ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 16 अक्तूबर 2017

स्वर्ग में धन


   हमारे नए बने हुए घर को बिजली की तार लगाने में की गई कमियों और त्रुटियों ने जलाकर राख कर दिया, घंटे भर में ही घर के स्थान पर केवल राख का ढेर रह गया था। एक और समय पर जब हम चर्च से लौट कर अपने घर वापस आए तो हमने पाया कि कोई चोर घर में से कुछ सामान चुरा कर ले गया है।

   हमारे इस अपूर्ण संसार में, सांसारिक सम्पत्ति की हानि होना बहुत सामान्य है - गाड़ियाँ चोरी या दुर्घटनाग्रस्त हो जाती हैं, जहाज़ डूब जाते हैं, इमारतें ढह जाती हैं, बाढ़ से घर और सामान बह जाते हैं, व्यक्तिगत सामान चोरी हो जाता है। यह सब प्रभु यीशु मसीह की सांसारिक धन में भरोसा न रखने की शिक्षा (मत्ती 6:19) को बहुत अर्थपूर्ण बना देता है।

   प्रभु यीशु मसीह ने सांसारिक धन की बजाए स्वर्ग में धन के महत्व को समझाने के लिए एक नीतिकथा सुनाई; एक मनुष्य ने बहुत लाभ कमाया और उस धन पर भरोसा रखते हुए अपने भविष्य को सुनिश्चित मान लिया (लूका 12:16-21); उस व्यक्ति ने अपने आप से कहा, "...प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह"। परन्तु परमेश्वर ने उससे कहा कि उसी रात उसे सब कुछ छोड़ कर जाना पड़ेगा; तब उसके पास क्या रह जाएगा? इस कहानी का निष्कर्ष देते हुए प्रभु यीशु ने कहा, "ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं" (लूका 12:21)।

   सांसारिक सम्पत्ति नश्वर है, अस्थायी है। कुछ भी ऐसा नहीं है जो सदा बना रहे, सिवाए उसके जो हम परमेश्वर की इच्छा और मार्गदर्शन में दूसरों की भलाई के लिए करते हैं। स्वर्ग में धन एकत्रित करने (मत्ती 6:20) के कुछ उपाए हैं, अपने समय और संसाधनों में से प्रभु यीशु में पाप क्षमा और उद्धार के सुसमाचार के प्रचार के लिए देना, उनकी सुधि लेना जो अकेले हैं, जो आवश्यकता में हैं उनकी सहायता करना; इत्यादि। स्वर्ग में एकत्रित धन ही अविनाशी और सच्चा धन है। - लॉरेंस दरमानी


हमारा असली धन वह है जो संसार में रहते हुए 
हम आने वाले अनन्त काल के लिए निवेश करते हैं।

इसलिये पहिले तुम उसे राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6:33

बाइबल पाठ: मत्ती 6:19-24
Matthew 6:19 अपने लिये पृथ्वी पर धन इकट्ठा न करो; जहां कीड़ा और काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर सेंध लगाते और चुराते हैं। 
Matthew 6:20 परन्तु अपने लिये स्वर्ग में धन इकट्ठा करो, जहां न तो कीड़ा, और न काई बिगाड़ते हैं, और जहां चोर न सेंध लगाते और न चुराते हैं। 
Matthew 6:21 क्योंकि जहां तेरा धन है वहां तेरा मन भी लगा रहेगा। 
Matthew 6:22 शरीर का दिया आंख है: इसलिये यदि तेरी आंख निर्मल हो, तो तेरा सारा शरीर भी उजियाला होगा। 
Matthew 6:23 परन्तु यदि तेरी आंख बुरी हो, तो तेरा सारा शरीर भी अन्धियारा होगा; इस कारण वह उजियाला जो तुझ में है यदि अन्धकार हो तो वह अन्धकार कैसा बड़ा होगा। 
Matthew 6:24 कोई मनुष्य दो स्‍वामियों की सेवा नहीं कर सकता, क्योंकि वह एक से बैर ओर दूसरे से प्रेम रखेगा, वा एक से मिला रहेगा और दूसरे को तुच्‍छ जानेगा; “तुम परमेश्वर और धन दोनों की सेवा नहीं कर सकते”।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 47-49
  • 1 थिस्सलुनीकियों 4


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें