ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

शनिवार, 29 जून 2019

सहायता



      मेरी एक सहेली अपनी कार से किराने की दूकान तक जा रही थी, और उसका ध्यान मार्ग के किनारे चलती हुई एक महिला की ओर गया; मेरी सहेली के मन में विचार आया कि उसे उस महिला की सहायता करनी चाहिए और उसने उस महिला को अपनी कार में बैठाकर उसे उसके गंतव्य तक पहुँचाने की पेशकश की। मेरी सहेली को यह सुनकर दुःख हुआ कि उस महिला के पास बस में जाने के लायक पैसे नहीं थे इसलिए वह उस गर्म और उमस भरे वातावरण में कई मील पैदल चलने के लिए मजबूर थी। अब न केवल वह वापस अपने घर की लंबी यात्रा कर रही थी वरन वह सुबह चार बजे अपने काम पर पहुँचने के लिए भी ऐसे ही पैदल चलकर पहुँची थी।

      उस महिला को अपनी कार में बैठाकर मेरी सहेली ने परमेश्वर के वचन बाइबल में याकूब द्वारा उसकी पत्री में लिखी बात को व्यवहारिक करके दिखाया कि मसीही विश्वासियों को अपने विश्वास को अपने कर्मों के द्वारा जी कर दिखाना चाहिए: “वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्‍वभाव में मरा हुआ है” (याकूब 2:17)। याकूब यह भी चाहता था कि चर्च के लोग विधवाओं और अनाथों का भी ध्यान रखें (याकूब 1:27), और वे मात्र शब्दों द्वारा नहीं वरन प्रेम के व्यवहार और कार्यों द्वारा अपने विश्वास को प्रगट करें।

      हमें प्रभु यीशु मसीह में विश्वास के द्वारा उद्धार मिला है, किन्ही कर्मों के द्वारा नहीं; और हम औरों से प्रेम का व्यवहार करके, उनकी आवश्यकताओं में उनकी सहायता करके अपने विश्वास को जी कर दिखाते हैं। मेरी सहेली के समान हम भी अपनी जीवन यात्रा में उनके प्रति अपनी आँखों को खुला रखें जिन्हें हमारी सहायता की आवश्यकता है, और उनकी सहायता करके अपने मसीही विश्वास को व्यवहारिक करें। - एमी बाउचर पाई


हम भले कर्मों के द्वारा अपने विश्वास को जी कर दिखाते हैं।

और मसीह यीशु में न खतना, न खतनारिहत कुछ काम का है, परन्तु केवल विश्वास, जो प्रेम के द्वारा प्रभाव करता है। - गलातियों 5:6

बाइबल पाठ: याकूब 2:14-26
James 2:14 हे मेरे भाइयों, यदि कोई कहे कि मुझे विश्वास है पर वह कर्म न करता हो, तो उस से क्या लाभ? क्या ऐसा विश्वास कभी उसका उद्धार कर सकता है?
James 2:15 यदि कोई भाई या बहिन नगें उघाड़े हों, और उन्हें प्रति दिन भोजन की घटी हो।
James 2:16 और तुम में से कोई उन से कहे, कुशल से जाओ, तुम गरम रहो और तृप्‍त रहो; पर जो वस्तुएं देह के लिये आवश्यक हैं वह उन्हें न दे, तो क्या लाभ?
James 2:17 वैसे ही विश्वास भी, यदि कर्म सहित न हो तो अपने स्‍वभाव में मरा हुआ है।
James 2:18 वरन कोई कह सकता है कि तुझे विश्वास है, और मैं कर्म करता हूं: तू अपना विश्वास मुझे कर्म बिना तो दिखा; और मैं अपना विश्वास अपने कर्मों के द्वारा तुझे दिखाऊंगा।
James 2:19 तुझे विश्वास है कि एक ही परमेश्वर है: तू अच्छा करता है: दुष्टात्मा भी विश्वास रखते, और थरथराते हैं।
James 2:20 पर हे निकम्मे मनुष्य क्या तू यह भी नहीं जानता, कि कर्म बिना विश्वास व्यर्थ है?
James 2:21 जब हमारे पिता इब्राहीम ने अपने पुत्र इसहाक को वेदी पर चढ़ाया, तो क्या वह कर्मों से धामिर्क न ठहरा था?
James 2:22 सो तू ने देख लिया कि विश्वास ने उस के कामों के साथ मिल कर प्रभाव डाला है और कर्मों से विश्वास सिद्ध हुआ।
James 2:23 और पवित्र शास्त्र का यह वचन पूरा हुआ, कि इब्राहीम ने परमेश्वर की प्रतीति की, और यह उसके लिये धर्म गिना गया, और वह परमेश्वर का मित्र कहलाया।
James 2:24 सो तुम ने देख लिया कि मनुष्य केवल विश्वास से ही नहीं, वरन कर्मों से भी धर्मी ठहरता है।
James 2:25 वैसे ही राहाब वेश्या भी जब उसने दूतों को अपने घर में उतारा, और दूसरे मार्ग से विदा किया, तो क्या कर्मों से धामिर्क न ठहरी?
James 2:26 निदान, जैसे देह आत्मा बिना मरी हुई है वैसा ही विश्वास भी कर्म बिना मरा हुआ है।

एक साल में बाइबल: 
  • अय्यूब 14-16
  • प्रेरितों 9:22-43