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गुरुवार, 23 जनवरी 2020

प्रेम



      अगस्त 21, 2016 के दिन कैरिस्सा ने सोशल मीडिया पर लुइसियाना प्रांत में आई विनाशकारी बाढ़ के चित्र पोस्ट किए। अगले दिन उसने उस बाढ़ग्रस्त क्षेत्र से किसी के द्वारा भेजे गई सहायता करने की विनती को पोस्ट किया। इसके पाँच घंटे बाद, कैरिस्सा ने एक और निवेदन पोस्ट किया, कि लोग उंके साथ 1000 मील की यात्रा पर उन बाढ़ पीड़ितों की सहायता करने के लिए निकल चलें। इसके चौबीस घंटों के अन्दर तेरह लोग उन लोगों की सहायता के लिए चल पड़े थे जिनके घर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए थे।

      वह क्या था जिसने लोगों को अपना हर काम छोड़कर सत्रह घंटे की यात्रा करके एक ऐसे स्थान पर जाने के प्रेरित किया जहाँ वे पहले कभी नहीं गए थे, जिससे कि वहां जाकर उन लोगों की सहायता कर सकें जिन से वे पहले कभी नहीं मिले थे, जिन्हें वे कभी नहीं जानते थे? यह प्रेरणा देने वाला प्रेम है।

      कैरिस्सा द्वारा सहायता करने के उस निवेदन के साथ परमेश्वर के वचन बाइबल से लेकर पोस्ट किए गए बाइबल के इस पद पर विचार कीजिए: “अपने मार्ग की चिन्ता यहोवा पर छोड़; और उस पर भरोसा रख, वही पूरा करेगा” (भजन 37:5)। यह विशेषकर महत्वपूर्ण होता है जब हम सहायता करने की परमेश्वर की बुलाहट पर कार्य करते हैं। प्रेरित यूहन्ना ने लिखा, “पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?” (1 यूहन्ना 3:17)। ऐसा करना एक कठिन कार्य हो सकता है, परन्तु परमेश्वर ने हम से वायदा किया है, “...जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है...” (पद 22)।

      जब भी आवश्यकता आए, हम परमेश्वर का आदार कर सकते हैं, औरों की सहायता करने की उसके द्वारा हमें दी रही बुलाहट को स्वीकार करके, जो हमारे प्रेम का प्रमाण है। - डेव ब्रैनन

औरों की सहायता करना स्वीकार करके हम परमेश्वर के प्रेम को दिखाते हैं;
 उसके द्वारा हमें सौंपे गए कार्यों को करने के द्वारा हम उसकी सामर्थ्य को दिखाते हैं।

सो जब कि तुम ने भाईचारे की निष्‍कपट प्रीति के निमित्त सत्य के मानने से अपने मनों को पवित्र किया है, तो तन मन लगा कर एक दूसरे से अधिक प्रेम रखो। - 1 पतरस 1:22

बाइबल पाठ: 1 यूहन्ना 3:16-24
1 John 3:16 हम ने प्रेम इसी से जाना, कि उसने हमारे लिये अपने प्राण दे दिए; और हमें भी भाइयों के लिये प्राण देना चाहिए।
1 John 3:17 पर जिस किसी के पास संसार की संपत्ति हो और वह अपने भाई को कंगाल देख कर उस पर तरस न खाना चाहे, तो उस में परमेश्वर का प्रेम क्योंकर बना रह सकता है?
1 John 3:18 हे बालकों, हम वचन और जीभ ही से नहीं, पर काम और सत्य के द्वारा भी प्रेम करें।
1 John 3:19 इसी से हम जानेंगे, कि हम सत्य के हैं; और जिस बात में हमारा मन हमें दोष देगा, उसके विषय में हम उसके साम्हने अपने अपने मन को ढाढ़स दे सकेंगे।
1 John 3:20 क्योंकि परमेश्वर हमारे मन से बड़ा है; और सब कुछ जानता है।
1 John 3:21 हे प्रियो, यदि हमारा मन हमें दोष न दे, तो हमें परमेश्वर के साम्हने हियाव होता है।
1 John 3:22 और जो कुछ हम मांगते हैं, वह हमें उस से मिलता है; क्योंकि हम उस की आज्ञाओं को मानते हैं; और जो उसे भाता है वही करते हैं।
1 John 3:23 और उस की आज्ञा यह है कि हम उसके पुत्र यीशु मसीह के नाम पर विश्वास करें और जैसा उसने हमें आज्ञा दी है उसी के अनुसार आपस में प्रेम रखें।
1 John 3:24 और जो उस की आज्ञाओं को मानता है, वह उस में, और वह उन में बना रहता है: और इसी से, अर्थात उस आत्मा से जो उसने हमें दिया है, हम जानते हैं, कि वह हम में बना रहता है।

एक साल में बाइबल: 
  • निर्गमन 7-8
  • मत्ती 15:1-20