सम्मुख ग्रहण योग्य हों, हे यहोवा परमेश्वर, मेरी चट्टान और मेरे उद्धार करने वाले!

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 7-9
  • 2 कुरिन्थियों 13


मंगलवार, 20 सितंबर 2016

सच्चा विश्वास


   परमेश्वर के वचन बाइबल का एक पात्र है राजा योआश। उसके शिशु काल में ही उसकी दादी अथालिया ने उसके अन्य भईयों को मरवा कर यहूदा की राज-गद्दी हथिया ली थी। लेकिन योआश को उसकी फूफी और फूफा ने अपने पास छः वर्ष तक सुरक्षित छुपाए रखा (2 इतिहास 22:10-12)। योआश उनके प्रेम और संरक्षण में बड़ा हुआ और जब वह सात वर्ष का हुआ तब अथालिया का तख्ता पलट करके और उसका राज्याभिषेक करके उसे राजा बना दिया गया। राजा योआश के साथ उसके फूफा, यहोयादा के रूप में एक बुद्धिमान सलाहकार था जो परमेश्वर के भय में चलता था और उसे भी वैसे ही चलना सिखाता था। योआश यहूदा के गिने-चुने "अच्छे राजाओं" में से एक था, और जब तक उसके फूफा जीवित थे वह परमेश्वर के भय में चलता रहा और सही कार्य करता रहा (2 इतिहास 24:2)। लेकिन अपने फूफा के मृत्योपरांत, जब उसके साथ परमेश्वर के भय में चलने और सिखाने वाला कोई नहीं रहा तो योआश भी परमेश्वर से दूर हो गया, मूर्तिपूजा में पड़ गया और उसके जीवन का अन्त बहुत दुःखदायी हुआ (2 इतिहास 24:15-25)। ऐसा लगता है कि योआश के परमेश्वर में विश्वास की जड़ें कुछ खास गहरी नहीं थीं; संभवतः परमेश्वर में विश्वास योआश का नहीं वरन उसके फूफा का था जिनका बस वह ऊपरी रीति से अनुसरण कर रहा था, और उनके जाने के बाद योआश अपने विश्वास में स्थिर बना नहीं रह सका।

   हो सकता है कि लोग हमें अपने मसीही विश्वास के आधार के बारे में सिखा सकें, परन्तु हम में से प्रत्येक को स्वयं स्वेच्छा और सच्चे समर्पण के साथ मसीह यीशु के साथ संबंध स्थापित करना है, विश्वास में आना है, तब ही परमेश्वर के साथ हमारा संबंध सही होगा। यह वास्तविक मसीही विश्वास किसी परिवार-विशेष में जन्म ले लेने या कुछ विधि-विधानों को पूरा करने या फिर कोई रीति-रिवाज़ों-त्यौहारों को मानने से नहीं मिलता। जब हम सच्चे समर्पण तथा पापों के अंगीकार तथा उन की क्षमा के लिए प्रभु यीशु मसीह के पास आते हैं, तब ही हम मसीह यीशु के सच्चे अनुयायी और परमेश्वर की सन्तान, तथा उसकी स्वर्गीय आशीषों के संभागी बनते हैं (यूहन्ना 1:12-13)। - सिंडी हैस कैस्पर


जो विश्वास अन्त तक स्थिर बना रहता 
वही प्रमाणित करता है कि वह आरंभ से ही वास्तविक रहा है।

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 24:15-25
2 Chronicles 24:15 परन्तु यहोयादा बूढ़ा हो गया और दीर्घायु हो कर मर गया। जब वह मर गया तब एक सौ तीस वर्ष का था। 
2 Chronicles 24:16 और दाऊदपुर में राजाओं के बीच उसको मिट्टी दी गई, क्योंकि उसने इस्राएल में और परमेश्वर के और उसके भवन के विषय में भला किया था। 
2 Chronicles 24:17 यहोयादा के मरने के बाद यहूदा के हाकिमों ने राजा के पास जा कर उसे दण्डवत की, और राजा ने उनकी मानी। 
2 Chronicles 24:18 तब वे अपने पितरों के परमेश्वर यहोवा का भवन छोड़कर अशेरों और मूरतों की उपासना करने लगे। सो उनके ऐसे दोषी होने के कारण परमेश्वर का क्रोध यहूदा और यरूशलेम पर भड़का। 
2 Chronicles 24:19 तौभी उसने उनके पास नबी भेजे कि उन को यहोवा के पास फेर लाएं; और इन्होंने उन्हें चिता दिया, परन्तु उन्होंने कान न लगाया। 
2 Chronicles 24:20 और परमेश्वर का आत्मा यहोयादा याजक के पुत्र जकर्याह में समा गया, और वह ऊंचे स्थान पर खड़ा हो कर लोगों से कहने लगा, परमेश्वर यों कहता है, कि तुम यहोवा की आज्ञाओं को क्यों टालते हो? ऐसा कर के तुम भाग्यवान नहीं हो सकते, देखो, तुम ने तो यहोवा को त्याग दिया है, इस कारण उसने भी तुम को त्याग दिया। 
2 Chronicles 24:21 तब लोगों ने उस से द्रोह की गोष्ठी कर के, राजा की आज्ञा से यहोवा के भवन के आंगन में उसको पत्थरवाह किया। 
2 Chronicles 24:22 यों राजा योआश ने वह प्रीति भूल कर जो यहोयादा ने उस से की थी, उसके पुत्र को घात किया। और मरते समय उसने कहा यहोवा इस पर दृष्टि कर के इसका लेखा ले।
2 Chronicles 24:23 नए वर्ष के लगते अरामियों की सेना ने उस पर चढ़ाई की, और यहूदा ओर यरूशलेम आकर प्रजा में से सब हाकिमों को नाश किया और उनका सब धन लूट कर दमिश्क के राजा के पास भेजा। 
2 Chronicles 24:24 अरामियों की सेना थोड़े ही पुरुषों की तो आई, पन्तु यहोवा ने एक बहुत बड़ी सेना उनके हाथ कर दी, क्योंकि उन्होंने अपने पितरों के परमेश्वर को त्याग दिया था। और योआश को भी उन्होंने दण्ड दिया।
2 Chronicles 24:25 और जब वे उसे बहुत ही रोगी छोड़ गए, तब उसके कर्मचारियों ने यहोयादा याजक के पुत्रों के खून के कारण उस से द्रोह की गोष्ठी कर के, उसे उसके बिछौने पर ही ऐसा मारा, कि वह मर गया; और उन्होंने उसको दाऊद पुर में मिट्टी दी, परन्तु राजाओं के कब्रिस्तान में नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 4-6
  • 2 कुरिन्थियों 12


सोमवार, 19 सितंबर 2016

जान-पहचान


   हमारा सबसे कठिन अन्तर्द्वन्द होता है हमारी इस इच्छा कि लोग हमें जाने, तथा हमारे भय के कि पहचान लिए जाने पर कुछ अप्रत्याशित तो नहीं हो जाएगा, के मध्य। क्योंकि परमेश्वर ने हमें अपने स्वरूप में रचा है, इसलिए हम जाने और पहचाने जाने के लिए हैं - परमेश्वर द्वारा भी, और अन्य लोगों के द्वारा भी। परन्तु फिर भी हमारे पतित स्वभाव के कारण हमारे जीवनों में ऐसी कमज़ोरियाँ और पाप होते हैं जिन्हें हम नहीं चाहते कि कोई जाने या पहचाने। हम अपने जीवन के कुछ "गहरे" या "दुःखद" भागों एवं पहलुओं को छुपा कर रखना चाहते हैं; और दूसरों को प्रोत्साहित करते हैं कि वे अपने जीवन के सबसे अच्छे भाग या पहलू को प्रगट करें।

   हमारे द्वारा अपने जाने या पहचाने जाने का जोखिम ना उठाने का एक कारण होता है उसके बाद होने वाले तिरिस्कार और उपहास की संभावना। लेकिन जब परमेश्वर के वचन बाइबल के आधार पर हम यह जानने लगते हैं कि परमेश्वर हमें भली-भांति, अन्दर-बाहर से जानता है, हमारी कोई भी बात उससे छुपी नहीं है, लेकिन फिर भी वह हम से प्रेम करता है, हमारे बुरे से बुरे कार्य एवं पाप के बावजूद वह हमें क्षमा करके अपनी सन्तान, अपने परिवार का एक अंग बनाना चाहता है तो परमेश्वर द्वारा तिरिस्कृत होने का हमारा भय हटना आरंभ हो जाता है। और जब हम उसकी क्षमा के इस प्रस्ताव को स्वीकार करके, उससे अपने पापों की क्षमा माँग लेते हैं, अपने जीवन प्रभु यीशु को समर्पित कर देते हैं, तो वह हमें अन्य मसीही विश्वासियों की मण्डली में जोड़ देता है, जो हमारे समान ही क्षमा प्राप्त करके प्रभु के जन बने हैं, जो पापों के अंगीकार और क्षमा के संबंध को व्यक्तिगत अनुभव से जानते और समझते हैं। अब ऐसे लोगों की संगति में रहकर हम अपने पाप और कमज़ोरियों को एक दूसरे के सामने स्वीकार कर लेने, उनके लिए क्षमा माँग लेने से हिचकिचाते नहीं हैं।

   मसीही विश्वास का जीवन, संसार के अन्य लोगों की प्रवृत्ति के विपरीत, केवल हमारे जीवन के भले पहलुओं और भली बातों को दूसरों के सामने रखने से संबंधित नहीं है। इस मसीही विश्वास के जीवन में हम अपने जीवन के उन "गहरे" या "दुःखद" भागों एवं पहलुओं को भी लोगों के समक्ष लाते हैं, और इस बात की गवाही देते हैं कि जब हमने इन "गहरे" या "दुःखद" भागों एवं पहलुओं को प्रभु यीशु में लाए गए विश्वास के द्वारा परमेश्वर के सामने रखा और उससे उनके लिए क्षमा माँगी, तो उसने ना केवल हमें क्षमा किया, वरन हमारे उन "गहरे" या "दुःखद" भागों एवं पहलुओं को ही हमारे तथा अन्य लोगों के लिए लाभ की बात बना दिया। प्रभु यीशु के साथ इस प्रकार होने वाली जान-पहचान द्वारा मसीही विश्वास में आत्मिक चंगाई और क्षमा से मिली स्वतंत्रता के आनन्द को पाने का यही मार्ग है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


पाप की आवाज़ ऊँची हो सकती है, परन्तु क्षमा की आवाज़ उससे भी ऊँची होती है।

जब मैं ने अपना पाप तुझ पर प्रगट किया और अपना अधर्म न छिपाया, और कहा, मैं यहोवा के साम्हने अपने अपराधों को मान लूंगा; तब तू ने मेरे अधर्म और पाप को क्षमा कर दिया। - भजन 32:5

बाइबल पाठ: याकूब 5:16-20
James 5:16 इसलिये तुम आपस में एक दूसरे के साम्हने अपने अपने पापों को मान लो; और एक दूसरे के लिये प्रार्थना करो, जिस से चंगे हो जाओ; धर्मी जन की प्रार्थना के प्रभाव से बहुत कुछ हो सकता है। 
James 5:17 एलिय्याह भी तो हमारे समान दुख-सुख भोगी मनुष्य था; और उसने गिड़िगड़ा कर प्रार्थना की; कि मेंह न बरसे; और साढ़े तीन वर्ष तक भूमि पर मेंह नहीं बरसा। 
James 5:18 फिर उसने प्रार्थना की, तो आकाश से वर्षा हुई, और भूमि फलवन्‍त हुई।
James 5:19 हे मेरे भाइयों, यदि तुम में कोई सत्य के मार्ग से भटक जाए, और कोई उसको फेर लाए। 
James 5:20 तो वह यह जान ले, कि जो कोई किसी भटके हुए पापी को फेर लाएगा, वह एक प्राण को मृत्यु से बचाएगा, और अनेक पापों पर परदा डालेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • सभोपदेशक 1-3
  • 2 कुरिन्थियों 11:16-33


रविवार, 18 सितंबर 2016

अवसर


   जब जाने-माने लेखक स्टड्स टर्कल अपनी अगली पुस्तक लिखने के लिए विषय ढूँढ़ रहे थे तो उनके एक मित्र ने सुझाव दिया कि वे "मृत्यु" पर लिखें। आरंभ में तो टर्कल इस विषय से सहमत नहीं थे, परन्तु धीरे-धीरे उनके अन्दर इस पर लिखने के लिए विचार पनपने लगे; और जब 60 वर्ष के विवाहित जीवन के बाद उनकी पत्नि का देहांत हो गया, तब यह विषय उनके लिए और भी अधिक सजीव हो गया। अब इस विषय की वह पुस्तक उनके लिए एक व्यक्तिगत खोज बन गई; वे जानना चाहते थे कि जहाँ उनकी प्रीय गई हैं, वहाँ क्या है, वह कैसा स्थान है। उस पुस्तक के पृष्ठ, मसीही विश्वास की हमारी यात्रा में हमारे सामने आने वाले प्रभु यीशु तथा अनन्तकाल से संबंधित हमारे प्रश्नों और चिंताओं की एक मर्मस्पर्शी याद हैं।

   मैं धन्यवादी हूँ उस आश्वासन के लिए जो हम मसीही विश्वासियों को मिला है कि यदि हमने प्रभु यीशु पर विश्वास कर के उससे अपने पापों की क्षमा माँग ली है, तो मृत्योपरांत हम मसीह यीशु के साथ स्वर्ग में ही होंगे। इससे से बढ़कर और कोई आशा है ही नहीं; और अब यह हमारा विशेषाधिकार है कि हम इस सर्वोत्तम आशा को अधिक से अधिक लोगों के साथ बाँटने वाले हों। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने प्रोत्साहित किया, "पर मसीह को प्रभु जान कर अपने अपने मन में पवित्र समझो, और जो कोई तुम से तुम्हारी आशा के विषय में कुछ पूछे, तो उसे उत्तर देने के लिये सर्वदा तैयार रहो, पर नम्रता और भय के साथ" (1 पतरस 3:15)। जैसा दाऊद ने लिखा, "यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो" (1 इतिहास 16:8), हमारे पास भी यह सुअवसर है कि हम भी ऐसा ही करें।

   जिन सब से हम प्रेम रखते हैं उनके जीवनों की कहानियाँ अभी समाप्त नहीं हुई हैं, और हमारे पास उन्हें अपनी गवाही देने, प्रभु यीशु के प्रेम के अद्भुत तथा बहुमूल्य उपहार के बारे में बताने का विशेषाधिकार तथा अवसर है; इसका अवसर का सदुपयोग अवश्य करें। - रैंडी किलगोर


काश कि हमारे जीवन के दिन मसीह यीशु की गवाही 
देने के अवसरों का सदुपयोग करने की लालसा से भरे हों।

और अवसर को बहुमोल समझो, क्योंकि दिन बुरे हैं। - इफिसियों 5:16

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 16:7-13
1 Chronicles 16:7 तब उसी दिन दाऊद ने यहोवा का धन्यवाद करने का काम आसाप और उसके भाइयों को सौंप दिया। 
1 Chronicles 16:8 यहोवा का धन्यवाद करो, उस से प्रार्थना करो; देश देश में उसके कामों का प्रचार करो। 
1 Chronicles 16:9 उसका गीत गाओ, उसका भजन करो, उसके सब आश्चर्य-कर्मों का ध्यान करो। 
1 Chronicles 16:10 उसके पवित्र नाम पर घमंड करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो। 
1 Chronicles 16:11 यहोवा और उसकी सामर्थ की खोज करो; उसके दर्शन के लिये लगातार खोज करो। 
1 Chronicles 16:12 उसके किए हुए आश्चर्यकर्म, उसके चमत्कार और न्यायवचन स्मरण करो। 
1 Chronicles 16:13 हे उसके दास इस्राएल के वंश, हे याकूब की सन्तान तुम जो उसके चुने हुए हो!

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 30-31
  • 2 कुरिन्थियों 11:1-15



शनिवार, 17 सितंबर 2016

समर्पित


   दूसरे विश्वयुद्ध और उसके तुरंत बाद के समय की पीढ़ी के लिए कोरी टेन बूम की जीवन-गाथा परमेश्वर भक्ति तथा बुद्धिमता की अनुपम गवाही है। वे निदरलैंड्स की निवासी थीं और उस समय में उनके देश पर रहे नाट्ज़ी कबज़े की यातनाओं की शिकार रही थीं। दूसरे विश्व युद्ध की समाप्ति से उनके देश को नाट्ज़ी आताताईयों से मिली रिहाई के बाद उन्होंने उन भयानक सताव और पीड़ा के दिनों में भी अपने मसीही विश्वास और परमेश्वर पर निर्भरता के अनुभवों का बयान किया।

   एक बार उन्होंने कहा, "मैंने अपने हाथों से बहुत कुछ थाम के रखा, और उस सब को खो भी दिया है। लेकिन जो भी मैंने परमेश्वर के हाथों में समर्पित कर दिया, वह आज भी मेरे पास है।"

   कोरी हानि से भली-भांति परिचित थीं। उन्होंने उन नाट्ज़ी आताताईयों के हाथों अपने परिवार, संपदा और अपने आयु के वर्षों की भारी हानि झेली थी। लेकिन फिर भी उन्होंने सीखा था कि वे अपना ध्यान उस हानि पर नहीं वरन उस आत्मिक और भावनात्मक लाभ पर लगाएं जो उन सभी बातों को भी अपने स्वर्गीय परमेश्वर पिता के हाथों में समर्पित कर देने से होता है।

   आज हमारे लिए इसमें क्या शिक्षा है? हमें परमेश्वर के हाथों में क्या कुछ समर्पित कर देना चाहिए? परमेश्वर के वचन बाइबल में मरकुस 10 में दर्ज उस अमीर जवान के वृतांत के अनुसार, हमें सब कुछ परमेश्वर के हाथों में समर्पित करना चाहिए। वह जवान अनन्त जीवन का मार्ग पाने की लालसा से प्रभु यीशु के पास आया था; उसके पास बहुत धन-संपत्ति थी; परन्तु जब प्रभु यीशु ने उससे वह सब छोड़ कर अपने पीछे चलने के लिए कहा, तो वह राज़ी नहीं हुआ। उसने प्रभु यीशु का अनुसरण करने से भला उस संपत्ति के साथा रहना समझा जिससे उसे कोई संतुष्टि प्राप्त नहीं हुई थी; परिणामस्वरूप वह शोकित होकर वापस चला गया (पद 22)।

   कोरी टेन बूम के समान, यदि हम अपना सर्वस्व परमेश्वर के हाथों में समर्पित कर देंगे, और उस सब की रखवाली तथा परिणाम के लिए परमेश्वर पर अपना भरोसा बनाए रखेंगे, तो हमारी आशा बनी रहेगी तथा हमें कोई हानि नहीं होगी। - डेव ब्रैनन


परमेश्वर को समर्पित जीवन से अधिक सुरक्षित और कोई जीवन नहीं है।

इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्‍चय है, कि वह मेरी थाती की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तिमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: मरकुस 10:17-27
Mark 10:17 और जब वह निकलकर मार्ग में जाता था, तो एक मनुष्य उसके पास दौड़ता हुआ आया, और उसके आगे घुटने टेककर उस से पूछा हे उत्तम गुरू, अनन्त जीवन का अधिकारी होने के लिये मैं क्या करूं? 
Mark 10:18 यीशु ने उस से कहा, तू मुझे उत्तम क्यों कहता है? कोई उत्तम नहीं, केवल एक अर्थात परमेश्वर। 
Mark 10:19 तू आज्ञाओं को तो जानता है; हत्या न करना, व्यभिचार न करना, चोरी न करना, झूठी गवाही न देना, छल न करना, अपने पिता और अपनी माता का आदर करना। 
Mark 10:20 उसने उस से कहा, हे गुरू, इन सब को मैं लड़कपन से मानता आया हूं। 
Mark 10:21 यीशु ने उस पर दृष्टि कर के उस से प्रेम किया, और उस से कहा, तुझ में एक बात की घटी है; जा, जो कुछ तेरा है, उसे बेच कर कंगालों को दे, और तुझे स्वर्ग में धन मिलेगा, और आकर मेरे पीछे हो ले। 
Mark 10:22 इस बात से उसके चेहरे पर उदासी छा गई, और वह शोक करता हुआ चला गया, क्योंकि वह बहुत धनी था। 
Mark 10:23 यीशु ने चारों ओर देखकर अपने चेलों से कहा, धनवानों को परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है! 
Mark 10:24 चेले उस की बातों से अचम्भित हुए, इस पर यीशु ने फिर उन को उत्तर दिया, हे बालकों, जो धन पर भरोसा रखते हैं, उन के लिये परमेश्वर के राज्य में प्रवेश करना कैसा कठिन है! 
Mark 10:25 परमेश्वर के राज्य में धनवान के प्रवेश करने से ऊंट का सूई के नाके में से निकल जाना सहज है! 
Mark 10:26 वे बहुत ही चकित हो कर आपस में कहने लगे तो फिर किस का उद्धार हो सकता है? 
Mark 10:27 यीशु ने उन की ओर देखकर कहा, मनुष्यों से तो यह नहीं हो सकता, परन्तु परमेश्वर से हो सकता है; क्योंकि परमेश्वर से सब कुछ हो सकता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 27-29
  • 2 कुरिन्थियों 10



शुक्रवार, 16 सितंबर 2016

शरणस्थान


   एक युवा महिला अपनी 4 तथा 2 वर्षीय पुत्रियों के साथ हवाई यात्रा कर रही थी, और उन दोनों को व्यस्त रखने में लगी हुई थी जिससे वे दोनों अन्त यात्रियों को परेशान ना करने पाएं। जब विमान-चालक ने सूचना देने के लिए विमान के लाऊडस्पीकरों पर उद्घोषणा करनी आरंभ करी तो छोटी बेटी शांत होकर, अपना सिर झुकाकर बैठ गई, और उद्घोषणा समाप्त होने पर बोली "आमीन", जो कि प्रार्थना कि समाप्ति पर बोला जाता है; उस बच्ची को लगा कि विमान-चालक प्रार्थना कर रहा है!

   मैं भी चाहती हूँ कि मेरा मन भी उस बच्ची के समान रहे, जो तुरंत प्रार्थना में परमेश्वर की ओर मुड़ जाता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन-संहिता के अनेकों भजनों के रचियता दाऊद का मन ऐसा ही था। हम दाऊद द्वारा लिखे भजन, भजन 27 में इस बात के संकेत पाते हैं, जहाँ वह कठिन शत्रुओं का सामना करने के बारे में लिखता है (पद 2)। दाऊद लिखता है, "तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा" (भजन 27:8)। कुछ लोगों का मानना है कि इस भजन को लिखते समय दाऊद शाऊल से (1 शमूएल 21:10) या फिर अपने बेटे अबशालोम के षड़यंत्र से (2 शमूएल 15:13-14) जान बचाकर भागने के अपने अनुभवों को स्मरण कर रहा था। प्रार्थना करना और परमेश्वर पर निर्भर रहना दाऊद के रवैये में सर्वोपरि रहते थे; उसने परमेश्वर को अपना शरणस्थान बना रखा था (भजन 27:4-5)।

   हम सभी को शरणस्थान की आवश्यकता रहती है, विशेषकर कठिन परिस्थितियों और परेशानी के समयों में। इस, तथा अन्य भजनों को पढ़ना और प्रार्थना का आधार बनाना हमारे लिए अपने परमेश्वर पिता के साथ वैसा ही निकट संबंध बनाने में सहायक हो सकता है जैसा दाऊद के साथ था। जब हम परमेश्वर को अपना शरणस्थान बना लेंगे, तो स्वतः ही प्रार्थना और आवश्यकता के समयों में हम उसमें शांति तथा विश्राम भी पाएंगे। - ऐनी सेटास


प्रार्थना के समयों में परमेश्वर हमारे हृदयों को शांत करके, 
हमारे मनों को स्थिर करता है।

हे परमेश्वर, जब मैं तेरी दोहाई दूं, तब मेरी सुन; शत्रु के उपजाए हुए भय के समय मेरे प्राण की रक्षा कर। - भजन 64:1

बाइबल पाठ: भजन 27:1-14
Psalms 27:1 यहोवा परमेश्वर मेरी ज्योति और मेरा उद्धार है; मैं किस से डरूं? यहोवा मेरे जीवन का दृढ़ गढ़ ठहरा है, मैं किस का भय खाऊं? 
Psalms 27:2 जब कुकर्मियों ने जो मुझे सताते और मुझी से बैर रखते थे, मुझे खा डालने के लिये मुझ पर चढ़ाई की, तब वे ही ठोकर खाकर गिर पड़े।
Psalms 27:3 चाहे सेना भी मेरे विरुद्ध छावनी डाले, तौभी मैं न डरूंगा; चाहे मेरे विरुद्ध लड़ाई ठन जाए, उस दशा में भी मैं हियाव बान्धे निशचिंत रहूंगा।
Psalms 27:4 एक वर मैं ने यहोवा से मांगा है, उसी के यत्न में लगा रहूंगा; कि मैं जीवन भर यहोवा के भवन में रहने पाऊं, जिस से यहोवा की मनोहरता पर दृष्टि लगाए रहूं, और उसके मन्दिर में ध्यान किया करूं।
Psalms 27:5 क्योंकि वह तो मुझे विपत्ति के दिन में अपने मण्डप में छिपा रखेगा; अपने तम्बू के गुप्त स्थान में वह मुझे छिपा लेगा, और चट्टान पर चढ़ाएगा। 
Psalms 27:6 अब मेरा सिर मेरे चारों ओर के शत्रुओं से ऊंचा होगा; और मैं यहोवा के तम्बू में जयजयकार के साथ बलिदान चढ़ाऊंगा; और उसका भजन गाऊंगा।
Psalms 27:7 हे यहोवा, मेरा शब्द सुन, मैं पुकारता हूं, तू मुझ पर अनुग्रह कर और मुझे उत्तर दे। 
Psalms 27:8 तू ने कहा है, कि मेरे दर्शन के खोजी हो। इसलिये मेरा मन तुझ से कहता है, कि हे यहोवा, तेरे दर्शन का मैं खोजी रहूंगा। 
Psalms 27:9 अपना मुख मुझ से न छिपा।। अपने दास को क्रोध कर के न हटा, तू मेरा सहायक बना है। हे मेरे उद्धार करने वाले परमेश्वर मुझे त्याग न दे, और मुझे छोड़ न दे! 
Psalms 27:10 मेरे माता पिता ने तो मुझे छोड़ दिया है, परन्तु यहोवा मुझे सम्भाल लेगा।
Psalms 27:11 हे यहोवा, अपने मार्ग में मेरी अगुवाई कर, और मेरे द्रोहियों के कारण मुझ को चौरस रास्ते पर ले चल। 
Psalms 27:12 मुझ को मेरे सताने वालों की इच्छा पर न छोड़, क्योंकि झूठे साक्षी जो उपद्रव करने की धुन में हैं मेरे विरुद्ध उठे हैं।
Psalms 27:13 यदि मुझे विश्वास न होता कि जीवितों की पृथ्वी पर यहोवा की भलाई को देखूंगा, तो मैं मूर्च्छित हो जाता। 
Psalms 27:14 यहोवा की बाट जोहता रह; हियाव बान्ध और तेरा हृदय दृढ़ रहे; हां, यहोवा ही की बाट जोहता रह!

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 25-26
  • 2 कुरिन्थियों 9


गुरुवार, 15 सितंबर 2016

निर्णय


   जब जेनी के पति ने उसे छोड़ कर एक अन्य स्त्री के साथ रहने का निर्णय लिया, तो जेनी ने प्रण किया कि वह उस दूसरी स्त्री से कभी नहीं मिलेगी। लेकिन जब उसने देखा कि उसके मन की यह कटुता उसके बच्चों के अपने पिता के साथ संबंधों में बिगाड़ उत्पन्न कर रही है, तो उसने परमेश्वर से प्रार्थना करी कि उसकी सहायता करे जिससे वह उस परिस्थिति के प्रति जिसे वह बदल नहीं सकती थी, अपने मन की कड़ुवाहट पर जय पा सके।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में उत्पत्ति 16 में हम एक निःसंतान दंपत्ति की कहानी पढ़ते हैं, जिसे परमेश्वर से प्रतिज्ञा मिली थी कि परमेश्वर उन्हें संतान देगा। लेकिन पत्नि सारै ने इस बात को लेकर परमेश्वर पर पूरा विश्वास नहीं रखा और अपने पति अब्राम से कहा कि वह सारै की दासी हाजिरा को ले और उससे संतान उत्पन्न करे जिसे फिर सारै अपना लेगी। जब सारै के कहने अनुसार करने से हाजिरा गर्भवती हुई, तो हाजिरा ने सारै को तुच्छ जाना (उत्पत्ति 16:3-4), जिसे सारै कुँठित हो गई (पद 5-6)।

