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रविवार, 28 फ़रवरी 2016

स्त्रोत


   अमेरिका के मिशिगन प्रांत के ऊपरी प्रायद्वीप में एक अद्भुत प्राकृतिक अजूबा है - एक कुण्ड जो लगभग 40 फीट गहरा और 300 फीट चौड़ा है। उस इलाके के मूल निवासी उसे "किच-इटी- किपि" अर्थात "बड़ा ठण्डा पानी" कहते थे। आज यह कुण्ड "बड़ा झरना" कहलाता है। इस कुण्ड का स्त्रोत धरती के अन्दर से चट्टानों में होकर आने वाला पानी है जो 10,000 गैलन प्रति मिनिट की गति से इसमें आता रहता है। इसकी एक और विलक्षण बात है इसका निरन्तर एक समान रहने वाला तापमान - हर ऋतु में इस झरने के जल का तापमान 45 डिग्री फैरन्हाईट ही बना रहता है; इसलिए उस इलाके की भीषण ठण्ड में भी इसका पानी जमता नहीं और सैलानी सारे वर्ष इसका आनन्द ले सकते हैं।

   जब प्रभु यीशु का, सामरिया के एक गाँव में स्थित याकूब के कुएं पर, एक स्त्री से वार्तालाप हुआ तो प्रभु ने उस स्त्री को एक सदा सन्तुष्ट करने वाले जल-स्त्रोत के बारे में बताया। लेकिन यह जल-स्त्रोत कोई झरना, कुण्ड, नदी या तालाब नहीं था, और ना ही कोई सामान्य दिखने वाला जल था। प्रभु यीशु ने उस स्त्री से जीवन के जल की बात करी जो अनन्त जीवन के लिए था: "परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा" (यूहन्ना 4:14)।

   किसी भी प्राकृतिक जल के स्त्रोत से मिलने वाली तृप्ति बढ़कर वह तृप्ति है जो प्रभु यीशु मसीह से हमें मिलती है। केवल प्रभु यीशु से मिलने वाले जीवन के जल से ही हमारी अनन्त जीवन की प्यास बुझ सकती है, और ना केवल वह जीवन जल हमारी प्यास बुझाता है वरन हम में होकर औरों तक भी पहुँचता है उनकी भी प्यास बुझाता है। संसार के सभी लोगों के लिए प्रभु यीशु ही जीवन-जल का कभी ना समाप्त होने वाला स्त्रोत है। - बिल क्राउडर


जीवन की प्यास बुझाने का एकमात्र सच्चा स्त्रोत है प्रभु यीशु मसीह।

यीशु ने उन से कहा, जीवन की रोटी मैं हूं: जो मेरे पास आएगा वह कभी भूखा न होगा और जो मुझ पर विश्वास करेगा, वह कभी प्यासा न होगा। - यूहन्ना 6:35

बाइबल पाठ: यूहन्ना 4:5-14
John 4:5 सो वह सूखार नाम सामरिया के एक नगर तक आया, जो उस भूमि के पास है, जिसे याकूब ने अपने पुत्र यूसुफ को दिया था। 
John 4:6 और याकूब का कूआं भी वहीं था; सो यीशु मार्ग का थका हुआ उस कूएं पर यों ही बैठ गया, और यह बात छठे घण्टे के लगभग हुई। 
John 4:7 इतने में एक सामरी स्त्री जल भरने को आई: यीशु ने उस से कहा, मुझे पानी पिला। 
John 4:8 क्योंकि उसके चेले तो नगर में भोजन मोल लेने को गए थे। 
John 4:9 उस सामरी स्त्री ने उस से कहा, तू यहूदी हो कर मुझ सामरी स्त्री से पानी क्यों मांगता है? (क्योंकि यहूदी सामरियों के साथ किसी प्रकार का व्यवहार नहीं रखते)। 
John 4:10 यीशु ने उत्तर दिया, यदि तू परमेश्वर के वरदान को जानती, और यह भी जानती कि वह कौन है जो तुझ से कहता है; मुझे पानी पिला तो तू उस से मांगती, और वह तुझे जीवन का जल देता। 
John 4:11 स्त्री ने उस से कहा, हे प्रभु, तेरे पास जल भरने को तो कुछ है भी नहीं, और कूआं गहिरा है: तो फिर वह जीवन का जल तेरे पास कहां से आया? 
John 4:12 क्या तू हमारे पिता याकूब से बड़ा है, जिसने हमें यह कूआं दिया; और आप ही अपने सन्तान, और अपने ढोरों समेत उस में से पीया? 
John 4:13 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि जो कोई यह जल पीएगा वह फिर प्यासा होगा। 
John 4:14 परन्तु जो कोई उस जल में से पीएगा जो मैं उसे दूंगा, वह फिर अनन्तकाल तक प्यासा न होगा: वरन जो जल मैं उसे दूंगा, वह उस में एक सोता बन जाएगा जो अनन्त जीवन के लिये उमड़ता रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • गिनती 20-22
  • मरकुस 7:1-13