ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

मंगलवार, 2 जुलाई 2019

कठिन


      अपनी चाय की चुस्कियां लेते हुए नैन्सी ने पडौस में अपनी सहेली की खिड़की में सजे गमलों की ओर देखकर ठंडी साँस ली और कहा, “मुझे भी वैसी ही सुंदरता चाहिए, परन्तु उतनी मेहनत किए बिना।” बसंत की वर्षा और धूप ने उसकी सहेली की खिड़की में सजे गमलों में कई प्रकार के सुन्दर फूलों के खिलने की छटा को बिखेर दिया था, और वह सुंदरता उसका ध्यान आकर्षित कर रही थी।

      कुछ बातों में बिना विशेष परिश्रम किए, किसी छोटे मार्ग द्वारा, कार्य करना व्यवहारिक या ठीक हो सकता है, परन्तु हर बात के लिए यह नहीं किया जा सकता है, बहुधा ऐसा करना हानिकारक हो सकता है और हमारी आत्मा तथा जीवन में दुष्परिणाम ला सकता है। किसी व्यक्ति के साथ सच्चे प्रेम संबंध में बंधने के लिए अपने से बिलकुल भिन्न उस व्यक्ति के साथ सामंजस्य बैठाने में निहित कठिनाईयों और अनेपक्षित व्यवहार को स्वीकार करना तथा उसका सामना पड़ेगा, उसके साथ जीवन की बातों में तालमेल बैठाने के लिए समय और धैर्य देना पड़ेगा, अन्यथा परस्पर प्रेम के आनन्द का अनुभव नहीं किया जा सकेगा। जीवन में यदि “महानता” के रोमाँच को अनुभव करना है तो असफलताओं और कठिन परिश्रम से होकर निकालना ही पड़ेगा। यदि परमेश्वर के मार्गों में चलना है, उसे प्रसन्न रखना है तो व्यक्तिगत इच्छाओं की उपेक्षा करने की असुविधाओं से निकलने के लिए तैयार रहना पड़ेगा।

      प्रभु यीशु ने यह बात अपने शिष्यों पर स्पष्ट कर दी थी कि उनके पीछे चलने के लिए ऐसा कोई छोटा मार्ग नहीं है जो प्रभु को समर्पित जीवन को कठिनाईयों से बचाए रखता हो। प्रभु ने उसके पीछे चलने की चाह रखने वाले एक व्यक्ति से कहा “जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं” (लूका 9:62)। प्रभु यीशु का अनुसरण करने के लिए हमें अपनी प्राथमिकताओं और वफादारी में आधारभूत परिवर्तन करने होंगे (2 कुरिन्थियों 5:15)।

      जब हम मसीह यीशु की ओर विश्वास में मुड़ते हैं तो हमारे एक नए जीवन और कार्य का आरंभ होता है। यह नया जीवन और कार्य सहज नहीं है, परन्तु इससे संबंधित परिश्रम, अन्ततः प्राप्त होने वाले परिणामों के सर्वथा उपयुक्त है। प्रभु यीशु ने यह वायदा भी किया है “मैं तुम से सच कहता हूं, कि ऐसा कोई नहीं, जिसने मेरे और सुसमाचार के लिये घर या भाइयों या बहिनों या माता या पिता या लड़के-बालों या खेतों को छोड़ दिया हो। और अब इस समय सौ गुणा न पाए, घरों और भाइयों और बहिनों और माताओं और लड़के-बालों और खेतों को पर उपद्रव के साथ और परलोक में अनन्त जीवन” (मरकुस 10:29-30)।

      प्रभु यीशु के पीछे हो लेने का मार्ग कठिन तो है, परन्तु इसके लिए हमें सामर्थ्य और मार्गदर्शन प्रदान करने के लिए प्रभु ने हमें अपना पवित्र आत्मा तथा अपना जीविता वचन, बाइबल, भी प्रदान किया है; और उसका अपने अनुयायियों यह भी वायदा है कि इस कठिन परिश्रम का परिणाम, वर्तमान में तथा अनन्त काल के लिए भरपूर आनंदपूर्ण जीवन है। - टिम गुस्ताफ्सन


करने योग्य अधिकांश बातें कठिन होती हैं।

और वह[यीशु] इस निमित्त सब के लिये मरा, कि जो जीवित हैं, वे आगे को अपने लिये न जीएं परन्तु उसके लिये जो उन के लिये मरा और फिर जी उठा। - 2 कुरिन्थियों 5:15

बाइबल पाठ: लूका 9:57-62
Luke 9:57 जब वे मार्ग में चले जाते थे, तो किसी न उस से कहा, जहां जहां तू जाएगा, मैं तेरे पीछे हो लूंगा।
Luke 9:58 यीशु ने उस से कहा, लोमडिय़ों के भट और आकाश के पक्षियों के बसेरे होते हैं, पर मनुष्य के पुत्र को सिर धरने की भी जगह नहीं।
Luke 9:59 उसने दूसरे से कहा, मेरे पीछे हो ले; उसने कहा; हे प्रभु, मुझे पहिले जाने दे कि अपने पिता को गाड़ दूं।
Luke 9:60 उसने उस से कहा, मरे हुओं को अपने मुरदे गाड़ने दे, पर तू जा कर परमेश्वर के राज्य की कथा सुना।
Luke 9:61 एक और ने भी कहा; हे प्रभु, मैं तेरे पीछे हो लूंगा; पर पहिले मुझे जाने दे कि अपने घर के लोगों से विदा हो आऊं।
Luke 9:62 यीशु ने उस से कहा; जो कोई अपना हाथ हल पर रखकर पीछे देखता है, वह परमेश्वर के राज्य के योग्य नहीं।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 22-24
  • प्रेरितों 11


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें