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शनिवार, 8 फ़रवरी 2020

नम्र


      जो लोग असामान्य प्रसिद्धि या प्रतिष्ठा प्राप्त कर लेते हैं वे “अपने जीवन काल में ही अति विशिष्ट” हो जाते हैं। मेरे एक मित्र ने, जो व्यावासायिक बेसबॉल खेलता है, मुझे बताया की वह खेल के संसार में ऐसे कई लोगों से मिला है जो “अपने मन में ही अति विशिष्ट” होते हैं। घमण्ड हमारे अपने प्रति दृष्टिकोण को बिगाड़ देती है, किन्तु नम्रता एक वास्तविक दृष्टिकोण को बनाए रखने में सहायक होती है।

      परमेश्वर के वचन बाइबल में नीतिवचन के लेखक ने कहा, “विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है” (16:18)। जब हम अपनी छवि अपने आप को महत्वपूर्ण समझते हुए देखते हैं तो हमें हमारा अवास्तविक स्वरूप दिखाई देता है। पने आप को ऊँचा उठाना, पतन में गिरने की तैयारी होता है।

      घमण्ड के विष का तोड़ है सच्ची नम्रता, जो परमेश्वर से मिलती है, “घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है” (16:19)।

      प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, “...तुम जानते हो, कि अन्य जातियों के हाकिम उन पर प्रभुता करते हैं; और जो बड़े हैं, वे उन पर अधिकार जताते हैं। परन्तु तुम में ऐसा न होगा; परन्तु जो कोई तुम में बड़ा होना चाहे, वह तुम्हारा सेवक बने। और जो तुम में प्रधान होना चाहे वह तुम्हारा दास बने। जैसे कि मनुष्य का पुत्र, वह इसलिये नहीं आया कि उस की सेवा टहल करी जाए, परन्तु इसलिये आया कि आप सेवा टहल करे और बहुतों की छुडौती के लिये अपने प्राण दे।” (मत्ती 20:25-28)।

      किसी उपलब्धि या विशेष सफलता के लिए सम्मान और प्रशंसा प्राप्त करने में कोई बुराई नहीं है। परन्तु यह हमारे लिए घमण्ड का कारण न बने इसके लिए हमें उस पर अपना ध्यान केन्द्रित रखना चाहिए जिसने हमें अपना अनुसरण करने के लिए बुलाया है, और अपने विषय कहा है, “...मुझ से सीखो; क्योंकि मैं नम्र और मन में दीन हूं: और तुम अपने मन में विश्राम पाओगे” (मत्ती 11:29)।

सच्ची नम्रता परमेश्वर से आती है।

धन्य हैं वे, जो मन के दीन हैं, क्योंकि स्वर्ग का राज्य उन्‍हीं का है। - मत्ती 5:3

बाइबल पाठ: नीतिवचन 16:16-22
Proverbs 16:16 बुद्धि की प्राप्ति चोखे सोने से क्या ही उत्तम है! और समझ की प्राप्ति चान्दी से अति योग्य है।
Proverbs 16:17 बुराई से हटना सीधे लोगों के लिये राजमार्ग है, जो अपने चाल चलन की चौकसी करता, वह अपने प्राण की भी रक्षा करता है।
Proverbs 16:18 विनाश से पहिले गर्व, और ठोकर खाने से पहिले घमण्ड होता है।
Proverbs 16:19 घमण्डियों के संग लूट बांट लेने से, दीन लोगों के संग नम्र भाव से रहना उत्तम है।
Proverbs 16:20 जो वचन पर मन लगाता, वह कल्याण पाता है, और जो यहोवा पर भरोसा रखता, वह धन्य होता है।
Proverbs 16:21 जिसके हृदय में बुद्धि है, वह समझ वाला कहलाता है, और मधुर वाणी के द्वारा ज्ञान बढ़ता है।
Proverbs 16:22 जिसके बुद्धि है, उसके लिये वह जीवन का सोता है, परन्तु मूढ़ों को शिक्षा देना मूढ़ता ही होती है।

एक साल में बाइबल: 
  • लैव्यवस्था 4-5
  • मत्ती 24:29-51