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शनिवार, 25 मई 2019

ईर्ष्या



      मेरे पुत्र और बहु को संध्या के समय कहीं बाहर जाना था, उनकी सहायता के लिए, उनकी अनुपस्थिति में, मैं अपने पोतों की देखभाल करने के लिए उनके घर रहने के लिए सहर्ष सहमत हो गई। शाम को उनके घर पहुँचने और बच्चों को गले लगाकर उन से मिलने के बाद मैं उनसे बातचीत करने लगी। मैंने उन से जानना चाहा कि उन्होंने बीते सप्ताहान्त क्या-क्या किया। तीन वर्षीय छोटे पोते नें बड़े उत्साह के साथ बताया कि कैसे उसे अपने चाचा-चाची के साथ एक रात बिताने को मिली थी, जहाँ उसने आईसक्रीम खाई, झूले पर झूला और एक फिल्म भी देखी। इसके बाद पाँच वर्षीय बड़े पोते की बारी थी। जब मैंने उससे पूछा कि उसने सप्ताहान्त पर क्या किया तो उसने नीरसता से कहा कहा कि वह कैम्पिंग के लिए गया था। फिर मैंने पूछा कि क्या उसे कैम्पिंग में मज़ा आया, तो उसने उदासीन भाव के साथ अपने छोटे भाई की ओर संकेत करते हुए उत्तर दिया, “उतना नहीं!”

      मेरा बड़ा पोता सँसार भर के लोगों को सदियों से प्रभावित कर रहे ईर्ष्या के भाव का अनुभव कर रहा था। उसने जब अपने छोटे भाई से अपने चाचा के साथ समय बिताए गए समय और आनन्द के बारे में सुना तो तुरंत ही वह उस आनन्द के बारे में भूल गया जो उसने अपने पिता के साथ कैम्पिंग करते हुए अनुभव किया था।

      हम सभी ईर्ष्या के शिकार हो सकते हैं। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रजा के द्वारा की जा रही दाऊद की प्रशंसा को सुनकर राजा शाउल ईर्ष्या से भर गया और दाऊद के विरोध में हो गया; वह इतना क्रोधित हुआ कि दाऊद को मारने के प्रयास करने लगा।

      औरों से तुलना करने का विचार और व्यवहार मूर्खतापूर्ण तथा विनाशक होता है। अवश्य ही किसी न किसी के पास कुछ ऐसा होगा जो हमारे पास नहीं है, या उसने ऐसे अनुभवों के आनन्द पाए होंगे जो हमने नहीं पाए। परन्तु परमेश्वर हमें पहले ही उन लोगों से भिन्न अनेकों अन्य आशीषें और आनन्द प्रदान कर चुका है, जिनमें इस जीवन की आवश्यकताओं की पूर्ति तथा मसीही विश्वासियों को प्रभु यीशु में अनन्त जीवन की आशीष सम्मिलित हैं। जब हम किसी अन्य मनुष्य पर ध्यान केंद्रित करने के स्थान पर प्रभु परमेश्वर पर अपना ध्यान केंद्रित करते हैं, उसके द्वारा हमें प्रदान की गई आशीषों को लेकर उसके प्रति कृतज्ञ एवँ धन्यवादी रहते हैं, तो हम ईर्ष्या में पड़ने से बचे रहते हैं। - एलीसन कीडा


ईर्ष्या का समाधान परमेश्वर के प्रति धन्यवादी रहना है।

शान्त मन, तन का जीवन है, परन्तु मन के जलने से हड्डियां भी जल जाती हैं। - नीतिवचन 14:30

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 18:5-15
1 Samuel 18:5 और जहां कहीं शाऊल दाऊद को भेजता था वहां वह जा कर बुद्धिमानी के साथ काम करता था; और शाऊल ने उसे योद्धाओं का प्रधान नियुक्त किया। और समस्त प्रजा के लोग और शाऊल के कर्मचारी उस से प्रसन्न थे।
1 Samuel 18:6 जब दाऊद उस पलिश्ती को मारकर लौटा आता था, और वे सब लोग भी आ रहे थे, तब सब इस्राएली नगरों से स्त्रियों ने निकलकर डफ और तिकोने बाजे लिये हुए, आनन्द के साथ गाती और नाचती हुई, शाऊल राजा के स्वागत में निकलीं।
1 Samuel 18:7 और वे स्त्रियां नाचती हुइ एक दूसरी के साथ यह गाती गईं, कि शाऊल ने तो हजारों को, परन्तु दाऊद ने लाखों को मारा है।
1 Samuel 18:8 तब शाऊल अति क्रोधित हुआ, और यह बात उसको बुरी लगी; और वह कहने लगा, उन्होंने दाऊद के लिये तो लाखों और मेरे लिये हजारों को ठहराया; इसलिये अब राज्य को छोड़ उसको अब क्या मिलना बाकी है?
1 Samuel 18:9 तब उस दिन से भविष्य में शाऊल दाऊद की ताक में लगा रहा।
1 Samuel 18:10 दूसरे दिन परमेश्वर की ओर से एक दृष्ट आत्मा शाऊल पर बल से उतरा, और वह अपने घर के भीतर नबूवत करने लगा; दाऊद प्रति दिवस के समान अपने हाथ से बजा रहा था। और शाऊल अपने हाथ में अपना भाला लिये हुए था;
1 Samuel 18:11 तब शाऊल ने यह सोचकर, कि मैं ऐसा मारूंगा कि भाला दाऊद को बेधकर भीत में धंस जाए, भाले को चलाया, परन्तु दाऊद उसके साम्हने से दो बार हट गया।
1 Samuel 18:12 और शाऊल दाऊद से डरा करता था, क्योंकि यहोवा दाऊद के साथ था और शाऊल के पास से अलग हो गया था।
1 Samuel 18:13 शाऊल ने उसको अपने पास से अलग कर के सहस्रपति किया, और वह प्रजा के साम्हने आया जाया करता था।
1 Samuel 18:14 और दाऊद अपनी समस्त चाल में बुद्धिमानी दिखाता था; और यहोवा उसके साथ साथ था।
1 Samuel 18:15 और जब शाऊल ने देखा कि वह बहुत बुद्धिमान है, तब वह उस से डर गया।

एक साल में बाइबल:  
  • 1 इतिहास 25-27
  • यूहन्ना 9:1-23