ई-मेल संपर्क / E-Mail Contact

इन संदेशों को ई-मेल से प्राप्त करने के लिए अपना ई-मेल पता इस ई-मेल पर भेजें / To Receive these messages by e-mail, please send your e-mail id to: rozkiroti@gmail.com

सोमवार, 30 नवंबर 2020

धन्यवाद

 

         डॉक्टर मेरे पति डैन से, अभी हाल ही में पता चले उसके कैंसर के बारे में बात कर रहे थे, परन्तु उस डॉक्टर के चेहरे पर कोई चिंता की शिकन नहीं थी। मुस्कराते हुए उसने डैन से कहा कि वह अपने प्रत्येक दिन का आरंभ, कम से कम तीन बातों के लिए परमेश्वर को धन्यवाद के साथ करे। डैन ने उसकी बात मान ली, यह जानते हुए कि धन्यवादी और कृतज्ञ होने से मन को परमेश्वर की भलाई में प्रोत्साहन मिलता है; और डैन अपने प्रत्येक दिन का आरंभ स्तुति और धन्यवाद के शब्दों के साथ करता है। वह प्रति प्रातः परमेश्वर का धन्यवाद करता है रात्रि के आराम और अच्छी नींद के लिए, साफ़-सुथरे बिस्तर के लिए, सूर्य के प्रकाश के लिए, मेज़ पर उपलब्ध भोजन के लिए, और मेरे होंठों की मुस्कान के लिए।

         उसका प्रत्येक शब्द दिल से आता है। परन्तु क्या यह मामूली भी प्रतीत हो सकता है? क्या जीवन की छोटी छोटी बातों के लिए हमारी स्तुति और धन्यवाद सर्वशक्तिमान परमेश्वर के लिए कोई महत्व रखते हैं? परमेश्वर के वचन बाइबल में भजन 50 में भजनकार आसाप, जो दाऊद का प्रधान संगीतकार था, एक स्पष्ट बात कहता है। “मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशु-शालाओं से बकरे ले लूंगा” (पद 9)। इस्राएलियों के द्वारा पारंपरिक रीति से चढ़ाए जाने वाले इन बलिदानों की बजाए, परमेश्वर चाहता है कि उसके लोग अपने हृदय उसे समर्पित करें और उसके प्रति कृतज्ञ होकर जीवन व्यतीत करें (पद 14, 23)।

         जैसा मेरे पति ने अनुभव किया, सच्चे मन से दिया गया धन्यवाद, हमारी आत्माओं को प्रफुल्लित करता है। तब, जब हम अपने संकट के दिन में परमेश्वर को पुकारते हैं, वह हमें छुड़ाता है (पद 15)। क्या इसका यह अर्थ है कि उसके दो वर्ष के इलाज के दौरान डैन शारीरिक और आत्मिक रीति से पूर्णतः चंगा हो जाएगा? या इस जीवन के बाद ही उसकी चंगाई पूर्ण होगी? हम नहीं जानते हैं; परन्तु अभी, डैन परमेश्वर को अपने धन्यवाद चढ़ाने से आनन्दित होता है। वह परमेश्वर का कृतज्ञ है उसके प्रेम, और उसके छुड़ाने वाला, चंगाई देने वाला मित्र होने के लिए। और हमारे मित्रगण इन बातों को सुनने से आनन्दित होते हैं। - पेट्रीशिया रेबौन

 

परमेश्वर के प्रति मेरा धन्यवाद और कृतज्ञता, उसके लिए बहुत महत्व रखता है।


किसी भी बात की चिन्ता मत करो: परन्तु हर एक बात में तुम्हारे निवेदन, प्रार्थना और बिनती के द्वारा धन्यवाद के साथ परमेश्वर के सम्मुख उपस्थित किए जाएं। - फिलिप्पियों 4:6

बाइबल पाठ: भजन 50:7-15

भजन संहिता 50:7 हे मेरी प्रजा, सुन, मैं बोलता हूं, और हे इस्राएल, मैं तेरे विषय साक्षी देता हूं। परमेश्वर तेरा परमेश्वर मैं ही हूं।

भजन संहिता 50:8 मैं तुझ पर तेरे मेल बलियों के विषय दोष नहीं लगाता, तेरे होमबलि तो नित्य मेरे लिये चढ़ते हैं।

भजन संहिता 50:9 मैं न तो तेरे घर से बैल न तेरे पशु-शालाओं  से बकरे ले लूंगा।

भजन संहिता 50:10 क्योंकि वन के सारे जीव-जन्तु और हजारों पहाड़ों के जानवर मेरे ही हैं।

भजन संहिता 50:11 पहाड़ों के सब पक्षियों को मैं जानता हूं, और मैदान पर चलने फिरने वाले जानवर मेरे ही हैं।

भजन संहिता 50:12 यदि मैं भूखा होता तो तुझ से न कहता; क्योंकि जगत और जो कुछ उस में है वह मेरा है।

भजन संहिता 50:13 क्या मैं बैल का मांस खाऊं, या बकरों का लहू पीऊं?

भजन संहिता 50:14 परमेश्वर को धन्यवाद ही का बलिदान चढ़ा, और परमप्रधान के लिये अपनी मन्नतें पूरी कर;

भजन संहिता 50:15 और संकट के दिन मुझे पुकार; मैं तुझे छुड़ाऊंगा, और तू मेरी महिमा करने पाएगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 37-39
  • 2 पतरस 2

रविवार, 29 नवंबर 2020

समय

 

         कुछ समय पहले की बात है कि मैं अपने बेटे के, जो हमारे घर से लगभग तीन घंटे की यात्रा की दूरी पर रहता था, घर पर चल रहे कुछ निर्माण के काम में लगा हुआ था। उस कार्य को पूरा होने में अनुमान से अधिक दिन लग रहे थे। प्रति प्रातः हम प्रार्थना करते कि आज यह निर्माण कार्य पूर्ण हो जाए, और प्रति संध्या हमें पता चलता कि अभी कुछ और करना शेष है, जिसके लिए अगले दिन फिर से लगना पड़ेगा।

         मुझे समझ नहीं आ रहा था कि ऐसा क्यों हो रहा है; क्या इसके पीछे कोई कारण था? अगली ही प्रातः हमें उत्तर मिल गया। मैं एक औज़ार को उठा रहा था कि फोन की घंटी बजी और किसी अजनबी की आवाज़ ने हमें बहुत व्याकुलता से बताया कि हमारी बेटी एक कार दुर्घटना में घायल हो गई है और हमें तुरंत उसके पास पहुँचने की आवश्यकता है।

         क्योंकि वह हमारे बेटे के घर के पास ही रहती थी, इसलिए हमें उसके पास पहुंचने में केवल चौदह मिनिट ही लगे। यदि मैं अपने घर पर होता, तो मुझे कम से कम तीन घंटे लगते। मैं उसे अस्पताल ले जाने वाली एम्बुलेंस के पीछे पीछे अस्पताल तक गया, और उसके आपरेशन से पहले उसे सांत्वना दी, उसकी हिम्मत बढ़ाई। मैं अस्पताल में जब उसके साथ बैठा हुआ था, तो मुझे एहसास हुआ कि यदि बेटे के घर की निर्माण परियोजना में विलम्ब नहीं होते, तो मैं उसके पास उपस्थित नहीं हो पाता।

         हमारे जीवन का हर पल परमेश्वर का है। यह अनुभव उस स्त्री का था जिसके पुत्र को एलिशा भविष्यद्वक्ता के द्वारा परमेश्वर ने फिर से जिलाया था (2 राजाओं 4:18-37)। अकाल के कारण वह देश छोड़ कर चली गई और फिर वर्षों के बाद लौट कर वापस आई, तथा राजा के पास गई कि उसकी भूमि उसे लौटा दी जाए। ठीक उसी समय जब वह आई, राजा भविष्यद्वक्ता के सेवक गहेज़ी के साथ वार्तालाप कर रहा था, और गहेज़ी राजा को बता रहा था कि कैसे एलिशा ने उसके पुत्र को फिर से जिला उठाया था, और वही स्त्री वहाँ तभी राजा के समक्ष आ खड़ी हुई (8:5)। राजा ने तुरंत उसके आग्रह को स्वीकार कर लिया, उसकी भूमि उसे लौटा दी।

