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बुधवार, 9 नवंबर 2016

दीवारें


   दूसरे विश्वयुद्ध के बाद के वर्षों को "शीत युद्ध" का समय कहा जाता है, जिसमें देश एक-दूसरे को डराने-धमकाने और वर्चस्व के लिए एक-दूसरे पर पैंतरे आज़माते रहे। इस सुलगते हुए वैमनस्य का एक चिन्ह था बर्लिन शहर को विभाजित करने वाली दीवार, जिसे अगस्त 1961 में खड़ा किया गया, और जो लगभग तीन दशक तक शीत युद्ध का प्रबल चिन्ह बनी रही। फिर 9 नवंबर 1989 को यह घोषणा करी गई कि उस दीवार की पूर्व और पश्चिम, दोनों ओर रहने वाले नागरिक स्वतंत्रता पूर्वक दीवार के पार एक दूसरे के पास आ-जा सकते हैं। इसके एक वर्ष पश्चात उस दीवार को गिरा दिया गया।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यूसुफ के जीवन का वृतांत दिया गया है जो चिर-परिचित है। युसुफ अपने पिता का दुलारा बेटा था जिस कारण उसके अन्य भाई उससे ईर्ष्या तथा बैर करते थे (उत्पत्ति 37-50)। उन भाईयों मे अवसर पाकर यूसुफ को गुलामी में बेच दिया और पिता से झूठ बोल दिया कि यूसुफ को किसी जानवर ने मार डाला है। लेकिन यूसुफ ने अपने तथा अपने भाईयों के बीच बैर की दीवार खड़ी नहीं करी। वर्षों पश्चात, परमेश्वर की अद्भुत योजना और तरीकों से यूसुफ मिस्त्र का प्रधानमंत्री बन गया और जब उस इलाके में भयानक अकाल पड़ा तो यूसुफ के भाई, जो उसके बारे में अब कुछ नहीं जानते थे, उसके पास मिस्त्र में भोजन लेने आए। यूसुफ ने उन से दया और प्रेम का ही बर्ताव किया, उन्हें अपने पास मिस्त्र में रहने के लिए बुलाया और उनकी आशंकाओं को शांत करते तथा अपने संबंध को दृढ़ करते हुए उन से कहा, "यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी" (उत्पत्ति 50:20-21)।

   मनुष्यों द्वारा बनाई गई एक दमनात्मक दीवार 25 वर्ष से भी अधिक पहले ढा दी गई, जिससे वहाँ के निवासियों को परस्पर मिलने की स्वतंत्रता और परिवारों को फिर से एक हो जाने अवसर मिल गया। यदि आपने किसी के साथ क्रोध और विभाजन करने वाली कोई दीवारें खड़ी कर लीं हैं, तो परमेश्वर की सहायता से उन्हें ढा दें और प्रेम के साथ अपने संबंधों को पुनःस्थापित कर लें। - डेविड मैक्कैसलैंड


क्रोध तथा बैर जो दीवारें खड़ी करते हैं, प्रेम उन्हें गिरा देता है।

प्रेम धीरजवन्‍त है, और कृपाल है; प्रेम डाह नहीं करता; प्रेम अपनी बड़ाई नहीं करता, और फूलता नहीं। वह अनरीति नहीं चलता, वह अपनी भलाई नहीं चाहता, झुंझलाता नहीं, बुरा नहीं मानता। कुकर्म से आनन्‍दित नहीं होता, परन्तु सत्य से आनन्‍दित होता है। वह सब बातें सह लेता है, सब बातों की प्रतीति करता है, सब बातों की आशा रखता है, सब बातों में धीरज धरता है। - 1 कुरिन्थियों 13:4-7

बाइबल पाठ: उत्पत्ति 50:15-21
Genesis 50:15 जब यूसुफ के भाइयों ने देखा कि हमारा पिता मर गया है, तब कहने लगे, कदाचित यूसुफ अब हमारे पीछे पड़े, और जितनी बुराई हम ने उस से की थी सब का पूरा पलटा हम से ले। 
Genesis 50:16 इसलिये उन्होंने यूसुफ के पास यह कहला भेजा, कि तेरे पिता ने मरने से पहिले हमें यह आज्ञा दी थी, 
Genesis 50:17 कि तुम लोग यूसुफ से इस प्रकार कहना, कि हम बिनती करते हैं, कि तू अपने भाइयों के अपराध और पाप को क्षमा कर; हम ने तुझ से बुराई तो की थी, पर अब अपने पिता के परमेश्वर के दासों का अपराध क्षमा कर। उनकी ये बातें सुनकर यूसुफ रो पड़ा।
Genesis 50:18 और उसके भाई आप भी जाकर उसके साम्हने गिर पड़े, और कहा, देख, हम तेरे दास हैं। 
Genesis 50:19 यूसुफ ने उन से कहा, मत डरो, क्या मैं परमेश्वर की जगह पर हूं? 
Genesis 50:20 यद्यपि तुम लोगों ने मेरे लिये बुराई का विचार किया था; परन्तु परमेश्वर ने उसी बात में भलाई का विचार किया, जिस से वह ऐसा करे, जैसा आज के दिन प्रगट है, कि बहुत से लोगों के प्राण बचे हैं। 
Genesis 50:21 सो अब मत डरो: मैं तुम्हारा और तुम्हारे बाल-बच्चों का पालन पोषण करता रहूंगा; इस प्रकार उसने उन को समझा बुझाकर शान्ति दी।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 46-47
  • इब्रानियों 6