बुधवार, 10 जून 2020

व्यवहार


     “कौन है जो सभी को गले लगाएगा?”

     यह उन अनेकों प्रश्नों में से एक था जो हमारे मित्र स्टीव ने हम से कहे जब उसे पता चला कि उसे कैंसर है, और अपने इलाज के लिए उसे कुछ समय चर्च से अनुपस्थित रहना होगा। स्टीव ऐसा व्यक्ति है जो हर किसी के साथ प्रेम और मित्रता के भाव से मिलता है – प्रेमपूर्ण अभिनन्दन, गर्मजोशी से हाथ मिलाना, और कुछ के लिए तो एक “पवित्र गले लगाना” भी, जो स्टीव के द्वारा परमेश्वर के वचन बाइबल में रोमियों 16:16 में पौलुस प्रेरित द्वारा कही गई बात, “आपस में पवित्र चुम्बन से नमस्कार करो” का अपनाया गया स्वरूप है।

     और अब जब हम स्टीव के लिए प्रार्थना कर रहे हैं कि परमेश्वर उसे चंगाई दे, उसे स्वस्थ कर दे, स्टीव की अपनी चिंता यह है कि जब वह चर्च नहीं आने पा रहा है, और हमें उसके उस प्रेमपूर्ण अभिवादन और व्यवहार से वंचित रहना पड़ेगा; तो कौन है जो उस के समान मित्रता के व्यवहार को प्रदर्शित करेगा।

     जिस खुलेपन से स्टीव औरों से मिलता है और व्यवहार करता है, वैसे सभी तो नहीं करने पाते हैं, परन्तु लोगों की चिंता करने का उस का व्यवहार हमारे लिए एक अच्छा उदाहरण है। प्रेरित पतरस ने बाइबल में लिखा, “बिना कुड़कड़ाए एक दूसरे का अतिथि-सत्कार करो,” अर्थात, प्रेम को आधार बना कर एक दूसरे के साथ मिलो (1 पतरस 4:9; देखें फिलिप्पियों 2:14)। प्रथम शताब्दी के उस अतिथि-सत्कार में यात्रियों को अपने घर में ठहराना भी सम्मिलित था – और यह करने का आरम्भ भी प्रेम भरे अभिन्दन के साथ स्वागत करने से ही होता है।

     जब हम औरों के साथ प्रेम में हो कर व्यवहार करते हैं, वह चाहे आलिंगन करने के साथ हो या केवल एक मुस्कराहट के द्वारा, हमारा प्रत्येक व्यवहार ऐसा हो कि “यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो” (1 पतरस 4:11)। - डेव ब्रैनन

 

जब हम भला व्यवहार करते हैं, तब हम परमेश्वर की भलाई औरों के साथ बाँटते हैं।


सो तुम चाहे खाओ, चाहे पीओ, चाहे जो कुछ करो, सब कुछ परमेश्वर की महीमा के लिये करो। - 1 कुरिन्थियों 10:31

बाइबल पाठ: 1 पतरस 4:7-11

1 पतरस 4:7 सब बातों का अन्‍त तुरन्त होने वाला है; इसलिये संयमी हो कर प्रार्थना के लिये सचेत रहो।

1 पतरस 4:8 और सब में श्रेष्ठ बात यह है कि एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो; क्योंकि प्रेम अनेक पापों को ढांप देता है।

1 पतरस 4:9 बिना कुड़कुड़ाए एक दूसरे की पहुनाई करो।

1 पतरस 4:10 जिस को जो वरदान मिला है, वह उसे परमेश्वर के नाना प्रकार के अनुग्रह के भले भण्‍डारियों के समान एक दूसरे की सेवा में लगाए।

1 पतरस 4:11 यदि कोई बोले, तो ऐसा बोले, मानों परमेश्वर का वचन है; यदि कोई सेवा करे; तो उस शक्ति से करे जो परमेश्वर देता है; जिस से सब बातों में यीशु मसीह के द्वारा, परमेश्वर की महिमा प्रगट हो: महिमा और साम्राज्य युगानुयुग उसी की है। आमीन।   

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 इतिहास 34-36
  • यूहन्ना 19:1-22


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