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रविवार, 17 मई 2020

स्तुति



     हमारे बाइबल अध्ययन के गुट में किसी ने सुझाव दिया कि हम भी स्तुति के अपने भजन लिखें। आरंभ में कुछ लोगों ने यह कह कर प्रतिरोध किया कि “हम में लिखने का गुण नहीं है।” परन्तु कुछ प्रोत्साहन के पश्चात, सभी ने उन के जीवनों में परमेश्वर के कार्यों का वर्णन करने वाले स्तुति के मार्मिक भजन लिखे। लोगों के जीवनों की परीक्षाओं, सुरक्षा, प्रावधान, पीड़ा, आंसुओं आदि के अनुभवों में से अद्भुत काव्यात्मक भजन उभर कर आए, जिन में परमेश्वर के वचन बाइबल के भजनों के समान ही प्रसंग थे। बाइबल के भजन 136 के समान, प्रत्येक भजन ने यही सत्य व्यक्त किया कि परमेश्वर की करुणा सदा की है।

     हम सब के पास परमेश्वर के प्रेम को बताने की कोई न कोई कहानी है – हम चाहे उसे लिखें, या बताएं, या गाएं। कुछ के लिए उन के ये अनुभव रोमांचक या भावुक हो सकते हैं, जैसे कि भजन 136 के लेखक के लिए थे जिसने स्मरण किया कि किस प्रकार परमेश्वर ने अपने लोगों को उनकी बंधुवाई से छुड़ाया और शत्रुओं पर विजय दी (पद 10-15)। कुछ चाहे केवल सृष्टि में दिखने वाली परमेश्वर की अद्भुत कारीगरी का वर्णन करें, “उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, ...उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, ...उसने बड़ी बड़ी ज्योतियों बनाईं, ...दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, ...और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया...” (पद 5-9)।

     यह स्मरण करना कि परमेश्वर कौन है और उसने क्या किया है हमें स्तुति और धन्यवाद करने के लिए उभारता है जिस से परमेश्वर की महिमा होती है, और हम “आपस में भजन और स्‍तुतिगान और आत्मिक गीत गाया करो...” (इफिसियों 5:19) परमेश्वर की भलाई के बारे में जिस की करुणा सदा की है, को निभाएँगे। परमेश्वर के प्रेम के अपने अनुभव को अपने स्वयं के स्तुति गान में व्यक्त कीजिए और उस की कभी न समाप्त होने वाली भलाईयों का बहुतायत से आनंद लीजिए। - लॉरेन्स दरमानी

अनंतकाल से अनंतकाल तक, परमेश्वर की करुणा सदा बनी रहती है।

उसके लिये गीत गाओ, उसके लिये भजन गाओ, उसके सब आश्चर्यकर्मों पर ध्यान करो! उसके पवित्र नाम की बड़ाई करो; यहोवा के खोजियों का हृदय आनन्दित हो! - भजन 105:2-3

बाइबल पाठ: भजन 136:1-15
भजन संहिता 136:1 यहोवा का धन्यवाद करो, क्योंकि वह भला है, और उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:2 जो ईश्वरों का परमेश्वर है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:3 जो प्रभुओं का प्रभु है, उसका धन्यवाद करो, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:4 उसको छोड़कर कोई बड़े बड़े अशचर्यकर्म नहीं करता, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:5 उसने अपनी बुद्धि से आकाश बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:6 उसने पृथ्वी को जल के ऊपर फैलाया है, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:7 उसने बड़ी बड़ी ज्योतियाँ बनाईं, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:8 दिन पर प्रभुता करने के लिये सूर्य को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:9 और रात पर प्रभुता करने के लिये चन्द्रमा और तारागण को बनाया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:10 उसने मिस्त्रियों के पहिलौठों को मारा, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:11 और उनके बीच से इस्राएलियों को निकाला, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:12 बलवन्त हाथ और बढ़ाई हुई भुजा से निकाल लाया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:13 उसने लाल समुद्र को खण्ड खण्ड कर दिया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:14 और इस्राएल को उसके बीच से पार कर दिया, उसकी करूणा सदा की है।
भजन संहिता 136:15 और फिरौन को सेना समेत लाल समुद्र में डाल दिया, उसकी करूणा सदा की है।

एक साल में बाइबल: 
  • 1 इतिहास 1-3
  • यूहन्ना 5:25-47