ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 24 जनवरी 2017

सहायक


   मेरे नाती-पोते उस समय छोटे थे जब मैं उन्हें The Lion King कहानी का नाट्य-रूपांतर दिखाने ले कर गया। उस कहानी में छोटा शेर, सिंबा, अपने मृतक पिता राजा मुफासा, जिसे उसके दुष्ट चाचा ने मार डाला है, के पास खड़ा है, सिंबा अकेला और भयभीत है और रोते हुए पुकार रहा है, सहायता, सहायता, सहायता करो। इस दृश्य को देखकर मेरा तीन वर्ष का पोता उस थिएटर में अपनी कुर्सी पर खड़ा होकर ज़ोर से चिल्लाया, "कोई जाकर उसकी सहायता क्यों नहीं कर रहा है?"

   परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में अनेकों स्थानों पर परमेश्वर के लोगों ने सहायता के लिए दोहाई दी है, यद्यपि जिस कठिनाई में वे थे वह उनके अपने ही दुराचार के कारण उन पर आई थी। परन्तु परमेश्वर फिर भी उनकी सहायता करने के लिए इच्छुक था।

   यशायाह भविष्यद्वक्ता को परमेश्वर के लोगों, इस्त्राएलियों के लिए, उनके परमेश्वर से विमुख होकर अनाज्ञाकारिता में जीने के कारण, बहुत से कठोर और बुरे समाचार देने थे; परन्तु उन सब के मध्य उसने उन से यह भी कहा, "तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊँचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं। हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा" (यशायाह 30:18-19)। ना केवल परमेश्वर अपने पथ भ्रष्ट लोगों की सहायता के लिए इच्छुक रहता है, वरन वह चाहता है कि उसके अपने लोग ही उन पथ भ्रष्ट लोगों की सहायता के लिए आगे बढ़ें (यशायाह 58:10)।

   आज हमारे चारों ओर ऐसे लोगों की कमी नहीं है जो आगे बढ़कर सहायता करें, ज़रूरतमन्दों के सहायक हों। यह बहुत महान कार्य है कि हम परमेश्वर की सहायता के हाथ बनकर सहायता की पुकार करने वालों के सहायक बनें। जो स्टोवैल


सहायता का हाथ बढ़ा कर दिखाएं कि परमेश्वर परवाह करता है।

वह हमारे सब क्‍लेशों में शान्‍ति देता है; ताकि हम उस शान्‍ति के कारण जो परमेश्वर हमें देता है, उन्हें भी शान्‍ति दे सकें, जो किसी प्रकार के क्‍लेश में हों। - 2 कुरिन्थियों 1:4

बाइबल पाठ: यशायाह 30:15-22
Isaiah 30:15 प्रभु यहोवा, इस्राएल का पवित्र यों कहता है, लौट आने और शान्त रहने में तुम्हारा उद्धार है; शान्त रहते और भरोसा रखने में तुम्हारी वीरता है। परन्तु तुम ने ऐसा नहीं किया, 
Isaiah 30:16 तुम ने कहा, नहीं, हम तो घोड़ों पर चढ़ कर भागेंगे, इसलिये तुम भागोगे; और यह भी कहा कि हम तेज सवारी पर चलेंगे, सो तुम्हारा पीछा करने वाले उस से भी तेज होंगे। 
Isaiah 30:17 एक ही की धमकी से एक हजार भागेंगे, और पांच की धमकी से तुम ऐसा भागोगे कि अन्त में तुम पहाड़ की चोटी के डण्डे वा टीले के ऊपर की ध्वजा के समान रह जाओगे जो चिन्ह के लिये गाड़े जाते हैं। 
Isaiah 30:18 तौभी यहोवा इसलिये विलम्ब करता है कि तुम पर अनुग्रह करे, और इसलिये ऊंचे उठेगा कि तुम पर दया करे। क्योंकि यहोवा न्यायी परमेश्वर है; क्या ही धन्य हैं वे जो उस पर आशा लगाए रहते हैं।
Isaiah 30:19 हे सिय्योन के लोगों तुम यरूशलेम में बसे रहो; तुम फिर कभी न रोओगे, वह तुम्हारी दोहाई सुनते ही तुम पर निश्चय अनुग्रह करेगा: वह सुनते ही तुम्हारी मानेगा। 
Isaiah 30:20 और चाहे प्रभु तुम्हें विपत्ति की रोटी और दु:ख का जल भी दे, तौभी तुम्हारे उपदेशक फिर न छिपें, और तुम अपनी आंखों से अपने उपदेशकों को देखते रहोगे। 
Isaiah 30:21 और जब कभी तुम दाहिनी वा बाईं ओर मुड़ने लगो, तब तुम्हारे पीछे से यह वचन तुम्हारे कानों में पड़ेगा, मार्ग यही है, इसी पर चलो। 
Isaiah 30:22 तब तुम वह चान्दी जिस से तुम्हारी खुदी हुई मूत्तियां मढ़ी हैं, और वह सोना जिस से तुम्हारी ढली हुई मूत्तियां आभूषित हैं, अशुद्ध करोगे। तुम उन को मैले कुचैले वस्त्र की नाईं फेंक दोगे और कहोगे, दूर हो।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 9-11
  • मत्ती 15:21-39


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें