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सोमवार, 12 फ़रवरी 2018

ज्ञान


   भाषा पर अपनी पुस्तक में, ब्रिटिश राजनयिक, लांसेलौट ओलिफेंट (1881-1965) ने बताया कि बहुत से विद्यार्थी परिक्षा में तो सही उत्तर लिखते हैं, परन्तु उन्हीं उत्तरों को अपने व्यवहार में नहीं लाने पाते हैं। ओलिफेंट ने कहा कि ऐसे अनपचे ज्ञान का कोई लाभ नहीं है।

   लेखक बर्नाबास पाइपर ने इस बात का समानांतर अपने जीवन में देखा, उन्होंने कहा: “मुझे लगता था कि मैं परमेश्वर के निकट हूँ क्योंकि मुझे सभी उत्तर पता थे, परन्तु मैंने अपने आप को इस भ्रम में रखा हुआ था कि यह प्रभु यीशु के साथ संबंध बनाने के समान है।”

   परमेश्वर के वचन बाइबल में हम पढ़ते हैं कि एक दिन मंदिर में प्रभु यीशु की बातचीत ऐसे लोगों से हुई जिन्हें लगता था कि उनके पास सभी उत्तर उपलब्ध हैं। वे बड़े गर्व के साथ अपने आप को अब्राहम की संतान तो बताते थे, परन्तु परमेश्वर के पुत्र पर विश्वास करने से इनकार करते थे।

   प्रभु यीशु ने उनसे कहा, “यदि तुम इब्राहीम के सन्तान होते, तो इब्राहीम के समान काम करते” (यूहन्ना 8:39); और वह काम क्या था? अब्राहम ने “यहोवा पर विश्वास किया; और यहोवा ने इस बात को उसके लेखे में धर्म गिना” (उत्पत्ति 15:6)। लेकिन उन लोगों ने प्रभु यीशु की बात फिर भी नहीं सुनी, “...उन्होंने उस से कहा, हम व्यभिचार से नहीं जन्मे; हमारा एक पिता है अर्थात परमेश्वर” (यूहन्ना 8:41)। तब प्रभु यीशु ने प्रत्युत्तर दिया, “जो परमेश्वर से होता है, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो” (पद 47)।

   लेखक बर्नाबास पाइपर ने स्मरण किया कि कैसे उनके लिए सब बिखर गया, और उसके बाद उन्होंने बड़ी गहराई से परमेश्वर के अनुग्रह और प्रभु यीशु के व्यक्तित्व को प्राप्त किया। जब हम परमेश्वर के सत्य के ज्ञान को व्यवहार में लाकर उसे अपने जीवन को परिवर्तित करने देते हैं, तब हम ‘सही उत्तर’ वाले ज्ञान से कहीं अधिक बढ़कर प्राप्त करते हैं; हम सँसार का परिचय प्रभु यीशु से करवाते हैं। - टिम गुस्ताफ्सन


विश्वास परमेश्वर की सच्चाई को स्वीकार करना भर नहीं है, 
वरन परमेश्वर के जीवन को प्राप्त करना है।

तब यीशु ने उन यहूदियों से जिन्हों ने उन की प्रतीति की थी, कहा, यदि तुम मेरे वचन में बने रहोगे, तो सचमुच मेरे चेले ठहरोगे। और सत्य को जानोगे, और सत्य तुम्हें स्‍वतंत्र करेगा। - यूहन्ना 8:31-32

बाइबल पाठ: यूहन्ना 8:39-47
John 8:39 उन्होंने उन को उत्तर दिया, कि हमारा पिता तो इब्राहीम है: यीशु ने उन से कहा; यदि तुम इब्राहीम के सन्तान होते, तो इब्राहीम के समान काम करते।
John 8:40 परन्तु अब तुम मुझ ऐसे मनुष्य को मार डालना चाहते हो, जिसने तुम्हें वह सत्य वचन बताया जो परमेश्वर से सुना, यह तो इब्राहीम ने नहीं किया था।
John 8:41 तुम अपने पिता के समान काम करते हो: उन्होंने उस से कहा, हम व्यभिचार से नहीं जन्मे; हमारा एक पिता है अर्थात परमेश्वर।
John 8:42 यीशु ने उन से कहा; यदि परमेश्वर तुम्हारा पिता होता, तो तुम मुझ से प्रेम रखते; क्योंकि मैं परमेश्वर में से निकल कर आया हूं; मैं आप से नहीं आया, परन्तु उसी ने मुझे भेजा।
John 8:43 तुम मेरी बात क्यों नहीं समझते? इसलिये कि मेरा वचन सुन नहीं सकते।
John 8:44 तुम अपने पिता शैतान से हो, और अपने पिता की लालसाओं को पूरा करना चाहते हो। वह तो आरम्भ से हत्यारा है, और सत्य पर स्थिर न रहा, क्योंकि सत्य उस में है ही नहीं: जब वह झूठ बोलता, तो अपने स्‍वभाव ही से बोलता है; क्योंकि वह झूठा है, वरन झूठ का पिता है।
John 8:45 परन्तु मैं जो सच बोलता हूं, इसीलिये तुम मेरी प्रतीति नहीं करते।
John 8:46 तुम में से कौन मुझे पापी ठहराता है? और यदि मैं सच बोलता हूं, तो तुम मेरी प्रतीति क्यों नहीं करते?
John 8:47 जो परमेश्वर से होता है, वह परमेश्वर की बातें सुनता है; और तुम इसलिये नहीं सुनते कि परमेश्वर की ओर से नहीं हो।


एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 13
  • मत्ती 26:26-50



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