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शुक्रवार, 26 फ़रवरी 2016

प्रेम


   नेतृत्व पर लिखी गई पुस्तकें अकसर सर्वाधिक बिकने वाली पुस्तकों की सूची में होती हैं। ये पुस्तकें अधिकांशतः सामर्थी और प्रभावशाली अगुवा बनने के तरीके बताती हैं। किंतु हेनरी नौवेन द्वारा लिखी पुस्तक Name of Jesus: Reflections on Christian Leadership एक अलग ही दृष्टिकोण से लिखी गई है। इस पुस्तक के लेखक एक विश्वविद्यालय के भूतपूर्व प्रोफैसर हैं और उन्होंने अनेक वर्षों तक मानसिक तौर पर अपूर्ण विकसित व्यसकों के समाज में सेवा करी है। अपनी पुस्तक में वे कहते हैं, "प्रश्न ये नहीं हैं कि - कितने लोग आपको गंभीरता से लेते हैं? इससे आपको कितनी उपलब्धि प्राप्त हो जाएगी? क्या आप कोई परिणाम दिखाने पाएंगे? वरन प्रश्न यह है कि क्या आप प्रभु यीशु से प्रेम करते हैं?...अकेलेपन और निराशा से भरे हमारे संसार में, ऐसे लोगों की बहुत आवश्यकता है जो परमेश्वर के हृदय को जानते हैं; उस हृदय को जो क्षमा करता है, जो औरों की परवाह करता है, जो पहल करके तथा आगे बढ़कर लोगों को स्वास्थ्य देता है।"

   परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु के अनुयायी प्रेरित यूहन्ना ने अपनी पत्री में लिखा, "जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर से प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा" (1 यूहन्ना 4:9-10)।

   हेनरी नौवेन ने आगे लिखा कि "आने वाले समय के मसीही अगुवे वे ही होने पाएंगे जो परमेश्वर के हृदय को वास्तव में जानते होंगे; उस हृदय को जो प्रभु यीशु में सदेह होकर हमारे बीच में आया।" प्रभु यीशु में ही हम परमेश्वर के असीम, निस्वार्थ, बिना किसी शर्त पर आधारित प्रेम को जानने और अनुभव करने पाते हैं। - डेविड मैक्कैसलैंड


जब परमेश्वर का प्रेम हमारे हृदयों में होता है तब ही हमारे हृदय औरों के लिए खुलते हैं।

और वचन देहधारी हुआ; और अनुग्रह और सच्चाई से परिपूर्ण हो कर हमारे बीच में डेरा किया, और हम ने उस की ऐसी महिमा देखी, जैसी पिता के एकलौते की महिमा। - यूहन्ना 1:14

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 4:7-10
1 John 4:7 हे प्रियों, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। 
1 John 4:8 जो प्रेम नहीं रखता, वह परमेश्वर को नहीं जानता है, क्योंकि परमेश्वर प्रेम है। 
1 John 4:9 जो प्रेम परमेश्वर हम से रखता है, वह इस से प्रगट हुआ, कि परमेश्वर ने अपने एकलौते पुत्र को जगत में भेजा है, कि हम उसके द्वारा जीवन पाएं। 
1 John 4:10 प्रेम इस में नहीं कि हम ने परमेश्वर ने प्रेम किया; पर इस में है, कि उसने हम से प्रेम किया; और हमारे पापों के प्रायश्‍चित्त के लिये अपने पुत्र को भेजा।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 15-16
  • मरकुस 6:1-29