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गुरुवार, 24 नवंबर 2016

उपस्थिति और आशा


   जब मैंने परमेश्वर के वचन बाइबल से यिर्मयाह 1 से 4 का खण्ड पढ़ने के लिए खोला तो उस खण्ड के शीर्षक: "विलाप के समय में आशा" ने मुझे चकित किया; मैं लगभग रो ही पड़ी। मेरे लिए इस शीर्षक का समय बिलकुल उचित था, क्योंकि उन दिनों मैं अपनी माँ के देहाँत के बाद शोक के समय से निकल रही थी।

   उससे पहले दिन भी, अपने पास्टर द्वारा दिए गए प्रवचन को सुनकर भी मैंने कुछ ऐसा ही अनुभव किया। उस प्रवचन का शीर्षक था "सताव में आनन्दित होना"; उसे उन्होंने 1 पतरस 1:3-9 से लिया था। उस प्रवचन के दौरान उन्होंने अपने जीवन से एक उदाहरण दिया: उनके पिता के देहाँत की पहली बरसी का। वह प्रवचन अनेकों के लिए बहुत अर्थपूर्ण तो था ही, परन्तु मेरे लिए तो जैसे यह परमेश्वर से आने वाला उपहार था। यह और अन्य ऐसी घटनाएं, तथा परमेश्वर के वचन की बातें, इस बात का संकेत थे कि मेरे शोक के समय में भी परमेश्वर ने मुझे अकेला नहीं छोड़ा है।

   यद्यपि शोक का मार्ग कठिन होता है, लेकिन उस में भी परमेश्वर हमारे साथ अपनी अटल उपस्थिति के संकेत पहुँचाता रहता है। जब इस्त्राएलियों को ढिठाई और परमेश्वर की अनाज्ञाकारिता के करण वाचा किए हुए देश से निकलने का दण्ड सहना पड़ा, तब भी परमेश्वर ने यिर्मयाह जैसे भविष्यद्वक्ताओं को उनके पास भेज कर उन्हें आशा दी कि पश्चाताप द्वारा परमेश्वर के साथ उनका मेल-मिलाप फिर से हो सकता है। और उन्हें, जिन्हें वह परीक्षा के समय में से होकर लिए चलता है, वह अपनी उपस्थिति का एहसास अपने विश्वासियों के समुदाय से मिलने वाले प्रेम और देखभाल में होकर करवाता है: "सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो" (1 पतरस 1:22)।

   पृथ्वी पर आने वाली परीक्षाओं के समय में परमेश्वर की उपस्थिति के ये संकेत परमेश्वर के इस वायदे की खराई को दर्शाते हैं कि प्रभु यीशु के पुनरुत्थान के समान जब हम मसीही विश्वासियों का भी वैसा ही पुनरुत्थान होगा, तो प्रभु परमेश्वर की अनन्तकाल की उपस्थिति में परम आनन्द से परिपूर्ण अनन्त जीवन की भव्य आशा हमारी प्रतीक्षा कर रही है। - जूली ऐकैरमैन लिंक


हमें अपने आँसुओं के लिए कभी शर्मिंदा नहीं होना चाहिए। - डिकिन्स

हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर, और पिता का धन्यवाद हो, जो दया का पिता, और सब प्रकार की शान्‍ति का परमेश्वर है। वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:3-4

बाइबल पाठ: 1 पतरस 1:1-9
1 Peter 1:1 पतरस की ओर से जो यीशु मसीह का प्रेरित है, उन परदेशियों के नाम, जो पुन्‍तुस, गलतिया, कप्‍पदुकिया, आसिया, और बिथुनिया में तित्तर बित्तर हो कर रहते हैं। 
1 Peter 1:2 और परमेश्वर पिता के भविष्य ज्ञान के अनुसार, आत्मा के पवित्र करने के द्वारा आज्ञा मानने, और यीशु मसीह के लोहू के छिड़के जाने के लिये चुने गए हैं। तुम्हें अत्यन्‍त अनुग्रह और शान्‍ति मिलती रहे।
1 Peter 1:3 हमारे प्रभु यीशु मसीह के परमेश्वर और पिता का धन्यवाद दो, जिसने यीशु मसीह के मरे हुओं में से जी उठने के द्वारा, अपनी बड़ी दया से हमें जीवित आशा के लिये नया जन्म दिया। 
1 Peter 1:4 अर्थात एक अविनाशी और निर्मल, और अजर मीरास के लिये। 
1 Peter 1:5 जो तुम्हारे लिये स्वर्ग में रखी है, जिस की रक्षा परमेश्वर की सामर्थ से, विश्वास के द्वारा उस उद्धार के लिये, जो आने वाले समय में प्रगट होने वाली है, की जाती है। 
1 Peter 1:6 और इस कारण तुम मगन होते हो, यद्यपि अवश्य है कि अब कुछ दिन तक नाना प्रकार की परीक्षाओं के कारण उदास हो। 
1 Peter 1:7 और यह इसलिये है कि तुम्हारा परखा हुआ विश्वास, जो आग से ताए हुए नाशमान सोने से भी कहीं, अधिक बहुमूल्य है, यीशु मसीह के प्रगट होने पर प्रशंसा, और महिमा, और आदर का कारण ठहरे। 
1 Peter 1:8 उस से तुम बिन देखे प्रेम रखते हो, और अब तो उस पर बिन देखे भी विश्वास कर के ऐसे आनन्‍दित और मगन होते हो, जो वर्णन से बाहर और महिमा से भरा हुआ है। 
1 Peter 1:9 और अपने विश्वास का प्रतिफल अर्थात आत्माओं का उद्धार प्राप्त करते हो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहेजेकल 22-23
  • 1 पतरस 1