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मंगलवार, 11 जून 2019

अवस्था



      हमारे चर्च के स्तुतिगान समूह में जब मेरे पति माउथ-ऑर्गन बजाते हैं तो मैंने ध्यान किया है कि वे कभी-कभी बजाते समय अपनी आँखे बन्द कर लेते हैं। उनका कहना है कि वे यह इसलिए करते हैं जिससे उनका ध्यान बंटाने वाली किसी बात के कारण उनके बजाने में खलल न पड़े और वे पूरी एकाग्रता से बजा सकें; उनका ध्यान केवल उनके माउथ-ऑर्गन, संगीत और स्वयँ पर हो और इन सबके द्वारा वे पूरी लगाने के साथ परमेश्वर की स्तुति कर सकें।

      कुछ लोग सोचते हैं कि प्रार्थना करते समय आँखें बन्द रखना क्या आवश्यक है? क्योंकि हम कभी भी, किसी भी समय प्रार्थना कर सकते हैं, इसलिए सदा ही आँखे बन्द करना शायद संभव न हो – जैसे कि तब, जब हम कहीं टहलने निकले हैं, या बागबानी कर रहे हैं, या गाड़ी चला रहे हैं।

      जब हम परमेश्वर से वार्तालाप कर रहे हों, तो परमेश्वर के वचन बाइबल में हमारे किसी विशेष अवस्था में होने के लिए कोई नियम या अनिवार्यता नहीं है। जब राजा सुलेमान ने मंदिर के समर्पण के समय प्रार्थना की तो उसने घुटने टेक कर और अपने हाथ स्वर्ग की ओर उठाकर प्रार्थना की (2 इतिहास 6:13-14)। बाइबल में घुटने टेक कर (इफिसियों 3:14), खड़े होकर (लूका 18:10-13), औंधे मूँह होकर (मत्ती 26:39) प्रार्थना करने की अवस्थाओं का उल्लेख आया है।

      हम चाहे परमेश्वर के सामने घुटने टेकें या खड़े हों, चाहे अपने हाथ स्वर्ग की ओर उठाएँ, या परमेश्वर पर ध्यान बेहतर केंद्रित करने के लिए आँखों को बन्द करें, मुख्य बात हमारे शरीर की अवस्था नहीं, हमारे मन की दशा है। हम  जो कुछ करते हैं वह सब हमारे हृदय से ही आता है (नीतिवचन 4: 23)। इसलिए जब हम प्रार्थना करें, तो हमारे हृदय सदा ही परमेश्वर के समक्ष श्रद्धा, कृतज्ञता, और नम्रता में झुके रहें, क्योंकि हम जानते हैं कि उसकी आँखे सदा हम पर लगी रहती हैं और उसके कान हमारी प्रार्थनाओं की ओर सदा लगे रहते हैं (2 इतिहास 6:40)। - सिंडी हैस कैस्पर


नम्र हृदय की गहराइयों से ही सर्वोच्च प्रार्थना निकलती है।

सब से अधिक अपने मन की रक्षा कर; क्योंकि जीवन का मूल स्रोत वही है। - नीतिवचन 4: 23

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 6:7-9, 12-15
2 Chronicles 6:7 मेरे पिता दाऊद की यह मनसा थी कि इस्राएल के परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनवाए।
2 Chronicles 6:8 परन्तु यहोवा ने मेरे पिता दाऊद से कहा, तेरी जो मनसा है कि यहोवा के नाम का एक भवन बनाए, ऐसी मनसा कर के तू ने भला तो किया;
2 Chronicles 6:9 तौभी तू उस भवन को बनाने न पाएगा: तेरा जो निज पुत्र होगा, वही मेरे नाम का भवन बनाएगा।
2 Chronicles 6:12 तब वह इस्राएल की सारी सभा के देखते यहोवा की वेदी के साम्हने खड़ा हुआ और अपने हाथ फैलाए।
2 Chronicles 6:13 सुलैमान ने पांच हाथ लम्बी, पांच हाथ चौड़ी और तीन हाथ ऊंची पीतल की एक चौकी बनाकर आंगन के बीच रखवाई थी; उसी पर खड़े हो कर उसने सारे इस्राएल की सभा के सामने घुटने टेक कर स्वर्ग की ओर हाथ फैलाए हुए कहा,
2 Chronicles 6:14 हे यहोवा, हे इस्राएल के परमेश्वर, तेरे समान न तो स्वर्ग में और न पृथ्वी पर कोई ईश्वर है: तेरे जो दास अपने सारे मन से अपने को तेरे सम्मुख जान कर चलते हैं, उनके लिये तू अपनी वाचा पूरी करता और करुणा करता रहता है।
2 Chronicles 6:15 तू ने जो वचन मेरे पिता दाऊद को दिया था, उसका तू ने पालन किया है; जैसा तू ने अपने मुंह से कहा था, वैसा ही अपने हाथ से उसको हमारी आंखों के साम्हने पूरा भी किया है।

एक साल में बाइबल:  
  • एज्रा 1-2
  • यूहन्ना 19:23-42