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मंगलवार, 12 नवंबर 2019

उपहार



      हाल ही में मेरे पति ने अपना महत्वपूर्ण जन्मदिन मनाया, ऐसा जिसके अंत में शून्य आता है। इस महत्वपूर्ण अवसर पर उन्हें सम्मान देने के सबसे उत्तम तरीके के बारे में मैंने बहुत विचार किया। मैंने अपने विचारों के बारे में अपने बच्चों के साथ भी चर्चा की, जिससे मैं सर्वोत्तम विचार पर पहुँच सकूँ। मैं चाहती थी कि हमारा उत्सव उनके जीवन के उस नए दशक के महत्व को दिखाए और इसे भी कि हमारे परिवार के लिए वे कितने महत्वपूर्ण हैं। मैं चाहती थी कि हमारा उन्हें दिया जाने वाला उपहार उनके जीवन के इस महत्वपूर्ण अवसर के महत्त्व के अनुरूप हो।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में राजा सुलैमान भी परमेश्वर को एक बहुत महान भेंट अर्पित करना चाहता था, जो किसी भी अन्य भेंट से बढ़कर हो। उसकी इच्छा थी कि जो मंदिर वह बनवा रहा था वह उसमें परमेश्वर की उपस्थिति के योग्य हो। उस मंदिर के निर्माण में लगने वाले सामान के लिए उसने सोर के राजा को सन्देश भेजा। अपने सन्देश में सुलैमान ने बताया की मंदिर भव्य होगा क्योंकि “हमारा परमेश्वर सब देवताओं में महान है” (2 इतिहास 2:5)। उसने यह माना की परमेश्वर की महानता और भलाई उस सब से कहीं अधिक बढ़कर है जो मनुष्य अपने हाथों से बना कर दे सकता है, परन्तु फिर भी परमेश्वर के प्रति अपने प्रेम और भक्ति के अंतर्गत उसने मंदिर बनाने के कार्य को आरंभ कर दिया।

      निःसंदेह हमारा परमेश्वर सब देवताओं में महान है। उसने हमारे जीवनों में अद्भुत कार्य किए हैं, जिससे हमारे हृदय उसे प्रेम के बहुमूल्य उपहार अर्पित करने के लिए प्रेरित होते हैं, चाहे उनका भौतिक मूल्य जो भी हो। सुलैमान जानता था कि उसके उपहार की कीमत कभी भी परमेश्वर के तुल्य नहीं हो सकेगी, परन्तु फिर भी उसने आनन्द के साथ अपने उपहार को परमेश्वर के सम्मुख अर्पित किया; परमेश्वर की आज्ञाकारिता में बने रहकर हम भी ऐसा ही कर सकते हैं। - कर्स्टिन होल्म्बर्ग

परमेश्वर को जो सबसे मूल्यवान उपहार हम अर्पित कर सकते हैं, 
वह उसके प्रति सप्रेम आज्ञाकारिता है।

शमूएल ने कहा, क्या यहोवा होमबलियों, और मेलबलियों से उतना प्रसन्न होता है, जितना कि अपनी बात के माने जाने से प्रसन्न होता है? सुन मानना तो बलि चढ़ाने और कान लगाना मेढ़ों की चर्बी से उत्तम है। - 1 शमूएल 15:22

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 2:1-10
2 Chronicles 2:1 और सुलैमान ने यहोवा के नाम का एक भवन और अपना राजभवन बनाने का विचार किया।
2 Chronicles 2:2 इसलिये सुलैमान ने सत्तर हजार बोझिये और अस्सी हजार पहाड़ से पत्थर काटने वाले और वृक्ष काटने वाले, और इन पर तीन हजार छ: सौ मुखिये गिनती कर के ठहराए।
2 Chronicles 2:3 तब सुलैमान ने सोर के राजा हूराम के पास कहला भेजा, कि जैसा तू ने मेरे पिता दाऊद से बर्त्ताव किया, अर्थात उसके रहने का भवन बनाने को देवदार भेजे थे, वैसा ही अब मुझ से भी बर्त्ताव कर।
2 Chronicles 2:4 देख, मैं अपने परमेश्वर यहोवा के नाम का एक भवन बनाने पर हूँ, कि उसे उसके लिये पवित्र करूं और उसके सम्मुख सुगन्धित धूप जलाऊं, और नित्य भेंट की रोटी उस में रखी जाए; और प्रतिदिन सबेरे और सांझ को, और विश्राम और नये चांद के दिनों में और हमारे परमेश्वर यहोवा के सब नियत पर्ब्बों में होमबलि चढ़ाया जाए। इस्राएल के लिये ऐसी ही सदा की विधि है।
2 Chronicles 2:5 और जो भवन मैं बनाने पर हूं, वह महान होगा; क्योंकि हमारा परमेश्वर सब देवताओं में महान है।
2 Chronicles 2:6 परन्तु किस की इतनी शक्ति है, कि उसके लिये भवन बनाए, वह तो स्वर्ग में वरन सब से ऊंचे स्वर्ग में भी नहीं समाता? मैं क्या हूँ कि उसके साम्हने धूप जलाने को छोड़ और किसी मनसा से उसका भवन बनाऊं?
2 Chronicles 2:7 सो अब तू मेरे पास एक ऐसा मनुष्य भेज दे, जो सोने, चान्दी, पीतल, लोहे और बैंजनी, लाल और नीले कपड़े की कारीगरी में निपुण हो और नक्काशी भी जानता हो, कि वह मेरे पिता दाऊद के ठहराए हुए निपुण मनुष्यों के साथ हो कर जो मेरे पास यहूदा और यरूशलेम में रहते हैं, काम करे।
2 Chronicles 2:8 फिर लबानोन से मेरे पास देवदार, सनोवर और चंदन की लकड़ी भेजना, क्योंकि मैं जानता हूँ कि तेरे दास लबानोन में वृक्ष काटना जानते हैं, और तेरे दासों के संग मेरे दास भी रहकर,
2 Chronicles 2:9 मेरे लिये बहुत सी लकड़ी तैयार करेंगे, क्योंकि जो भवन मैं बनाना चाहता हूँ, वह बड़ा और अचम्भे के योग्य होगा।
2 Chronicles 2:10 और तेरे दास जो लकड़ी काटेंगे, उन को मैं बीस हजार कोर कूटा हुआ गेहूं, बीस हजार कोर जव, बीस हजार बत दाखमधु और बीस हजार बत तेल दूंगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यिर्मयाह 51-52
  • इब्रानियों 9