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गुरुवार, 8 अगस्त 2019

उपलब्ध



      ख्याति-प्राप्त लोगों के प्रति अत्याधिक रुचि रखने वाले आज के समाज में कोई अचरज की बात नहीं है कि कुछ लोगों ने उन ख्याति-प्राप्त लोगों को उत्पाद के समान प्रयोग करना आरंभ कर दिया है और उनके व्यक्तिगत समय और संगति को बेचने लगे हैं। अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर से संबंधित एक पत्रिका में छ्पे एक लेख में बताया गया कि 15,000 डॉलर में आपकी गायिका शकीरा के साथ व्यक्तिगत मुलाक़ात हो सकती है; 12,000 डॉलर में आप अपने ग्यारह अन्य अतिथियों के साथ प्रसिद्ध शेफ माइकल शियारेलो के बंगले में उसके साथ भोजन कर सकते हैं।

      प्रभु यीशु मसीह का भी बहुत से लोगों ने एक ख्याति-प्राप्त व्यक्तित्व के समान ही उपयोग किया – वे एक से दूसरे स्थान पर उनके पीछे-पीछे जाते थे, उनकी शिक्षाओं को सुनते थे, उनके आश्चर्यकर्मों को देखते थे, और उनके छुए जाने के द्वारा चंगाई प्राप्त करने की लालसा रखते थे। परन्तु प्रभु यीशु कभी भी न तो अभिमानी हुए और न ही आम लोगों से अलग रहे, वे सदैव सब के लिए उपलब्ध रहते थे। जब उनके शिष्य, याकूब और यूहन्ना ने उनके आने वाले स्वर्गीय राज्य में उनसे उत्तम स्थान प्राप्त करना निश्चित करने का प्रयास किया, तो प्रभु यीशु ने उन्हें स्मरण दिलाया कि “जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने। और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने” (मरकुस 10:43-44)।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है कि प्रभु द्वारा यह कहे जाने के तुरंत बाद ही प्रभु ने उनके पीछे चली आ रही भीड़ को रोक कर एक अंधे भिखारी से पूछा, “तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूं?” और जब उसने उत्तर दिया कि “हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूं” (पद 51); तो प्रभु ने तुरंत ही उसे चंगाई दी और वह प्रभु के पीछे हो लिया (पद 52)।

      प्रभु यीशु ने अपनी सेवकाई के विषय स्वयँ कहा, “क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे” (पद 45)। हम मसीही विश्वासी भी अपने प्रभु के समान करुणा रखने वाले तथा सबकी सहायता के लिए उपलब्ध रहने वाले बनें। - डेविड मैक्कैस्लैंड


प्रभु यीशु का अनुसरण करे; औरों की सहायता के लिए हाथ बढ़ाएँ।

और जैसा तुम चाहते हो कि लोग तुम्हारे साथ करें, तुम भी उन के साथ वैसा ही करो। - लूका 6:31

बाइबल पाठ: मरकुस 10:42-52
Mark 10:42 और यीशु ने उन को पास बुला कर उन से कहा, तुम जानते हो, कि जो अन्यजातियों के हाकिम समझे जाते हैं, वे उन पर प्रभुता करते हैं; और उन में जो बड़ें हैं, उन पर अधिकार जताते हैं।
Mark 10:43 पर तुम में ऐसा नहीं है, वरन जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे वह तुम्हारा सेवक बने।
Mark 10:44 और जो कोई तुम में प्रधान होना चाहे, वह सब का दास बने।
Mark 10:45 क्योंकि मनुष्य का पुत्र इसलिये नहीं आया, कि उस की सेवा टहल की जाए, पर इसलिये आया, कि आप सेवा टहल करे, और बहुतों की छुड़ौती के लिये अपना प्राण दे।
Mark 10:46 और वे यरीहो में आए, और जब वह और उसके चेले, और एक बड़ी भीड़ यरीहो से निकलती थी, तो तिमाई का पुत्र बरतिमाई एक अन्‍धा भिखारी सड़क के किनारे बैठा था।
Mark 10:47 वह यह सुनकर कि यीशु नासरी है, पुकार पुकार कर कहने लगा; कि हे दाऊद की सन्तान, यीशु मुझ पर दया कर।
Mark 10:48 बहुतों ने उसे डांटा कि चुप रहे, पर वह और भी पुकारने लगा, कि हे दाऊद की सन्तान, मुझ पर दया कर।
Mark 10:49 तब यीशु ने ठहरकर कहा, उसे बुलाओ; और लोगों ने उस अन्धे को बुलाकर उस से कहा, ढाढ़स बान्‍ध, उठ, वह तुझे बुलाता है।
Mark 10:50 वह अपना कपड़ा फेंककर शीघ्र उठा, और यीशु के पास आया।
Mark 10:51 इस पर यीशु ने उस से कहा; तू क्या चाहता है कि मैं तेरे लिये करूं? अन्धे ने उस से कहा, हे रब्बी, यह कि मैं देखने लगूं।
Mark 10:52 यीशु ने उस से कहा; चला जा, तेरे विश्वास ने तुझे चंगा कर दिया है: और वह तुरन्त देखने लगा, और मार्ग में उसके पीछे हो लिया।

एक साल में बाइबल: 
  • भजन 74-76
  • रोमियों 9:16-33