ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

बुधवार, 30 जनवरी 2019

पुनर्निर्माण



      एडवर्ड क्ली जब अनेकों वर्षों तक बाहर रहने के पश्चात, बर्लिन लौट कर आए, तो उन्होंने पाया कि जिस शहर की उनकी स्मृतियाँ थीं और जिससे वे प्रेम करते थे, अब वह नहीं था; अब वह बिलकुल बदल गया था, और उन्होंने ध्यान किया कि इतने वर्षों में वे भी बहुत बदल गए थे। क्ली ने हेमिस्फेयर्स पत्रिका में अपने एक लेख में इसके विषय लिखा, “जिस शहर से आप प्रेम करते हैं, वहाँ लौट कर आना अप्रत्याशित हो सकता है...यह निराशात्मक भी हो सकता है।” अपने बीते समय के स्थानों पर जाना दुःख और हानि का आभास करवा सकता है। हम अब वह व्यक्ति नहीं हैं जो हम तब थे, और न ही वह स्थान जो हमारे लिए इतना महत्वपूर्ण है वैसा है जैसा तब था।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम नहेम्याह के विषय में देखते हैं कि वह अनेकों वर्षों से, इस्राएल के देश से दूर, निर्वासन में था। ऐसी परिस्थिति में उसे अपने लोगों की दुर्दशा और यरूशलेम के विनाश के बारे में पता चला। तब उसने फारस के राजा अर्तक्षत्र से अनुमति ली कि वह यरूशलेम जाकर वहाँ की शहरपनाह का पुनर्निर्माण करे। एक रात यरूशलेम की शहरपनाह की टोह लेने के बाद (नहेम्याह 2:13-15), नहेम्याह ने वहाँ के लोगों से कहा, “तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे” (पद 17)।

      नहेम्याह वापस केवल अपनी यादों को दोहराने के लिए नहीं आया था, वरन उस टूटे हुए को फिर से बनाने के लिए आया था। यह हमारे लिए एक सशक्त पाठ है; हम अपने अतीत के टूटे और बिगड़े हुए भागों को फिर से ठीक करके स्थापित करें। प्रभु यीशु में हमारा विश्वास, और हमारे जीवनों में कार्यकारी उसकी सामर्थ्य हमें आगे की ओर देखने, और टूटे हुए का पुनर्निर्माण करने के लिए सबल करती है। - डेविड मैक्कैस्लैंड


हम अतीत को बदल तो नहीं सकते हैं, परन्तु परमेश्वर हमें भविष्य के लिए बदल रहा है।

परन्तु जब हम सब के उघाड़े चेहरे से प्रभु का प्रताप इस प्रकार प्रगट होता है, जिस प्रकार दर्पण में, तो प्रभु के द्वारा जो आत्मा है, हम उसी तेजस्‍वी रूप में अंश अंश कर के बदलते जाते हैं। - 2 कुरिन्थियों 3:18

बाइबल पाठ: नहेम्याह 2:11-18
Nehemiah 2:11 जब मैं यरूशलेम पहुंच गया, तब वहां तीन दिन रहा।
Nehemiah 2:12 तब मैं थोड़े पुरुषों को ले कर रात को उठा; मैं ने किसी को नहीं बताया कि मेरे परमेश्वर ने यरूशलेम के हित के लिये मेरे मन में क्या उपजाया था। और अपनी सवारी के पशु को छोड़ कोई पशु मेरे संग न था।
Nehemiah 2:13 मैं रात को तराई के फाटक में हो कर निकला और अजगर के सोते की ओर, और कूड़ाफाटक के पास गया, और यरूशलेम की टूटी पड़ी हुई शहरपनाह और जले फाटकों को देखा।
Nehemiah 2:14 तब मैं आगे बढ़ कर सोते के फाटक और राजा के कुण्ड के पास गया; परन्तु मेरी सवारी के पशु के लिये आगे जाने को स्थान न था।
Nehemiah 2:15 तब मैं रात ही रात नाले से हो कर शहरपनाह को देखता हुआ चढ़ गया; फिर घूम कर तराई के फाटक से भीतर आया, और इस प्रकार लौट आया।
Nehemiah 2:16 और हाकिम न जानते थे कि मैं कहां गया और क्या करता था; वरन मैं ने तब तक न तो यहूदियों को कुछ बताया था और न याजकों और न रईसों और न हाकिमों और न दूसरे काम करने वालों को।
Nehemiah 2:17 तब मैं ने उन से कहा, तुम तो आप देखते हो कि हम कैसी दुर्दशा में हैं, कि यरूशलेम उजाड़ पड़ा है और उसके फाटक जले हुए हैं। तो आओ, हम यरूशलेम की शहरपनाह को बनाएं, कि भविष्य में हमारी नामधराई न रहे।
Nehemiah 2:18 फिर मैं ने उन को बतलाया, कि मेरे परमेश्वर की कृपादृष्टि मुझ पर कैसी हुई और राजा ने मुझ से क्या क्या बातें कही थीं। तब उन्होंने कहा, आओ हम कमर बान्धकर बनाने लगें। और उन्होंने इस भले काम को करने के लिये हियाव बान्ध लिया।
                                                                                                                                                        
एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 23-24
  • मत्ती 20:1-16



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें