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मंगलवार, 31 मार्च 2020

संधर्ष



      लुईस कैरोल की सुविख्यात उपन्यास ‘एलिस इन वन्डरलैंड’ में एलिस पूछती है, “हमेशा के लिए कब तक का होता है?” व्हाईट रैबिट उत्तर देता है, “कभी कभी केवल एक सेकेंड के लिए।”

      मेरे भाई के अचानक हुए देहांत और उसकी शोकसभा के मध्य का समय भी हमें ऐसे ही बीतता प्रतीत हुआ। उसकी शोकसभा के होने का समय बहुत लंबा लग रहा था, और उसके कमी हमें खल रही थी, हमारे दुःख को बढ़ा रही थी। ऐसा लग रहा था मानो प्रत्येक सेकेंड हमेशा तक के लिए एक संघर्ष है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार, राजा दाऊद ने भी अपने एक भजन में ऐसी ही संघर्ष की भावना को व्यक्त किया, “हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा? मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?” (भजन 13:1-2)। दो ही पदों में दाऊद परमेश्वर से चार बार  पूछता है “कब तक”? कभी कभी जीवन के दुखों के संघर्ष ऐसे लगते हैं मानो उनका कभी अंत नहीं होगा।

      हमारे संघर्षों के ऐसे हृदयविदारक समय में हमारा परमेश्वर पिता हमें अपनी देखरेख और उपस्थिति का एहसास करवाता है। राजा दाऊद के सामान, हम भी खुले दिल से परमेश्वर के सम्मुख अपने दुःख और हानि की तकलीफ को लेकर जा सकते हैं, इस बात से आश्वस्त कि वह हमें कभी नहीं छोड़ेगा, कभी नहीं त्यागेगा (इब्रानियों 13:5)। भजनकार का भी यही अनुभव था, किन्तु उसका विलाप भी विजय घोष में परिवर्तित हो गया: “परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।  मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है” (भजन 13:5-6)।

      हमारे संघर्षों के कभी न समाप्त होते प्रतीत होने वाले पलों में भी परमेश्वर की करुणा हमें थामे रहेगी, और हम उसके उद्धार में आनन्दित रह सकते हैं। - बिल कराउडर

दुःख और हानि के समयों में भी अनंत परमेश्वर हमारा सबसे उत्तम आश्वासन है।

तुम्हारा स्‍वभाव लोभरिहत हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। इसलिये हम बेधड़क हो कर कहते हैं, कि प्रभु, मेरा सहायक है; मैं न डरूंगा; मनुष्य मेरा क्या कर सकता है। - इब्रानियों 13:5-6

बाइबल पाठ: भजन 13
भजन संहिता 13:1 हे परमेश्वर तू कब तक? क्या सदैव मुझे भूला रहेगा? तू कब तक अपना मुखड़ा मुझ से छिपाए रहेगा?
भजन संहिता 13:2 मैं कब तक अपने मन ही मन में युक्तियां करता रहूं, और दिन भर अपने हृदय में दुखित रहा करूं, कब तक मेरा शत्रु मुझ पर प्रबल रहेगा?
भजन संहिता 13:3 हे मेरे परमेश्वर यहोवा मेरी ओर ध्यान दे और मुझे उत्तर दे, मेरी आंखों में ज्योति आने दे, नहीं तो मुझे मृत्यु की नींद आ जाएगी;
भजन संहिता 13:4 ऐसा न हो कि मेरा शत्रु कहे, कि मैं उस पर प्रबल हो गया; और ऐसा न हो कि जब मैं डगमगाने लगूं तो मेरे शत्रु मगन हों।
भजन संहिता 13:5 परन्तु मैं ने तो तेरी करूणा पर भरोसा रखा है; मेरा हृदय तेरे उद्धार से मगन होगा।
भजन संहिता 13:6 मैं परमेश्वर के नाम का भजन गाऊंगा, क्योंकि उसने मेरी भलाई की है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 11-12
  • लूका 6:1-26



सोमवार, 30 मार्च 2020

प्रार्थना



      मेरी एक सहेली ने, अपने कैंसर के इलाज के दौरान, एक बार देर रात मुझे फोन किया। वह फूट-फूट कर रो रही थी, और उसके साथ मैं भी रोने लग गई, तथा मन ही मन प्रार्थना करने लगी, ‘हे प्रभु ऐसे में मैं क्या करूं’। मेरी सहेली के रुन्दन ने मेरे दिल को बहुत दुखी किया; मैं उसकी पीड़ा को समाप्त नहीं कर सकती थी, न उसकी परिस्थिति को सुधार सकती थी, और न ही मुझे उसे प्रोत्साहित करने के लिए एक भी शब्द समझ में आ रहा था। परन्तु मैं उस को जानती थी जो ऐसे में हम दोनों की सहायता कर सकता था। अपनी सहेली के साथ रोते रोते, और लड़खड़ाती हुई प्रार्थना करते करते, मैं बारंबार फुसफुसा रही थी, “यीशु, यीशु, यीशु।”

      धीरे धीरे उसका रोना सिसकियों में बदल गया, और फिर उसके शांत होकर सांस लेते रहने की धीमी आवाज़ फोन पर आने लगी। उसके पति की आवाज़ ने मुझे चौंका दिया, उन्होंने कहा, “वो सो गयी है, अब हम कल बात करेंगे।” मैंने भी फोन रख दिया और अपने तकिए में आंसुओं के साथ प्रार्थना करते हुए मुंह छुपा लिया।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में मरकुस रचित सुसमाचार में एक व्यक्ति की कहानी बताई गयी जो अपने एक प्रीय जन की सहायता करना चाहता था। एक परेशान पिता अपने अस्वस्थ बेटे को प्रभु यीशु के पास लेकर आया (मरकुस 9:17)। प्रभु के सामने अपने परिस्थिति की असंभव प्रतीत होने वाली बातों को बताते हुए उसकी आवाज़ में संदेह प्रगट था (पद 20-22), किन्तु उसने स्वीकार किया कि प्रभु यीशु ही उसके अविश्वास का उपाय कर सकते हैं (पद 24)। प्रभु यीशु के उस परिस्थिति में प्रवेश कर के उसे अपने नियंत्रण में ले लेने के द्वारा, पिता और पुत्र, दोनों ने मुक्ति और शान्ति का अनुभव किया (पद 25-27)।

      जब भी प्रिय जन दुःख में होते हैं, तो यह स्वाभाविक होता है कि हमें लगे कि हम उनके हित में कुछ सही कार्य कर सकें और सही शब्द कह सकें। परन्तु प्रभु यीशु ही हैं जो वास्तव में हमारी सहायता कर सकते हैं। हम जब भी प्रार्थना में उसे पुकारते हैं, तो वह हमें उसमें विश्वास करने और उसकी उपस्थिति में भरोसा बनाए रखने के लिए सक्षम कर सकते हैं। - होक्टिल डिक्सन

यीशु का नाम वह सामर्थी प्रार्थना है जो हमें उसकी सामर्थी उपस्थिति में ले जाती है।

जब जिस समय मैं पुकारूंगा, उसी समय मेरे शत्रु उलटे फिरेंगे। यह मैं जानता हूं, कि परमेश्वर मेरी ओर है। - भजन 56:9

बाइबल पाठ: मरकुस 9:14-29
मरकुस 9:14 और जब वह चेलों के पास आया, तो देखा कि उन के चारों ओर बड़ी भीड़ लगी है और शास्त्री उन के साथ विवाद कर रहें हैं।
मरकुस 9:15 और उसे देखते ही सब बहुत ही आश्चर्य करने लगे, और उस की ओर दौड़कर उसे नमस्‍कार किया।
मरकुस 9:16 उसने उन से पूछा; तुम इन से क्या विवाद कर रहे हो?
मरकुस 9:17 भीड़ में से एक ने उसे उत्तर दिया, कि हे गुरू, मैं अपने पुत्र को, जिस में गूंगी आत्मा समाई है, तेरे पास लाया था।
मरकुस 9:18 जहां कहीं वह उसे पकड़ती है, वहीं पटक देती है: और वह मुंह में फेन भर लाता, और दांत पीसता, और सूखता जाता है: और मैं ने चेलों से कहा कि वे उसे निकाल दें परन्तु वह निकाल न सके।
मरकुस 9:19 यह सुनकर उसने उन से उत्तर देके कहा: कि हे अविश्वासी लोगों, मैं कब तक तुम्हारे साथ रहूंगा और कब तक तुम्हारी सहूंगा? उसे मेरे पास लाओ।
मरकुस 9:20 तब वे उसे उसके पास ले आए: और जब उसने उसे देखा, तो उस आत्मा ने तुरन्त उसे मरोड़ा; और वह भूमि पर गिरा, और मुंह से फेन बहाते हुए लोटने लगा।
मरकुस 9:21 उसने उसके पिता से पूछा; इस की यह दशा कब से है?
मरकुस 9:22 उसने कहा, बचपन से: उसने इसे नाश करने के लिये कभी आग और कभी पानी में गिराया; परन्तु यदि तू कुछ कर सके, तो हम पर तरस खाकर हमारा उपकार कर।
मरकुस 9:23 यीशु ने उस से कहा; यदि तू कर सकता है, यह क्या बात है; विश्वास करने वाले के लिये सब कुछ हो सकता है।
मरकुस 9:24 बालक के पिता ने तुरन्त गिड़िगड़ाकर कहा; हे प्रभु, मैं विश्वास करता हूं, मेरे अविश्वास का उपाय कर।
मरकुस 9:25 जब यीशु ने देखा, कि लोग दौड़कर भीड़ लगा रहे हैं, तो उसने अशुद्ध आत्मा को यह कहकर डांटा, कि हे गूंगी और बहिरी आत्मा, मैं तुझे आज्ञा देता हूं, उस में से निकल आ, और उस में फिर कभी प्रवेश न कर।
मरकुस 9:26 तब वह चिल्लाकर, और उसे बहुत मरोड़ कर, निकल आई; और बालक मरा हुआ सा हो गया, यहां तक कि बहुत लोग कहने लगे, कि वह मर गया।
मरकुस 9:27 परन्तु यीशु ने उसका हाथ पकड़ के उसे उठाया, और वह खड़ा हो गया।
मरकुस 9:28 जब वह घर में आया, तो उसके चेलों ने एकान्‍त में उस से पूछा, हम उसे क्यों न निकाल सके?
मरकुस 9:29 उसने उन से कहा, कि यह जाति बिना प्रार्थना किसी और उपाय से निकल नहीं सकती।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 9-10
  • लूका 5:17-39



रविवार, 29 मार्च 2020

स्मरण



      कुछ वर्ष पहले की बात है, मैंने अपने बेटों के साथ कुछ समय इडाहो में एक नदी के किनारे खेत में स्थित, सूने और खाली पड़े हुए घर में बिताया। अब वहां कोई नहीं रहता था, सब लोग उसे छोड़ कर जा चुके थे। एक दिन उस घर के आस-पास घूमते हुए मुझे एक पुरानी कब्र दिखाई दी, जिस पर लकड़ी का एक चिन्ह लगा हुआ था, किन्तु काठ के पुराने हो जाने के साथ ही उस पर जो कुछ भी लिखा गया था वह मिट गया था। कोई था जो कभी वहां रहा करता था, परन्तु अब उसका देहांत हो चुका था, और अब उसका कोई स्मरण शेष नहीं था। वह कब्र मुझे दुखदायी लगी। वापस आने के बाद मैंने उस पुराने खेत और स्थान के बारे में जानकारी लेने के लिए कई घंटे बिताए और वहां के इतिहास के बारे में पढ़ा, परन्तु वहां दफनाए गए व्यक्ति के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं मिली।

      कहा जाता है कि हम में से सबसे उत्तम लोगों का स्मरण लगभग 100 वर्ष तक  रहता है; शेष को शीघ्र ही भुला दिया जाता है। पिछली पीढ़ियों की स्मृतियाँ, कब्र पर लगे उसे चिन्ह की लिखावट के समान ही, वे शीघ्र ही धूमिल हो जाती हैं। फिर भी परमेश्वर के परिवार में होने के कारण हम मसीही विश्वासियों की विरासत आने वाली पीढ़ियों तक पहुँचती रहती है; हमने परमेश्वर तथा औरों से कैसे और कैसा प्रेम किया, उसकी स्मृति बनी रहती है। परमेश्वर के वचन बाइबल में मलाकी 3:16-17 में लिखा है, “तब यहोवा का भय मानने वालों ने आपस में बातें की, और यहोवा ध्यान धर कर उनकी सुनता था; और जो यहोवा का भय मानते और उसके नाम का सम्मान करते थे, उनके स्मरण के निमित्त उसके साम्हने एक पुस्तक लिखी जाती थी। सेनाओं का यहोवा यह कहता है, कि जो दिन मैं ने ठहराया है, उस दिन वे लोग मेरे वरन मेरे निज भाग ठहरेंगे, और मैं उन से ऐसी कोमलता करूंगा जैसी कोई अपने सेवा करने वाले पुत्र से करे।

      पौलुस ने दाऊद के लिए लिखा कि उसने अपने समय में परमेश्वर की सेवा की और जाता रहा (प्रेरितों 13:36)। परन्तु परमेश्वर की ओर से दाऊद, और पौलुस, दोनों को आज भी स्मरण किया जाता है, उनके जीवनों, कार्यों, और लेखों से शिक्षाएं ली जाती हैं। वैसे ही हम भी आज अपने समय में परमेश्वर की सेवा करें और भविष्य में हमारे स्मरण किए जाने को परमेश्वर पर छोड़ दें। - डेविड एच. रोपर

प्रभु के लिए जीवन व्यतीत करने का एक स्थाई स्मरण बना रहता है।

क्योंकि दाऊद तो परमेश्वर की इच्छा के अनुसार अपने समय में सेवा कर के सो गया; और अपने बाप दादों में जा मिला; और सड़ भी गया। - प्रेरितों के काम 13:36

बाइबल पाठ: यशायाह 49:14-16
यशायाह 49:14 परन्तु सिय्योन ने कहा, यहोवा ने मुझे त्याग दिया है, मेरा प्रभु मुझे भूल गया है।
यशायाह 49:15 क्या यह हो सकता है कि कोई माता अपने दूधपिउवे बच्चे को भूल जाए और अपने जन्माए हुए लड़के पर दया न करे? हां, वह तो भूल सकती है, परन्तु मैं तुझे नहीं भूल सकता।
यशायाह 49:16 देख, मैं ने तेरा चित्र हथेलियों पर खोदकर बनाया है; तेरी शहरपनाह सदैव मेरी दृष्टि के साम्हने बनी रहती है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 7-8
  • लूका 5:1-16



शनिवार, 28 मार्च 2020

सताव



      जब अट्ठारह वर्षीय सैमी ने प्रभु यीशु मसीह को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण किया, तो उसके परिवार ने उसका तिरस्कार किया क्योंकि वे लोग एक भिन्न मत को मानने वाले थे। परन्तु मसीही विश्वासियों के समाज ने उसका स्वागत किया, उसे प्रोत्साहन दिया, और उसकी शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए। बाद में जब एक पत्रिका में उसकी गवाही छपी तो उस पर किया जाने वाला सताव और बढ़ गया।

      परन्तु सैमी ने अपने परिवार जनों से मिलना नहीं छोड़ा। जब भी संभव होता था, वह उन लोगों से मिलने जाता था और अपने पिता के साथ बातचीत करता था, यद्यपि उसके भाई-बहन पारिवारिक मामलों में भाग लेने से उसे रोकते थे। जब उसके पिता बीमार पड़े, तो सैमी ने परिवार के अन्य लोगों के दुर्व्यवहार की अनदेखी करते हुए अपने पिता की देखभाल की, और प्रार्थनाएँ कीं, कि उसके पिता स्वस्थ हो सकें। जब परमेश्वर ने उसके पिता को चंगा किया, उसके बाद से परिवार जनों का रवैया सैमी के प्रति ठीक होने लगा। समय के साथ, उसके प्रेम-व्यवहार की गवाही ने उसके प्रति परिवार जनों के व्यवहार को नम्र किया, और उन में से कुछ प्रभु यीशु के बारे में सुनने के लिए तैयार हो गए।

      प्रभु यीशु मसीह का अनुयायी बनाकर उनके पीछे चल निकलने से हमें कठिनाइयां तो होंगी। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने लिखा, “क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है” (1 पतरस 2:19)। जब भी हम पर हमारे मसीही विश्वास के कारण सताव और परेशानियां आती हैं, तो ऐसा इस कारण होता है क्योंकि, “और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो” (पद 21)।

      जब लोगों ने प्रभु यीशु का अपमान किया, उन पर लांछन लगाए, तब “वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था” (पद 23)। सताव सहने और सही व्यवहार बनाए रखने में प्रभु यीशु ही हमारे उदाहरण हैं; स्ताव की तथा अन्य सभी परिस्थितियों में भी, हम प्रभु यीशु की ओर मार्गदर्शन, सहायता, और सामर्थ्य के लिए मुड़ सकते हैं। - लौरेंस दर्मानी

जब भी हम मसीह के लिए सताव झेलते हैं, 
वह हमारे साथ होकर हमें संभाले रहता है।

पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे। - 2 तीमुथियुस 3:12

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:11-23
1 पतरस 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1 पतरस 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1 पतरस 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1 पतरस 2:14 और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1 पतरस 2:15 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1 पतरस 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1 पतरस 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1 पतरस 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1 पतरस 2:19 क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।
1 पतरस 2:20 क्योंकि यदि तुम ने अपराध कर के घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम कर के दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।
1 पतरस 2:21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो।
1 पतरस 2:22 न तो उसने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली।
1 पतरस 2:23 वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 4-6
  • लूका 4:31-44



शुक्रवार, 27 मार्च 2020

बढ़ाने वाला



      एक दिन सड़क से हमारे घर अन्दर आने वाले रास्ते के किनारे पर दिखने वाले कुछ पीले रंग ने मेरा ध्यान आकर्षित किया, वहां दो बड़े पत्थरों के बीच छः नर्गिस के फूल खिल रहे थे। न तो मैंने उनको वहां लगाया था, न ही उन्हें कोई खाद डाली, न उनकी देखभाल की या पानी डाला, इसलिए मुझे समझ नहीं आया कि हमारे आँगन में वे फूल कैसे उग आए।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु ने बीज के अंकुरित होने और बढ़ने के दृष्टांत के द्वारा आत्मिक बढ़ोतरी के रहस्य को समझाया। प्रभु ने परमेश्वर के राज्य की भूमि पर डाले गए बीज से तुलना की (मरकुस 4:26)। जिसने बीज डाला उसने भूमि को तैयार करने के लिए जो कुछ आवश्यक था वह किया होगा। परन्तु प्रभु यीशु ने कहा, की वह बीज अंकुरित हुआ और बढ़ा, चाहे वह बीज बोने वाला उसके उगने और बढ़ने की प्रक्रिया को समझ सका अथवा नहीं (पद 27-28); और अंततः भूमि के स्वामी को उस फसल से लाभ पहुंचा (पद 29)। वह लाभ उसके द्वारा कुछ करने या न करने पर, या भूमि के अन्दर बीजों में होने वाले परिवर्तनों एवं प्रक्रियाओं की समझ रखने पर निर्भर नहीं था।

      जैसे मेरे आँगन में वे नर्गिस के फूल खिलने लगे, वैसे ही प्रभु यीशु द्वारा दिए गए दृष्टान्त में वे बीज भी विकसित होते गए, परमेश्वर के समय, और परमेश्वर द्वारा बढ़ाए जाने के अनुसार। हम चाहे व्यक्तिगत आत्मिक उन्नति की बात करें, या मसीह के आगमन तक चर्च की बढ़ोतरी होते रहने की बात करें, प्रभु के रहस्यमय कार्य हमारी योग्यताओं या उसके कार्यों के विषय हमारी समझ पर निर्भर नहीं करते हैं। फिर भी परमेश्वर हमें आमंत्रित करता है कि हम उस बढ़ाने वाले परमेश्वर को जानें, उसकी सेवा, और उसकी स्तुति और आराधना करें, तथा जिस आत्मिक परिपक्वता को वह हमारे अन्दर बढ़ाता है, उसके लाभ को लें तथा औरों तक पहुंचाएं। - क्सोक्टिल डिक्सन

उसके लोगों तथा राज्य की बढ़ोतरी होने की महिमा परमेश्वर ही की है।

मैं ने लगाया, अपुल्लोस ने सींचा, परन्तु परमेश्वर ने बढ़ाया। इसलिये न तो लगाने वाला कुछ है, और न सींचने वाला, परन्तु परमेश्वर जो बढ़ाने वाला है। - 1 कुरिन्थियों 3:6-7

बाइबल पाठ: मरकुस 4:26-29
मरकुस 4:26 फिर उसने कहा; परमेश्वर का राज्य ऐसा है, जैसे कोई मनुष्य भूमि पर बीज छींटे।
मरकुस 4:27 और रात को सोए, और दिन को जागे और वह बीज ऐसे उगे और बढ़े कि वह न जाने।
मरकुस 4:28 पृथ्वी आप से आप फल लाती है पहिले अंकुर, तब बाल, और तब बालों में तैयार दाना।
मरकुस 4:29 परन्तु जब दाना पक जाता है, तब वह तुरन्त हंसिया लगाता है, क्योंकि कटनी आ पहुंची है।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 1-3
  • लूका 4:1-30



गुरुवार, 26 मार्च 2020

जीवन



      हाल ही में मैं आर्थिक सलाह की पुस्तकों के पृष्ठ पलटने लगी हूँ, और मैंने एक रोचक विचारधारा देखी है। यद्यपि लगभग सभी पुस्तकों में अच्छी सलाह दी गयी है, और अधिकाँश पुस्तकें कहती हैं कि अभी सादगी और कम खर्च का जीवन जीएं और बचत करें जिससे बाद में समृद्ध जीवन जीया जा सके। परन्तु एक पुस्तक ने एक बिलकुल भिन्न दृष्टिकोण प्रस्तुत किया, उसमें लिखा था कि यदि आनन्दित और प्रसन्न रहने के लिए आपको बहुतायत में तथा अनोखा सामान चाहिए, तो फिर आप जीवन जीने के मुख्य मुद्दे से ही चूक गए हैं।

      इन व्यावहारिक शब्दों ने मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु मसीह के शब्दों और प्रतिक्रिया का ध्यान करवाया, जब एक व्यक्ति ने उनके पास आकर उन से कहा कि उसके भाई को उसके साथ संपत्ति का बँटवारा करने के लिए कहे। उस व्यक्ति के साथ सहानुभूति दिखाने के स्थान पर, प्रभु यीशु ने तुरंत ही उसकी बात को अस्वीकार कर दिया, और उसे कठोर शब्दों में सचेत किया, “...हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है? और उसने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता” (लूका 12:14-15)।फिर प्रभु ने एक दृष्टांत के द्वारा एक धनी व्यक्ति के अपनी बहुतायत की फसल को एकत्रित कर के विलासिता के जीवन जीने की योजना के बारे में बताया, जिसका बहुत अनपेक्षित तथा कटु परिणाम निकला – उसका धन उसके किसी काम नहीं आया, उसी रात उसका जीवन समाप्त हो गया (आयत 16-20)।

      यद्यपि हमें अपने संसाधनों का बुद्धिमत्ता से सदुपयोग करना है, प्रभु के शब्द हमें ध्यान करवाते हैं कि हम अपने उद्देश्यों पर ध्यान रखें। हमारे मनों को परमेश्वर के राज्य के लिए उपयोगी होने के लिए, परमेश्वर को और निकटता से जानने तथा औरों की सेवा करते रहने के लिए प्रयासरत रहना चाहिए – न कि अपने भविष्य की चिंता करने में लगे रहें (पद 29-31)। जब हम प्रभु के लिए जीवन जीएंगे और दूसरों के साथ अपने संसाधनों को साझा करेंगे, तो हम आज और अभी उसके साथ एक संपन्न जीवन का आनन्द ले सकेंगे, जो हमारे जीवन को सार्थक करेगा (पद 32-34)। - मोनिका ब्रैंड्स

हमें परमेश्वर के राज्य में संपन्न जीवन व्यतीत करने के लिए 
किसी बात की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है।

इसलिये पहिले तुम उसके राज्य और धर्म की खोज करो तो ये सब वस्तुएं भी तुम्हें मिल जाएंगी। - मत्ती 6:33

बाइबल पाठ: लूका 12: 13-34
लूका 12:13 फिर भीड़ में से एक ने उस से कहा, हे गुरू, मेरे भाई से कह, कि पिता की संपत्ति मुझे बांट दे।
लूका 12:14 उसने उस से कहा; हे मनुष्य, किस ने मुझे तुम्हारा न्यायी या बांटने वाला नियुक्त किया है?
लूका 12:15 और उसने उन से कहा, चौकस रहो, और हर प्रकार के लोभ से अपने आप को बचाए रखो: क्योंकि किसी का जीवन उस की संपत्ति की बहुतायत से नहीं होता।
लूका 12:16 उसने उन से एक दृष्‍टान्‍त कहा, कि किसी धनवान की भूमि में बड़ी उपज हुई।
लूका 12:17 तब वह अपने मन में विचार करने लगा, कि मैं क्या करूं, क्योंकि मेरे यहां जगह नहीं, जहां अपनी उपज इत्यादि रखूं।
लूका 12:18 और उसने कहा; मैं यह करूंगा: मैं अपनी बखारियां तोड़ कर उन से बड़ी बनाऊंगा;
लूका 12:19 और वहां अपना सब अन्न और संपत्ति रखूंगा: और अपने प्राण से कहूंगा, कि प्राण, तेरे पास बहुत वर्षों के लिये बहुत संपत्ति रखी है; चैन कर, खा, पी, सुख से रह।
लूका 12:20 परन्तु परमेश्वर ने उस से कहा; हे मूर्ख, इसी रात तेरा प्राण तुझ से ले लिया जाएगा: तब जो कुछ तू ने इकट्ठा किया है, वह किस का होगा?
लूका 12:21 ऐसा ही वह मनुष्य भी है जो अपने लिये धन बटोरता है, परन्तु परमेश्वर की दृष्टि में धनी नहीं।
लूका 12:22 फिर उसने अपने चेलों से कहा; इसलिये मैं तुम से कहता हूं, अपने प्राण की चिन्‍ता न करो, कि हम क्या खाएंगे; न अपने शरीर की, कि क्या पहिनेंगे।
लूका 12:23 क्योंकि भोजन से प्राण, और वस्‍त्र से शरीर बढ़कर है।
लूका 12:24 कौवों पर ध्यान दो; वे न बोते हैं, न काटते; न उन के भण्‍डार और न खत्ता होता है; तौभी परमेश्वर उन्हें पालता है; तुम्हारा मूल्य पक्षियों से कहीं अधिक है।
लूका 12:25 तुम में से ऐसा कौन है, जो चिन्‍ता करने से अपनी अवस्था में एक घड़ी भी बढ़ा सकता है?
लूका 12:26 इसलिये यदि तुम सब से छोटा काम भी नहीं कर सकते, तो और बातों के लिये क्यों चिन्‍ता करते हो?
लूका 12:27 सोसनों के पेड़ों पर ध्यान करो कि वे कैसे बढ़ते हैं; वे न परिश्रम करते, न कातते हैं: तौभी मैं तुम से कहता हूं, कि सुलैमान भी, अपने सारे वैभव में, उन में से किसी एक के समान वस्‍त्र पहिने हुए न था।
लूका 12:28 इसलिये यदि परमेश्वर मैदान की घास को जो आज है, और कल भाड़ में झोंकी जाएगी, ऐसा पहिनाता है; तो हे अल्प विश्वासियों, वह तुम्हें क्यों न पहिनाएगा?
लूका 12:29 और तुम इस बात की खोज में न रहो, कि क्या खाएंगे और क्या पीएंगे, और न सन्‍देह करो।
लूका 12:30 क्योंकि संसार की जातियां इन सब वस्‍तुओं की खोज में रहती हैं: और तुम्हारा पिता जानता है, कि तुम्हें इन वस्‍तुओं की आवश्यकता है।
लूका 12:31 परन्तु उसके राज्य की खोज में रहो, तो ये वस्‍तुऐं भी तुम्हें मिल जाएंगी।
लूका 12:32 हे छोटे झुण्ड, मत डर; क्योंकि तुम्हारे पिता को यह भाया है, कि तुम्हें राज्य दे।
लूका 12:33 अपनी संपत्ति बेचकर दान कर दो; और अपने लिये ऐसे बटुए बनाओ, जो पुराने नहीं होते, अर्थात स्वर्ग पर ऐसा धन इकट्ठा करो जो घटता नहीं और जिस के निकट चोर नहीं जाता, और कीड़ा नहीं बिगाड़ता।
लूका 12:34 क्योंकि जहां तुम्हारा धन है, वहां तुम्हारा मन भी लगा रहेगा।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 22-24
  • लूका 3



बुधवार, 25 मार्च 2020

सुनना



      मनुष्य होने के नाते हम अकसर उसी जानकारी के खोजी होते हैं जो हमारे अपने विचारों का समर्थन करती है। जांचने के द्वारा देखा गया है कि लोग उनके दृष्टिकोण का समर्थन करने वाली जानकारी को ढूँढने और जुटाने के लिए दो गुना अधिक प्रयास करते हैं। जब हम अपने विचारों के प्रति गहराई से प्रतिबद्ध होते हैं, तो हम प्रयास करते हैं कि कोई हमारे दृष्टिकोण को चुनौती न दे, और प्रतिकूल विचार वालों से बच कर रहने का प्रयास करते हैं।

      परमेश्वर के बाइबल में भी हम इसका एक उदाहरण इस्राएल के राजा अहाब में पाते हैं। जब अहाब और यहूदा का राजा यहोशापात रामोत पर चढ़ाई करने के विषय मंत्रणा कर रहे थे, तो ‘परमेश्वर की इच्छा’ जानने के अभिप्राय से अहाब ने अपने 400 भविष्यद्वक्ताओं को एकत्र किया; क्योंकि वे सभी के अहाब द्वारा नियुक्त किए गए थे, इसलिए वे वही बोलते थे जो अहाब सुनना चाहता था। उन सभी ने अहाब से कहा कि वह युद्ध में जाए, “...क्योंकि परमेश्वर उसको राजा के हाथ कर देगा” (2 इतिहास 18:5)। परन्तु यहोशापात इससे आश्वस्त नहीं हुआ और उसने पूछा की क्या कोई ऐसा भविष्यद्वक्ता है जो परमेश्वर के द्वारा नियुक्त किया गया हो जिस से वे परमेश्वर की इच्छा को जान सकें। अहाब ने बड़े संकोच के साथ मीकायाह का नाम लिया क्योंकि अहाब को लगता था कि “...वह मेरे विष्य कभी कल्याण की नहीं, सदा हानि ही की नबूवत करता है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है” (पद 7)। और मीकायाह ने ऐसा ही कहा भी, कि वे विजयी नहीं होंगे, वरन सभी लोग तित्तर-बित्तर हो जाएंगे(पद 16)।

      इस कहानी को पढ़ते हुए मैं देखती हूँ कि, यदि वह मेरी इच्छा के अनुसार नहीं है तो मैं भी बुद्धिमत्ता की सलाह से बचना चाहती हूँ। अहाब के लिए, उसका अपने नियुक्त 400 चापलूस भविष्यद्वक्ताओं की सुनना विनाशकारी हुआ (पद 34)। हमें भी सत्य की आवाज़ को, बाइबल में दी गई परमेश्वर की सलाह को सुनने और मानने वाला होना चाहिए, चाहे वह बात हमारी अपनी राय के अनुकूल न भी हो। - कर्सटन होल्मबर्ग

परमेश्वर की सलाह सदा विश्वसनीय और बुद्धिमत्तापूर्ण होती है।

तू अपनी समझ का सहारा न लेना, वरन सम्पूर्ण मन से यहोवा पर भरोसा रखना। उसी को स्मरण कर के सब काम करना, तब वह तेरे लिये सीधा मार्ग निकालेगा। - नीतिवचन 3:5-6

बाइबल पाठ: 2 इतिहास 18: 4-27
2 इतिहास 18:4 फिर यहोशापात ते इस्राएल के राजा से कहा, आज यहोवा की आज्ञा ले।
2 इतिहास 18:5 तब इस्राएल के राजा ने नबियों को जो चार सौ पुरुष थे, इकट्ठा कर के उन से पूछा, क्या हम गिलाद के रामोत पर युद्ध करने को चढ़ाई करें, अथवा मैं रुका रहूं? उन्होंने उत्तर दिया चढ़ाई कर, क्योंकि परमेश्वर उसको राजा के हाथ कर देगा।
2 इतिहास 18:6 परन्तु यहोशापात ने पूछा, क्या यहां यहोवा का और भी कोई नबी नहीं है जिस से हम पूछ लें?
2 इतिहास 18:7 इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, हां, एक पुरुष और है, जिसके द्वारा हम यहोवा से पूछ सकते हैं; परन्तु मैं उस से घृणा करता हूँ; क्योंकि वह मेरे विष्य कभी कल्याण की नहीं, सदा हानि ही की नबूवत करता है। वह यिम्ला का पुत्र मीकायाह है। यहोशापात ने कहा, राजा ऐसा न कहे।
2 इतिहास 18:8 तब इस्राएल के राजा ने एक हाकिम को बुलवा कर कहा, यिम्ला के पुत्र मीकायाह को फुर्ती से ले आ।
2 इतिहास 18:9 इस्राएल का राजा और यहूदा का राजा यहोशापात अपने अपने राजवस्त्र पहिने हुए, अपने अपने सिंहासन पर बैठे हुए थे; वे शोमरोन के फाटक में एक खुले स्थान में बैठे थे और सब नबी उनके साम्हने नबूवत कर रहे थे।
2 इतिहास 18:10 तब कनाना के पुत्र सिदकिय्याह ने लोहे के सींग बनवा कर कहा, यहोवा यों कहता है, कि इन से तू अरामियों को मारते मारते नाश कर डालेगा।
2 इतिहास 18:11 और सब नबियों ने इसी आशय की नबूवत कर के कहा, कि गिलाद के रामोत पर चढ़ाई कर और तू कृतार्थ होवे; क्योंकि यहोवा उसे राजा के हाथ कर देगा।
2 इतिहास 18:12 और जो दूत मीकायाह को बुलाने गया था, उसने उस से कहा, सुन, नबी लोग एक ही मुंह से राजा के विषय शुभ वचन कहते हैं; सो तेरी बात उनकी सी हो, तू भी शुभ वचन कहना।
2 इतिहास 18:13 मीकायाह ने कहा, यहोवा के जीवन की सौंह, जो कुछ मेरा परमेश्वर कहे वही मैं भी कहूंगा।
2 इतिहास 18:14 जब वह राजा के पास आया, तब राजा ने उस से पूछा, हे मीकायाह, क्या हम गिलाद के रामोत पर युद्ध करने को चढ़ाई करें अथवा मैं रुका रहूं? उसने कहा, हां, तुम लोग चढ़ाई करो, और कृतार्थ होओ; और वे तुम्हारे हाथ में कर दिए जाएंगे।
2 इतिहास 18:15 राजा ने उस से कहा, मुझे कितनी बार तुझे शपथ धरा कर चिताना होगा, कि तू यहोवा का स्मरण कर के मुझ से सच ही कह।
2 इतिहास 18:16 मीकायाह ने कहा, मुझे सारा इस्राएल बिना चरवाहे की भेंड़-बकरियों की नाईं पहाड़ों पर तित्तर-बित्तर दिखाई पड़ा, और यहोवा का वचन आया कि वे तो अनाथ हैं, इसलिये हर एक अपने अपने घर कुशल क्षेम से लौट जाएं।
2 इतिहास 18:17 तब इस्राएल के राजा ने यहोशापात से कहा, क्या मैं ने तुझ से न कहा था, कि वह मेरे विषय कल्याण की नहीं, हानि ही की नबूवत करेगा?
2 इतिहास 18:18 मीकायाह ने कहा, इस कारण तुम लोग यहोवा का यह वचन सुनो: मुझे सिंहासन पर विराजमान यहोवा और उसके दाहिने बाएं खड़ी हुई स्वर्ग की सारी सेना दिखाई पड़ी।
2 इतिहास 18:19 तब यहोवा ने पूछा, इस्राएल के राजा अहाब को कौन ऐसा बहकाएगा, कि वह गिलाद के रामोत पर चढ़ाई कर के खेत आए, तब किसी ने कुछ और किसी ने कुछ कहा।
2 इतिहास 18:20 निदान एक आत्मा पास आकर यहोवा के सम्मुख खड़ी हुई, और कहने लगी, मैं उसको बहकाऊंगी।
2 इतिहास 18:21 यहोवा ने पूछा, किस उपाय से? उसने कहा, मैं जा कर उसके सब नबियों में पैठ के उन से झूठ बुलवाऊंगी। यहोवा ने कहा, तेरा उसको बहकाना सफल होगा, जा कर ऐसा ही कर।
2 इतिहास 18:22 इसलिये सुन अब यहोवा ने तेरे इन नबियों के मुंह में एक झूठ बोलने वाली आत्मा पैठाई है, और यहोवा ने तेरे विषय हानि की बात कही है।
2 इतिहास 18:23 तब कनाना के पुत्र सिदकिय्याह ने निकट जा, मीकायाह के गाल पर थप्पड़ मार कर पूछा, यहोवा का आत्मा मुझे छोड़ कर तुझ से बातें करने को किधर गया।
2 इतिहास 18:24 उसने कहा, जिस दिन तू छिपने के लिये कोठरी से कोठरी में भागेगा, तब जान लेगा।
2 इतिहास 18:25 इस पर इस्राएल के राजा ने कहा, कि मीकायाह को नगर के हाकिम आमोन और राजकुमार योआश के पास लौटा कर,
2 इतिहास 18:26 उन से कहो, राजा यों कहता है, कि इस को बन्दीगृह में डालो, और जब तक मैं कुशल से न आऊं, तब तक इसे दु:ख की रोटी और पानी दिया करो।
2 इतिहास 18:27 तब मीकायाह ने कहा, यदि तू कभी कुशल से लौटे, तो जान, कि यहोवा ने मेरे द्वारा नहीं कहा। फिर उसने कहा, हे लोगो, तुम सब के सब सुन लो।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 19-21
  • लूका 2:25-52



उदाहरण



      घर के किसी सामान की मरम्मत करने के मेरे प्रयास अधिकांशतः व्यर्थ ही होते हैं और मूल समस्या को ठीक करने के प्रयास में हुए और भी अधिक नुकसान की भरपाई करने में फिर मुझे किसी और को और भी अधिक पैसे देने पड़ जाते हैं। परन्तु हाल ही में मैंने घर के एक उपकरण की मरम्मत यू ट्यूब के एक वीडियो, जिसमें एक व्यक्ति ने उसे ठीक करने की विधि को क्रमवार करके दिखाया था, को देखकर और उसके उदाहरण का अनुसरण कर के सफलता पूर्वक कर ली। एक अच्छे उदहारण ने सही विधि दिखा और समझा दी।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि अपने युवा अनुयायी तीमुथियुस के लिए, जिसने पौलुस के साथ यात्राएं की थीं, और पौलुस को सेवकाई की जिम्मेदारियों को निभाते हुए देखा था, प्रेरित पौलुस एक प्रबल उदाहरण बना। अपने जीवन के अंत-समय में, रोम की जेल से पौलुस ने तीमुथियुस को, अपने जीवन के उदाहरण का ध्यान दिलाते हुए लिखा, “पर तू ने उपदेश, चाल चलन, मनसा, विश्वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज, और सताए जाने, और दुख उठाने में मेरा साथ दिया। और ऐसे दुखों में भी जो अन्‍ताकिया और इकुनियुम और लुस्‍त्रा में मुझ पर पड़े थे और और दुखों में भी, जो मैं ने उठाए हैं; परन्तु प्रभु ने मुझे उन सब से छुड़ा लिया” (2 तीमुथियुस 3:10-11)। पौलुस ने फिर तीमुथियुस से कहा, “पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है” (2 तीमुथियुस 3: 14-15)।

      पौलुस का जीवन एक उत्तम उदहारण है परमेश्वर के वचन पर आधारित जीवन को निर्माण करने का। पौलुस ने तीमुथियुस को स्मरण दिलाया कि उन की शिक्षा तथा उदाहरण के लिए जो मसीह यीशु के अनुयायी होना चाहते हैं, बाइबल परमेश्वर के द्वारा दिया गया एक सामर्थी स्त्रोत है।

      हम परमेश्वर के धन्यवादी हों उन मसीही विश्वासियों के लिए जिन्होंने हमें मसीही विश्वास में बढ़ने में सहायता की, और उनके उदाहरण का अनुसरण करें, तथा औरों को भी सत्य पर आधारित जीवन जीने के लिए प्रोत्साहित करें, तथा उनके लिए स्वयं एक उदाहरण बनें। - डेविड मैक्कैसलैंड

औरों को सिखाते तथा प्रोत्साहित करते समय हमें परमेश्वर के वचन को जी कर दिखाना है।

तुम मेरी सी चाल चलो जैसा मैं मसीह की सी चाल चलता हूं। - 1 कुरिन्थियों 11:1

बाइबल पाठ: 2 तीमुथियुस 3:10-17
2 तीमुथियुस 3:10 पर तू ने उपदेश, चाल चलन, मनसा, विश्वास, सहनशीलता, प्रेम, धीरज, और सताए जाने, और दुख उठाने में मेरा साथ दिया।
2 तीमुथियुस 3:11 और ऐसे दुखों में भी जो अन्‍ताकिया और इकुनियुम और लुस्‍त्रा में मुझ पर पड़े थे और और दुखों में भी, जो मैं ने उठाए हैं; परन्तु प्रभु ने मुझे उन सब से छुड़ा लिया।
2 तीमुथियुस 3:12 पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे।
2 तीमुथियुस 3:13 और दुष्‍ट, और बहकाने वाले धोखा देते हुए, और धोखा खाते हुए, बिगड़ते चले जाएंगे।
2 तीमुथियुस 3:14 पर तू इन बातों पर जो तू ने सीखीं हैं और प्रतीति की थी, यह जानकर दृढ़ बना रह; कि तू ने उन्हें किन लोगों से सीखा था
2 तीमुथियुस 3:15 और बालकपन से पवित्र शास्त्र तेरा जाना हुआ है, जो तुझे मसीह पर विश्वास करने से उद्धार प्राप्त करने के लिये बुद्धिमान बना सकता है।
2 तीमुथियुस 3:16 हर एक पवित्रशास्‍त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है।
2 तीमुथियुस 3:17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने, और हर एक भले काम के लिये तत्‍पर हो जाए।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 16-18
  • लूका 2:21-24



सोमवार, 23 मार्च 2020

दोहरा आश्वासन



      कई वर्ष पहले पता चले कैंसर का सामना करते-करते, और अनेकों ऑपरेशनों तथा उपचारों को लेने के कारण, रूथ अब पहले के समान नहीं रह गई है, वह अपने पहले स्वरूप की परछाईं मात्र रह गयी है। वह ठीक से खा, पी, या निगल नहीं सकती है। उसका शारीरक बल क्षीण हो गया है। किन्तु रूथ अभी भी परमेश्वर की स्तुति और आराधना कर सकती है; उसका विश्वास दृढ़ है, और उसमें जो आनन्द है वह औरों को भी प्रभावित करता है। वह प्रति दिन परमेश्वर पर निर्भर रहती है, और इस आशा को थामे रहती है कि एक दिन वह पूर्णतः चंगी हो जाएगी। वह अपने चंगे होने की प्रार्थना करते है और वह पूर्णतः आश्वस्त है कि परमेश्वर कभी-न-कभी उसकी प्रार्थना का उत्तर अवश्य ही देगा।  कैसा अद्भुत विश्वास!

      रूथ ने बताया कि वह क्या है जो उसके विश्वास को दृढ़ बनाए रखता है – उसका आश्वस्त होना कि परमेश्वर अपने समय में अपनी प्रतिज्ञाओं को पूरा करेगा, और ऐसा होने तक उसे संभाले भी रहेगा। यह वही आशा है जो परमेश्वर के वचन बाइबल में हम परमेश्वर के लोगों में देखते हैं, जब वे लोग परमेश्वर द्वारा उसकी योजनाओं के पूरा किए जाने की प्रतीक्षा कर रहे थे (यशायाह 25:1), कि वह उन्हें उनके शत्रुओं से छुड़ाएगा (पद 2), उनके आँसू पोंछ देगा, उनकी नामधराई को दूर करेगा, और मृत्यु का सदा के लिए नाश करेगा (पद 8)।

      ऐसा होने तक, परमेश्वर ने अपने लोगों को, उनकी प्रतीक्षा के समय में, शरण और आश्रय प्रदान किया (पद 4)। उनकी कठिनाईयों में उन्हें दिलासा दी, और उन्हें आश्वासन दिया की वह उनके साथ बना हुआ है। यही वह दोहरा आश्वासन है जो हम मसीही विश्वासियों के पास है – एक दिन हम छुड़ाए जाएंगे, और तब तक हमें परमेश्वर की शान्ति, सामर्थ्य, और आश्रय निरंतर मिलता रहेगा। - लेस्ली कोह

परमेश्वर की विश्वासयोग्यता पर भरोसा रखने से हमारे भय दूर हो जाते हैं।

हे मेरे परमेश्वर यहोवा, तू ने बहुत से काम किए हैं! जो आश्चर्यकर्म और कल्पनाएं तू हमारे लिये करता है वह बहुत सी हैं; तेरे तुल्य कोई नहीं! मैं तो चाहता हूं कि खोल कर उनकी चर्चा करूं, परन्तु उनकी गिनती नहीं हो सकती। - भजन 40:5

बाइबल पाठ: यशायाह 25:1-9
यशायाह 25:1 हे यहोवा, तू मेरा परमेश्वर है; मैं तुझे सराहूंगा, मैं तेरे नाम का धन्यवाद करूंगा; क्योंकि तू ने आश्चर्यकर्म किए हैं, तू ने प्राचीनकाल से पूरी सच्चाई के साथ युक्तियां की हैं।
यशायाह 25:2 तू ने नगर को ढेर बना डाला, और उस गढ़ वाले नगर को खण्डहर कर डाला है; तू ने परदेशियों की राजपुरी को ऐसा उजाड़ा कि वह नगर नहीं रहा; वह फिर कभी बसाया न जाएगा।
यशायाह 25:3 इस कारण बलवन्त राज्य के लोग तेरी महिमा करेंगे; भयंकर अन्यजातियों के नगरों में तेरा भय माना जाएगा।
यशायाह 25:4 क्योंकि तू संकट में दीनों के लिये गढ़, और जब भयानक लोगों का झोंका भीत पर बौछार के समान होता था, तब तू दरिद्रों के लिये उनकी शरण, और तपन में छाया का स्थान हुआ।
यशायाह 25:5 जैसे निर्जल देश में बादल की छाया से तपन ठण्डी होती है वैसे ही तू परदेशियों का कोलाहल और क्रूर लोगों को जयजयकार बन्द करता है।
यशायाह 25:6 सेनाओं का यहोवा इसी पर्वत पर सब देशों के लोगों के लिये ऐसी जेवनार करेगा जिस में भांति भांति का चिकना भोजन और निथरा हुआ दाखमधु होगा; उत्तम से उत्तम चिकना भोजन और बहुत ही निथरा हुआ दाखमधु होगा।
यशायाह 25:7 और जो पर्दा सब देशों के लोगों पर पड़ा है, जो घूंघट सब अन्यजातियों पर लटका हुआ है, उसे वह इसी पर्वत पर नाश करेगा।
यशायाह 25:8 वह मृत्यु को सदा के लिये नाश करेगा, और प्रभु यहोवा सभों के मुख पर से आंसू पोंछ डालेगा, और अपनी प्रजा की नामधराई सारी पृथ्वी पर से दूर करेगा; क्योंकि यहोवा ने ऐसा कहा है।
यशायाह 25:9 और उस समय यह कहा जाएगा, देखो, हमारा परमेश्वर यही है; हम इसी की बाट जोहते आए हैं, कि वह हमारा उद्धार करे। यहोवा यही है; हम उसकी बाट जोहते आए हैं। हम उस से उद्धार पाकर मगन और आनन्दित होंगे।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 13-15
  • लूका 1:57-80



रविवार, 22 मार्च 2020

विरासत



      मेरे फोन पर संदेश प्राप्त होने का संकेत बजा; मेरी बेटी को मेरी दादी द्वारा बनाए जाने वाले पेपरमिंट आईसक्रीम पाई बनाने की विधि चाहिए थी। मैंने उसे ढूँढ़ने के लिए विभिन भोजन वस्तुओं को बनाने के लिखित पारिवारिक नुस्खों के डब्बे को निकाला और उस नुस्खे को ढूँढने लगी। मुझे उस नुस्खे के कागज़ पर अपनी दादी की विशिष्ट लिखाई तुरंत पहचान में आ गई और उसके साथ ही मेरी माँ के द्वारा उनकी अपनी विशिष्ट लिखाई में लिखे गए कुछ नोट्स भी थे। मुझे आभास हुआ कि मेरी बेटी के इस अनुरोध के साथ, पेपरमिंट आईसक्रीम पाई बनाने का वह नुस्खा हमारे परिवार की चौथी पीढ़ी में प्रवेश करेगा।

      साथ ही मैं यह भी सोचने लगी, परिवार की ऐसी और क्या बातें हैं जिन्हें विरासत में एक से दूसरी पीढ़ी को दिया जाना चाहिए? हमारे मसीही विश्वास से संबंधित विकल्पों और चुनाव की बातों को बताना क्या हमारा दायित्व नहीं है? उस मिठाई के अतिरिक्त, क्या मेरी दादी, और मेरा अपने मसीही विश्वास की बातें मेरी बेटी और उसकी संतानों के जीवनों में स्थान पाएंगे?

      परमेश्वर के वचन बाइबल में, भजन 79 में, भजनकार पथ-भ्रष्ट इस्राएल को लेकर दुखी होता है क्योंकि वे अपने विश्वास से भटक गए थे, इधर-उधर बहकने लगे थे। भजनकार परमेश्वर से विनती करता है कि वह अपने लोगों की अन्यजाति लोगों से रक्षा करे और यरूशलेम की सुरक्षा को पुनः लौटा कर दे। ऐसा होने के बाद, वह परमेश्वर के मार्गों पर लौट आने और उन पर बने रहने के प्रतिबद्धता होने की प्रतिज्ञा करता है, “तब हम जो तेरी प्रजा और तेरी चराई की भेड़ें हैं, तेरा धन्यवाद सदा करते रहेंगे; और पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा गुणानुवाद करते रहेंगें” (पद 13)।

      मैंने बड़ी खुशी के साथ अपनी दादी का वह नुस्खा अपने बेटी के साथ साझा किया, यह जानते हुए कि मेरी दादी की यह मीठी विरासत हमारे परिवार की एक और पीढ़ी को आनन्द प्रदान करेगी। साथ ही मैंने बड़ी लगन से यह प्रार्थना भी की, कि हमारे परिवार की सबसे महत्वपूर्ण विरासत, हमारा मसीही विश्वास में रहना, भी हमारे परिवार में हर पीढ़ी में बनी रहे। - एलिसा मॉर्गन

अपने विश्वास को जी कर दिखाना और उसे बाँटना, 
विरासत कायम रखने की सर्वोत्तम विधि है।

मैं ऐसा करूंगा, कि तेरी नाम की चर्चा पीढ़ी से पीढ़ी तक होती रहेगी; इस कारण देश देश के लोग सदा सर्वदा तेरा धन्यवाद करते रहेंगे। - भजन 45:17

बाइबल पाठ: भजन 79:8-13
भजन संहिता 79:8 हमारी हानि के लिये हमारे पुरखाओं के अधर्म के कामों को स्मरण न कर; तेरी दया हम पर शीघ्र हो, क्योंकि हम बड़ी दुर्दशा में पड़े हैं।
भजन संहिता 79:9 हे हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर, अपने नाम की महिमा के निमित हमारी सहायता कर; और अपने नाम के निमित हम को छुड़ा कर हमारे पापों को ढांप दे।
भजन संहिता 79:10 अनयजातियां क्यों कहने पाएं कि उनका परमेश्वर कहां रहा? अन्यजातियों के बीच तेरे दासों के खून का पलटा लेना हमारे देखते उन्हें मालूम हो जाए।
भजन संहिता 79:11 बन्धुओं का कराहना तेरे कान तक पहुंचे; घात होने वालों को अपने भुजबल के द्वारा बचा।
भजन संहिता 79:12 और हे प्रभु, हमारे पड़ोसियों ने जो तेरी निन्दा की है, उसका सातगुणा बदला उन को दे!
भजन संहिता 79:13 तब हम जो तेरी प्रजा और तेरी चराई की भेड़ें हैं, तेरा धन्यवाद सदा करते रहेंगे; और पीढ़ी से पीढ़ी तक तेरा गुणानुवाद करते रहेंगें।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 10-12
  • लूका 1:39-56



शनिवार, 21 मार्च 2020

ढाढ़स



      एक अत्याधिक ठंडी शरद ऋतु के समय में, मैं मिशिगन झील के किनारे गई, और उसका पानी जम चुका था। झील के किनारे गर्म कपड़ों में लिपटे हुए बैठकर धूप का आनंद लेना मुझे अच्छा लगता है, वहां से दृश्य बहुत सुन्दर था। झील का पानी लहरों के उठते हुए जम गया था, जिससे एक अद्भुत बर्फीली कलाकृति बन गई थी।

      क्योंकि किनारे के पास झील का पानी जम कर बहुत ठोस हो चुका था, मुझे अवसर मिला कि मैं ‘पानी’ पर चल सकूँ! यह जानते हुए भी कि बर्फ इतनी मोटी और ठोस थी कि मेरा भार उठा सके, मैंने अपने पहले कुछ कदम सावधानी-पूर्वक उठाए। मुझे भय था की बर्फ शायद मेरा भार न उठाने पाए। मैं जब सावधानी के साथ उस अनजाने धरातल का निरीक्षण कर रही थी, तो मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा पतरस को गालील की झील के पानी पर चलने के लिए कहने की बात स्मरण हो आई।

      जब शिष्यों ने प्रभु को पानी पर चलते हुए देखा, तो उनकी प्रतिक्रया भी भय की ही थी। परन्तु, “यीशु ने तुरन्त उन से बातें की, और कहा; ढाढ़स बान्‍धो; मैं हूं; डरो मत” (मत्ती 14:27)। और पतरस ने अपने भय को काबू किया तथा प्रभु से आश्वासन पाकर नाव से निकलकर पानी पर आ गया क्योंकि वह जानता था कि प्रभु वहां उसके पास है। परन्तु जब उसके साहसी कदम लहरों और तेज़ हवाओं को देखकर लड़खड़ाए, तो पतरस ने तुरंत प्रभु को पुकारा। प्रभु वहीं उसी के पास था, और उसने हाथ बढ़ाकर पतरस को थाम लिया।

      यदि आज आप किसी ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं जहां आपको लगता है की प्रभु आपको कुछ ऐसा करने के लिए कह रहा है जो पानी पर चलने के समान असंभव प्रतीत होता है, तो ढाढ़स बनाए रखें। जिसने आपको बुलाया है, वह आपके साथ ही बना भी रहेगा। - लीसा सैमरा

हम जब भी परमेश्वर को पुकारते हैं, वह हमारी सुनता है।

मत डर, क्योंकि मैं तेरे संग हूं, इधर उधर मत ताक, क्योंकि मैं तेरा परमेश्वर हूं; मैं तुझे दृढ़ करूंगा और तेरी सहायता करूंगा, अपने धर्ममय दाहिने हाथ से मैं तुझे सम्हाले रहूंगा। - यशायाह 41:10

बाइबल पाठ: मत्ती 14:25-33
मत्ती 14:25 और वह रात के चौथे पहर झील पर चलते हुए उन के पास आया।
मत्ती 14:26 चेले उसको झील पर चलते हुए देखकर घबरा गए! और कहने लगे, वह भूत है; और डर के मारे चिल्ला उठे।
मत्ती 14:27 यीशु ने तुरन्त उन से बातें की, और कहा; ढाढ़स बान्‍धो; मैं हूं; डरो मत।
मत्ती 14:28 पतरस ने उसको उत्तर दिया, हे प्रभु, यदि तू ही है, तो मुझे अपने पास पानी पर चलकर आने की आज्ञा दे।
मत्ती 14:29 उसने कहा, आ; तब पतरस नाव पर से उतरकर यीशु के पास जाने को पानी पर चलने लगा।
मत्ती 14:30 पर हवा को देखकर डर गया, और जब डूबने लगा, तो चिल्लाकर कहा; हे प्रभु, मुझे बचा।
मत्ती 14:31 यीशु ने तुरन्त हाथ बढ़ाकर उसे थाम लिया, और उस से कहा, हे अल्प-विश्वासी, तू ने क्यों सन्‍देह किया?
मत्ती 14:32 जब वे नाव पर चढ़ गए, तो हवा थम गई।
मत्ती 14:33 इस पर जो नाव पर थे, उन्होंने उसे दण्‍डवत कर के कहा; सचमुच तू परमेश्वर का पुत्र है।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 7-9
  • लूका 1:21-38



शुक्रवार, 20 मार्च 2020

धन्यवादी



      हमारे विवाह के दिन, मैंने और मेरी पत्नी ने खुशी-खुशी शपथ ली कि हम एक दूसरे के प्रति विश्वासयोग्य बने रहेंगे, “अच्छे समय में और बुरे में भी, स्वास्थ्य में और अस्वस्थ होने की दशा में भी, अमीरी में और गरीबी में भी।” यह विचित्र लग सकता है कि बुरे समय, अस्वस्थतता, और निर्धनता के उदास समयों को भी विवाह के आनन्द के समय में शपथ में सम्मिलित किया गया है। परन्तु यह इस बात का ध्यान करवाता है कि जीवन में “बुरे” समय भी आते हैं।

      जब हमें जीवन की अवश्यंभावी कठिनाइयों का सामना करना पड़े, तो हमें क्या करना चाहिए? परमेश्वर के वचन बाइबल में पौलुस प्रेरित हम से मसीह की ओर से आग्रह करता है कि, “हर बात में धन्यवाद करो: क्योंकि तुम्हारे लिये मसीह यीशु में परमेश्वर की यही इच्छा है” (1 थिस्स्लुनीकियों 5:18)। यह करना चाहे कितना भी कठिन प्रतीत हो, परमेश्वर द्वारा हमें धन्यवादी तथा कृतज्ञ बने रहने के लिए कहने के पीछे ठोस कारण हैं। कृतज्ञ होना इस सत्य पर आधारित है कि हमारा प्रभु भला है, और उसकी करुणा सदा की है (भजन 118:1)। वह कठिनाइयों में भी हमारे साथ बना रहता है और हमें बल देता है (इब्रानियों 13:5, 6), और वह हमारे क्लेषों का भी सप्रेम उपयोग करता है कि हमारा चरित्र उसी के समान बनता चला जाए (रोमियों 5:3-4)।

      जब जीवन हमें कठिन परिस्थितियों में डाले, तो प्रभु परमेश्वर के प्रति कृतज्ञ और धन्यवादी होना हमारे ध्यान को परमेश्वर की ओर केन्द्रित करता है और हमें सामर्थ्य देता है कि हम अपने संघर्षों में से होकर पार निकल सकें। भजनकार के साथ हम भी गा सकते हैं, “यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा बनी रहेगी” (भजन 118:29)।

धन्यवादी होना एक सद्गुण है, जो अभ्यास के साथ बढ़ता जाता है।

केवल यही नहीं, वरन हम क्लेशों में भी घमण्ड करें, यही जानकर कि क्लेश से धीरज। और धीरज से खरा निकलना, और खरे निकलने से आशा उत्पन्न होती है। - रोमियों 5:3-4

बाइबल पाठ: 1 थिस्स्लुनीकियों 5:1-14, 26-29
भजन संहिता 118:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा की है!
भजन संहिता 118:2 इस्राएल कहे, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 118:3 हारून का घराना कहे, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 118:4 यहोवा के डरवैये कहें, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 118:5 मैं ने सकेती में परमेश्वर को पुकारा, परमेश्वर ने मेरी सुन कर, मुझे चौड़े स्थान में पहुंचाया।
भजन संहिता 118:6 यहोवा मेरी ओर है, मैं न डरूंगा। मनुष्य मेरा क्या कर सकता है?
भजन संहिता 118:7 यहोवा मेरी ओर मेरे सहायकों में है; मैं अपने बैरियों पर दृष्टि कर सन्तुष्ट हूंगा।
भजन संहिता 118:8 यहोवा की शरण लेनी, मनुष्य पर भरोसा रखने से उत्तम है।
भजन संहिता 118:9 यहोवा की शरण लेनी, प्रधानों पर भी भरोसा रखने से उत्तम है।
भजन संहिता 118:10 सब जातियों ने मुझ को घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!
भजन संहिता 118:11 उन्होंने मुझ को घेर लिया है, नि:सन्देह घेर लिया है; परन्तु यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!
भजन संहिता 118:12 उन्होंने मुझे मधुमक्खियों के समान घेर लिया है, परन्तु कांटों की आग के समान वे बुझ गए; यहोवा के नाम से मैं निश्चय उन्हें नाश कर डालूंगा!
भजन संहिता 118:13 तू ने मुझे बड़ा धक्का दिया तो था, कि मैं गिर पडूं परन्तु यहोवा ने मेरी सहायता की।
भजन संहिता 118:14 परमेश्वर मेरा बल और भजन का विषय है; वह मेरा उद्धार ठहरा है।
भजन संहिता 118:26 धन्य है वह जो यहोवा के नाम से आता है! हम ने तुम को यहोवा के घर से आशीर्वाद दिया है।
भजन संहिता 118:27 यहोवा ईश्वर है, और उसने हम को प्रकाश दिया है। यज्ञ पशु को वेदी के सींगों से रस्सियों बान्धो!
भजन संहिता 118:28 हे यहोवा, तू मेरा ईश्वर है, मैं तेरा धन्यवाद करूंगा; तू मेरा परमेश्वर है, मैं तुझ को सराहूंगा।
भजन संहिता 118:29 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है; और उसकी करूणा सदा बनी रहेगी!

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 4-6
  • लूका 1:1-20



गुरुवार, 19 मार्च 2020

समय



      संसार के उत्तरी गोलार्ध में आज बसंत ऋतु का पहला दिन है, और दक्षिणी गोलार्ध में यह पतझड़ का पहला दिन है। आज के दिन सूर्य भूमध्य रेखा पर सीधा चमकता है और सारे संसार में दिन और रात लगभग समान समय के होते हैं। बहुत से लोगों के लिए नए मौसम महत्वपूर्ण होते हैं। वे मौसम बदलने के दिन गिनते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि नया समय कुछ नया और अच्छा लेकर आएगा। हो सकता है कि, यदि आप उत्तरी गोलार्ध में हैं तो शरद ऋतु की समाप्ति और बसंत तथा ग्रीष्म ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा में हों; या यदि दक्षिणी गोलार्ध में हैं, तो ग्रीष्म ऋतु के अंत और पतझड़ तथा शरद ऋतु के आगमन की प्रतीक्षा में हों।

      इसी प्रकार से हमारे जीवनों के समय भी बदलते रहते हैं, और इन परिवर्तनों का मौसम के साथ कोई लेना-देना नहीं होता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में सभोपदेशक पुस्तक का लेखक हमें बताता है कि आकाश के नीचे प्रत्येक कार्य के लिए एक समय निर्धारित है – परमेश्वर के द्वारा निर्धारित समय, जिसमें हम अपना जीवन काल व्यतीत करते हैं (3:1-11)।

      मूसा ने अपने जीवन के नए समय के बारे में कहा, जब वह इस्राएलियों को जंगल से कनान तक लेकर आया, और अब उसे उनका नेतृत्व यहोशू को सौंपना था (व्यवस्थाविवरण 31:2)। पौलुस को रोम में घर में बंदी बना कर रखे जाने के समय अकेलेपन के समय का सामना करना पड़ा – उसने मिलने वालों के आने के लिए प्रार्थना की, साथ ही यह भी पहचाना कि परमेश्वर उसके साथ बना हुआ था (2 तीमुथियुस 4:17)।

      हमारे जीवनों में समय कुछ भी चल रहा हो, हमें सदा परमेश्वर के धन्यवादी रहना चाहिए, उसकी महानता, सहायता, और संगति के सदा हमारे साथ बने रहने लिए। - डेव ब्रैनन

हर समय परमेश्वर में आनंदित रहने का समय है।

प्रभु में सदा आनन्‍दित रहो; मैं फिर कहता हूं, आनन्‍दित रहो। - फिलिप्पियों 4:4

बाइबल पाठ: सभोपदेशक 3:1-11
सभोपदेशक 3:1 हर एक बात का एक अवसर और प्रत्येक काम का, जो आकाश के नीचे होता है, एक समय है।
सभोपदेशक 3:2 जन्म का समय, और मरण का भी समय; बोने का समय; और बोए हुए को उखाड़ने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:3 घात करने का समय, और चंगा करने का भी समय; ढा देने का समय, और बनाने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:4 रोने का समय, और हंसने का भी समय; छाती पीटने का समय, और नाचने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:5 पत्थर फेंकने का समय, और पत्थर बटोरने का भी समय; गले लगाने का समय, और गले लगाने से रुकने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:6 ढूंढ़ने का समय, और खो देने का भी समय; बचा रखने का समय, और फेंक देने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:7 फाड़ने का समय, और सीने का भी समय; चुप रहने का समय, और बोलने का भी समय है;
सभोपदेशक 3:8 प्रेम का समय, और बैर करने का भी समय; लड़ाई का समय, और मेल का भी समय है।
सभोपदेशक 3:9 काम करने वाले को अधिक परिश्रम से क्या लाभ होता है?
सभोपदेशक 3:10 मैं ने उस दु:ख भरे काम को देखा है जो परमेश्वर ने मनुष्यों के लिये ठहराया है कि वे उस में लगे रहें।
सभोपदेशक 3:11 उसने सब कुछ ऐसा बनाया कि अपने अपने समय पर वे सुन्दर होते है; फिर उसने मनुष्यों के मन में अनादि-अनन्त काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, तौभी काल का ज्ञान उत्पन्न किया है, वह आदि से अन्त तक मनुष्य बूझ नहीं सकता।

एक साल में बाइबल: 
  • यहोशू 1-3
  • मरकुस 16



बुधवार, 18 मार्च 2020

वचन



      द्वितीय विश्व-युद्ध के समय, घर से दूर, अमेरिकी सेना में प्रशिक्षण के लिए भरती हुए कुछ रंगरूटों ने अपनी चुनौतियों का सामना करने के लिए मज़ाक और पत्राचार का सहारा लिया। एक नौजवान ने, अपने एक पत्र में, उन्हें बिमारियों से बचने के टीके लगाए जाने की प्रक्रिया को हास्यास्पद रीति से बढ़ा-चढ़ा कर बताया, उसने लिखा, “दो चिकित्सा अधिकारी हमारे पीछे भाले लेकर भागे। उन्होंने हमें पकड़ कर जबरन ज़मीन पर लेटा दिया, और हमारी दोनों बाहों में एक-एक भाला चुभो दिया।”

      परन्तु एक रंगरूट को समझ में आने लगा कि मज़ाक करने के द्वारा वे कुछ सीमा तक ही शान्ति पा सकेंगे। फिर किसी ने उसे परमेश्वर के वचन बाइबल की एक प्रति पढ़ने के लिए दी। कुछ समय बाद उसने पत्र में लिखा, “मैं उसे प्रतिदिन पढ़ता हूँ और मुझे बहुत अच्छा लगता है। मैंने कभी नहीं सोचा था कि बाइबल से इतना कुछ सीखा जा सकता है।”

      कई सदियों पहले जब दास बनाकर बेबीलोन को निर्वासित किए गए यहूदी दासत्व से छूट कर लौट कर अपने देश में आए, तो उन्होंने पाया कि उनकी समस्याएँ भी उन के साथ ही आईं हैं। जब वे यरूशलेम की शहरपनाह बनाने के लिए संघर्ष कर रहे थे तो उन्हें शत्रुओं, भुखमरी, और स्वयं के पापों का सामना करना पड़ा। अपनी इन कठिनाइयों और समस्याओं के मध्य, वे परमेश्वर के वचन की ओर मुड़े। जब याजकों ने उन्हें परमेश्वर की व्यवस्था से पढ़कर सुनाना आरंभ किया, तो उसे सुन कर जो उन्होंने सीखा, उस वचन ने उनके मन और जीवन में जो कार्य किया, उस से वे चकित हो गए; परमेश्वर के वचन की बातों के प्रभाव से वे रोने लगे (नहेम्याह 8:9)। साथ ही, वचन के द्वारा उन्हें शान्ति भी मिली, और उनके अधिपति नहेम्याह ने उन्हें आश्वस्त करते हुए कहा, “...उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है” (पद 10)।

      हमें परमेश्वर के वचन को सुनने के लिए किसी समस्या या विकट परिस्थितियों में पड़ने की प्रतीक्षा करने की आवश्यकता नहीं है। बाइबल में होकर हम परमेश्वर के चरित्र, उसकी क्षमा, और उसकी शान्ति के बारे में जान सकते हैं। जब हम उसके वचन के साथ समय बिताना आरंभ करेंगे, तो परमेश्वर का पवित्र आत्मा जो हमें वचन में से सिखाएगा, वह हमें दंग कर देगा। - टिम गुस्ताफसन

बाइबल हमें दिखाती है कि हम वास्तविकता में क्या हैं; 
और यह भी दिखाती है कि परमेश्वर हम से कितना प्रेम करता है।

परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा। मैं तुम्हें शान्‍ति दिए जाता हूं, अपनी शान्‍ति तुम्हें देता हूं; जैसे संसार देता है, मैं तुम्हें नहीं देता: तुम्हारा मन न घबराए और न डरे। - यूहन्ना 14:26-27

बाइबल पाठ: नहेम्याह 8: 5-12
नहेम्याह 8:5 तब एज्रा ने जो सब लोगों से ऊंचे पर था, सभों के देखते उस पुस्तक को खोल दिया; और जब उसने उसको खोला, तब सब लोग उठ खड़े हुए।
नहेम्याह 8:6 तब एज्रा ने महान परमेश्वर यहोवा को धन्य कहा; और सब लोगों ने अपने अपने हाथ उठा कर आमेन, आमेन, कहा; और सिर झुका कर अपना अपना माथा भूमि पर टेक कर यहोवा को दण्डवत किया।
नहेम्याह 8:7 और येशू, बानी, शेरेब्याह, यामीन, अक्कूब, शब्बतै, होदिय्याह, मासेयाह, कलीता, अजर्याह, योजाबाद, हानान और पलायाह नाम लेवीय, लोगों को व्यवस्था समझाते गए, और लोग अपने अपने स्थान पर खड़े रहे।
नहेम्याह 8:8 और उन्होंने परमेश्वर की व्यवस्था की पुस्तक से पढ़कर अर्थ समझा दिया; और लोगों ने पाठ को समझ लिया।
नहेम्याह 8:9 तब नहेम्याह जो अधिपति था, और एज्रा जो याजक और शास्त्री था, और जो लेवीय लोगों को समझा रहे थे, उन्होंने सब लोगों से कहा, आज का दिन तुम्हारे परमेश्वर यहोवा के लिये पवित्र है; इसलिये विलाप न करो और न रोओ। क्योंकि सब लोग व्यवस्था के वचन सुनकर रोते रहे।
नहेम्याह 8:10 फिर उसने उन से कहा, कि जा कर चिकना चिकना भोजन करो और मीठा मीठा रस पियो, और जिनके लिये कुछ तैयार नहीं हुआ उनके पास बैना भेजो; क्योंकि आज का दिन हमारे प्रभु के लिये पवित्र है; और उदास मत रहो, क्योंकि यहोवा का आनन्द तुम्हारा दृढ़ गढ़ है।
नहेम्याह 8:11 यों लेवियों ने सब लोगों को यह कहकर चुप करा दिया, कि चुप रहो क्योंकि आज का दिन पवित्र है; और उदास मत रहो।
नहेम्याह 8:12 तब सब लोग खाने, पीने, बैना भेजने और बड़ा आनन्द मनाने को चले गए, क्योंकि जो वचन उन को समझाए गए थे, उन्हें वे समझ गए थे।

एक साल में बाइबल: 
  • व्यवस्थाविवरण 32-34
  • मरकुस 15:26-47