ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

रविवार, 4 नवंबर 2018

विजेता



      हम में से लगभग सभी लोग एक अच्छे प्रशासन की अपेक्षा करते हैं। हम वोट देते हैं, हम कार्य करते हैं, हम उन कारणों के लिए आवाज़ उठाते हैं जिन्हें हम उचित और सही मानते हैं। परन्तु राजनैतिक समाधान लोगों के मनों की दशा को बदलने में असमर्थ रहते हैं।

      प्रभु यीशु के अनुयायियों में से बहुतेरे ऐसे मसीहा की प्रतीक्षा में थे जो रोमी शोषण और दमन का ज़ोरदार राजनैतिक प्रत्युत्तर दे सके। प्रभु यीशु का शिष्य पतरस भी भिन्न नहीं था। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब प्रभु यीशु को पकड़ने के लिए लोग आए, तो पतरस ने अपनी तलवार निकाली और महापुरोहित के सेवक पर वार किया, जिससे उस सेवक का कान कट गया।

      प्रभु यीशु ने तुरंत उसे रोका और उससे कहा “तब यीशु ने पतरस से कहा, अपनी तलवार काठी में रख: जो कटोरा पिता ने मुझे दिया है क्या मैं उसे न पीऊं?” (यूहन्ना 18:11)। इसके कुछ ही घंटों के बाद प्रभु यीशु ने उसका न्याय कर रहे रोमी राज्यपाल से कहा, “...मेरा राज्य इस जगत का नहीं, यदि मेरा राज्य इस जगत का होता, तो मेरे सेवक लड़ते, कि मैं यहूदियों के हाथ सौंपा न जाता: परन्तु अब मेरा राज्य यहां का नहीं” (पद 36)।

      उस पल में जब प्रभु का जीवन अधर में लटका था, उनके द्वारा दिखाया गया संयम, चकित कर देने वाला है, विशेषकर तब जब हम उनके कार्य के द्वारा होने वाले विश्वव्यापी प्रभाव पर विचार करते हैं। भविष्य में एक दिन आएगा जब प्रभु अपनी स्वर्गीय सेनाओं को लेकर युद्ध में उतरेगा; यूहन्ना उसके विषय लिखता है, “फिर मैं ने स्वर्ग को खुला हुआ देखा; और देखता हूं कि एक श्वेत घोड़ा है; और उस पर एक सवार है, जो विश्वास योग्य, और सत्य कहलाता है; और वह धर्म के साथ न्याय और लड़ाई करता है” (प्रकाशितवाक्य 19:11)।

      परन्तु अपने पकड़वाए जाने, दिखावे के मुकद्दमों में इधर से उधर घसीटे जाने, यातनाएं दिए जाने और क्रूस पर चढ़ा कर मारे जाने की घटनाओं में प्रभु यीशु ने अपने स्वर्गीय पिता परमेश्वर की ही इच्छा को पूरा किया। क्रूस की मृत्यु को स्वीकार करने के द्वारा उन्होंने सारे सँसार के सभी लोगों के लिए एक ऐसे घटनाक्रम को आरंभ किया और दिशा दी जो वास्तव में लोगों के हृदयों को बदलता देता है। ऐसा करने में हमारे इस महान विजेता ने मृत्यु तक को पराजित कर दिया। - टिम गुस्ताफ्सन


वास्तविक संयम कमजोरी नहीं है, क्योंकि यह वास्तविक सामर्थ्य से ही संभव है।

इसलिये जब कि लड़के मांस और लोहू के भागी हैं, तो वह आप भी उन के समान उन का सहभागी हो गया; ताकि मृत्यु के द्वारा उसे जिसे मृत्यु पर शक्ति मिली थी, अर्थात शैतान को निकम्मा कर दे। और जितने मृत्यु के भय के मारे जीवन भर दासत्‍व में फंसे थे, उन्हें छुड़ा ले। - इब्रानियों 2:14-15

बाइबल पाठ: यूहन्ना 18:10-14, 33-37
John 18:10 शमौन पतरस ने तलवार, जो उसके पास थी, खींची और महायाजक के दास पर चला कर, उसका दाहिना कान उड़ा दिया, उस दास का नाम मलखुस था।
John 18:11 तब यीशु ने पतरस से कहा, अपनी तलवार काठी में रख: जो कटोरा पिता ने मुझे दिया है क्या मैं उसे न पीऊं?
John 18:12 तब सिपाहियों और उन के सूबेदार और यहूदियों के प्यादों ने यीशु को पकड़कर बान्‍ध लिया।
John 18:13 और पहिले उसे हन्ना के पास ले गए क्योंकि वह उस वर्ष के महायाजक काइफा का ससुर था।
John 18:14 यह वही काइफा था, जिसने यहूदियों को सलाह दी थी कि हमारे लोगों के लिये एक पुरूष का मरना अच्छा है।
John 18:33 तब पीलातुस फिर किले के भीतर गया और यीशु को बुलाकर, उस से पूछा, क्या तू यहूदियों का राजा है?
John 18:34 यीशु ने उत्तर दिया, क्या तू यह बात अपनी ओर से कहता है या औरों ने मेरे विषय में तुझ से कही?
John 18:35 पीलातुस ने उत्तर दिया, क्या मैं यहूदी हूं? तेरी ही जाति और महायाजकों ने तुझे मेरे हाथ सौंपा, तू ने क्या किया है?
John 18:36 यीशु ने उत्तर दिया, कि मेरा राज्य इस जगत का नहीं, यदि मेरा राज्य इस जगत का होता, तो मेरे सेवक लड़ते, कि मैं यहूदियों के हाथ सौंपा न जाता: परन्तु अब मेरा राज्य यहां का नहीं।
John 18:37 पीलातुस ने उस से कहा, तो क्या तू राजा है? यीशु ने उत्तर दिया, कि तू कहता है, क्योंकि मैं राजा हूं; मैं ने इसलिये जन्म लिया, और इसलिये जगत में आया हूं कि सत्य पर गवाही दूं जो कोई सत्य का है, वह मेरा शब्द सुनता है।


एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 32-33
  • इब्रानियों 1



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें