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सोमवार, 16 जुलाई 2018

उपहार


      वह मात्र चाबियाँ रखने का गुच्छा ही है; जूते बाँधने के फीते से पाँच कुंडों को आपस में बांधकर बनाया गया। मेरी बेटी ने वह मुझे तब दिया था जब वह सात वर्ष की थी। आज वह फीता पुराना हो चुका है, कुंडों के टुकड़े टूटने लगे हैं, परन्तु उस उपहार के साथ जुड़ा हुआ सन्देश “मैं पापा से प्रेम करती हूँ” कभी पुराना नहीं पड़ेगा।

       सबसे कीमती उपहार उस से कीमती नहीं बनते हैं जिस सामग्री से वे बने हैं, वरन इस से कि हमें उन्हें किसने दिया है। किसी भी माता-पिता से उस मुट्ठी भर जंगली फूलों के गुच्छे की कीमत पूछिए, जो उन्हें नन्हें हाथों ने एकत्रित करके पकड़ाया है। सबसे अच्छे उपहार कीमत से नहीं, उनके पीछे छिपे प्रेम से आँके जाते हैं।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में ज़कर्याह ने इस बात को समझा। हम उसके इस भाव को भविष्यवाणी के उसके उस स्तुति गीत में देखते हैं जो उसने परमेश्वर की स्तुति और प्रशंसा के लिए कहा, जब परमेश्वर ने उसे और उसकी पत्नि इलिशिबा को एक पुत्र दिया, उनके माता-पिता बन सकने की आयु के अनेकों वर्षों के पश्चात। ज़कर्याह आनदित हुआ क्योंकि उसका पुत्र यूहन्ना को भविष्यद्वक्ता होना था और मानव-जाति के लिए परमेश्वर के सर्वोत्तम उपहार – आने वाले मसीहा का अग्रदूत बनना था। ज़कर्याह ने कहा: “यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा। कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए” (लूका 1:78-79)।

      जो सबसे मधुर उपहार हमें मिल सकता है वह है परमेश्वर की करुणा और दया – प्रभु यीशु में होकर हमारे पापों की क्षमा। यह उपहार देने के लिए उसे क्रूस पर अपने प्राणों की कीमत चुकानी पड़ी, परन्तु हमारे प्रति अपने महान प्रेम के अन्तर्गत, वह इस उपहार को हमें सेंत-मेंत देता है। - जेम्स बैंक्स


प्रभु यीशु उपहार भी है और देने वाला भी।

उठ, प्रकाशमान हो; क्योंकि तेरा प्रकाश आ गया है, और यहोवा का तेज तेरे ऊपर उदय हुआ है। - यशायाह 60:1

बाइबल पाठ: लूका 1:67-79
Luke 1:67 और उसका पिता जकरयाह पवित्र आत्मा से परिपूर्ण हो गया, और भविष्यद्ववाणी करने लगा।
Luke 1:68 कि प्रभु इस्राएल का परमेश्वर धन्य हो, कि उसने अपने लोगों पर दृष्टि की और उन का छुटकारा किया है।
Luke 1:69 और अपने सेवक दाऊद के घराने में हमारे लिये एक उद्धार का सींग निकाला।
Luke 1:70 जैसे उसने अपने पवित्र भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा जो जगत के आदि से होते आए हैं, कहा था।
Luke 1:71 अर्थात हमारे शत्रुओं से, और हमारे सब बैरियों के हाथ से हमारा उद्धार किया है।
Luke 1:72 कि हमारे बाप-दादों पर दया कर के अपनी पवित्र वाचा का स्मरण करे।
Luke 1:73 और वह शपथ जो उसने हमारे पिता इब्राहीम से खाई थी।
Luke 1:74 कि वह हमें यह देगा, कि हम अपने शत्रुओं के हाथ से छूटकर।
Luke 1:75 उसके साम्हने पवित्रता और धामिर्कता से जीवन भर निडर रहकर उस की सेवा करते रहें।
Luke 1:76 और तू हे बालक, परमप्रधान का भविष्यद्वक्ता कहलाएगा, क्योंकि तू प्रभु के मार्ग तैयार करने के लिये उसके आगे आगे चलेगा,
Luke 1:77 कि उसके लोगों को उद्धार का ज्ञान दे, जो उन के पापों की क्षमा से प्राप्त होता है।
Luke 1:78 यह हमारे परमेश्वर की उसी बड़ी करूणा से होगा; जिस के कारण ऊपर से हम पर भोर का प्रकाश उदय होगा।
Luke 1:79 कि अन्धकार और मृत्यु की छाया में बैठने वालों को ज्योति दे, और हमारे पांवों को कुशल के मार्ग में सीधे चलाए।
     

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 16-17
  • प्रेरितों 20:1-16