ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 24 अगस्त 2016

धन्यवादी


   जब हम कठिनाईयों और संकटों का सामना कर रहे होते हैं, तब परमेश्वर के अनुग्रह और विश्वासयोग्यता को भूल जाना आसान होता है। लेकिन बीते समयों में हमारे प्रति उसकी भलाईयों के लिए परमेश्वर के प्रति एक धन्यवादी हृदय बनाए रखना सदा अच्छा रहता है, और ऐसा करने का एक तरीका है प्रतिदिन कुछ तय समय निर्धारित करना जिसमें हम बीते दिनों में परमेश्वर से मिली सहायता, उसके प्रावधानों और उसकी दया को ध्यान लगाकर स्मरण करें और उनके लिए उसका धन्यवाद करें।

   जब इस्त्राएल के लोग मिस्त्र की गुलामी से निकलकर कनान देश की ओर जा रहे थे तो बंजर बीहड़ की कठिन परिस्थितियों में आने पर वे अपने प्रति परमेश्वर के कार्यों और भलाईयों को भूल गए। वे इच्छा करने लगे कि काश वे वापस मिस्त्र में होते, और वहाँ तरह-तरह के भोजन का स्वाद ले रहे होते (निर्गमन 16:2-3); कुछ समय बाद वे पानी की कमी को लेकर कुड़कुड़ाने लगे (निर्गमन 17:2)। वे परमेश्वर के उन महान कार्यों को भूल गए जिनके कारण उन्हें गुलामी से स्वतंत्रता मिली थी; वे उस संपदा को भी भूल गए जो मिस्त्र से निकलते समय उन्हें मिल गई थी (निर्गमन 12:36)। वे इस्त्राएली केवल अपनी वर्तमान परिस्थितियों पर ही केंद्रित थे, और बीते समय में उनके प्रति प्रदर्शित परमेश्वर की विश्वासयोग्यता को भूल बैठे थे।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार हमें उत्साहित करता है, "यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है" (भजन 118:1)। जिस शब्द अनुवाद ’करुणा’ हुआ है, उसका तात्पर्य ’लगातार बना रहने वाला प्रेम’ भी है, जो परमेश्वर की सदाकाल की विश्वासयोग्यता को दिखाता है। परमेश्वर ने अपने बच्चों से वायदा किया है कि वह सदा उनके साथ रहेगा और उनकी देख-भाल करता रहेगा।

   जब हम उन बातों और कार्यों को स्मरण करते हैं जिनमें होकर हमने परमेश्वर के प्रावधान और सहायता को अनुभव किया है, उनके लिए परमेश्वर के प्रति धन्यवादी होते हैं, तो इससे परिस्थितियों और समस्याओं के प्रति हमारा दृष्टिकोण बेहतर के लिए परिवर्तित हो जाता है, हमारा विश्वास और भी दृढ़ हो जाता है कि परमेश्वर की विश्वासयोग्यता सदा बनी रहती है। - डेनिस फिशर


बीते समय में परमेश्वर से मिली सहायता और प्रावधान 
आज के लिए सामर्थ और आते समय के लिए आशा प्रदान करते हैं।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 118:1-14
Psalms 118:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है! 
Psalms 118:2 इस्राएल कहे, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:3 हारून का घराना कहे, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:4 यहोवा के डरवैये कहें, उसकी करूणा सदा की है। 
Psalms 118:5 मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया। 
Psalms 118:6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है? 
Psalms 118:7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायकों में है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट हूंगा। 
Psalms 118:8 यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है। 
Psalms 118:9 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
Psalms 118:10 सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:11 उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:12 उन्होंने मुझे मधुमक्खियों की नाईं घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग की नाईं वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा! 
Psalms 118:13 तू ने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पडूं परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की। 
Psalms 118:14 परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 116-118
  • 1 कुरिन्थियों 7:1-19