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रविवार, 13 अक्तूबर 2019

नाम



      मार्क लैबर्टन ने अपने लेख “Leading By Name” में नाम की सामर्थ्य के बारे में लिखा। उसने कहा, “मैं आज भी अपने एक संगीतज्ञ मित्र द्वारा मुझे ‘संगीतप्रेमी’ कहे जाने के प्रभाव को अनुभव कर सकता हूँ। मुझे कभी किसी ने यह नहीं कहा था। मैं कोई संगीत-वाद्य नहीं बजाता था, और न ही मैं एकल गायक था। परन्तु उसने मुझ में कुछ  देखा, उसकी पुष्टि की और उसकी सराहना की, और मैंने तुरन्त ही अनुभव किया कि मेरी भी एक पहचान है, लोग मुझ से प्रेम करते हैं।”

      शायद कुछ ऐसा ही परमेश्वर के वचन बाइबल के एक पात्र शमौन पतरस को भी अनुभव हुआ होगा जब प्रभु यीशु ने उसे एक नया नाम दिया। परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि जब अन्द्रियास को निश्चय हो गया कि यीशु ही वह प्रतिज्ञा किया हुआ मसीहा थे, तो उसने अपने भाई शमौन को ढूँढा और उसे प्रभु यीशु के पास लेकर आया (यूहन्ना 1:41-42)। प्रभु यीशु ने शमौन को देखा और उसके अन्दर, उसकी आत्मा की गहराई में झाँका, उसके चरित्र की बातों की पुष्टि तथा सराहना की। निःसंदेह प्रभु यीशु ने शमौन की कमजोरियों और असफलताओं को भी देखा, उसके जल्दबाज़ होने के स्वभाव को भी देखा जिससे वह समस्याओं में पड़ता रहता था। परन्तु इन सब से बढ़कर प्रभु ने उसमें प्रभु की मण्डली का एक सशक्त अगुवा बनने की क्षमता को देखा। प्रभु यीशु ने उसे एक नया नाम दिया – कैफा, जो ‘पतरस’ का अरामी स्वरूप है, और जिसका अरामी भाषा में अर्थ होता है चट्टान का भाग (यूहन्ना 1:42; मत्ती 16:18)।

      यही हमारे साथ भी होता है। परमेश्वर हमारे घमण्ड, क्रोध, औरों से प्रेम न करने के स्वभाव, आदि सभी बातों को देखता और जानता है, परन्तु वह यह भी जानता है कि हम मसीह यीशु में लाए गए विश्वास के कारण क्या हैं। वह हमें धर्मी और अपने से मेल किया हुआ (रोमियों 5:9-10); क्षमा किया हुआ, पवित्र और प्रिय (कुलुस्सियों 2:13; 3:12); चुना हुआ और विश्वासयोग्य (प्रकाशितवाक्य 17:14) बुलाता है।

      उन नामों को ध्यान रखें जिनसे परमेश्वर आपको बुलाता है, और उनके अनुरूप रहने के प्रयासरत रहें; फिर शैतान आपको निराश कभी नहीं करने पाएगा। - मारविन विलियम्स

मसीह यीशु में जो आपकी पहचान है, उसे कोई आपसे छीन नहीं सकता है

सो यदि कोई मसीह में है तो वह नई सृष्‍टि है: पुरानी बातें बीत गई हैं; देखो, वे सब नई हो गईं। - 2 कुरिन्थियों 5:17


बाइबल पाठ: यूहन्ना 1:35-42
John 1:35 दूसरे दिन फिर यूहन्ना और उसके चेलों में से दो जन खड़े हुए थे।
John 1:36 और उसने यीशु पर जो जा रहा था दृष्टि कर के कहा, देखो, यह परमेश्वर का मेम्ना है।
John 1:37 तब वे दोनों चेले उस की यह सुनकर यीशु के पीछे हो लिए।
John 1:38 यीशु ने फिरकर और उन को पीछे आते देखकर उन से कहा, तुम किस की खोज में हो? उन्होंने उस से कहा, हे रब्बी, अर्थात (हे गुरू) तू कहां रहता है? उसने उन से कहा, चलो, तो देख लोगे।
John 1:39 तब उन्होंने आकर उसके रहने का स्थान देखा, और उस दिन उसी के साथ रहे; और यह दसवें घंटे के लगभग था।
John 1:40 उन दोनों में से जो यूहन्ना की बात सुनकर यीशु के पीछे हो लिये थे, एक तो शमौन पतरस का भाई अन्द्रियास था।
John 1:41 उसने पहिले अपने सगे भाई शमौन से मिलकर उस से कहा, कि हम को ख्रिस्तुस अर्थात मसीह मिल गया।
John 1:42 वह उसे यीशु के पास लाया: यीशु ने उस पर दृष्टि कर के कहा, कि तू यूहन्ना का पुत्र शमौन है, तू केफा, अर्थात पतरस कहलाएगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यशायाह 41-42
  • 1 थिस्सलुनीकियों 1