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सोमवार, 11 मई 2020

शान्ति



     मेरे शरीर में लम्बे समय से उठते रहने वाले दर्दों के साथ संघर्ष करते हुए मैं उन्हें सहन कर पाने के लिए परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखती हूं। उन पीड़ाओं के कारण आने वाली छोटी सी परेशानी भी शत्रु का बड़ा हमला प्रतीत हो सकती है। एक समस्या मुझ पर दाहिनी ओर से हमला करती है, तो दूसरी मुझे पीछे से धक्का देती है, और तीसरी समस्या सीधे मेरी नाक पर मुक्का मारती है। ऐसे समयों में जब मेरे अपने शरीर में बल नहीं रहता है और तुरंत आराम देने वाला कोई भी समाधान मुझे नहीं मिल पाता है, तो मन करता है कि इन सब से बच कर कहीं भाग जाऊँ और छिप जाऊँ। परन्तु क्योंकि मैं अपने दर्द से कहीं भाग नहीं सकती हूँ, न अपनी परिस्थितियों को बदल सकती हूँ, और न अपनी भावनाओं को अनदेखा कर सकती हूँ, मैं धीरे-धीरे अपनी समस्याओं से हो कर निकल पाने के लिए परमेश्वर पर ही भरोसा रखना सीखती जा रही हूँ।

     जब भी मुझे प्रोत्साहन, आराम, और साहस की आवश्यकता होती है, मैं परमेश्वर के वचन बाइबल में से भजनकारों द्वारा लिखे भजनों को पढ़ती हूँ, उन पर मनन करती हूँ; उन भजनों के लिखने वालों ने भी अपनी परिस्थितियों, परेशानियों, और उन से संबंधित अपनी भावनाओं को बड़ी ईमानदारी के साथ परमेश्वर के सामने खुलकर बयान किया है। मेरे प्रिय भजनों में से एक है दाऊद का भजन जो उसने तब लिखा था जब वह अपने पुत्र अबशालोम से बच कर भाग रहा था, जो उसे मार कर उस के राज्य को हथियाना चाहता था। यद्यपि दाऊद अपनी दुखदायी परिस्थिति से व्यथित था (भजन 3:1-2), किन्तु फिर भी उसका भरोसा परमेश्वर की सुरक्षा पर था और उसे आशा थी कि वह उस की प्रार्थनाओं का उत्तर देगा (पद 3-4)। राजा दाऊद इस बात को लेकर परेशान या भयभीत नहीं हुआ कि आगे उस का क्या होगा, क्योंकि उसका विश्वास था कि परमेश्वर उस की रक्षा करेगा और उसे बचाए रखेगा (पद 5-8)।

     शारीरिक और भावनात्मक पीड़ा अत्यंत क्रूर शत्रुओं के समान प्रतीत हो सकती है, और हमें हार मान कर बैठ जाने के लिए उकसा सकती है। या जब हम थक जाते हैं, और हमें अपने संघर्ष का कोई अंत दिखाई नहीं देता है, हम में यह भावना जागृत कर सकती है कि हम कहीं भाग कर चले जाएं। परन्तु ऐसे में भी हमें दाऊद के समान ही परमेश्वर पर भरोसा बनाए रखना चाहिए, कि वह हमें थामे रहेगा, और हमारे साथ उस की लगातार बनी रहने वाली उपस्थिति में, अपने प्रेम में, हमें आराम देगा, हमें शान्ति प्रदान करेगा। - होकिटिल डिक्सन

हमारी हर परेशानी और परीक्षा में परमेश्वर हमें थामे रहता है 
और अपनी शान्ति प्रदान करता है।

और उसने मुझ से कहा, मेरा अनुग्रह तेरे लिये बहुत है; क्योंकि मेरी सामर्थ निर्बलता में सिद्ध होती है; इसलिये मैं बड़े आनन्द से अपनी निर्बलताओं पर घमण्‍ड करूंगा, कि मसीह की सामर्थ मुझ पर छाया करती रहे। इस कारण मैं मसीह के लिये निर्बलताओं, और निन्‍दाओं में, और दरिद्रता में, और उपद्रवों में, और संकटों में, प्रसन्न हूं; क्योंकि जब मैं निर्बल होता हूं, तभी बलवन्‍त होता हूं। - 2 कुरिन्थियों 12:9-10

बाइबल पाठ: भजन संहिता 3
भजन संहिता 3:1 हे यहोवा मेरे सताने वाले कितने बढ़ गए हैं! वह जो मेरे विरुद्ध उठते हैं बहुत हैं।
भजन संहिता 3:2 बहुत से मेरे प्राण के विषय में कहते हैं, कि उसका बचाव परमेश्वर की ओर से नहीं हो सकता।
भजन संहिता 3:3 परन्तु हे यहोवा, तू तो मेरे चारों ओर मेरी ढ़ाल है, तू मेरी महिमा और मेरे मस्तिष्क का ऊंचा करने वाला है।
भजन संहिता 3:4 मैं ऊंचे शब्द से यहोवा को पुकारता हूं, और वह अपने पवित्र पर्वत पर से मुझे उत्तर देता है।
भजन संहिता 3:5 मैं लेटकर सो गया; फिर जाग उठा, क्योंकि यहोवा मुझे सम्हालता है।
भजन संहिता 3:6 मैं उन दस हजार मनुष्यों से नहीं डरता, जो मेरे विरुद्ध चारों ओर पांति बान्धे खड़े हैं।
भजन संहिता 3:7 उठ, हे यहोवा! हे मेरे परमेश्वर मुझे बचा ले! क्योंकि तू ने मेरे सब शत्रुओं के जबड़ों पर मारा है और तू ने दुष्टों के दांत तोड़ डाले हैं।
भजन संहिता 3:8 उद्धार यहोवा ही की ओर से होता है; हे यहोवा तेरी आशीष तेरी प्रजा पर हो।

एक साल में बाइबल: 
  • 2 राजाओं 13-14
  • यूहन्ना 2