         हम समय के बारे में कुछ नहीं जानते हैं; हमें नहीं पता है कि अगला ही पल क्या ले कर आएगा। परन्तु परमेश्वर प्रत्येक बात, प्रत्येक परिस्थिति को भलाई के लिए प्रयोग कर सकता है। परमेश्वर हमें अनुग्रह प्रदान करे कि हम अपने जीवन के समय उसके हाथों में रखे रहें और उसकी योजनाओं तथा कार्यों को उसके समय एवं इच्छा के अनुसार निभाते रहें। - जेम्स बैंक्स

 

हमारे जीवन, हमारे अपने हाथों की बजाए, परमेश्वर के हाथों में अधिक सुरक्षित हैं।


इस कारण मैं इन दुखों को भी उठाता हूं, पर लजाता नहीं, क्योंकि मैं उसे जिस की मैं ने प्रतीति की है, जानता हूं; और मुझे निश्चय है, कि वह मेरी धरोहर की उस दिन तक रखवाली कर सकता है। - 2 तीमुथियुस 1:12

बाइबल पाठ: 2 राजाओं 8:1-6

2 राजा 8:1 जिस स्त्री के बेटे को एलिशा ने जिलाया था, उस से उसने कहा था कि अपने घराने समेत यहां से जा कर जहां कहीं तू रह सके वहां रह; क्योंकि यहोवा की इच्छा है कि अकाल पड़े, और वह इस देश में सात वर्ष तक बना रहेगा।

2 राजा 8:2 परमेश्वर के भक्त के इस वचन के अनुसार वह स्त्री अपने घराने समेत पलिश्तियों के देश में जा कर सात वर्ष रही।

2 राजा 8:3 सात वर्ष के बीतने पर वह पलिश्तियों के देश से लौट आई, और अपने घर और भूमि के लिये दोहाई देने को राजा के पास गई।

2 राजा 8:4 राजा परमेश्वर के भक्त के सेवक गहेज़ी से बातें कर रहा था, और उसने कहा कि जो बड़े बड़े काम एलिशा ने किए हैं उन्हें मुझ से वर्णन कर।

2 राजा 8:5 जब वह राजा से यह वर्णन कर ही रहा था कि एलिशा ने एक मुर्दे को जिलाया, तब जिस स्त्री के बेटे को उसने जिलाया था वही आकर अपने घर और भूमि के लिये दोहाई देने लगी। तब गहेज़ी ने कहा, हे मेरे प्रभु! हे राजा! यह वही स्त्री है और यही उसका बेटा है जिसे एलिशा ने जिलाया था।

2 राजा 8:6 जब राजा ने स्त्री से पूछा, तब उसने उस से सब कह दिया। तब राजा ने एक हाकिम को यह कह कर उसके साथ कर दिया कि जो कुछ इसका था वरन जब से इस ने देश को छोड़ दिया तब से इसके खेत की जितनी आमदनी अब तक हुई हो सब इसे फेर दे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 35-36
  • 2 पतरस 1

शनिवार, 28 नवंबर 2020

चट्टान

 

         पिछले गर्मियों में मेरे पति और मैं ग्रामीण पेन्सिल्वेनिया में स्थित एक प्रसिद्ध मकान – फौलिंगवाटर्स को देखने गए। इसे वास्तुकार फ्रैंक लौएड राईट ने 1935 में परिकल्पना करके बनाया था। मैंने कभी उस मकान के समान कोई अन्य मकान नहीं देखा है। राईट ऐसा घर बनाना चाहता था जो मानो जैविक रीति से आस-पास के मैदान में से उगता हुआ प्रतीत हो, और वह अपने उद्देश्य में कामयाब रहा था। उसने वह घर वहाँ मौजूद एक झरने के चारों ओर बनाया था, और उसकी शैली में वहाँ की चट्टानों को देखा जा सकता है। हमारे गाईड ने हमें बताया कि उस घर को जो बात सुरक्षित बनाती थी वह यह थी कि उस घर का मुख्य केन्द्रीय भाग चट्टानों पर आधारित है।

         यह सुनकर मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा अपने शिष्यों से कहे गए शब्द स्मरण हो आए। अपने द्वारा दिए गए पहाड़ी उपदेश में प्रभु यीशु ने शिष्यों को बताया था कि जो वह उन्हें सिखा रहा है वह उनके जीवन के लिए दृढ़ नींव बन जाएगा। यदि वे उसकी कही बातों को सुनें और उनका पालन करें, तो वे जीवन के किसी भी तूफ़ान का सफलता से सामना करने पाएँगे। इसकी तुलना में, जो सुनते हैं परन्तु मानते नहीं हैं, बालू पर बनाए हुए घर के समान होंगे (मत्ती 7:24-27)। बाद में पौलुस ने भी यही बात दोहराई, कि प्रभु यीशु मसीह ही मसीही विश्वासी के जीवन की नींव है, और हमें उसी पर टिकाऊ वस्तुओं द्वारा निर्माण करना है (1 कुरिन्थियों 3:11)।

         जब हम प्रभु यीशु की बातों को सुनते और मानते हैं, तब हम अपने जीवनों को स्थिर चट्टान समान नींव पर बनाते हैं, जो उस फौलिंगवाटर्स मकान के समान दिखने में सुन्दर, अद्भुत और चट्टान पर स्थिर बने रहने वाला होगा। - एमी पीटरसन

 

आप अपना जीवन किस पर आधारित कर के बना रहे हैं?


क्योंकि उस नींव को छोड़ जो पड़ी है, और वह यीशु मसीह है कोई दूसरी नींव नहीं डाल सकता। - 1 कुरिन्थियों 3:11

बाइबल पाठ: मत्ती 7:24-27

मत्ती 7:24 इसलिये जो कोई मेरी ये बातें सुनकर उन्हें मानता है वह उस बुद्धिमान मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर चट्टान पर बनाया।

मत्ती 7:25 और मेंह बरसा और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियाँ चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं, परन्तु वह नहीं गिरा, क्योंकि उस की नींव चट्टान पर डाली गई थी।

मत्ती 7:26 परन्तु जो कोई मेरी ये बातें सुनता है और उन पर नहीं चलता वह उस निर्बुद्धि मनुष्य के समान ठहरेगा जिसने अपना घर बालू पर बनाया।

मत्ती 7:27 और मेंह बरसा, और बाढ़ें आईं, और आन्‍धियाँ चलीं, और उस घर पर टक्करें लगीं और वह गिरकर सत्यानाश हो गया।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 33-34
  • 1 पतरस 5

शुक्रवार, 27 नवंबर 2020

अद्भुत अनुग्रह

 

         जब मैं कॉलेज में था तो एक गर्मियों में मैंने कोलोराडो में एक खेत में कार्य किया। एक संध्या को, दिन भर खेत की लवाई करने के पश्चात, थका और भूखा, मैं ट्रैक्टर को तेज़ी से चलाकर आँगन में लाया। मुझे लगता था कि मैं बहुत बढ़िया दिखने और काम करने वाला हूँ, और उसी के अनुसार, मैंने शेखी में आकर तेजी से ट्रैक्टर को मोड़ा, ब्रेक को दबाया, और ट्रैक्टर को फुर्ती से घुमाया। ट्रैक्टर के पीछे लगे हंसिये नीचे ही थे, और ट्रैक्टर के घूमने से उनके द्वारा पास ही रखे 500 गैलन डीज़ल टैंक के नीचे का आधार टूट गया, टैंक नीचे गिर कर ऊँची आवाज़ के साथ फूट गया और सारा डीज़ल ज़मीन पर बह गया।

         खेत का स्वामी पास ही में खड़ा सब देख रहा था। मैं तेज़ी से ट्रैक्टर से नीचे उतरा, लड़खड़ाती आवाज़ में उस से क्षमा माँगी – और क्योंकि मेरे दिमाग में आने वाली वही पहली बात थी – मैंने उससे कहा कि मैं शेष सारी गर्मी उसके यहाँ बिना वेतन के कार्य करने के लिए तैयार हूँ।

         उस वृद्ध किसान ने मेरे द्वारा हुए नुकसान को देखा, फिर घर की ओर मुड़ते हुए कहा, “चलो, अंदर चलकर भोजन करते हैं।”

         परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रभु यीशु द्वारा कहे गए एक दृष्टांत का एक भाग मेरे मन में आया – एक जवान व्यक्ति की कहानी, जिसने कुछ बहुत बुरा किया था, और वह अपने पिता के पास आकर बोला: “पिता, मैंने आपके और स्वर्ग के विरुद्ध पाप किया है”, वह आगे कहना चाहता था, “मुझे अपने सेवक के समान साथ रख ले” परन्तु उसके द्वारा यह शब्द कहने से पहले ही उसके पिता ने उसे रोक दिया और गले लगा लिया, उसे अपना लिया; एक प्रकार से उसके पिता ने कहा, “चलो, अंदर चलकर भोजन करते हैं।”

         यही हम पश्चातापी पापियों के प्रति परमेश्वर का अद्भुत अनुग्रह है। - डेविड एच. रोपर

 

सृष्टि के सम्राट के पुत्र और पुत्री हो जाना कैसा सौभाग्य है।


देखो पिता ने हम से कैसा प्रेम किया है, कि हम परमेश्वर की सन्तान कहलाएं, और हम हैं भी: इस कारण संसार हमें नहीं जानता, क्योंकि उसने उसे भी नहीं जाना। - 1 यूहन्ना 3:1

बाइबल पाठ: लूका 15:11-24

लूका 15:11 फिर उसने कहा, किसी मनुष्य के दो पुत्र थे।

लूका 15:12 उन में से छुटके ने पिता से कहा कि हे पिता संपत्ति में से जो भाग मेरा हो, वह मुझे दे दीजिए। उसने उन को अपनी संपत्ति बांट दी।

लूका 15:13 और बहुत दिन न बीते थे कि छुटका पुत्र सब कुछ इकट्ठा कर के एक दूर देश को चला गया और वहां कुकर्म में अपनी संपत्ति उड़ा दी।

लूका 15:14 जब वह सब कुछ खर्च कर चुका, तो उस देश में बड़ा अकाल पड़ा, और वह कंगाल हो गया।

लूका 15:15 और वह उस देश के निवासियों में से एक के यहां जा पड़ा: उसने उसे अपने खेतों में सूअर चराने के लिये भेजा।

लूका 15:16 और वह चाहता था, कि उन फलियों से जिन्हें सूअर खाते थे अपना पेट भरे; और उसे कोई कुछ नहीं देता था।

लूका 15:17 जब वह अपने आपे में आया, तब कहने लगा, कि मेरे पिता के कितने ही मजदूरों को भोजन से अधिक रोटी मिलती है, और मैं यहां भूखा मर रहा हूं।

लूका 15:18 मैं अब उठ कर अपने पिता के पास जाऊंगा और उस से कहूंगा कि पिता जी मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है।

लूका 15:19 अब इस योग्य नहीं रहा कि तेरा पुत्र कहलाऊं, मुझे अपने एक मजदूर के समान रख ले।

लूका 15:20 तब वह उठ कर, अपने पिता के पास चला: वह अभी दूर ही था, कि उसके पिता ने उसे देखकर तरस खाया, और दौड़कर उसे गले लगाया, और बहुत चूमा।

लूका 15:21 पुत्र ने उस से कहा; पिता जी, मैं ने स्वर्ग के विरोध में और तेरी दृष्टि में पाप किया है; और अब इस योग्य नहीं रहा, कि तेरा पुत्र कहलाऊं।

लूका 15:22 परन्तु पिता ने अपने दासों से कहा; फट अच्छे से अच्छा वस्त्र निकाल कर उसे पहनाओ, और उसके हाथ में अंगूठी, और पांवों में जूतियां पहनाओ।

लूका 15:23 और पला हुआ बछड़ा लाकर मारो ताकि हम खाएँ और आनन्द मनायें।

लूका 15:24 क्योंकि मेरा यह पुत्र मर गया था, फिर जी गया है: खो गया था, अब मिल गया है: और वे आनन्द करने लगे।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 30-32
  • 1 पतरस 4

गुरुवार, 26 नवंबर 2020

साथ

 

         हमारे घर में एक स्मृति-पट्टिका लगी है जिस पर लिखा है, “पुकारें या न पुकारें, परमेश्वर उपस्थित है”; इसका आधुनिक संस्करण होगा, “मानें या न मानें, परमेश्वर यहाँ पर है।”

         परमेश्वर के वचन बाइबल के पुराने नियम खण्ड में एक भविष्यद्वक्ता, होशे, जो ईसा पूर्व आठवीं सदी के आख़िरी भाग (755-715) में सेवकाई करता था, उसने भी कुछ ऐसे ही शब्द लिखे। उसने इस्राएलियों को परमेश्वर की उपस्थिति को स्वीकार करने के लिए यत्न करते रहने के लिए प्रोत्साहित किया (होशे 6:3), क्योंकि वो लोग परमेश्वर को भूल चुके थे (4:1)। जब लोगों ने परमेश्वर की उपस्थिति को भुला दिया, तब वे उससे दूर होने लग गए (पद 12)। और कुछ ही समय में, उनके विचारों में भी परमेश्वर का स्थान नहीं रहा (देखें भजन 10:4)।

         परमेश्वर की उपस्थिति को स्वीकार करने के लिए होशे की साधारण परन्तु गंभीर अंतदृष्टि हमें याद दिलाती है कि वह हमारे निकट है, तथा हमारे जीवनों में कार्य कर रहा है, हमारे आनन्द तथा हमारे संघर्षों एवं परेशानियों, दोनों में।

         परमेश्वर की उपस्थिति को स्वीकार करने का अर्थ हो सकता है कि जब हमें काम में पदोन्नति प्राप्त हो, तो हम यह स्वीकार करें कि परमेश्वर ने हमें हमारे कार्यों को समय पर और साधनों की सीमा में रहते हुए अच्छे से पूरा करने के योग्य किया। यदि घर मिलने के लिए हमारा आवेदन अस्वीकार हो जाता है, तब भी हम यह मानें कि परमेश्वर हमारी देखभाल कर रहा है, और हम उस पर हमारे लिए भला ही करते रहने का भरोसा बनाए रखें।

         यदि हमें अपनी पसंद के अनुसार कॉलेज में दाखिला न मिले, तब भी हम विश्वास रखें कि परमेश्वर हमारे साथ है, और हमारी निराशा में भी हमारे लिए कुछ भला ही कर रहा है। जब हम भोजन करने बैठें, तो परमेश्वर की उपस्थिति को स्वीकार करते हुए, उसे हमारे लिए अच्छा भोजन उपलब्ध करवाने के साधनों के लिए धन्यवाद करें।

         जब हम परमेश्वर के हमारे साथ बने रहने को स्वीकार करते हैं, हमारी सफलताओं तथा असफलताओं, वे चाहे छोटी हों अथवा बड़ी, दोनों में ही उसकी उपस्थिति को स्मरण रखते हैं तो हम उसे अपने लिए कार्य करने के अवसर देते हैं, उससे मार्गदर्शन तथा आशीषों को पाने के रास्ते अपने जीवन में खोलते हैं। - लीसा सामरा

 

परमेश्वर सदा उपस्थिति एवं कार्यरत रहता है।


क्योंकि यहोवा की यह वाणी है, कि जो कल्पनाएं मैं तुम्हारे विषय करता हूँ उन्हें मैं जानता हूँ, वे हानि की नहीं, वरन कुशल ही की हैं, और अन्त में तुम्हारी आशा पूरी करूंगा। - यिर्मयाह 29:11

बाइबल पाठ: होशे 6:1-6

होशे 6:1 चलो, हम यहोवा की ओर फिरें; क्योंकि उसी ने फाड़ा, और वही चंगा भी करेगा; उसी ने मारा, और वही हमारे घावों पर पट्टी बान्धेगा।

होशे 6:2 दो दिन के बाद वह हम को जिलाएगा; और तीसरे दिन वह हम को उठा कर खड़ा करेगा; तब हम उसके सम्मुख जीवित रहेंगे।

होशे 6:3 आओ, हम ज्ञान ढूंढ़े, वरन यहोवा का ज्ञान प्राप्त करने के लिये यत्न भी करें; क्योंकि यहोवा का प्रगट होना भोर का सा निश्चित है; वह वर्षा के समान हमारे ऊपर आएगा, वरन बरसात के अन्त की वर्षा के समान जिस से भूमि सिंचती है।।

होशे 6:4 हे एप्रैम, मैं तुझ से क्या करूं? हे यहूदा, मैं तुझ से क्या करूं? तुम्हारा स्नेह तो भोर के मेघ के समान, और सवेरे उड़ जाने वाली ओस के समान है।

होशे 6:5 इस कारण मैं ने भविष्यद्वक्ताओं के द्वारा मानो उन पर कुल्हाड़ी चला कर उन्हें काट डाला, और अपने वचनों से उन को घात किया, और मेरा न्याय प्रकाश के समान चमकता है।

होशे 6:6 क्योंकि मैं बलिदान से नहीं, स्थिर प्रेम ही से प्रसन्न होता हूं, और होम-बलियों से अधिक यह चाहता हूं कि लोग परमेश्वर का ज्ञान रखें।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 27-29
  • 1 पतरस 3

बुधवार, 25 नवंबर 2020

प्रभाव

 

         एमी एक बन्द देश में रहती है, जहाँ पर सुसमाचार प्रचार करना वर्जित है। वह एक प्रशिक्षित नर्स है और एक बड़े अस्पताल में नवजात शिशुओं की देखभाल करती है। वह अपने कार्य के प्रति इतनी समर्पित है कि उसका कार्य अलग ही दिखता है, और इससे कई स्त्रियाँ उसके बारे में उत्सुक रहती हैं। वे अकेले में उससे व्यक्तिगत रीति से प्रश्न पूछती हैं। तब एमी उनके साथ अपने उद्धारकर्ता के बारे में गवाही देती है, बातचीत करती है।

         उसके अच्छे कार्य और आचरण के कारण, उसके कुछ सहकर्मी उससे ईर्ष्या रखने लगे और उन्होंने उस पर कुछ दवाईयाँ चोरी करने का दोष लगाया। उसके अधिकारियों ने उनकी बात पर विश्वास नहीं किया, और अन्ततः अधिकारियों ने असली दोषी व्यक्ति का पता लगा लिया। इस घटना के कारण कुछ नर्सों ने उससे उसके विश्वास के विषय  जानकारी चाही। एमी के जीवन की गवाही और उदाहरण मुझे परमेश्वर के वचन बाइबल में पतरस द्वारा लिखी गई बात को स्मरण दिलाता है: “ हे प्रियो मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो। अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें” (1 पतरस 2:11-12)।

         जब हम परमेश्वर को अपने में होकर कार्य करने देते हैं, तब हमारे दैनिक जीवन, चाहे घर पर, या हमारे कार्य-स्थल पर, या स्कूल में, या अन्य किसी स्थान पर, औरों पर प्रभाव डालते हैं। हमारे चारों ओर के लोग हमारी बातचीत और व्यवहार को देख रहे हैं। हम परमेश्वर पर निर्भर हों, और उसे अपने कार्यों तथा विचारों पर राज्य करने दें। जब हम परमेश्वर के मार्गदर्शन में होकर जीवन जीएँगे, तब हम उन पर प्रभाव डालेंगे जो प्रभु यीशु में विश्वास नहीं करते हैं, हमारे जीवन उनके समक्ष सजीव गवाही होंगे, और उनमें से कुछ लोग प्रभु की ओर मुड़ेंगे। - कीला ओकोआ

 

हमारे जीवन, हमारे शब्दों से अधिक ऊँची आवाज़ में बोलते हैं।


उसी प्रकार तुम्हारा उजियाला मनुष्यों के सामने चमके कि वे तुम्हारे भले कामों को देखकर तुम्हारे पिता की, जो स्वर्ग में हैं, बड़ाई करें। - मत्ती 5:16

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:11-21

1 पतरस 2:11 हे प्रियो मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उस सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।

1 पतरस 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चाल-चलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।।

1 पतरस 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।

1 पतरस 2:14 और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकर्मियों को दण्ड देने और सुकर्मियों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।

1 पतरस 2:15 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्द कर दो।

1 पतरस 2:16 और अपने आप को स्वतंत्र जानो पर अपनी इस स्वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।

1 पतरस 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।

1 पतरस 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।

1 पतरस 2:19 क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्लेश सहता है, तो यह सुहावना है।

1 पतरस 2:20 क्योंकि यदि तुम ने अपराध कर के घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम कर के दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।

1 पतरस 2:21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 24-26
  • 1 पतरस 2

मंगलवार, 24 नवंबर 2020

सहायक

 

         रीढ़ की हड्डी पर आई चोट के कारण मार्टी लकवाग्रस्त हो गया, परन्तु उसने एमबीए की डिग्री लेने के लिए कॉलेज जाना चाहा। उसकी माँ, जूडी, ने उसकी इस इच्छा को वास्तविकता में परिवर्तित करने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया। जूडी मार्टी के साथ उसके प्रत्येक लेक्चर में बैठती थी, उसके लिए नोट्स बनाती थी, और टेक्नौलोजी से संबंधित मुद्दों के निवारण में भी उसकी सहायता करती थी। जब मार्टी के डिग्री लेने का दिन आया, तो उसकी माँ ने ही उसे मंच तक पहुंचने में सहायता की। जो असम्भव हो सकता था, उस निरंतर व्यावहारिक सहायता के द्वारा जो मार्टी को अपनी माँ से मिली, संभव हो गया।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में हम देखते हैं कि प्रभु यीशु को आभास था कि उसके पृथ्वी से जाने के पश्चात शिष्यों को भी एक सहायक की आवश्यकता होगी जो हमेशा उनके साथ रहे और हर परिस्थिति में उनका ध्यान रखे, उन्हें संभाले और सहायता प्रदान करे। इसलिए जब प्रभु ने शिष्यों को उनके साथ अपनी आने वाली अनुपस्थिति के बारे में बताया, तो साथ ही उन्हें पवित्र आत्मा के द्वारा परमेश्वर के साथ एक नए संपर्क में रहने के बारे में भी बताया। पवित्र आत्मा उनके साथ हर पल एक सहायक के रूप में रहेगा, उनका ऐसा शिक्षक और मार्गदर्शक रहेगा, जो न केवल उनके साथ होगा, वरन उनमें रहेगा भी (यूहन्ना 14:17, 26)।

         पवित्र आत्मा प्रभु यीशु के शिष्यों को सदा आंतरिक सहायता उपलब्ध करवाता रहेगा, जिससे वे संसार भर में सुसमाचार प्रचार करने की उनकी सेवकाई के समय में, उन बातों का सामना और समाधान पा सकें जिन्हें वे अपनी सामर्थ्य से नहीं संभाल सकते थे। संघर्षों के समयों में पवित्र आत्मा उन्हें हर वह बात स्मरण करवाएगा जो प्रभु यीशु ने उन्हें सिखाई थी (पद 26)।

         क्या आप किसी ऐसी परिस्थिति का सामना कर रहे हैं को आपकी अपनी सामर्थ्य और क्षमता से परे है? आप पवित्र आत्मा की लगातार बनी रहने वाले उपस्थिति एवं सहायता पर निर्भर रह सकते हैं। परमेश्वर का पवित्र आत्मा आप में होकर कार्य करेगा और परमेश्वर की उचित महिमा होने पाएगी। - जेनिफर बेनसन शुल्ट

 

जब प्रश्न परमेश्वर की सर्वशक्तिशाली आत्मा का हो, 

तो कभी न कहें, “मैं असमर्थ हूँ।” – ओसवाल्ड चैम्बर्स


मनुष्यों में से कौन किसी मनुष्य की बातें जानता है, केवल मनुष्य की आत्मा जो उस में है? वैसे ही परमेश्वर की बातें भी कोई नहीं जानता, केवल परमेश्वर का आत्मा। - 1 कुरिन्थियों 2:11

बाइबल पाठ: यूहन्ना 14:15-26

यूहन्ना 14:15 यदि तुम मुझ से प्रेम रखते हो, तो मेरी आज्ञाओं को मानोगे।

यूहन्ना 14:16 और मैं पिता से बिनती करूंगा, और वह तुम्हें एक और सहायक देगा, कि वह सर्वदा तुम्हारे साथ रहे।

यूहन्ना 14:17 अर्थात सत्य का आत्मा, जिसे संसार ग्रहण नहीं कर सकता, क्योंकि वह न उसे देखता है और न उसे जानता है: तुम उसे जानते हो, क्योंकि वह तुम्हारे साथ रहता है, और वह तुम में होगा।

यूहन्ना 14:18 मैं तुम्हें अनाथ न छोडूंगा, मैं तुम्हारे पास आता हूं।

यूहन्ना 14:19 और थोड़ी देर रह गई है कि फिर संसार मुझे न देखेगा, परन्तु तुम मुझे देखोगे, इसलिये कि मैं जीवित हूं, तुम भी जीवित रहोगे।

यूहन्ना 14:20 उस दिन तुम जानोगे, कि मैं अपने पिता में हूं, और तुम मुझ में, और मैं तुम में।

यूहन्ना 14:21 जिस के पास मेरी आज्ञा है, और वह उन्हें मानता है, वही मुझ से प्रेम रखता है, और जो मुझ से प्रेम रखता है, उस से मेरा पिता प्रेम रखेगा, और मैं उस से प्रेम रखूंगा, और अपने आप को उस पर प्रगट करूंगा।

यूहन्ना 14:22 उस यहूदा ने जो इस्करियोती न था, उस से कहा, हे प्रभु, क्या हुआ कि तू अपने आप को हम पर प्रगट किया चाहता है, और संसार पर नहीं।

यूहन्ना 14:23 यीशु ने उसको उत्तर दिया, यदि कोई मुझ से प्रेम रखे, तो वह मेरे वचन को मानेगा, और मेरा पिता उस से प्रेम रखेगा, और हम उसके पास आएंगे, और उसके साथ वास करेंगे।

यूहन्ना 14:24 जो मुझ से प्रेम नहीं रखता, वह मेरे वचन नहीं मानता, और जो वचन तुम सुनते हो, वह मेरा नहीं वरन पिता का है, जिसने मुझे भेजा।

यूहन्ना 14:25 ये बातें मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कहीं।

यूहन्ना 14:26 परन्तु सहायक अर्थात पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम से भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा, और जो कुछ मैं ने तुम से कहा है, वह सब तुम्हें स्मरण कराएगा।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 22-23
  • 1 पतरस 1

सोमवार, 23 नवंबर 2020

निगरानी

 

         सू तब छोटी ही थी जब उसके माता-पिता का तलाक हो गया। उसकी देखभाल और पालन-पोषण तथा अन्य बातों को लेकर होने वाले वैधानिक संघर्षों के निवारण होने तक के लिए सू को एक बाल-आश्रम में भेज दिया गया। सू वहाँ अपने आप को अकेला और तिरस्कृत अनुभव करती थी, बड़े बच्चे उसे तंग करते थे। उसकी माँ उससे मिलाने के लिए महीने में एक ही बार आया करती थी, और उसने अपने पिता को शायद ही कभी देखा हो। लेकिन कई वर्षों के बाद उसकी माँ ने सू को बताया कि उस बाल-आश्रम के नियम उसकी माँ को सू से और अधिक मिलने आने से रोकते थे, किन्तु सू की माँ प्रतिदिन आश्रम के बाहर बाड़े के निकट खड़ी रहती थी, कि उसे सू की एक झलक मिल जाए। उसने सू को बताया, “कभी-कभी मैं बस तुम्हें बाग़ में खेलते हुए देखती रहती थी, यह जानने के लिए कि तुम ठीक हो कि नहीं।”

         जब सू ने अपनी यह कहानी बताई, तो मुझे इससे परमेश्वर के प्रेम की एक झलक मिली। अपने जीवन के संघर्षों में कभी-कभी हमें लग सकता है कि हम अकेले पड़ गए हैं, त्याग दिए गए हैं। किन्तु परमेश्वर का वचन बाइबल हमें बताती है कि हमारा स्वर्गीय पिता परमेश्वर निरंतर हम पर दृष्टि बनाए रखता है (भजन 33:18)। चाहे हम उसे अपनी शारीरिक आँखों से देख नहीं सकते हैं, फिर भी वह हमेशा हमारे साथ बना रहता है। एक प्रेमी अभिभावक के समान उसकी दृष्टि और उसका मन हमेशा हमारी ओर लगा रहता है। वह सू की माँ के समान मजबूर नहीं है, और कभी भी हमारे पक्ष में हस्तक्षेप कर सकता है।

         भजन 91 वर्णन करता है कि किस प्रकार परमेश्वर अपने बच्चों को सुरक्षित रखता है, कठिनाइयों से छुड़ाता है, और उन्हें दृढ़ता से थामे रहता है। वह हमारे लिए शरणस्थान और आश्रय से भी बढ़कर है। जब हम जीवन की अंधियारी गलियों में से होकर निकलते हैं, हम इस बात से शान्ति पा सकते हैं कि हमारा सर्व-सामर्थी प्रभु निरंतर हम पर दृष्टि लगाए हुए है और हमारे जीवनों में सक्रिय है; हम हमेशा उसकी निगरानी में रहते हैं। उसने कहा है, “जब वह मुझ को पुकारे, तब मैं उसकी सुनूंगा; संकट में मैं उसके संग रहूंगा, मैं उसको बचा कर उसकी महिमा बढ़ाऊंगा।” (पद 15)। - लेस्ली कोह

 

हमारा स्वर्गीय पिता परमेश्वर सदा हमारे निकट रहता है।


देखो, यहोवा की दृष्टि उसके डरवैयों पर और उन पर जो उसकी करुणा की आशा रखते हैं बनी रहती है, कि वह उनके प्राण को मृत्यु से बचाए, और अकाल के समय उन को जीवित रखे। - भजन संहिता 33:18-19

बाइबल पाठ: भजन 91:1-6

भजन संहिता 91:1 जो परमप्रधान के छाए हुए स्थान में बैठा रहे, वह सर्वशक्तिमान की छाया में ठिकाना पाएगा।

भजन संहिता 91:2 मैं यहोवा के विषय कहूंगा, कि वह मेरा शरणस्थान और गढ़ है; वह मेरा परमेश्वर है, मैं उस पर भरोसा रखूंगा।

भजन संहिता 91:3 वह तो तुझे बहेलिये के जाल से, और महामारी से बचाएगा;

भजन संहिता 91:4 वह तुझे अपने पंखों की आड़ में ले लेगा, और तू उसके पैरों के नीचे शरण पाएगा; उसकी सच्चाई तेरे लिये ढाल और झिलम ठहरेगी।

भजन संहिता 91:5 तू न रात के भय से डरेगा, और न उस तीर से जो दिन को उड़ता है,

भजन संहिता 91:6 न उस मरी से जो अन्धेरे में फैलती है, और न उस महारोग से जो दिन दुपहरी में उजाड़ता है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 20-21
  • याकूब 5

रविवार, 22 नवंबर 2020

दान


        मेरी सहेली की बहुत लालसा थी कि वह एक उत्सव मनाने के लिए अपने परिवार और मित्र जनों को अपने घर पर साथ मिलकर भोजन करने के लिए एकत्रित करे जिससे वे सब साथ मिलकर उस का समारोह मनाएँ। सभी मेहमानों की भी इच्छा थी कि वे भी साथ एकत्रित हों और उत्सव को साथ मनाएँ। इतने ढेर सारे लोगों के लिए भोजन के इंतज़ाम करने के खर्चे में सभी योगदान देना चाहते थे, जिससे किसी एक पर यह खर्चा भारी न पड़े। इसलिए किसी ने रोटी लाने का प्रस्ताव दिया, तो किसी ने कोई अन्य भोजन सामग्री लाने के लिए कहा। एक मेहमान ऐसी भी थी जो सभी के साथ मिलकर उत्सव मनाना भी चाहती थी, और अपना योगदान भी देना तो चाहती थी, परन्तु उस समय उसे पैसे की तंगी थी, इसलिए वह कुछ खरीद पाने में असमर्थ थी; इसलिए उसने अपने योगदान के लिए मेरे सहेली के घर की सफाई करने को कहा।

        यदि वह कुछ न भी लेकर आती तो भी सभी के साथ उत्सव मनाने के लिए उसका स्वागत होता, किन्तु फिर भी उसने वह देखा जो वह दे सकती थी – अपना समय और कौशल – और उसे अपने योगदान के रूप में सहर्ष देने की इच्छा प्रकट की, और दिया। परमेश्वर के वचन बाइबल में 2 कुरिन्थियों 8 अध्याय में पौलुस द्वारा व्यक्त की गई भावना के पीछे बिलकुल यही मंशा है। कोरिन्थ की मण्डली के लोग कुछ साथी मसीही विश्वासियों को सहायता देना चाहते थे, और पौलुस ने उन्हें प्रोत्साहित किया कि वे अपनी इस इच्छा को निभाएं भी। उसने उनकी इस इच्छा की सराहना की, और कहा कि दान देने की उनकी यह अभिलाषा ही उनकी किसी भी भेंट को, वह चाहे कितनी भी बड़ी अथवा छोटी हो, स्वीकार्य बनाती है (पद 12)।

        बहुधा हम अपने दान की तुलना किसी दूसरे द्वारा दिए गए दान के साथ करने लगते हैं, विशेषकर तब, जब हमारे अपने संसाधन हमें उतना नहीं देने देते हैं, जितना हम देना चाहते हैं। परन्तु परमेश्वर हमारे द्वारा दिए गए दान को भिन्न दृष्टि से देखता है: उसके समक्ष हमारी देने की इच्छा और अपनी सामर्थ्य के अनुसार देने का महत्व है, न कि हमारे द्वारा दिए गए दान की मात्रा का। - कर्स्टन होल्मबर्ग

 

परमेश्वर स्वेच्छा और संपूर्ण मन से दिए गए 

किसी भी मात्रा के दान का आदर करता है।


तब उस [यीशु] ने कहा; मैं तुम से सच कहता हूं कि इस कंगाल विधवा ने सब से बढ़कर डाला है। क्योंकि उन सब ने अपनी अपनी बढ़ती में से दान में कुछ डाला है, परन्तु इस ने अपनी घटी में से अपनी सारी जीविका डाल दी है। - लूका 21:3-4

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 8:1-12

2 कुरिन्थियों 8:1 अब हे भाइयों, हम तुम्हें परमेश्वर के उस अनुग्रह का समाचार देते हैं, जो मकिदुनिया की कलीसियाओं पर हुआ है।

2 कुरिन्थियों 8:2 कि क्लेश की बड़ी परीक्षा में उन के बड़े आनन्द और भारी कंगालपन के बढ़ जाने से उन की उदारता बहुत बढ़ गई।

2 कुरिन्थियों 8:3 और उनके विषय में मेरी यह गवाही है, कि उन्होंने अपनी सामर्थ्य भर वरन सामर्थ्य से भी बाहर मन से दिया।

2 कुरिन्थियों 8:4 और इस दान में और पवित्र लोगों की सेवा में भागी होने के अनुग्रह के विषय में हम से बार बार बहुत बिनती की।

2 कुरिन्थियों 8:5 और जैसी हम ने आशा की थी, वैसी ही नहीं, वरन उन्होंने प्रभु को, फिर परमेश्वर की इच्छा से हम को भी अपने लिए दे दिया।

2 कुरिन्थियों 8:6 इसलिये हम ने तीतुस को समझाया, कि जैसा उसने पहिले आरम्भ किया था, वैसा ही तुम्हारे बीच में इस दान के काम को पूरा भी कर ले।

2 कुरिन्थियों 8:7 सो जैसे हर बात में अर्थात विश्वास, वचन, ज्ञान और सब प्रकार के यत्न में, और उस प्रेम में, जो हम से रखते हो, बढ़ते जाते हो, वैसे ही इस दान के काम में भी बढ़ते जाओ।

2 कुरिन्थियों 8:8 मैं आज्ञा की रीति पर तो नहीं, परन्तु औरों के उत्साह से तुम्हारे प्रेम की सच्चाई को परखने के लिये कहता हूं।

2 कुरिन्थियों 8:9 तुम हमारे प्रभु यीशु मसीह का अनुग्रह जानते हो, कि वह धनी हो कर भी तुम्हारे लिये कंगाल बन गया ताकि उसके कंगाल हो जाने से तुम धनी हो जाओ।

2 कुरिन्थियों 8:10 और इस बात में मेरा विचार यही है, क्योंकि यह तुम्हारे लिये अच्छा है; जो एक वर्ष से न तो केवल इस काम को करने ही में, परन्तु इस बात के चाहने में भी प्रथम हुए थे।

2 कुरिन्थियों 8:11 इसलिये अब यह काम पूरा करो; कि जैसा इच्छा करने में तुम तैयार थे, वैसा ही अपनी अपनी पूंजी के अनुसार पूरा भी करो।

2 कुरिन्थियों 8:12 क्योंकि यदि मन की तैयारी हो तो दान उसके अनुसार ग्रहण भी होता है जो उसके पास है न कि उसके अनुसार जो उसके पास नहीं।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 18-19
  • याकूब 4

शनिवार, 21 नवंबर 2020

मध्यस्थ

 

         एक बड़े शैक्षिक कार्य को समय से पूरा करना मुझ पर बोझ के समान बना हुआ था, और मैं चिंतित थी कि क्या मैं उसे समय से पूरा करने पाऊंगी? मेरी चिंताओं के मध्य में मुझे तीन सन्देश मिले – तीनों मेरे मित्रों द्वारा मुझे प्रोत्साहित करने के लिए भेजे गए थे। प्रत्येक सन्देश में कहा गया कि परमेश्वर ने उस मित्र के हृदय में डाला कि वह  मेरे लिए प्रार्थना करे और मुझे प्रोत्साहित करे। मैंने उन संदेशों के कारण अपने आप को बहुत दीन और प्रोत्साहित पाया कि मेरे ये मित्र, यह जाने बिना ही कि मुझे क्या परेशानी है, परमेश्वर की अगुवाई में मेरे लिए प्रार्थना कर रहे थे, मेरे लिए प्रार्थना में मध्यस्थ और सहायक का कार्य कर रहे थे।

        हम परमेश्वर के वचन बाइबल में देखते हैं कि प्रेरित पौलुस को प्रार्थना की सामर्थ्य का पता था, जब उसने कोरिन्थ की मसीही मण्डली को लिखा कि उसे विश्वास था कि परमेश्वर उन्हें संकटों से बचाता रहेगा जब “तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे” (2 कुरिन्थियों 1:10-11)। और जब परमेश्वर उनकी प्रार्थनाओं का उत्तर देगा तो वह महिमान्वित होगा जब लोग उन बहुतेरों की प्रार्थनाओं के उत्तर के लिए उसके धन्यवादी होंगे (पद 11)।

        मेरे मित्र और पौलुस के समर्थक प्रार्थना में मध्यस्थ होने की सेवकाई में संलग्न थे, जिसे सुप्रसिद्ध मसीही प्रचारक ऑस्वाल्ड चैम्बर्स ने “एक गुप्त सेवकाई जो पिता परमेश्वर को महिमान्वित करने वाले फल लाती है” कहा। जब हम अपने मन और हृदय यीशु पर केन्द्रित करते हैं, तो हम पाते हैं कि वह हमें एक आकार दे रहा है, हमें प्रार्थना करना तथा साथ ही औरों के लिए मध्यस्थता करना भी सिखा रहा है। वह हमें सक्षम करता है कि हम मित्रों, परिवार जनों, और यहाँ तक कि अजनबियों के लिए भी प्रार्थनाएँ करें, उनके लिए भी मध्यस्थ होने की भूमिका को निभाएं।

        क्या आज परमेश्वर ने किसी के लिए आपके मन में बोझ डाला है कि आप उसके लिए मध्यस्थ बनें और उसे प्रार्थना में परमेश्वर के सामने उठाएँ? – एमी बाउचर पाई

 

परमेश्वर अपने लोगों की प्रार्थनाएँ सुनता है।


और हर समय और हर प्रकार से आत्मा में प्रार्थना, और बिनती करते रहो, और इसी लिये जागते रहो, कि सब पवित्र लोगों के लिये लगातार बिनती किया करो। - इफिसियों 6:18

बाइबल पाठ: 2 कुरिन्थियों 1:8-11

2 कुरिन्थियों 1:8 हे भाइयों, हम नहीं चाहते कि तुम हमारे उस क्लेश से अनजान रहो, जो आसिया में हम पर पड़ा, कि ऐसे भारी बोझ से दब गए थे, जो हमारी सामर्थ्य से बाहर था, यहां तक कि हम जीवन से भी हाथ धो बैठे थे।

2 कुरिन्थियों 1:9 वरन हम ने अपने मन में समझ लिया था, कि हम पर मृत्यु की आज्ञा हो चुकी है कि हम अपना भरोसा न रखें, वरन परमेश्वर का जो मरे हुओं को जिलाता है।

2 कुरिन्थियों 1:10 उसी ने हमें ऐसी बड़ी मृत्यु से बचाया, और बचाएगा; और उस से हमारी यह आशा है, कि वह आगे को भी बचाता रहेगा।

2 कुरिन्थियों 1:11 और तुम भी मिलकर प्रार्थना के द्वारा हमारी सहायता करोगे, कि जो वरदान बहुतों के द्वारा हमें मिला, उसके कारण बहुत लोग हमारी ओर से धन्यवाद करें।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 16-17
  • याकूब 3

शुक्रवार, 20 नवंबर 2020

परिस्थितियाँ


         जब अफ्रीका के घाना देश में तानो नदी पर बना एक पुल बह गया तो तानो नदी के बार नए क्रोबो नगर के निवासी उस पार ही फंसे रह गए। नदी के इस पार पास्टर सैम्यूएल अप्पियाह के चर्च में लोगों की उपस्थिति भी बहुत कम हो गई क्योंकि उनके चर्च के बहुत से सदस्य नदी के उस पार नए क्रोबो नगर में रहते थे।

         उस समय पास्टर सैम्यूएल चर्च के बच्चों की देखभाल करने वाले स्थान को बढ़ाने के लिए कार्य कर रहे थे, जिससे और भी अधिक अनाथ बच्चों की देखभाल की जा सके। ऐसे में उनके चर्च ने नदी के पार ही नए क्रोबो नगर में खुले स्थान में चर्च की सभाएं आयोजित करने का निर्णय लिया। सभाओं के आरंभ होने के पश्चात शीघ्र ही नए मसीही विश्वासी चर्च के साथ जुड़ने लगे, वहाँ उस पार एक नया चर्च बनने लगा, और पास्टर सैम्यूएल के पास अनाथों के लिए शरणस्थान बनाने के लिए बड़ा स्थान भी उपलब्ध हो गया। उन कठिन परिस्थितियों में होकर भी परमेश्वर अपने रचनात्मक निर्माण कार्यों को पूरा कर रहा था।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में, जब पौलुस को पकड़ कर बंदीगृह में डाल दिया गया, तो उसने अपनी परिस्थितियों के लिए विलाप नहीं किया। बंदीगृह से लिखी गई अपनी प्रबल पत्रियों के द्वारा पौलुस ने कई कलीसियाओं और लोगों को प्रोत्साहित किया और शिक्षाएँ दीं। फिलिप्पी की मसीही मण्डली को लिखी पत्री में पौलुस लिखता है “हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है” (फिलिप्पियों 1:12)। पौलुस ने बताया कि कैसे उसके बेड़ियों में डाले जाने के कारण “कैसरी राज्य की सारी पलटन” मसीह यीशु के विषय में जानने पाई है (पद 13), तथा औरों की हिम्मत बढ़ी है कि वे भी प्रभु यीशु का सुसमाचार प्रचार करें (पद 14)।

         परिस्थितियों और कठिनाइयों के बावजूद, पास्टर सैम्यूएल और पौलुस, दोनों ने देखा कि कैसे परमेश्वर उन्हें नए तरीकों से सेवकाई के लिए उपयोग कर रहा है। आज हमारी परिस्थितियों के द्वारा परमेश्वर हम से क्या सेवकाई लेना चाहता है? – टिम गुस्ताफसन

 

परमेश्वर सभी मानवीय गड़बड़ी में भी अपना कार्य करता रहता है। 

बाइबल का यही सन्देश है। - मैट शैंडलर


और हम जानते हैं, कि जो लोग परमेश्वर से प्रेम रखते हैं, उन के लिये सब बातें मिलकर भलाई ही को उत्पन्न करती है; अर्थात उन्हीं के लिये जो उस की इच्छा के अनुसार बुलाए हुए हैं। - रोमियों 8:28

बाइबल पाठ: फिलिप्पियों 1:12-18

फिलिप्पियों 1:12 हे भाइयों, मैं चाहता हूं, कि तुम यह जान लो, कि मुझ पर जो बीता है, उस से सुसमाचार ही की बढ़ती हुई है।

फिलिप्पियों 1:13 यहां तक कि कैसरी राज्य की सारी पलटन और शेष सब लोगों में यह प्रगट हो गया है कि मैं मसीह के लिये कैद हूं।

फिलिप्पियों 1:14 और प्रभु में जो भाई हैं, उन में से बहुधा मेरे कैद होने के कारण, हियाव बान्ध कर, परमेश्वर का वचन निधड़क सुनाने का और भी हियाव करते हैं।

फिलिप्पियों 1:15 कितने तो डाह और झगड़े के कारण मसीह का प्रचार करते हैं और कितने भली मनसा से।

फिलिप्पियों 1:16 कई एक तो यह जान कर कि मैं सुसमाचार के लिये उत्तर देने को ठहराया गया हूं प्रेम से प्रचार करते हैं।

फिलिप्पियों 1:17 और कई एक तो सिधाई से नहीं पर विरोध से मसीह की कथा सुनाते हैं, यह समझ कर कि मेरी कैद में मेरे लिये क्लेश उत्पन्न करें।

फिलिप्पियों 1:18 सो क्या हुआ? केवल यह, कि हर प्रकार से चाहे बहाने से, चाहे सच्चाई से, मसीह की कथा सुनाई जाती है, और मैं इस से आनन्दित हूं, और आनन्दित रहूंगा भी।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 14-15
  • याकूब 2

गुरुवार, 19 नवंबर 2020

स्पष्ट संवाद


         एक बार मुझे पचास मील तक गाड़ी चला कर दूर रहने और काम करने वाले कंपनी के एक कार्यकर्ता के साथ बातचीत करने के लिए जाना पड़ा। मुझे एक अन्य कार्यकर्ता से समाचार मिला था कि वो हमारी कंपनी के विषय अनुचित बातें कह रहा था, और मुझे इससे हमारी कंपनी के नाम और साख़ के बिगड़ जाने की चिंता थी। मुझे लगा कि मुझे उससे स्पष्ट संवाद करना चाहिए, जिससे उसे अपनी राय बदलनी पड़े।

