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मंगलवार, 18 दिसंबर 2018

कौन?



      अखबार Saturday Evening Post को सन 1929 में दिए गए एक साक्षात्कार में प्रसिद्ध वैज्ञानिक एल्बर्ट आइंस्टाइन ने कहा, “बचपन में मुझे बाइबल और तालमूद (यहूदी धर्म साहित्य) दोनों ही की शिक्षा दी गई। मैं यहूदी हूँ, परन्तु मैं नासरी (यीशु) के ज्योतिर्मय व्यक्तित्व से मंत्रमुग्ध हूँ...कोई भी सुसमाचारों को पढ़ते हुए यीशु की उपस्थिति का एहसास किए बिना नहीं रहा सकता है। उसका व्यक्तित्व प्रत्येक शब्द में धड़कता है। कोई भी मिथक ऐसे जीवन से भरा नहीं हो सकता है।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल के नए नियम खण्ड में हमें प्रभु यीशु के साथी निवासियों के अन्य उदाहरण मिलते हैं जिन्हें इसका आभास हुआ कि प्रभु यीशु में कुछ विशेष है। जब प्रभु यीशु ने अपने अनुयायियों से पूछा, “लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?” तो उन्होंने उत्तर दिया कि कुछ यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला, कुछ एल्लियाह, और अन्य उसे यिर्मयाह या कोई अन्य भविष्यद्वक्ता समझते हैं (मत्ती 16:13-14)। इस्राएल के महान भविष्यद्वक्ताओं में से एक कहलाया जाना निश्चय ही बड़े सम्मान की बात थी, परन्तु प्रभु यीशु किसी सम्मान की खोज में नहीं थे। वे उनकी समझ और विश्वास को परख रहे थे। इसलिए उन्होंने एक दूसरा प्रश्न पूछा: “परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?” (पद 15)?

      पतरस के उत्तर ने प्रभु यीशु के व्यक्तित्व के सत्य को उजागर किया: “तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है” (पद 16)।

      प्रभु यीशु मसीह की लालसा है कि हम और सँसार के सभी लोग उसे तथा उसके उद्धार देने वाले प्रेम को जानें; और जो जान गए हैं वे औरों को उसके बारे में बताएँ। क्योंकि इस प्रश्न का उत्तर और उसके अनुसार किया गया विश्वास प्रत्येक मनुष्य के अनन्तकाल को निर्धारित करता है। इसीलिए हम में से प्रत्येक के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम जान लें कि यीशु कौन है, और उसके अनुसार अपने जीवन का निर्णय लें। - बिल क्राउडर


अनन्तता के लिए प्रभु यीशु मसीह की पहचान ही केन्द्र-बिंदु है।

और मैं उसको और उसके मृत्युंजय की सामर्थ को, और उसके साथ दुखों में सहभागी हाने के मर्म को जानूँ, और उस की मृत्यु की समानता को प्राप्त करूं। ताकि मैं किसी भी रीति से मरे हुओं में से जी उठने के पद तक पहुंचूं। - फिलिप्पियों 3:10-11

बाइबल पाठ: मत्ती 16:13-20
Matthew 16:13 यीशु कैसरिया फिलिप्पी के देश में आकर अपने चेलों से पूछने लगा, कि लोग मनुष्य के पुत्र को क्या कहते हैं?
Matthew 16:14 उन्होंने कहा, कितने तो यूहन्ना बपतिस्मा देने वाला कहते हैं और कितने एलिय्याह, और कितने यिर्मयाह या भविष्यद्वक्ताओं में से कोई एक कहते हैं।
Matthew 16:15 उसने उन से कहा; परन्तु तुम मुझे क्या कहते हो?
Matthew 16:16 शमौन पतरस ने उत्तर दिया, कि तू जीवते परमेश्वर का पुत्र मसीह है।
Matthew 16:17 यीशु ने उसको उत्तर दिया, कि हे शमौन योना के पुत्र, तू धन्य है; क्योंकि मांस और लोहू ने नहीं, परन्तु मेरे पिता ने जो स्वर्ग में है, यह बात तुझ पर प्रगट की है।
Matthew 16:18 और मैं भी तुझ से कहता हूं, कि तू पतरस है; और मैं इस पत्थर पर अपनी कलीसिया बनाऊंगा: और अधोलोक के फाटक उस पर प्रबल न होंगे।
Matthew 16:19 मैं तुझे स्वर्ग के राज्य की कुंजियां दूंगा: और जो कुछ तू पृथ्वी पर बान्‍धेगा, वह स्वर्ग में बन्‍धेगा; और जो कुछ तू पृथ्वी पर खोलेगा, वह स्वर्ग में खुलेगा।
Matthew 16:20 तब उसने चेलों को चिताया, कि किसी से न कहना! कि मैं मसीह हूं।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • ओबद्याह
  • प्रकाशितवाक्य 9



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