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शुक्रवार, 26 जनवरी 2018

प्रश्न


   अक्तूबर 31, 2014 को एक विकासाधीन वायुयान, अपनी प्रयोगात्मक उड़ान के दौरान टूट कर गिर गया, जिससे सह-चालाक की तो मृत्यु हो गई, किंतु चालाक आश्चर्यजनक रीति से बच गया। जांचकर्ताओं ने शीघ्र ही यह तो पता लगा लिया कि क्या हुआ था किंतु ऐसा क्यों हुआ, इसका कारण वे पता नहीं करने पाए। इस दुर्घटना से संबंधित अखबारों में छपे समाचार का शीर्षक था, “प्रश्न शेष हैं।”

   अपने जीवन भर हम, बिना किसी संतोषजनक स्पष्टीकरण के, दुःख भरे अनुभवों से होकर निकलते रहते हैं। कुछ अनुभव तो बहुत कटु होते हैं, और उनके प्रभाव भी बहुत दूर-गामी होते हैं; कुछ अन्य व्यक्तिगत, या निजी त्रासदियाँ होती हैं जो परिवारों या व्यक्तियों के जीवनों को बदल देती हैं। हम उत्तर जानना चाहते हैं कि ऐसा क्यों हुआ, परन्तु उत्तरों से अधिक हमें प्रश्नों का ही सामना करना पड़ता है। जब हम ऐसे “क्यों” से संघर्ष कर रहे होते हैं, तब भी परमेश्वर अपने सिद्ध प्रेम में हमारे साथ होता है।

   परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र, अय्यूब, ने एक ही दिन में अपने बच्चों और संपत्ति को खो दिया (अय्यूब 1:13-19), वह बहुत खिन्न और निराश हुआ, और सहानुभूति जताने आए मित्रों द्वारा स्पष्टिकरण के लिए कही गई किसी भी बात का विरोध करने लगा। परन्तु उसे फिर भी आशा थी कि एक दिन उसे परमेश्वर से अपने उत्तर अवश्य मिलेंगे। निराशा के उस अन्धकार में घिरे अय्यूब ने कहा, “परन्तु वह [परमेश्वर] जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा” (अय्यूब 23:10)।

   सुप्रसिद्ध मसीही प्रचारक तथा लेखक ओस्वौल्ड चैम्बर्स ने कहा, “एक ऐसा दिन भी आएगा जब परमेश्वर एक व्यक्तिगत और सीधे स्पर्श के द्वारा हमारे प्रत्येक आँसू और उलझन, प्रत्येक शोषण और पीड़ा, प्रत्येक दुःख और सहन करने का, हमारे साथ हुए प्रत्येक गलत व्यवहार और अन्याय का, संपूर्ण, समुचित और अभिभूत कर देने वाला स्पष्टीकरण हमें दे देगा।”

   आज जब हम अनसुलझे प्रश्नों का सामना करते हैं, तो प्रभु परमेश्वर के प्रेम और वायदों में हम सांतवना तथा सहायता पा सकते हैं। - डेविड मैक्कैस्लैंड


जब अनुतरित प्रश्नों का सामना करें 
तो परमेश्वर के प्रेम में सहायता और आशा पाएँ।

हे सब परिश्रम करने वालों और बोझ से दबे लोगों, मेरे [प्रभु यीशु] पास आओ; मैं तुम्हें विश्राम दूंगा। मेरा जूआ अपने ऊपर उठा लो; और मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे। क्योंकि मेरा जूआ सहज और मेरा बोझ हल्का है। - मत्ती 11: 28-30

बाइबल पाठ: अय्यूब 23:1-12
Job 23:1 तब अय्यूब ने कहा,
Job 23:2 मेरी कुड़कुड़ाहट अब भी नहीं रुक सकती, मेरी मार मेरे कराहने से भारी है।
Job 23:3 भला होता, कि मैं जानता कि वह कहां मिल सकता है, तब मैं उसके विराजने के स्थान तक जा सकता!
Job 23:4 मैं उसके साम्हने अपना मुक़द्दमा पेश करता, और बहुत से प्रमाण देता।
Job 23:5 मैं जान लेता कि वह मुझ से उत्तर में क्या कह सकता है, और जो कुछ वह मुझ से कहता वह मैं समझ लेता।
Job 23:6 क्या वह अपना बड़ा बल दिखा कर मुझ से मुक़द्दमा लड़ता? नहीं, वह मुझ पर ध्यान देता।
Job 23:7 सज्जन उस से विवाद कर सकते, और इस रीति मैं अपने न्यायी के हाथ से सदा के लिये छूट जाता।
Job 23:8 देखो, मैं आगे जाता हूँ परन्तु वह नहीं मिलता; मैं पीछे हटता हूँ, परन्तु वह दिखाई नहीं पड़ता;
Job 23:9 जब वह बाईं ओर काम करता है तब वह मुझे दिखाई नहीं देता; वह तो दाहिनी ओर ऐसा छिप जाता है, कि मुझे वह दिखाई ही नहीं पड़ता।
Job 23:10 परन्तु वह जानता है, कि मैं कैसी चाल चला हूँ; और जब वह मुझे ता लेगा तब मैं सोने के समान निकलूंगा।
Job 23:11 मेरे पैर उसके मार्गों में स्थिर रहे; और मैं उसी का मार्ग बिना मुड़े थामे रहा।
Job 23:12 उसकी आज्ञा का पालन करने से मैं न हटा, और मैं ने उसके वचन अपनी इच्छा से कहीं अधिक काम के जान कर सुरक्षित रखे।


एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 14-15
  • मत्ती 17



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