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शुक्रवार, 25 मई 2018

पुनरुत्थान


   हम लोग जो मिशिगन प्रांत में रहते हैं, उन्हें ठण्डी, बर्फीली शरद ऋतु में, आने वाले बसंत ऋतु की आशा संभाले रहती है। मई के महीन में हमारी आशा का परिणाम सामने आता है; और होने वाला परिवर्तन अद्भुत होता है। वे पेड़ और उनकी डालियाँ जो 1 मई को निर्जीव ठूँठ प्रतीत होते हैं, वे माह का अन्त होते-होते हरी भरी डालियाँ बनकर लहलहाने लगते हैं। यद्यपी एक से दूसरे दिन तक कोई परिवर्तन होता हुआ प्रतीत नहीं होता है, परन्तु माह के अन्त तक मेरे आँगन के पेड़ निर्जीव दिखने की बजाए से सजीव दिखने लग जाते हैं।

   परमेश्वर ने अपनी सृष्टि में विश्राम और नवीनीकरण का चक्र बनाया है। हमें जो मृत्यु प्रतीत होता है, वह परमेश्वर के लिए विश्राम है। जैसे विश्राम नवीनीकरण के लिए तैयारी का समय है, वैसे ही मृत्यु पुनरुत्थान के लिए तैयारी है।

   प्रतिवर्ष जंगलों के हरे होने को देखना मुझे बहुत अच्छा लगता है, क्योंकि यह मुझे स्मरण करवाता है कि हम मसीही विश्वासियों के लिए मृत्यु एक अस्थायी दशा है, जिसका उद्देश्य हमें नए जीवन, नए आरंभ, कुछ अति उत्तम के लिए तैयार करना है। प्रभु यीशु ने कहा, “मैं तुम से सच सच कहता हूं, कि जब तक गेहूं का दाना भूमि में पड़कर मर नहीं जाता, वह अकेला रहता है परन्तु जब मर जाता है, तो बहुत फल लाता है” (यूहन्ना 12:24)।

   यद्यपि, बसंत ऋतु के आने पर फूलों से निकलने वाले पराग-कण परेशान करते हैं – हमारे फर्नीचर और सामान पर छा जाते हैं, लोगों में एलर्जी और छींकना उत्पन्न करते हैं, परन्तु वे मुझे यह भी स्मरण करवाते हैं कि परमेश्वर जीवन प्रदान करने में कार्य-रत है। परमेश्वर की सारे जगत के सभी लोगों से अटल प्रतिज्ञा है कि जो भी उसके पुत्र प्रभु यीशु पर विश्वास लाएगा, अपने पापों से पश्चाताप करके अपना जीवन प्रभु को समर्पित कर देगा उसे वह मृत्यु की पीड़ा के पश्चात, एक परम-आनन्द के स्थान में अनन्तकाल के लिए महिमामय पुनरुत्थान प्रदान करेगा। - जूली एकरमैन लिंक


बसंत का प्रत्येक नया पत्ता हमारे पुनरुत्थान की प्रतिज्ञा का स्मरण है।

मैं तुम से सच सच कहता हूं, जो मेरा वचन सुनकर मेरे भेजने वाले की प्रतीति करता है, अनन्त जीवन उसका है, और उस पर दंड की आज्ञा नहीं होती परन्तु वह मृत्यु से पार हो कर जीवन में प्रवेश कर चुका है। - यूहन्ना 5:24

बाइबल पाठ: यूहन्ना 11:14-27
John 11:14 तब यीशु ने उन से साफ कह दिया, कि लाजर मर गया है।
John 11:15 और मैं तुम्हारे कारण आनन्‍दित हूं कि मैं वहां न था जिस से तुम विश्वास करो, परन्तु अब आओ, हम उसके पास चलें।
John 11:16 तब थोमा ने जो दिदुमुस कहलाता है, अपने साथ के चेलों से कहा, आओ, हम भी उसके साथ मरने को चलें।
John 11:17 सो यीशु को आकर यह मालूम हुआ कि उसे कब्र में रखे चार दिन हो चुके हैं।
John 11:18 बैतनिय्याह यरूशलेम के समीप कोई दो मील की दूरी पर था।
John 11:19 और बहुत से यहूदी मारथा और मरियम के पास उन के भाई के विषय में शान्‍ति देने के लिये आए थे।
John 11:20 सो मारथा यीशु के आने का समचार सुनकर उस से भेंट करने को गई, परन्तु मरियम घर में बैठी रही।
John 11:21 मारथा ने यीशु से कहा, हे प्रभु, यदि तू यहां होता, तो मेरा भाई कदापि न मरता।
John 11:22 और अब भी मैं जानती हूं, कि जो कुछ तू परमेश्वर से मांगेगा, परमेश्वर तुझे देगा।
John 11:23 यीशु ने उस से कहा, तेरा भाई जी उठेगा।
John 11:24 मारथा ने उस से कहा, मैं जानती हूं, कि अन्‍तिम दिन में पुनरुत्थान के समय वह जी उठेगा।
John 11:25 यीशु ने उस से कहा, पुनरुत्थान और जीवन मैं ही हूं, जो कोई मुझ पर विश्वास करता है वह यदि मर भी जाए, तौभी जीएगा।
John 11:26 और जो कोई जीवता है, और मुझ पर विश्वास करता है, वह अनन्तकाल तक न मरेगा, क्या तू इस बात पर विश्वास करती है?
John 11:27 उसने उस से कहा, हां हे प्रभु, मैं विश्वास कर चुकी हूं, कि परमेश्वर का पुत्र मसीह जो जगत में आनेवाला था, वह तू ही है।
                                                 

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23