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शनिवार, 28 मार्च 2020

सताव



      जब अट्ठारह वर्षीय सैमी ने प्रभु यीशु मसीह को अपना व्यक्तिगत उद्धारकर्ता ग्रहण किया, तो उसके परिवार ने उसका तिरस्कार किया क्योंकि वे लोग एक भिन्न मत को मानने वाले थे। परन्तु मसीही विश्वासियों के समाज ने उसका स्वागत किया, उसे प्रोत्साहन दिया, और उसकी शिक्षा के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध करवाए। बाद में जब एक पत्रिका में उसकी गवाही छपी तो उस पर किया जाने वाला सताव और बढ़ गया।

      परन्तु सैमी ने अपने परिवार जनों से मिलना नहीं छोड़ा। जब भी संभव होता था, वह उन लोगों से मिलने जाता था और अपने पिता के साथ बातचीत करता था, यद्यपि उसके भाई-बहन पारिवारिक मामलों में भाग लेने से उसे रोकते थे। जब उसके पिता बीमार पड़े, तो सैमी ने परिवार के अन्य लोगों के दुर्व्यवहार की अनदेखी करते हुए अपने पिता की देखभाल की, और प्रार्थनाएँ कीं, कि उसके पिता स्वस्थ हो सकें। जब परमेश्वर ने उसके पिता को चंगा किया, उसके बाद से परिवार जनों का रवैया सैमी के प्रति ठीक होने लगा। समय के साथ, उसके प्रेम-व्यवहार की गवाही ने उसके प्रति परिवार जनों के व्यवहार को नम्र किया, और उन में से कुछ प्रभु यीशु के बारे में सुनने के लिए तैयार हो गए।

      प्रभु यीशु मसीह का अनुयायी बनाकर उनके पीछे चल निकलने से हमें कठिनाइयां तो होंगी। परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रेरित पतरस ने लिखा, “क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है” (1 पतरस 2:19)। जब भी हम पर हमारे मसीही विश्वास के कारण सताव और परेशानियां आती हैं, तो ऐसा इस कारण होता है क्योंकि, “और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो” (पद 21)।

      जब लोगों ने प्रभु यीशु का अपमान किया, उन पर लांछन लगाए, तब “वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था” (पद 23)। सताव सहने और सही व्यवहार बनाए रखने में प्रभु यीशु ही हमारे उदाहरण हैं; स्ताव की तथा अन्य सभी परिस्थितियों में भी, हम प्रभु यीशु की ओर मार्गदर्शन, सहायता, और सामर्थ्य के लिए मुड़ सकते हैं। - लौरेंस दर्मानी

जब भी हम मसीह के लिए सताव झेलते हैं, 
वह हमारे साथ होकर हमें संभाले रहता है।

पर जितने मसीह यीशु में भक्ति के साथ जीवन बिताना चाहते हैं वे सब सताए जाएंगे। - 2 तीमुथियुस 3:12

बाइबल पाठ: 1 पतरस 2:11-23
1 पतरस 2:11 हे प्रियों मैं तुम से बिनती करता हूं, कि तुम अपने आप को परदेशी और यात्री जान कर उन सांसारिक अभिलाषाओं से जो आत्मा से युद्ध करती हैं, बचे रहो।
1 पतरस 2:12 अन्यजातियों में तुम्हारा चालचलन भला हो; इसलिये कि जिन जिन बातों में वे तुम्हें कुकर्मी जान कर बदनाम करते हैं, वे तुम्हारे भले कामों को देख कर; उन्‍हीं के कारण कृपा दृष्टि के दिन परमेश्वर की महिमा करें।
1 पतरस 2:13 प्रभु के लिये मनुष्यों के ठहराए हुए हर एक प्रबन्‍ध के आधीन में रहो, राजा के इसलिये कि वह सब पर प्रधान है।
1 पतरस 2:14 और हाकिमों के, क्योंकि वे कुकिर्मयों को दण्‍ड देने और सुकिर्मयों की प्रशंसा के लिये उसके भेजे हुए हैं।
1 पतरस 2:15 क्योंकि परमेश्वर की इच्छा यह है, कि तुम भले काम करने से निर्बुद्धि लोगों की अज्ञानता की बातों को बन्‍द कर दो।
1 पतरस 2:16 और अपने आप को स्‍वतंत्र जानो पर अपनी इस स्‍वतंत्रता को बुराई के लिये आड़ न बनाओ, परन्तु अपने आप को परमेश्वर के दास समझ कर चलो।
1 पतरस 2:17 सब का आदर करो, भाइयों से प्रेम रखो, परमेश्वर से डरो, राजा का सम्मान करो।
1 पतरस 2:18 हे सेवकों, हर प्रकार के भय के साथ अपने स्‍वामियों के आधीन रहो, न केवल भलों और नम्रों के, पर कुटिलों के भी।
1 पतरस 2:19 क्योंकि यदि कोई परमेश्वर का विचार कर के अन्याय से दुख उठाता हुआ क्‍लेश सहता है, तो यह सुहावना है।
1 पतरस 2:20 क्योंकि यदि तुम ने अपराध कर के घूंसे खाए और धीरज धरा, तो उस में क्या बड़ाई की बात है? पर यदि भला काम कर के दुख उठाते हो और धीरज धरते हो, तो यह परमेश्वर को भाता है।
1 पतरस 2:21 और तुम इसी के लिये बुलाए भी गए हो क्योंकि मसीह भी तुम्हारे लिये दुख उठा कर, तुम्हें एक आदर्श दे गया है, कि तुम भी उसके चिन्ह पर चलो।
1 पतरस 2:22 न तो उसने पाप किया, और न उसके मुंह से छल की कोई बात निकली।
1 पतरस 2:23 वह गाली सुन कर गाली नहीं देता था, और दुख उठा कर किसी को भी धमकी नहीं देता था, पर अपने आप को सच्चे न्यायी के हाथ में सौपता था।

एक साल में बाइबल: 
  • न्यायियों 4-6
  • लूका 4:31-44