   अभी तक हाजिरा दासी थी, जिसके कोई अधिकार नहीं थे, परन्तु गर्भवती होते ही वह विशिष्ट हो गई; इसपर सारै ने क्या प्रतिक्रिया दी? सारै अपनी गलती के लिए दूसरों पर दोषारोपण करने लग गई, अपने पति अब्राम पर भी (पद 5)। परमेश्वर ने जो संतान की प्रतिज्ञा उन से करी थी, वह और 14 वर्ष के पश्चात पूरी हुई; लेकिन इतने समय तक भी सारै के मन की कड़ुवाहट बनी रही, और इस कड़ुवाहट ने सारै के पुत्र के दूध छुड़ाने के उत्सव को भी बिगाड़ दिया (उत्पत्ति 21:8-10)। परमेश्वर की योजना से आगे निकल कर अपनी इच्छानुसार करने के निर्णय के परिणामों को निभाना सारै के लिए कभी भी सरल नहीं रहा। सारै अपना निर्णय बदल नहीं सकती थी, और इस निर्णय ने उसके जीवन को कड़ुवाहट और कठिनाईयों भरा बना दिया। सारै के रवैये को बदलने के लिए संभवतः अनुग्रह के आश्चर्यकर्म की आवश्यकता होती, परन्तु यदि ऐसा हो जाता तो उसके लिए सब कुछ बदल जाता।

   किंतु हम मसीही विश्वासियों के लिए हमारे प्रभु परमेश्वर की प्रतिज्ञा है कि यदि हम अपने पापों को मान लें तो वह हमें क्षमा कर के हमारे उन गलत निर्णयों से हमें शुद्ध कर देगा (1 यूहन्ना 1:9)। क्या आपने प्रभु यीशु से अपने पापों की क्षमा प्राप्त करने और अपना जीवन उसे समर्पित कर देने का निर्णय ले लिया है? - मेरियन स्ट्राउड


परमेश्वर का अनुग्रह हमारे अन्धियारे जीवनों को भी ज्योतिर्मय बना देता है।

यदि हम अपने पापों को मान लें, तो वह हमारे पापों को क्षमा करने, और हमें सब अधर्म से शुद्ध करने में विश्वासयोग्य और धर्मी है। - 1 यूहन्ना 1:9 

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 16:1-10; 21:6-13
Genesis 16:1 अब्राम की पत्नी सारै के कोई सन्तान न थी: और उसके हाजिरा नाम की एक मिस्री लौंडी थी। 
Genesis 16:2 सो सारै ने अब्राम से कहा, देख, यहोवा ने तो मेरी कोख बन्द कर रखी है सो मैं तुझ से बिनती करती हूं कि तू मेरी लौंडी के पास जा: सम्भव है कि मेरा घर उसके द्वारा बस जाए। 
Genesis 16:3 सो सारै की यह बात अब्राम ने मान ली। सो जब अब्राम को कनान देश में रहते दस वर्ष बीत चुके तब उसकी स्त्री सारै ने अपनी मिस्री लौंडी हाजिरा को ले कर अपने पति अब्राम को दिया, कि वह उसकी पत्नी हो। 
Genesis 16:4 और वह हाजिरा के पास गया, और वह गर्भवती हुई और जब उसने जाना कि वह गर्भवती है तब वह अपनी स्वामिनी को अपनी दृष्टि में तुच्छ समझने लगी। 
Genesis 16:5 तब सारै ने अब्राम से कहा, जो मुझ पर उपद्रव हुआ सो तेरे ही सिर पर हो: मैं ने तो अपनी लौंडी को तेरी पत्नी कर दिया; पर जब उसने जाना कि वह गर्भवती है, तब वह मुझे तुच्छ समझने लगी, सो यहोवा मेरे और तेरे बीच में न्याय करे। 
Genesis 16:6 अब्राम ने सारै से कहा, देख तेरी लौंडी तेरे वश में है: जैसा तुझे भला लगे वैसा ही उसके साथ कर। सो सारै उसको दु:ख देने लगी और वह उसके साम्हने से भाग गई। 
Genesis 16:7 तब यहोवा के दूत ने उसको जंगल में शूर के मार्ग पर जल के एक सोते के पास पाकर कहा, 
Genesis 16:8 हे सारै की लौंडी हाजिरा, तू कहां से आती और कहां को जाती है? उसने कहा, मैं अपनी स्वामिनी सारै के साम्हने से भाग आई हूं।
Genesis 16:9 यहोवा के दूत ने उस से कहा, अपनी स्वामिनी के पास लौट जा और उसके वश में रह। 
Genesis 16:10 और यहोवा के दूत ने उस से कहा, मैं तेरे वंश को बहुत बढ़ाऊंगा, यहां तक कि बहुतायत के कारण उसकी गणना न हो सकेगी। 

Genesis 21:6 और सारा ने कहा, परमेश्वर ने मुझे प्रफुल्लित कर दिया है; इसलिये सब सुनने वाले भी मेरे साथ प्रफुल्लित होंगे। 
Genesis 21:7 फिर उसने यह भी कहा, कि क्या कोई कभी इब्राहीम से कह सकता था, कि सारा लड़कों को दूध पिलाएगी? पर देखो, मुझ से उसके बुढ़ापे में एक पुत्र उत्पन्न हुआ। 
Genesis 21:8 और वह लड़का बढ़ा और उसका दूध छुड़ाया गया: और इसहाक के दूध छुड़ाने के दिन इब्राहीम ने बड़ी जेवनार की। 
Genesis 21:9 तब सारा को मिस्री हाजिरा का पुत्र, जो इब्राहीम से उत्पन्न हुआ था, हंसी करता हुआ देख पड़ा। 
Genesis 21:10 सो इस कारण उसने इब्राहीम से कहा, इस दासी को पुत्र सहित बरबस निकाल दे: क्योंकि इस दासी का पुत्र मेरे पुत्र इसहाक के साथ भागी न होगा। 
Genesis 21:11 यह बात इब्राहीम को अपने पुत्र के कारण बुरी लगी। 
Genesis 21:12 तब परमेश्वर ने इब्राहीम से कहा, उस लड़के और अपनी दासी के कारण तुझे बुरा न लगे; जो बात सारा तुझ से कहे, उसे मान, क्योंकि जो तेरा वंश कहलाएगा सो इसहाक ही से चलेगा। 
Genesis 21:13 दासी के पुत्र से भी मैं एक जाति उत्पन्न करूंगा इसलिये कि वह तेरा वंश है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 22-24
  • 2 कुरिन्थियों 8


बुधवार, 14 सितंबर 2016

यीशु


   सुप्रसिद्ध मसीही प्रचारक चार्ल्स वेस्ली (1707-1788) ने परमेश्वर की स्तुति में 9000 भजन और कविताएं लिखीं थीं। उन में से कुछ, जैसे कि "काश कि हज़ार ज़ुबानों से" स्तुति और आराधना की महान कृतियाँ हैं। उनकी एक कविता, "कोमल यीशु, नम्र एवं सौम्य" जो पहली बार 1742 में प्राकाशित हुई थी, एक बच्चे के समान करी गई शांत मन की प्रार्थना है जो दिखाती है कि हमें कैसे साधारण विश्वास और ईमानदारी के साथ प्रभु यीशु का खोजी होना चाहिए:
प्रेमी यीशु, कोमल मेमने,
आपके कृपालु हाथों में समर्पित हूँ;
मेरे उद्धारकर्ता, मुझे अपनी समानता में लाएं,
आप स्वयं मेरे हृदय में निवास करें।

   जब प्रभु यीशु के कुछ चेले उसके स्वर्गीय राज्य में उच्च स्थान प्राप्त करने के लिए तरकीबें लड़ा रहे थे, तब प्रभु यीशु ने "...एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया। और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे" (मत्ती 18:2-3)।

   बच्चे बहुत कम ही किसी उच्च पद की या सामर्थ पाने की लालसा करते हैं; इससे अधिक वे सुरक्षा और स्वीकृति चाहते हैं; बच्चे उन व्यसकों के साथ रहना चाहते हैं जो उन्हें प्रेम करते हैं, उनकी देखभाल करते हैं। प्रभु यीशु ने कभी बच्चों को अपने से दूर नहीं किया।

   वेस्ली की इस कविता का अंतीम अंतरा एक बालक के समान प्रभु यीशु की समानता में ढलने की लालसा को दिखाता है:
तब मैं आपकी प्रशंसा प्रदर्शित करने पाऊँगा,
खुशियों से भरे अपने सारे दिनों में आपकी सेवा करूँगा;
तब संसार सदा देखने पाएगा,
मसीह, पवित्र बालक को मुझ में।
 - डेविड मैक्कैसलैंड

विश्वास सबसे अच्छा एक बच्चे के समान निर्मल हृदय में ही चमकता है।

यीशु ने कहा, बालकों को मेरे पास आने दो: और उन्हें मना न करो, क्योंकि स्वर्ग का राज्य ऐसों ही का है। - मत्ती 19:14

बाइबल पाठ: मत्ती 18:1-10
Matthew 18:1 उसी घड़ी चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, कि स्वर्ग के राज्य में बड़ा कौन है? 
Matthew 18:2 इस पर उसने एक बालक को पास बुलाकर उन के बीच में खड़ा किया। 
Matthew 18:3 और कहा, मैं तुम से सच कहता हूं, यदि तुम न फिरो और बालकों के समान न बनो, तो स्वर्ग के राज्य में प्रवेश करने नहीं पाओगे। 
Matthew 18:4 जो कोई अपने आप को इस बालक के समान छोटा करेगा, वह स्वर्ग के राज्य में बड़ा होगा। 
Matthew 18:5 और जो कोई मेरे नाम से एक ऐसे बालक को ग्रहण करता है वह मुझे ग्रहण करता है। 
Matthew 18:6 पर जो कोई इन छोटों में से जो मुझ पर विश्वास करते हैं एक को ठोकर खिलाए, उसके लिये भला होता, कि बड़ी चक्की का पाट उसके गले में लटकाया जाता, और वह गहिरे समुद्र में डुबाया जाता। 
Matthew 18:7 ठोकरों के कारण संसार पर हाय! ठोकरों का लगना अवश्य है; पर हाय उस मनुष्य पर जिस के द्वारा ठोकर लगती है। 
Matthew 18:8 यदि तेरा हाथ या तेरा पांव तुझे ठोकर खिलाए, तो काटकर फेंक दे; टुण्‍डा या लंगड़ा हो कर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो हाथ या दो पांव रहते हुए तू अनन्त आग में डाला जाए। 
Matthew 18:9 और यदि तेरी आंख तुझे ठोकर खिलाए, तो उसे निकाल कर फेंक दे। 
Matthew 18:10 काना हो कर जीवन में प्रवेश करना तेरे लिये इस से भला है, कि दो आंख रहते हुए तू नरक की आग में डाला जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 19-21
  • 2 कुरिन्थियों 7


मंगलवार, 13 सितंबर 2016

स्मरण


   मसीही विश्वास में आने के बाद के मेरे आरंभिक वर्ष एक गहन दुराग्रह से भरे हुए थे। मुझे यह लगता था कि जब प्रभु यीशु मसीह का पुनःआगमन होगा और हम मसीही विश्वासी उसके साथ रहने तथा अपने कार्यों के प्रतिफलों को पाने के लिए उसके पास स्वर्ग में उठाए जाएंगे, तब जैसे औरों के वैसे ही मेरे कार्यों के विशलेषण के लिए मेरे सभी पाप और बुराईयाँ भी एक बड़े पटल पर सब के सामने प्रदर्शित होंगे।

   लेकिन आज मैं जानता हूँ कि परमेश्वर ने चुना है कि वह किसी भी मसीही विश्वासी के पापों को, जिनके लिए वे प्रभु यीशु मसीह के नाम में विश्वास लाकर क्षमा माँग चुके हैं और पा चुके हैं, कभी स्मरण नहीं करेगा; वे सारे पाप समुद्र की गहराईयों में सदा के लिए दफन कर दिए गए हैं और उन्हें वहाँ से कभी निकाला या जाँचा नहीं जाएगा।

   एमी कार्माईकिल ने लिखा, "एक या दो दिन पहले मैं अपने अतीत के बारे में दुःखी होकर विचार कर रही थी - मेरे जीवन में कितनी ही गलतियाँ तथा असफलताएं थीं। मैं यशायाह 43 पढ़ रही थी और उसके 24वें पद में मैं अपने आप को देख रही थी जहाँ परमेश्वर कह रहा है: "...परन्तु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाट दिया है, और अपने अधर्म के कामों से मुझे थका दिया है"; और फिर पहली बार मेरा ध्यान एक बात पर गया - पद 24 तथा पद 25 के बीच में कोई रिक्त स्थान नहीं दिया गया है, और पद 25 में परमेश्वर आगे कहता है: "मैं वही हूं जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूं और तेरे पापों को स्मरण न करूंगा।"

   इसमें कोई शंका नहीं है कि जब प्रभु यीशु पुनः आएगा तब, जैसा कि परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा गया है: "...वही तो अन्धकार की छिपी बातें ज्योति में दिखाएगा, और मनों की मतियों को प्रगट करेगा, तब परमेश्वर की ओर से हर एक की प्रशंसा होगी" (1 कुरिन्थियों 4:5)। उस दिन हमारे सभी कार्य जाँचे अवश्य जाएंगे जिससे कि हम अपने प्रतिफल पा सकें; और यह भी संभव है कि हमें कुछ बातों के लिए अपने प्रतिफलों की हानि भी उठानी पड़े, लेकिन हम मसीही विश्वासी पापों के न्याय का सामना कदापि नहीं करेंगे (1 कुरिन्थियों 3:11-15)। परमेश्वर हमें प्रभु यीशु के बलिदान द्वारा क्षमा पाए हुआ, उसके लहु से धुल कर निष्पाप किए गई देखता है, और हमारा कोई भी पाप कभी स्मरण नहीं किया जाएगा। - डेविड रोपर


जब परमेश्वर हमारा उद्धार करता है तो 
हमारे पाप क्षमा करके उन्हें सदा के लिए मिटा भी देता है।

सो हम इन बातों के विषय में क्या कहें? यदि परमेश्वर हमारी ओर है, तो हमारा विरोधी कौन हो सकता है? जिसने अपने निज पुत्र को भी न रख छोड़ा, परन्तु उसे हम सब के लिये दे दिया: वह उसके साथ हमें और सब कुछ क्योंकर न देगा? परमेश्वर के चुने हुओं पर दोष कौन लगाएगा? परमेश्वर वह है जो उन को धर्मी ठहराने वाला है। - रोमियों 8:31-33

