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शनिवार, 21 अप्रैल 2018

प्रतिज्ञा



   मैं एक पुस्तक पढ़ने में लीन थी, तभी मेरी एक सहेली ने मेरे कंधे की ऊपर से झाँक कर देखा कि मैं क्या पढ़ रही हूँ। देखते ही वह तुरंत ही चौंक कर, यह कहते हुए पीछे हट गई, “कितना उदासीन शीर्षक है”। जो मैं पढ़ रही थी वह कहानियों के लोकप्रिय संकलन “Grimm’s Fairy Tales” की एक कहानी, “The Glass Coffin” थी, और शब्द ‘Coffin’ अर्थात ‘ताबूत, या शव रखने की पेटी’ ने उसे विचलित किया था। हम में से अधिकांश को यह पसन्द नहीं है कि हमें हमारी नश्वरता का स्मरण कराया जाए, परन्तु वास्तविकता यही है कि हम सभी को एक न एक दिन मरना ही है।

   मृत्यु का उल्लेख सदा ही एक गहरी भावनात्मक प्रतिक्रिया को उत्पन्न करता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम प्रभु यीशु के विषय देखते हैं कि अपने एक निकट मित्र, लाजार, की मृत्यु के पश्चात प्रभु यीशु ने गहरी भावनाएँ व्यक्त कीं। जब उसने लाजार की बहन मरियम और उन यहूदियों को जो उसके साथ आए थे रोते हुए देखा तो वह “...आत्मा में बहुत ही उदास हुआ, और घबरा कर कहा, तुम ने उसे कहां रखा है?” (यूहन्ना 11:33)। एक अन्य अंग्रेज़ी अनुवाद में आया है “उसके अन्दर से एक गहरा क्रोध उभर कर आया” (NLT)।

   प्रभु यीशु विचलित हुए, क्रोधित भी हुए – परन्तु किस पर? संभवतः वे पाप और उसके परिणामों पर क्रुद्ध थे। परमेश्वर ने सृष्टि की रचना करते समय बीमारी, कष्ट और दुःख से भरे सँसार की रचना नहीं की थी। परन्तु पाप को प्रवेश मिलने के बाद, पाप ने परमेश्वर की सुन्दर रचना तथा योजना को बिगाड़ दिया।

   लेकिन हमारे दुःख के समय में हमारा प्रभु परमेश्वर हमारे निकट रहता है, हमारे दुःख में हमारे साथ दुखी भी होता है (पद 35)। लेकिन इस सब से बढ़कर सांत्वना देने वाला तथ्य है कि हमारे स्थान पर मारे जाने और मृतकों में से जी उठने के द्वारा प्रभु यीशु ने पाप और मृत्यु को पराजित कर दिया है (1 कुरिन्थियों 15:55-57)। प्रभु यीशु की अपने अनुयायियों से प्रतिज्ञा है कि “यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा” (यूहन्ना 11:25)। आज प्रभु यीशु के विश्वासी इस जीवन में उसके साथ संगति का आनन्द लेते हैं, और उस अनन्त काल की प्रतीक्षा में हैं जहाँ मृत्योपरांत वे उसके साथ सदा काल के लिए निवास करेंगे, और वहाँ कोई आँसू, दर्द, बीमारी, या मृत्यु नहीं होगी। - पोह फैंग चिया


प्रभु यीशु की खाली कब्र मृत्यु पर विजय की निश्चितता और प्रमाण है।

हे मृत्यु तेरी जय कहां रही? हे मृत्यु तेरा डंक कहां रहा? मृत्यु का डंक पाप है; और पाप का बल व्यवस्था है। परन्तु परमेश्वर का धन्यवाद हो, जो हमारे प्रभु यीशु मसीह के द्वारा हमें जयवन्‍त करता है। - 1 कुरिन्थियों 15:55-7

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:1-4; 38-44
John 11:1 मरियम और उस की बहिन मारथा के गांव बैतनिय्याह का लाजर नाम एक मनुष्य बीमार था।
John 11:2 यह वही मरियम थी जिसने प्रभु पर इत्र डालकर उसके पांवों को अपने बालों से पोंछा था, इसी का भाई लाजर बीमार था।
John 11:3 सो उस की बहिनों ने उसे कहला भेजा, कि हे प्रभु, देख, जिस से तू प्रीति रखता है, वह बीमार है।
John 11:4 यह सुनकर यीशु ने कहा, यह बीमारी मृत्यु की नहीं, परन्तु परमेश्वर की महिमा के लिये है, कि उसके द्वारा परमेश्वर के पुत्र की महिमा हो।
John 11:38 यीशु मन में फिर बहुत ही उदास हो कर कब्र पर आया, वह एक गुफा थी, और एक पत्थर उस पर धरा था।
John 11:39 यीशु ने कहा; पत्थर को उठाओ: उस मरे हुए की बहिन मारथा उस से कहने लगी, हे प्रभु, उस में से अब तो र्दुगंध आती है क्योंकि उसे मरे चार दिन हो गए।
John 11:40 यीशु ने उस से कहा, क्या मैं ने तुझ से न कहा था कि यदि तू विश्वास करेगी, तो परमेश्वर की महिमा को देखेगी।
John 11:41 तब उन्होंने उस पत्थर को हटाया, फिर यीशु ने आंखें उठा कर कहा, हे पिता, मैं तेरा धन्यवाद करता हूं कि तू ने मेरी सुन ली है।
John 11:42 और मैं जानता था, कि तू सदा मेरी सुनता है, परन्तु जो भीड़ आस पास खड़ी है, उन के कारण मैं ने यह कहा, जिस से कि वे विश्वास करें, कि तू ने मुझे भेजा है।
John 11:43 यह कहकर उसने बड़े शब्द से पुकारा, कि हे लाजर, निकल आ।
John 11:44 जो मर गया था, वह कफन से हाथ पांव बन्‍धे हुए निकल आया और उसका मुंह अंगोछे से लिपटा हुआ तें यीशु ने उन से कहा, उसे खोल कर जाने दो।


एक साल में बाइबल: 
  • 2 शमूएल 12-13
  • लूका 16