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गुरुवार, 26 दिसंबर 2019

भरोसा



      जब एन्ड्रयू चीटल ने समुद्र तट पर अपना फोन खोया तो उसे भरोसा नहीं था कि वह उसे कभी मिल जाएगा। किन्तु इसके लगभग एक सप्ताह के बाद, एक मछुआरे, ग्लेन केरली ने, उसे फोन किया। ग्लेन को एन्ड्रयू का फोन एक 25 पौंड वज़न की मछली के पेट में से मिला था, और उसे सुखा लेने के पश्चात, वह फिर भी काम कर रहा था।

      जीवन विचित्र घटनाओं से भरा पड़ा है, और परमेश्वर के वचन बाइबल में भी ऐसी घटनाओं की कोई कमी नहीं है। हम प्रभु यीशु के जीवन से संबंधित घटनाओं में पाते हैं कि एक बार मंदिर का कर लेने वाले कुछ अधिकारी प्रभु के शिष्य पतरस के पास आए, और उससे पूछा, “क्या तुम्हारा गुरू मन्दिर का कर नहीं देता?” (मत्ती 17:24)। प्रभु यीशु ने इस अवसर को एक शिक्षा देने का अवसर बना दिया। प्रभु चाहता था कि पतरस प्रभु के राजा होने को समझे। राजा की संतानों से कर नहीं लिए जाते थे, और प्रभु ने यह स्पष्ट किया कि न तो राजा और न ही उसकी संतान मंदिर का कर देने के लिए बाध्य थे (पद 25-26)।

      परन्तु प्रभु किसी को कोई “ठोकर” भी नहीं देना चाहते थे (पद 27), इसलिए प्रभु ने पतरस से कहा कि वह जाकर मछली पकड़े – और यह इस घटना का विचित्र भाग है – जो पहली मछली पतरस ने पकड़ी, उसके मुंह में एक सिक्का था; प्रभु ने कहा कि उस सिक्के से वह मंदिर का कर चुका दे।

      प्रभु यीशु यहाँ पर क्या भरोसा दिला रहे हैं? चाहे लोग उसे न भी पहचानें, किन्तु इस सृष्टि के सार्वभौमिक राजा और अधिकारी वे ही हैं। सारी सृष्टि की हर वस्तु उनकी आज्ञा मानती है। जब हम अपने जीवनों में उन्हें प्रभु मानकर, अपना जीवन उन्हें सच्चे मन और स्वेच्छा से पूर्णतः समर्पित कर देते हैं, उनपर विश्वास करने लगते हैं, तो हम उनकी संतान हो जाते हैं।

      जीवन अपनी विभिन्न मांगें फिर भी हमारे सामने उठाएगा, परन्तु हम हर परिस्थिति में भरोसा रख सकते हैं कि प्रभु हमारी प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति करेगा। जैसे कि भूतपूर्व पास्टर डेविड पौमपो ने कहा, “जब हम अपने स्वर्गीय परमेश्वर पिता के लिए मछुआरे बन जाते हैं, तो हम अपनी प्रत्येक आवश्यकता की पूर्ति के लिए उस पर भरोसा रख सकते हैं।” – टिम गुस्ताफ्सन

हम मसीही विश्वासी राजा की संतान हैं!

परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लोहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12-13

बाइबल पाठ: मत्ती 17:24-27
Matthew 17:24 जब वे कफरनहूम में पहुंचे, तो मन्दिर के लिये कर लेने वालों ने पतरस के पास आकर पूछा, कि क्या तुम्हारा गुरू मन्दिर का कर नहीं देता? उसने कहा, हां देता तो है।
Matthew 17:25 जब वह घर में आया, तो यीशु ने उसके पूछने से पहिले उस से कहा, हे शमौन तू क्या समझता है पृथ्वी के राजा महसूल या कर किन से लेते हैं? अपने पुत्रों से या परायों से? पतरस ने उन से कहा, परायों से।
Matthew 17:26 यीशु ने उस से कहा, तो पुत्र बच गए।
Matthew 17:27 तौभी इसलिये कि हम उन्हें ठोकर न खिलाएं, तू झील के किनारे जा कर बंसी डाल, और जो मछली पहिले निकले, उसे ले; तो तुझे उसका मुंह खोलने पर एक सिक्का मिलेगा, उसी को ले कर मेरे और अपने बदले उन्हें दे देना।

एक साल में बाइबल: 
  • हाग्गै 1-2
  • प्रकाशितवाक्य 17