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मंगलवार, 13 नवंबर 2018

ध्यानपूर्वक



      मैं ऑडिटोरियम में बैठा पास्टर की ओर टकटकी लगाए देख रहा था। मेरी मुद्रा बता रही थी कि मैं बड़े ध्यान से उसके द्वारा कहे जाने वाला सब कुछ सुन और समझ रहा हूँ। अचानक ही मैंने उपस्थित सभी लोगों को हंसते और ताली बजाते हुए सुना। चकित होकर मैंने अपने आस-पास देखा; पास्टर ने संभवतः कुछ हास्यास्पद कहा था, परन्तु मुझे ज़रा भी अंदाजा नहीं था कि उसने क्या कहा है। देखने में तो मैं बड़े ध्यान से उनकी बातें सुन रहा था, परन्तु वास्तविकता में मेरा ध्यान कहीं और था।

      यह संभव है कि जो कहा जा रहा है उसे सुना तो जाए परन्तु उसपर कोई ध्यान न दिया जाए, देखा तो जाए परन्तु गौर न किया जाए, उपस्थित तो रहा जाए परन्तु कहीं और ही मन लगाया जाए। ऐसी स्थिति में हम महत्वपूर्ण संदेशों को नज़रंदाज़ कर सकते हीं, जो हमार लिए, हमारे लाभ के लिए हों।

      जब एज्रा ने परमेश्वर के वचन में से यहूदा के लिए निर्देशों को पढ़ा, तब “...लोग व्यवस्था की पुस्तक पर कान लगाए रहे” (नहेम्याह 8:3)। उन बातों पर ध्यान देने के द्वारा उनमें उन वचनों के विषय  समझ आई (पद 8), जिससे उनमें पश्चाताप आया, जो उनकी जागृति का कारण बना। एक अन्य परिस्थिति में, जब यरूशलेम में मसीही विश्वासियों पर सताव आया (प्रेरितों 8:1) तो फिलिप्पुस ने सामरिया में सामरी लोगों की ओर ध्यान किया। उन सामरी लोगों ने न केवल फिलिप्पुस के द्वारा किए जाने वाले अद्भुत चिन्हों पर ध्यान किया, परन्तु, “लोगों ने सुनकर...एक चित्त हो कर मन लगाया” (पद 6), जिससे “उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ” (पद 8)।

      हमारा मन अस्थिर होकर इधर-उधर भटकता रह सकता है, जिससे हम अपने आस-पास की उत्साह-वर्धक बातों पर ध्यान नहीं लगाने पाते हैं। हमें सबसे अधिक ध्यान परमेश्वर के वचन बाइबल की बातों पर लगाना है जिससे कि हम अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर के साथ संगति के अचरज और आनन्द को प्राप्त कर सकें। - लॉरेंस दरमानी


परमेश्वर के वचन को ग्रहण करने के दो भाग होते हैं: 
ध्यानपूर्वक मन लगाना, और दृढ़ता से उनका पालन करना।

व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा। - यहोशू 1:8

बाइबल पाठ: नहेम्याह 8:2-6; प्रेरितों 8:4-8
Nehemiah 8:2 तब एज्रा याजक सातवें महीने के पहिले दिन को क्या स्त्री, क्या पुरुष, जितने सुनकर समझ सकते थे, उन सभों के साम्हने व्यवस्था को ले आया।
Nehemiah 8:3 और वह उसकी बातें भोर से दो पहर तक उस चौक के साम्हने जो जलफाटक के साम्हने था, क्या स्त्री, क्या पुरुष और सब समझने वालों को पढ़कर सुनाता रहा; और लोग व्यवस्था की पुस्तक पर कान लगाए रहे।
Nehemiah 8:4 एज्रा शास्त्री, काठ के एक मचान पर जो इसी काम के लिये बना था, ख्ड़ा हो गया; और उसकी दाहिनी अलंग मत्तित्याह, शेमा, अनायाह, ऊरिय्याह, हिल्किय्याह और मासेयाह; और बाई अलंग, पदायाह, मीशाएल, मल्किय्याह, हाशूम, हश्बद्दाना,जकर्याह और मशुल्लाम खड़े हुए।
Nehemiah 8:5 तब एज्रा ने जो सब लोगों से ऊंचे पर था, सभों के देखते उस पुस्तक को खोल दिया; और जब उसने उसको खोला, तब सब लोग उठ खड़े हुए।
Nehemiah 8:6 तब एज्रा ने महान परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा; और सब लोगों ने अपने अपने हाथ उठा कर आमेन, आमेन, कहा; और सिर झुका कर अपना अपना माथा भूमि पर टेक कर यहोवा को दण्डवत किया।
Acts 8:4 जो तित्तर बित्तर हुए थे, वे सुसमाचार सुनाते हुए फिरे।
Acts 8:5 और फिलेप्पुस सामरिया नगर में जा कर लोगों में मसीह का प्रचार करने लगा।
Acts 8:6 और जो बातें फिलेप्पुस ने कहीं उन्हें लोगों ने सुनकर और जो चिन्ह वह दिखाता था उन्हें देख देखकर, एक चित्त हो कर मन लगाया।
Acts 8:7 क्योंकि बहुतों में से अशुद्ध आत्माएं बड़े शब्द से चिल्लाती हुई निकल गई, और बहुत से झोले के मारे हुए और लंगड़े भी अच्‍छे किए गए।
Acts 8:8 और उस नगर में बड़ा आनन्द हुआ।


एक साल में बाइबल: 
  • विलापगीत 1-2
  • इब्रानियों 10:1-18



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