         परमेश्वर के वचन बाइबल में 1 शमूएल 25 अध्याय में एक अनहोने व्यक्ति ने गंभीर व्यक्तिगत जोखिम उठाकर इस्राएल के भावी राजा का, जो कि एक बहुत गलत चुनाव करके कार्य करने वाला था, सामना करने का निर्णय लिया। अबीगैल का विवाह नाबाल से हो रखा था, जो अपने नाम के अर्थ “मूर्ख” अनुरूप चरित्र वाला व्यक्ति था। दाऊद और उसके साथ के लोग नाबाल के लोगों और भेड़-बकरियों आदि की रक्षा करते रहे थे, जिसके लिए उन्हें आशा थी कि नाबाल उन्हें पारंपरिक रीति से दी जाने वाली भेंट दे देगा (पद 10, 11), परन्तु नाबाल ने न केवल माँगने पर भी वह भेंट देने से इनकार किया, वरन साथ ही दाऊद का अपमान भी किया। नाबाल के इस व्यवहार से रुष्ट होकर दाऊद उसके पास उसे सबक सिखाने जाने के लिए निकला, और बहुत संभव था कि वह नाबाल को मार ही डालता। अबीगैल को जब इस बात का पता चला, और यह जानते हुए कि उसका मूर्ख पति समझ-बूझ की बात नहीं सुनेगा, अबीगैल ने आगे जाकर दाऊद से भेंट की, उससे शान्ति बनाए रखने तथा अपने निर्णय पर पुनःविचार करने का आग्रह किया और उसे भेंट दे दी।

         अबीगैल का दाऊद के साथ प्रयास सफल रहा; उसके इस सफल संवाद का भेद क्या था? उसने सबसे पहले आगे भोजन वस्तुओं की भेंट भेजकर दाऊद और उसके साथियों के प्रति अपने पति के ऋण को चुकाया, और फिर उसने दाऊद के साथ स्पष्ट और सच्ची बात की। उसने बुद्धिमानी के साथ दाऊद को स्मरण करवाया कि परमेश्वर ने उसे क्यों बुलाया था और परमेश्वर के लिए उसकी सेवकाई क्या थी। इन बातों को ध्यान में रखते हुए दाऊद को प्रतिशोध लेने और नाबाल को मारने से पीछे हट जाने का अनुरोध किया, जिससे दाऊद को बाद में अपने विवेक पर अकारण हत्या का दोष न रखना पड़े, और ऐसा करने के लिए पछताना नहीं पड़े (पद 31)।

         संभव है कि आप भी किसी ऐसे व्यक्ति को जानते हैं जो कोई गलत निर्णय लेने के बहुत निकट है, जिससे उसकी तथा औरों की हानि हो सकती है, या वह परमेश्वर के लिए उसकी सेवकाई में अप्रभावी हो सकता है। अबीगैल के समान, क्या परमेश्वर आपको भी किसी से स्पष्ट संवाद करने के लिए कह रहा है? – एलीसा मॉर्गन

 

कभी-कभी परमेश्वर का अनुसरण करने का अर्थ होता है स्पष्ट संवाद करना।


परन्तु तुम्हारी बात हां की हां, या नहीं की नहीं हो; क्योंकि जो कुछ इस से अधिक होता है वह बुराई से होता है। - मत्ती 5:37

बाइबल पाठ: 1 शमूएल 25:21-35

 1 शमूएल 25:21 दाऊद ने तो सोचा था, कि मैं ने जो जंगल में उसके सब माल की ऐसी रक्षा की कि उसका कुछ भी न खोया, यह नि:सन्देह व्यर्थ हुआ; क्योंकि उसने भलाई के बदले मुझ से बुराई ही की है।

1 शमूएल 25:22 यदि बिहान को उजियाला होने तक उस जन के समस्त लोगों में से एक लड़के को भी मैं जीवित छोड़ूं, तो परमेश्वर मेरे सब शत्रुओं से ऐसा ही, वरन इस से भी अधिक करे।

1 शमूएल 25:23 दाऊद को देख अबीगैल फुर्ती कर के गदहे पर से उतर पड़ी, और दाऊद के सम्मुख मुंह के बल भूमि पर गिरकर दण्डवत की।

1 शमूएल 25:24 फिर वह उसके पांव पर गिर के कहने लगी, हे मेरे प्रभु, यह अपराध मेरे ही सिर पर हो; तेरी दासी तुझ से कुछ कहना चाहती है, और तू अपनी दासी की बातों को सुन ले।

1 शमूएल 25:25 मेरा प्रभु उस दुष्ट नाबाल पर चित्त न लगाए; क्योंकि जैसा उसका नाम है वैसा ही वह आप है; उसका नाम तो नाबाल है, और सचमुच उस में मूढ़ता पाई जाती है; परन्तु मुझ तेरी दासी ने अपने प्रभु के जवानों को जिन्हें तू ने भेजा था न देखा था।

1 शमूएल 25:26 और अब, हे मेरे प्रभु, यहोवा के जीवन की शपथ और तेरे जीवन की शपथ, कि यहोवा ने जो तुझे खून से और अपने हाथ के द्वारा अपना पलटा लेने से रोक रखा है, इसलिये अब तेरे शत्रु और मेरे प्रभु की हानि के चाहने वाले नाबाल ही के समान ठहरें।

1 शमूएल 25:27 और अब यह भेंट जो तेरी दासी अपने प्रभु के पास लाई है, उन जवानों को दी जाए जो मेरे प्रभु के साथ चलते हैं।

1 शमूएल 25:28 अपनी दासी का अपराध क्षमा कर; क्योंकि यहोवा निश्चय मेरे प्रभु का घर बसाएगा और स्थिर करेगा, इसलिये कि मेरा प्रभु यहोवा की ओर से लड़ता है; और जन्म भर तुझ में कोई बुराई नहीं पाई जाएगी।

1 शमूएल 25:29 और यद्यपि एक मनुष्य तेरा पीछा करने और तेरे प्राण का ग्राहक होने को उठा है, तौभी मेरे प्रभु का प्राण तेरे परमेश्वर यहोवा की जीवन रूपी गठरी में बन्धा रहेगा, और तेरे शत्रुओं के प्राणों को वह मानो गोफन में रखकर फेंक देगा।

1 शमूएल 25:30 इसलिये जब यहोवा मेरे प्रभु के लिये यह समस्त भलाई करेगा जो उसने तेरे विषय में कही है, और तुझे इस्राएल पर प्रधान कर के ठहराएगा,

1 शमूएल 25:31 तब तुझे इस कारण पछताना न होगा, तथा मेरे प्रभु का हृदय पीड़ित न होगा कि तू ने अकारण खून किया, और मेरे प्रभु ने अपना पलटा आप लिया है। फिर जब यहोवा मेरे प्रभु से भलाई करे तब अपनी दासी को स्मरण करना।

1 शमूएल 25:32 दाऊद ने अबीगैल से कहा, इस्राएल का परमेश्वर यहोवा धन्य है, जिसने आज के दिन मुझ से भेंट करने के लिये तुझे भेजा है।

1 शमूएल 25:33 और तेरा विवेक धन्य है, और तू आप भी धन्य है, कि तू ने मुझे आज के दिन खून करने और अपना पलटा आप लेने से रोक लिया है।

1 शमूएल 25:34 क्योंकि सचमुच इस्राएल का परमेश्वर यहोवा, जिसने मुझे तेरी हानि करने से रोका है, उसके जीवन की शपथ, यदि तू फुर्ती कर के मुझ से भेंट करने को न आती, तो नि:सन्देह बिहान को उजियाला होने तक नाबाल का कोई लड़का भी न बचता।

1 शमूएल 25:35 तब दाऊद ने उसे ग्रहण किया जो वह उसके लिये लाई थी; फिर उस से उसने कहा, अपने घर कुशल से जा; सुन, मैं ने तेरी बात मानी है और तेरी बिनती ग्रहण कर ली है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यहेजकेल 11-13
  • याकूब 1