ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 29 मई 2018

भूल



   दासत्व में जन्मी और किशोरावस्था में सताव तथा बुरे अनुभवों से होकर निकली हैरियट टबमैन (1822-1913) को उनकी माता द्वारा सुनाई जाने वाले परमेश्वर के वचन बाइबल की बातों में आशा के चमकती हुई किरण दिखाई देती थी। इस्राएल के मिस्र में फिरौन के आधीन दासत्व से निकलकर कनान देश में जाकर बसने के वृतान्त ने हैरियट का परिचय ऐसे परमेश्वर से करवाया जो अपने लोगों को दासत्व से छुड़ाना चाहता है।

   एक दिन अवसर पाकर, हैरियट मेरीलैंड राज्य की सीमा को पार कर गई और दासत्व से स्वतंत्रता में प्रवेश कर गई। परन्तु वे अपनी स्वतंत्रता में संतुष्ट होकर बैठी नहीं रहा सकी, यह जानते हुए के अभी भी अनेकों दासत्व में फंसे हुए हैं। उन्होंने, दासत्व में फंसे लोगों को बचा कर निकाल लाने के लिए, दर्जन भर से अधिक बचाव अभियान चलाए। उनके लिए इससे होने वाले खतरे के भय को झटकते हुए उन्होंने कहा, “मैं केवल एक बार ही तो मर सकती हूँ।”

   हैरियट प्रभु यीशु के वक्तव्य, “जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना” (मत्ती 10:28) के सत्य को भली-भांति जानती थीं। प्रभु यीशु ने ये शब्द अपने शिष्यों से उन्हें उनके पहले प्रचार अभियान पर भेजते समय कहे थे। प्रभु जानते थे कि शिष्यों को खतरों का सामना करना पड़ेगा और हर कोई उनका स्वागत नहीं करेगा। तो फिर शिष्यों को इन खतरों का सामना करने के लिए भेजा ही क्यों जाए? इसका उत्तर प्रभु यीशु के इससे पिछले अध्याय में दिए गए व्यवहार में मिलता है: “जब उसने भीड़ को देखा तो उसको लोगों पर तरस आया, क्योंकि वे उन भेड़ों के समान थे जिनका कोई रखवाला न हो, व्याकुल और भटके हुए से थे” (मत्ती 9:36)।

   हैरियट टबमैन द्वारा दासत्व में फंसे लोगों को भुला न सकना, हमारे सम्मुख उनमें प्रभु यीशु मसीह के चरित्र के चित्रण को दिखाता है, क्योंकि हम जब पापों में फंसे हुए थे, तब प्रभु ने भी हमें भुला नहीं दिया। हैरियट का साहसिक उदाहरण हमें प्रेरित करता है कि हम उन्हें भूल न जाएँ जो सँसार में आशाविहीन जीवन व्यतीत कर रहे हैं। - टिम गुस्टाफसन


सच्ची स्वतंत्रता प्रभु यीशु मसीह को जानने और उसकी सेवा करने में मिलती है।

जैसा मसीह यीशु का स्‍वभाव था वैसा ही तुम्हारा भी स्‍वभाव हो। - फिलिप्पियों 2:5

बाइबल पाठ: मत्ती 10:26-32
Matthew 10:26 सो उन से मत डरना, क्योंकि कुछ ढपा नहीं, जो खोला न जाएगा; और न कुछ छिपा है, जो जाना न जाएगा।
Matthew 10:27 जो मैं तुम से अन्धियारे में कहता हूं, उसे उजियाले में कहो; और जो कानों कान सुनते हो, उसे कोठों पर से प्रचार करो।
Matthew 10:28 जो शरीर को घात करते हैं, पर आत्मा को घात नहीं कर सकते, उन से मत डरना; पर उसी से डरो, जो आत्मा और शरीर दोनों को नरक में नाश कर सकता है।
Matthew 10:29 क्या पैसे मे दो गौरैये नहीं बिकतीं? तौभी तुम्हारे पिता की इच्छा के बिना उन में से एक भी भूमि पर नहीं गिर सकती।
Matthew 10:30 तुम्हारे सिर के बाल भी सब गिने हुए हैं।
Matthew 10:31 इसलिये, डरो नहीं; तुम बहुत गौरैयों से बढ़कर हो।
Matthew 10:32 जो कोई मनुष्यों के साम्हने मुझे मान लेगा, उसे मैं भी अपने स्‍वर्गीय पिता के साम्हने मान लूंगा।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 2 इतिहास 7-9
  • यूहन्ना 11:1-29



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें