ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 28 मार्च 2016

विजयी


   हाल ही में मैंने एक प्राचीन पेन्टिंग देखी, जिस ने मुझे बहुत प्रभावित किया। उस पेन्टिंग का शीर्षक था Anastasis, जिसका अर्थ होता है ’पुनरुत्थान’, और इस चित्र में मसीह यीशु के मृत्यु पर विजयी होने को एक अद्भुत तरीके से दिखाया गया है - प्रभु यीशु, अपनी कब्र से निकलते ही आदम और हव्वा को भी उनके ताबूतों में से अनन्त जीवन के लिए बाहर निकाल रहे हैं। इस कलाकृति की विलक्षण बात है इसमें प्रदर्शित पाप के कारण आई आत्मिक और शारीरिक मृत्यु को कैसे प्रभु यीशु के पुनरुत्थान ने उलट दिया।

   क्रुस पर अपनी मृत्यु से पहले प्रभु यीशु ने उस महिमामय दिन की भविष्यवाणी करी थी जब वह अपने विश्वासियों को एक नए और महिमित जीवन में ले जाएंगे: "इस से अचंभा मत करो, क्योंकि वह समय आता है, कि जितने कब्रों में हैं, उसका शब्द सुनकर निकलेंगे। जिन्हों ने भलाई की है वे जीवन के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे और जिन्हों ने बुराई की है वे दंड के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे" (यूहन्ना 5:28-29)।

   प्रभु यीशु के म्रुत्यु पर विजयी होने के कारण, उनके विश्वासियों के लिए अब मृत्यु और कब्र का कोई भय नहीं है। अपने प्रीय जनों से इस जीवन में मृत्यु द्वारा अलग होने पर हमारा दुःखी और शोकित होना स्वाभाविक है, लेकिन एक मसीही विश्वासी को उनके समान जिनके पास कोई आशा नहीं है शोकित नहीं होना है (1 थिस्सुलुनीकियों 4:13)। प्रभु यीशु के मृतकों में से पुनरुत्थान का तात्पर्य है कि एक दिन सभी मसीही विश्वासी भी जिलाए जाएंगे और महिमित देह धारण कर लेंगे (1 कुरिन्थियों 15:42-44), और अनन्त काल तक प्रभु के साथ रहेंगे (1 थिस्स्लुनीकियों 4:17) - अब वे मसीह यीशु में होकर शैतान और मृत्यु पर विजयी हैं। - डेनिस फिशर


क्योंकि मसीह यीशु जीवित है, उसके विश्वासी जन भी जीवित रहेंगे।

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: यूहन्ना 5:24-30
John 5:24 मैं तुम से सच सच कहता हूं, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वाले की प्रतीति करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार हो कर जीवन में प्रवेश कर चुका है। 
John 5:25 मैं तुम से सच सच कहता हूं, वह समय आता है, और अब है, जिस में मृतक परमेश्वर के पुत्र का शब्द सुनेंगे, और जो सुनेंगे वे जीएंगे। 
John 5:26 क्योंकि जिस रीति से पिता अपने आप में जीवन रखता है, उसी रीति से उसने पुत्र को भी यह अधिकार दिया है कि अपने आप में जीवन रखे। 
John 5:27 वरन उसे न्याय करने का भी अधिकार दिया है, इसलिये कि वह मनुष्य का पुत्र है। 
John 5:28 इस से अचम्भा मत करो, क्योंकि वह समय आता है, कि जितने कब्रों में हैं, उसका शब्द सुनकर निकलेंगे। 
John 5:29 जिन्हों ने भलाई की है वे जीवन के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे और जिन्हों ने बुराई की है वे दंड के पुनरुत्थान के लिये जी उठेंगे। 
John 5:30 मैं अपने आप से कुछ नहीं कर सकता; जैसा सुनता हूं, वैसा न्याय करता हूं, और मेरा न्याय सच्चा है; क्योंकि मैं अपनी इच्छा नहीं, परन्तु अपने भेजने वाले की इच्छा चाहता हूं।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 4-6
  • लूका 4:31-44