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शुक्रवार, 10 मई 2019

आश्वासन



      हम पारिवारिक अवकाश का समय बिता कर घर लौट रहे थे, और हमारा मार्ग एक वीरान क्षेत्र से होकर जाता था। सूर्यास्त के भी लगभग दो घंटे बाद तक हम गहरी घाटियों और बंजर पठारों से होकर निकलते रहे। उस अन्धकार में, उस मार्ग पर चलने वाली बीस से भी कम गाड़ियों की हेडलाइट्स दिखाई पड़ रही थीं। कुछ समय बाद चन्द्रमा उदय हुआ, जो हमको तभी दिखाई देता था जब हम पहाड़ियों पर होते थे; जब मार्ग घाटी से होकर निकलता था तो चन्द्रमा भी दिखना बन्द हो जाता था। मेरी बेटी ने चाँद की ज्योति पर टिप्पणी करते हुए उसे परमेश्वर की उपस्थिति की स्मृति बताया। मैंने उससे पूछा कि क्या परमेश्वर की उपस्थति के बोध के लिए उसे चाँद को देखना आवश्यक था, तो उसने उत्तर दिया, “नहीं, किन्तु देखने से अच्छा अवश्य लगता है।”

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि मूसा की मृत्यु के पश्चात इस्राएलियों का नेतृत्व करने का दायित्व यहोशू पर आया, और उसे परमेश्वर के लोगों को वाचा किए हुए देश में लेकर जाने की जिम्मेदारी सौंपी गई। यद्यपि उसे यह दायित्व ईश्वरीय अधिकार से मिला था, किन्तु इस कार्य को करना यहोशू के लिए चुनौती पूर्ण अवश्य था। परमेश्वर ने अपने अनुग्रह में यहोशू को आश्वासन प्रदान किया कि वह इस कार्य में सहायक बनकर उसके साथ रहेगा (यहोशू 1:9)।

      जीवन का मार्ग बहुधा अनजाने मार्गों से होकर जाता है। हमें ऐसे क्षेत्रों से निकलना पड़ता है जहाँ आगे का मार्ग स्पष्ट दिखाई नहीं देता है। परमेश्वर की योजना सदा ही हमें दिखाई नहीं देती है, परन्तु हम मसीही विश्वासियों से उसका वायदा है कि “जगत के अन्त तक” (मत्ती 28:20) भी वह सदा हमारे साथ बना रहेगा। इससे बढ़कर और क्या आश्वासन हो सकता है कि हमारे सामने चाहे कोई भी अनिश्चितता, कोई भी चुनौती क्यों न हो, हमारा सहायक और मार्गदर्शक परमेश्वर सदा हमारे साथ है। चाहे मार्ग अंधकारमय हो, किन्तु जगत की ज्योति के साथ बने रहने का आश्वासन हमारे साथ है। - कर्स्टेन होम्बर्ग


वह चाहे हमें दिखाई न दे, परन्तु परमेश्वर सदा हमारे साथ रहता है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: यहोशू 1:1-9
Joshua 1:1 यहोवा के दास मूसा की मृत्यु के बाद यहोवा ने उसके सेवक यहोशू से जो नून का पुत्र था कहा,
Joshua 1:2 मेरा दास मूसा मर गया है; सो अब तू उठ, कमर बान्ध, और इस सारी प्रजा समेत यरदन पार हो कर उस देश को जा जिसे मैं उन को अर्थात इस्राएलियों को देता हूं।
Joshua 1:3 उस वचन के अनुसार जो मैं ने मूसा से कहा, अर्थात जिस जिस स्थान पर तुम पांव धरोगे वह सब मैं तुम्हे दे देता हूं।
Joshua 1:4 जंगल और उस लबानोन से ले कर परात महानद तक, और सूर्यास्त की ओर महासमुद्र तक हित्तियों का सारा देश तुम्हारा भाग ठहरेगा।
Joshua 1:5 तेरे जीवन भर कोई तेरे साम्हने ठहर न सकेगा; जैसे मैं मूसा के संग रहा वैसे ही तेरे संग भी रहूंगा; और न तो मैं तुझे धोखा दूंगा, और न तुझ को छोडूंगा।
Joshua 1:6 इसलिये हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; क्योंकि जिस देश के देने की शपथ मैं ने इन लोगों के पूर्वजों से खाई थी उसका अधिकारी तू इन्हें करेगा।
Joshua 1:7 इतना हो कि तू हियाव बान्धकर और बहुत दृढ़ हो कर जो व्यवस्था मेरे दास मूसा ने तुझे दी है उन सब के अनुसार करने में चौकसी करना; और उस से न तो दाहिने मुड़ना और न बांए, तब जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा काम सफल होगा।
Joshua 1:8 व्यवस्था की यह पुस्तक तेरे चित्त से कभी न उतरने पाए, इसी में दिन रात ध्यान दिए रहना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने की तू चौकसी करे; क्योंकि ऐसा ही करने से तेरे सब काम सफल होंगे, और तू प्रभावशाली होगा।
Joshua 1:9 क्या मैं ने तुझे आज्ञा नहीं दी? हियाव बान्धकर दृढ़ हो जा; भय न खा, और तेरा मन कच्चा न हो; क्योंकि जहां जहां तू जाएगा वहां वहां तेरा परमेश्वर यहोवा तेरे संग रहेगा।

एक साल में बाइबल:  
  • 2 राजा 10-12
  • यूहन्ना 1:29-51