बाइबल पाठ: यशायाह 43:22-28; 1 कुरिन्थियों 3:11-15
Isaiah 43:22 तौभी हे याकूब, तू ने मुझ से प्रार्थना नहीं की; वरन हे इस्राएल तू मुझ से उकता गया है! 
Isaiah 43:23 मेरे लिये होमबलि करने को तू मेम्ने नहीं लाया और न मेलबलि चढ़ा कर मेरी महिमा की है। देख, मैं ने अन्नबलि चढ़ाने की कठिन सेवा तुझ से नहीं कराई, न तुझ से धूप ले कर तुझे थका दिया है। 
Isaiah 43:24 तू मेरे लिये सुगन्धित नरकट रूपये से मोल नहीं लाया और न मेलबलियों की चर्बी से मुझे तृप्त किया। परन्तु तू ने अपने पापों के कारण मुझ पर बोझ लाट दिया है, और अपने अधर्म के कामों से मुझे थका दिया है।
Isaiah 43:25 मैं वही हूं जो अपने नाम के निमित्त तेरे अपराधों को मिटा देता हूं और तेरे पापों को स्मरण न करूंगा। 
Isaiah 43:26 मुझे स्मरण करो, हम आपस में विवाद करें; तू अपनी बात का वर्णन कर जिस से तू निर्दोष ठहरे। 
Isaiah 43:27 तेरा मूलपुरूष पापी हुआ और जो जो मेरे और तुम्हारे बीच बिचवई हुए, वे मुझ से बलवा करते चले आए हैं। 
Isaiah 43:28 इस कारण मैं ने पवित्रस्थान के हाकिमों को अपवित्र ठहराया, मैं ने याकूब को सत्यानाश और इस्राएल को निन्दित होने दिया है।

1 Corinthians 3:11 क्योंकि उस नेव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नेव नहीं डाल सकता। 
1 Corinthians 3:12 और यदि कोई इस नेव पर सोना या चान्दी या बहुमोल पत्थर या काठ या घास या फूस का रद्दा रखता है। 
1 Corinthians 3:13 तो हर एक का काम प्रगट हो जाएगा; क्योंकि वह दिन उसे बताएगा; इसलिये कि आग के साथ प्रगट होगा: और वह आग हर एक का काम परखेगी कि कैसा है। 
1 Corinthians 3:14 जिस का काम उस पर बना हुआ स्थिर रहेगा, वह मजदूरी पाएगा। 
1 Corinthians 3:15 और यदि किसी का काम जल जाएगा, तो हानि उठाएगा; पर वह आप बच जाएगा परन्तु जलते जलते।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 16-18
  • 2 कुरिन्थियों 6


सोमवार, 12 सितंबर 2016

छुटकारा


   परमेश्वर के वचन बाइबल में छोटे लड़के दाऊद द्वारा दैत्याकार गोलियत के वध की घटना दर्ज है। दैत्याकार गोलियत एला की तराई में आता है, वह 9 फुट ऊँचा है, उसने काँसे की झिलम पहन रखी है जो सूरज की रौशनी में चमक रही है, उसके हाथ में भाला है जिसपर रस्सी लिपटी है जिससे वह अच्छी पकड़ के साथ दूर तक फेंका जा सके और हवा में घूमता हुआ जाकर निशाने पर अचूक लगे; गोलियत अजेय प्रतीत हो रहा है।

   लेकिन दाऊद, चाहे वह लड़का और देखने में गोलियत से छोटा ही है, परिणाम को गोलियत से बेहतर जानता है। गोलियत दैत्याकार दिख भी रहा था और व्यवहार भी वैसा ही कर रहा था, परन्तु जीवते परमेश्वर के सामने गोलियत की कोई हस्ती नहीं है। दाऊद के पास परमेश्वर का सही दृष्टिकोण था, इसलिए दाऊद परिस्थितियों का भी सही आंकलन कर रहा था - उसे गोलियत केवल वह दीख पड़ रहा था जो जीवते परमेश्वर की सेना को ललकार रहा था (1 शमूएल 17:26)। दाऊद गोलियत के सामने अपने चरवाहे के वस्त्रों में, अपनी लाठी, गोफन और पाँच पत्थरों को लेकर बड़े हियाव के साथ आया; क्योंकि उसका भरोसा उस पर नहीं था जो उसके पास है, वरन उसपर था जो उसके साथ है - जीवता परमेश्वर (पद 45)। दाऊद के इसी दृष्टिकोण और भरोसे ने उसे गोलियत पर विजयी किया।

   आज आप अपने जीवन में किस गोलियत का सामना कर रहे हैं? हो सकता है आपकी परेशानी का कारण आपके कार्यस्थल की कोई असंभव प्रतीत होने वाली परिस्थिति है, या कोई आर्थिक कठिनाई, या फिर कोई टूटा हुआ संबंध। ये सब या अन्य कोई भी विपरीत परिस्थिति आपको दैत्याकार लग सकती है, परन्तु परमेश्वर के सामने इन बातों की कोई हस्ती नहीं है। स्तुति गीत लेखक चार्ल्स वैस्ली द्वारा लिखे गए शब्द हमें स्मरण दिलाते हैं कि: "विश्वास, सामर्थी विश्वास, वायदा केवल उसे ही देखता है; असंभव पर हंसता है और पुकारता है कि हो जाएगा।"

   यदि परमेश्वर की इच्छा में है तो अवश्य ही आपको छुटकारा मिल जाएगा, और ऐसे तरीके से मिलेगा जिसकी आप ने कलपना भी नहीं करी होगी। - पोह फैंग चिया


परमेश्वर को यह मत बताईए कि आपकी कठिनाईयाँ कितनी बड़ी हैं; 
अपनी कठिनाईयों को यह बताईए कि आपका परमेश्वर कितना बड़ा है।

तब उसने मुझे उत्तर देकर कहा, जरूब्बाबेल के लिये यहोवा का यह वचन है : न तो बल से, और न शक्ति से, परन्तु मेरे आत्मा के द्वारा होगा, मुझ सेनाओं के यहोवा का यही वचन है। - ज़कर्याह 4:6 

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 17:32-37, 42-51
1 Samuel 17:32 तब दाऊद ने शाऊल से कहा, किसी मनुष्य का मन उसके कारण कच्चा न हो; तेरा दास जा कर उस पलिश्ती से लड़ेगा। 
1 Samuel 17:33 शाऊल ने दाऊद से कहा, तू जा कर उस पलिश्ती के विरुद्ध नहीं युद्ध कर सकता; क्योंकि तू तो लड़का ही है, और वह लड़कपन ही से योद्धा है। 
1 Samuel 17:34 दाऊद ने शाऊल से कहा, तेरा दास अपने पिता की भेड़ बकरियां चराता था; और जब कोई सिंह वा भालू झुंड में से मेम्ना उठा ले गया, 
1 Samuel 17:35 तब मैं ने उसका पीछा कर के उसे मारा, और मेम्ने को उसके मुंह से छुड़ाया; और जब उसने मुझ पर चढ़ाई की, तब मैं ने उसके केश को पकड़कर उसे मार डाला। 
1 Samuel 17:36 तेरे दास ने सिंह और भालू दोनों को मार डाला; और वह खतनारहित पलिश्ती उनके समान हो जाएगा, क्योंकि उसने जीवित परमेश्वर की सेना को ललकारा है। 
1 Samuel 17:37 फिर दाऊद ने कहा, यहोवा जिसने मुझ सिंह और भालू दोनों के पंजे से बचाया है, वह मुझे उस पलिश्ती के हाथ से भी बचाएगा। शाऊल ने दाऊद से कहा, जा, यहोवा तेरे साथ रहे।
1 Samuel 17:42 जब पलिश्ती ने दृष्टि कर के दाऊद को देखा, तब उसे तुच्छ जाना; क्योंकि वह लड़का ही था, और उसके मुख पर लाली झलकती थी, और वह सुन्दर था। 
1 Samuel 17:43 तब पलिश्ती ने दाऊद से कहा, क्या मैं कुत्ता हूं, कि तू लाठी ले कर मेरे पास आता है? तब पलिश्ती अपने देवताओं के नाम ले कर दाऊद को कोसने लगा। 
1 Samuel 17:44 फिर पलिश्ती ने दाऊद से कहा, मेरे पास आ, मैं तेरा मांस आकाश के पक्षियों और वनपशुओं को दे दूंगा। 
1 Samuel 17:45 दाऊद ने पलिश्ती से कहा, तू तो तलवार और भाला और सांग लिये हुए मेरे पास आता है; परन्तु मैं सेनाओं के यहोवा के नाम से तेरे पास आता हूं, जो इस्राएली सेना का परमेश्वर है, और उसी को तू ने ललकारा है। 
1 Samuel 17:46 आज के दिन यहोवा तुझ को मेरे हाथ में कर देगा, और मैं तुझ को मारूंगा, और तेरा सिर तेरे धड़ से अलग करूंगा; और मैं आज के दिन पलिश्ती सेना की लोथें आकाश के पक्षियों और पृथ्वी के जीव जन्तुओं को दे दूंगा; तब समस्त पृथ्वी के लोग जान लेंगे कि इस्राएल में एक परमेश्वर है। 
1 Samuel 17:47 और यह समस्त मण्डली जान लेगी की यहोवा तलवार वा भाले के द्वारा जयवन्त नहीं करता, इसलिये कि संग्राम तो यहोवा का है, और वही तुम्हें हमारे हाथ में कर देगा। 
1 Samuel 17:48 जब पलिश्ती उठ कर दाऊद का साम्हना करने के लिये निकट आया, तब दाऊद सेना की ओर पलिश्ती का साम्हना करने के लिये फुर्ती से दौड़ा। 
1 Samuel 17:49 फिर दाऊद ने अपनी थैली में हाथ डालकर उस में से एक पत्थर निकाला, और उसे गोफन में रखकर पलिश्ती के माथे पर ऐसा मारा कि पत्थर उसके माथे के भीतर घुस गया, और वह भूमि पर मुंह के बल गिर पड़ा। 
1 Samuel 17:50 यों दाऊद ने पलिश्ती पर गोफन और एक ही पत्थर के द्वारा प्रबल हो कर उसे मार डाला; परन्तु दाऊद के हाथ में तलवार न थी। 
1 Samuel 17:51 तब दाऊद दौड़कर पलिश्ती के ऊपर खड़ा हुआ, और उसकी तलवार पकड़कर मियान से खींची, और उसको घात किया, और उसका सिर उसी तलवार से काट डाला। यह देखकर कि हमारा वीर मर गया पलिश्ती भाग गए। 

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 13-15
  • 2 कुरिन्थियों 5


रविवार, 11 सितंबर 2016

बचाने के लिए


   11 सितंबर 2001 को न्यूयॉर्क शहर में हुए आतंकी हमले में वहाँ के ट्विन टावर्स के ध्वस्त हो जाने के बाद के बचाव कार्य में सहायता के लिए लाए गए खोजी कुत्तों की देखभाल सिंथिया ऑटो कर रही थीं। कुछ वर्ष पश्चात सिंथिया ने कार्य आने वाले कुत्तों के लिए एक केंद्र खोला जहाँ छोटे पिल्लों को आगे चल कर आपदा पीड़ित व्यक्त्तियों के बचाव में सहायता देने के लिए विशिष्ट प्रशीक्षण दिया जाता है। इन बचाव जानवरों के संबंध में सिंथिया ऑटो ने एक टिप्पणी करी: "ऐसे अनेकों कार्य हैं जहाँ कुत्तों की सहायता ली जाती है...वे जान बचाने में भी सहायक होते हैं।" उन पिल्लों के लिए ऑटो ने कहा कि एक दिन जान के खतरे वाली स्थिति में वे लोगों की महत्वपूर्ण सहायता करेंगे; वे बचाने के लिए ही जन्मे हैं।

   परमेश्वर का वचन बाइबल हमें प्रभु यीशु मसीह के बारे में बताती है जो मानव जाति को पाप के दण्ड से बचाने के लिए जन्मे थे। जो कार्य प्रभु यीशु ने किया वह तुलना में संसार के समस्त इतिहास के किसी भी व्यक्ति के किसी भी कार्य से कहीं बढ़कर है। दो हज़ार वर्ष पूर्व परमेश्वर स्वयं मनुष्य बन कर आ गया ताकि हमारे लिए वह कर के दे जो हम अपने लिए कभी कर नहीं सकते थे। जब परमेश्वर प्रभु यीशु के नाम से मनुष्य बनकर अवतरित हुआ तो वह यह जानता था, और उसने इसकी घोषणा भी करी, कि वह बचाने के लिए आया है; प्रभु यीशु ने कहा, "मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे" (मरकुस 10:45)।

   आईए हम इस अद्भुत तारणहार, प्रभु यीशु मसीह को समर्पण करें, उसकी जो स्वर्ग की महिमा छोड़कर पृथ्वी पर हमें बचाने के लिए आ गया ताकि जो कोई स्वेच्छा से उस पर विश्वास करे वह नाश ना हो परन्तु अनन्त जीवन पाए (यूहन्ना 3:16), आराधना और स्तुति करें। - डैनिस फिशर


प्रभु यीशु मसीह खोए हुओं को ढ़ूँढ़ने और बचाने के लिए आए।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: मरकुस 10:35-45
Mark 10:35 तब जब्‍दी के पुत्र याकूब और यूहन्ना ने उसके पास आकर कहा, हे गुरू, हम चाहते हैं, कि जो कुछ हम तुझ से मांगे, वही तू हमारे लिये करे। 
Mark 10:36 उसने उन से कहा, तुम क्या चाहते हो कि मैं तुम्हारे लिये करूं? 
Mark 10:37 उन्होंने उस से कहा, कि हमें यह दे, कि तेरी महिमा में हम में से एक तेरे दाहिने और दूसरा तेरे बांए बैठे। 
Mark 10:38 यीशु ने उन से कहा, तुम नहीं जानते, कि क्या मांगते हो? जो कटोरा मैं पीने पर हूं, क्या पी सकते हो? और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, क्या ले सकते हो? 
Mark 10:39 उन्होंने उस से कहा, हम से हो सकता है: यीशु ने उन से कहा: जो कटोरा मैं पीने पर हूं, तुम पीओगे; और जो बपतिस्मा मैं लेने पर हूं, उसे लोगे। 
Mark 10:40 पर जिन के लिये तैयार किया गया है, उन्हें छोड़ और किसी को अपने दाहिने और अपने बाएं बिठाना मेरा काम नहीं। 
Mark 10:41 यह सुन कर दसों याकूब और यूहन्ना पर रिसयाने लगे। 
Mark 10:42 और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं; और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं। 
Mark 10:43 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने। 
Mark 10:44 और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने। 
Mark 10:45 क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 10-12
  • 2 कुरिन्थियों 4