ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शुक्रवार, 19 फ़रवरी 2016

शांति


   अनेक लोगों द्वारा प्रथम विश्व युद्ध मानव इतिहास के सबसे घातक युद्धों में से एक माना जाता है। इस आधुनिक युग में, सारे विश्व के देशों फँसा लेने वाले इस प्रथम युद्ध में लाखों लोगों ने अपनी जान गँवाई। सन 1918 के ग्यारवें महीने, नवंबर, के ग्यारवें दिन के ग्यारवें घण्टे में युद्ध विराम किया गया और उस ऐतिहासिक पल में सारे संसार के लाखों लोग कुछ पल के लिए शांत हो गए और युद्ध की भारी कीमत - जान और माल के नुकसान तथा जीवनों में आई तकलीफ पर विचार किया। यह माना जाता था कि वह "महा-युद्ध", जैसा कि उसे उस समय कहा जाता था, "सब युद्धों का अन्त कर देने वाला युद्ध होगा"।

   लेकिन उस युद्ध के बाद भी अनेक अन्य घातक युद्ध विभिन्न स्थानों पर लड़े गए हैं और लड़े जा रहे हैं। परन्तु फिर भी स्थाई शांति की आशा बनी हुई है। परमेश्वर का वचन बाइबल एक संभव और वास्तविक शांति की आशा के बारे में बताती है जिसके बाद फिर कभी कोई युद्ध या अशांति नहीं होगी। प्रभु यीशु मसीह के पुनःआगमन के साथ बाइबल की यशायाह नबी की पुस्तक में दी गई भविष्यवाणी "वह जाति जाति का न्याय करेगा, और देश देश के लोगों के झगड़ों को मिटाएगा; और वे अपनी तलवारें पीट कर हल के फाल और अपने भालों को हंसिया बनाएंगे; तब एक जाति दूसरी जाति के विरुद्ध फिर तलवार न चलाएगी, न लोग भविष्य में युद्ध की विद्या सीखेंगे" (यशायाह 2:4) पूरी होगी और फिर ग्यारवाँ घण्टा गुज़र जाएगा और नए आकाश और नए पृथ्वी में अनन्त शांति का नया और प्रथम घण्टा आरंभ हो जाएगा।

   जब तक वह दिन ना आए, हम जो प्रभु यीशु के अनुयायी हैं, हमें शांति के राजकुमार प्रभु यीशु के राजदूत बनकर इस संसार के सामने उस आने वाले शांति के राज्य का सुसमाचार सब को पहुँचाना है। - डेनिस फिशर


सच्ची और स्थाई शांति केवल मसीह यीशु में प्राप्त करी जा सकती है।

सो हम मसीह के राजदूत हैं; मानो परमेश्वर हमारे द्वारा समझाता है: हम मसीह की ओर से निवेदन करते हैं, कि परमेश्वर के साथ मेल मिलाप कर लो। - 2 कुरिन्थियों 5:20

बाइबल पाठ: मत्ती 24:3-14
Matthew 24:3 और जब वह जैतून पहाड़ पर बैठा था, तो चेलों ने अलग उसके पास आकर कहा, हम से कह कि ये बातें कब होंगी और तेरे आने का, और जगत के अन्‍त का क्या चिन्ह होगा? 
Matthew 24:4 यीशु ने उन को उत्तर दिया, सावधान रहो! कोई तुम्हें न भरमाने पाए। 
Matthew 24:5 क्योंकि बहुत से ऐसे होंगे जो मेरे नाम से आकर कहेंगे, कि मैं मसीह हूं: और बहुतों को भरमाएंगे। 
Matthew 24:6 तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे; देखो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है, परन्तु उस समय अन्‍त न होगा। 
Matthew 24:7 क्योंकि जाति पर जाति, और राज्य पर राज्य चढ़ाई करेगा, और जगह जगह अकाल पड़ेंगे, और भुईंडोल होंगे। 
Matthew 24:8 ये सब बातें पीड़ाओं का आरम्भ होंगी। 
Matthew 24:9 तब वे क्‍लेश दिलाने के लिये तुम्हें पकड़वाएंगे, और तुम्हें मार डालेंगे और मेरे नाम के कारण सब जातियों के लोग तुम से बैर रखेंगे। 
Matthew 24:10 तब बहुतेरे ठोकर खाएंगे, और एक दूसरे से बैर रखेंगे। 
Matthew 24:11 और बहुत से झूठे भविष्यद्वक्ता उठ खड़े होंगे, और बहुतों को भरमाएंगे। 
Matthew 24:12 और अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्‍डा हो जाएगा। 
Matthew 24:13 परन्तु जो अन्‍त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा। 
Matthew 24:14 और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्‍त आ जाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 25
  • मरकुस 1:23-45