ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

गुरुवार, 22 जून 2017

परिवर्तन


   भूत-पूर्व व्यवसायिक खिलाड़ी, क्रिस सैन्डर्स, सेवा-निवृत हुए सैनिकों को संबोधित कर रहे थे। सैन्डर्स को एक चोट के कारण खेलने की अपनी जीविका को छोड़ना पड़ा था, और जीवन यापन के लिए अन्य साधनों का सहारा लेना पड़ा था। सैन्डर्स ने उन सैनिकों से कहा, "यद्यपि मैंने कभी युद्ध-क्षेत्र का अनुभव नहीं किया है, परन्तु मैं परिवर्तन करने के लिए बाध्य कर देने वाली परिस्थितियों को समझता हूँ।"

   चाहे वह नौकरी का जाना हो, या वैवाहिक असफलता, या कोई गंभीर बीमारी, अथवा कोई आर्थिक हानि, प्रत्येक बड़ा परिवर्तन चुनैतियाँ साथ लेकर आता है। उस भूत-पूर्व खिलाड़ी ने उन सैनिकों को समझाया कि परिवर्तन के समय में नए जीवन में पाँव जमाने के लिए सफलता की कुँजी है अपने आप को स्थिर करने के लिए आगे बढ़कर दूसरों से सहायता प्राप्त करना।

   परमेश्वर के वचन बाइबल में यहोशू नामक पुस्तक ऐसे परिवर्तनों के समय में मार्गदर्शन पाने के लिए अवश्य पढ़ी जानी चाहिए। इस पुस्तक के आरंभ में हम पाते हैं कि मिस्त्र की गुलामी से निकलने के बाद 40 वर्ष तक जंगल की यात्रा करने और यात्रा के दौरान अनेकों कठिन परिस्थितियों का सामना करने के पश्चात, परमेश्वर के लोग, वाचा किए गए कनान देश में प्रवेश करने को हैं, उस देश की सीमा पर खड़े हैं। उन्हें मिस्त्र से निकाल कर लाने वाले और जंगल में उनकी अगुवाई करने वाले उनके महान अगुवे, मूसा का देहान्त हो गया है, और अब मूसा के स्थान पर मूसा के सहायक यहोशू के हाथ में यह ज़िम्मेदारी है कि वह इस्त्राएल को कनान में ले जाकर उन्हें वहाँ बसाए, उस भूमि को उनके गोत्रों में बाँट दे, और यहोशू इस बड़ी ज़िम्मेदारी के सामने अपने आप को इसे निभाने के लिए अयोग्य अनुभव कर रहा है।

   ऐसे में परमेश्वर यहोशू से कहता है, "इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा" (यहोशू 1:7)। अर्थात, परमेश्वर के वचनों को ही यहोशू के लिए इस्त्राएल को नेतृत्व और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए सदा आधार होना था; और यही मार्गदर्शन तथा आधार आज हमारे लिए भी हर बात के लिए वैसे ही आवश्यक तथा उपयोगी है। परमेश्वर ने जो आज्ञा और प्रतिज्ञा यहोशू से की वही हम मसीही विश्वासियों पर भी आज वैसे ही लागू है: "क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा" (यहोशू 1:9)।

   हमें किसी भी परिवर्तन से घबराने की आवश्यकता नहीं है; हमारा परमेश्वर पिता हमारी सहायता और मार्गदर्शन के लिए हमारा सदैव उपलब्ध सहायक है। - डेविड मैक्कैसलैंड


प्रत्येक परिवर्तन में वह अपरिवर्तनीय परमेश्वर पिता
 हमारे प्रति विश्वासयोग्य बना रहता है।

और तेरे आगे आगे चलने वाला यहोवा है; वह तेरे संग रहेगा, और न तो तुझे धोखा देगा और न छोड़ देगा; इसलिये मत डर और तेरा मन कच्चा न हो। - व्यवस्थाविवरण 31:8

बाइबल पाठ: यहोशू 1:1-11
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा, 
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं। 
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं। 
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा। 
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा। 
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा। 
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा। 
Joshua 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। 
Joshua 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।
Joshua 1:10 तब यहोशू ने प्रजा के सरदारों को यह आज्ञा दी, 
Joshua 1:11 कि छावनी में इधर उधर जा कर प्रजा के लोगों को यह आज्ञा दो, कि अपने अपने लिये भोजन तैयार कर रखो; क्योंकि तीन दिन के भीतर तुम को इस यरदन के पार उतरकर उस देश को अपने अधिकार में लेने के लिये जाना है जिसे तुम्हारा परमेश्वर यहोवा तुम्हारे अधिकार में देने वाला है।

एक साल में बाइबल: 
  • एस्तर 6-8
  • प्रेरितों 6


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें