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शुक्रवार, 2 अगस्त 2019

प्रेम सेवा



      अपने विद्यार्थियों की ख़राब लिखने की आदतों से परेशान, विख्यात लेखक और कॉलेज के प्रोफ़ेसर डेविड फ़ॉस्टर वॉलेस विचार करने लगे कि वे उनके कौशल को कैसे सुधार सकते हैं। ऐसे में एक चौंका देने वाला प्रश्न उनके सम्मुख आया। प्रोफ़ेसर को अपने आप से पूछना पड़ा कि क्यों कोई विद्यार्थी उनके जैसे “आत्मतुष्टि से भरे हुए, संकीर्ण, घमण्डी, [और] दूसरों को नीचा दिखाने वाले” किसी व्यक्ति की बात को सुनेगा? उन्हें पता था कि उनका घमण्ड एक समस्या है।

      वह प्रोफ़ेसर बदल सकता था, और उसमें परिवर्तन आया भी, परन्तु वह कभी अपना एक विद्यार्थी नहीं बन सका। किन्तु जब प्रभु यीशु मसीह इस पृथ्वी पर आए, तो उन्होंने हमारे समान बनकर हमें प्रत्यक्ष दिखाया कि नम्रता क्या होती है। हर प्रकार की सीमाओं को लांघते हुए, यीशु सभी स्थानों पर लोगों की सेवा करने, उनको सिखाने, और परमेश्वर पिता की इच्छा को पूरा करने के द्वारा सहज रहे।

      जब प्रभु यीशु को क्रूस दिया गया, तो उन्होंने उन्हें क्रूस पर चढ़ाने वालों के क्षमा किए जाने की प्रार्थना की (लूका 23:34)। क्रूस पर टंगे हुए, हर एक साँस लेने की पीड़ा को सहते हुए भी, उन्होंने अपने साथ टंगे हुए एक अपराधी को अनन्त जीवन प्रदान किया (पद 42-43)।

      प्रभु यीशु ने ऐसा क्यों किया? वह हमारे जैसे लोगों की अंतिम साँस तक सेवा क्यों करते रहे? परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित यूहन्ना इसे स्पष्ट करता है, हमारे प्रति अपने प्रगाढ़ प्रेम के कारण! यूहन्ना ने लिखा, “हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए” और फिर वह इस बात को दृढ़ता से स्थापित करने के लिए लिखता है “और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए” (1 यूहन्ना 3:16)।

      प्रभु यीशु मसीह ने दिखाया कि उनका प्रेम हमारे घमण्ड, आत्मतुष्टि, तथा औरों को नीचा दिखाने के स्वभाव को मिटा देता है। और उन्होंने अपने इस प्रेम-सेवा को सबसे प्रभावी रीति से प्रदर्शित किया – अपने आप को बलिदान करने के द्वारा! – टिम गुस्ताफसन


प्रभु यीशु ने हमारे प्रति प्रेम को हमारी सेवा करने के द्वारा प्रगट किया।

क्योंकि परमेश्वर ने जगत से ऐसा प्रेम रखा कि उसने अपना एकलौता पुत्र दे दिया, ताकि जो कोई उस पर विश्वास करे, वह नाश न हो, परन्तु अनन्त जीवन पाए। - यूहन्ना 3:16

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 3:11-18
1 John 3:11 क्योंकि जो समाचार तुम ने आरम्भ से सुना, वह यह है, कि हम एक दूसरे से प्रेम रखें।
1 John 3:12 और कैन के समान न बनें, जो उस दुष्‍ट से था, और जिसने अपने भाई को घात किया: और उसे किस कारण घात किया? इस कारण कि उसके काम बुरे थे, और उसके भाई के काम धर्म के थे।
1 John 3:13 हे भाइयों, यदि संसार तुम से बैर करता है तो अचम्भा न करना।
1 John 3:14 हम जानते हैं, कि हम मृत्यु से पार हो कर जीवन में पहुंचे हैं; क्योंकि हम भाइयों से प्रेम रखते हैं: जो प्रेम नहीं रखता, वह मृत्यु की दशा में रहता है।
1 John 3:15 जो कोई अपने भाई से बैर रखता है, वह हत्यारा है; और तुम जानते हो, कि किसी हत्यारे में अनन्त जीवन नहीं रहता।
1 John 3:16 हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
1 John 3:17 पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
1 John 3:18 हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 60-62
  • रोमियों 5