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शुक्रवार, 9 सितंबर 2016

शान्तिदूत


   किसी ने कलपना भी नहीं की थी कि अमेरिका के टेक्सस प्रांत में उमबार्जर का वह छोटा सा चर्च चित्रकला का अन्तर्राष्ट्रीय मंच बन जाएगा। दूसरे विश्वयुद्ध के अन्त समय में, इटली के सात युद्ध-बन्दियों को, जो निकट के एक युद्ध-बन्दी शिविर में रखे गए थे, चुना गया कि वे उस चर्च की ईंटों से बनी साधारण सी दीवर को संवारने का कार्य करें। पहले तो वे बन्दी अपने बंधकों की सहायता करने से हिचकिचाए, परन्तु फिर वे इस शर्त पर ऐसा करने को राज़ी हो गए कि उनका कार्य मसीही भाईचारे और सामनजस्य को समर्पित प्रयास माना जाए। उनमें से एक युद्ध-बन्दी ने बाद में बताया कि जब उन्होंने इस कार्य को करना आरंभ किया, तो चित्र बनाते समय और लकड़ी पर प्रभु यीशु के अन्तिम भोज की नक्काशी करते हुए, "भले भाव की एक लहर अपने आप ही हम में होकर प्रवाहित होने लग गई। कोई भी युद्ध अथवा बीते समय के बारे में बात नहीं करता था, क्योंकि हम यहाँ शान्ति तथा प्रेम का कार्य कर रहे थे।"

   हमारे जीवन परमेश्वर के प्रेम का परिचय दे पाने की अनोखी संभावनाओं से भरे रहते हैं। हम अपने आप को कठोर भावनाओं, तनाव पूर्ण संबंधों और सीमित कर देने वाली परिस्थितियों से घिरे तथा बंधे अनुभव कर सकते हैं; परन्तु शान्ति में सामर्थ है कि वह किसी भी बाधा से पार निकलकर बाहर आ सकती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब ने अपनी पत्री में लिखा, "पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है। और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है" (याकूब 3:17-18)।

   आज हम चाहे जहाँ भी हों, चाहे जैसी भी परिस्थिति में हों, परमेश्वर से प्रार्थना करें कि वह वहीं पर हमें अपने शान्तिदूत बनाकर उपयोग करे। - डेविड मैक्कैसलैंड


सर्वोत्तम शान्तिदूत वे होते हैं जो अपने जीवनों में परमेश्वर की शान्ति को जानते हैं।

धन्य हैं वे, जो मेल करवाने वाले हैं, क्योंकि वे परमेश्वर के पुत्र कहलाएंगे। - मत्ती 5:9

बाइबल पाठ: याकूब 3:13-18
James 3:13 तुम में ज्ञानवान और समझदार कौन है? जो ऐसा हो वह अपने कामों को अच्‍छे चालचलन से उस नम्रता सहित प्रगट करे जो ज्ञान से उत्पन्न होती है। 
James 3:14 पर यदि तुम अपने अपने मन में कड़वी डाह और विरोध रखते हो, तो सत्य के विरोध में घमण्‍ड न करना, और न तो झूठ बोलना। 
James 3:15 यह ज्ञान वह नहीं, जो ऊपर से उतरता है वरन सांसारिक, और शारीरिक, और शैतानी है। 
James 3:16 इसलिये कि जहां डाह और विरोध होता है, वहां बखेड़ा और हर प्रकार का दुष्‍कर्म भी होता है। 
James 3:17 पर जो ज्ञान ऊपर से आता है वह पहिले तो पवित्र होता है फिर मिलनसार, कोमल और मृदुभाव और दया, और अच्‍छे फलों से लदा हुआ और पक्षपात और कपट रहित होता है। 
James 3:18 और मिलाप कराने वालों के लिये धामिर्कता का फल मेल-मिलाप के साथ बोया जाता है।

एक साल में बाइबल: 
  • नीतिवचन 6-7
  • 2 कुरिन्थियों 2