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शुक्रवार, 21 अगस्त 2020

प्रार्थना

 

        अपने बचपन में जो सबसे पहली प्रार्थना मैंने सीखी थी, वह थी, “हे प्रभु अब मैं सोने जाता हूँ, और आप के हाथ में अपनी आत्मा रखवाली के लिए सौंपता हूँ ... । मुझे यह प्रार्थना मेरे माता-पिता ने सिखाई थी; जब मेरे बच्चे हुए, तो मैंने भी उन्हें यही प्रार्थना सिखाई। सोते समय अपनी आत्मा को सुरक्षित रखने के लिए प्रभु को सौंप देने से मुझे बहुत तसल्ली मिलती थी।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में प्रार्थनाओं की पुस्तक भजन संहिता में भी एक ऐसी ही प्रार्थना लिखी हुई है “मैं अपनी आत्मा को तेरे ही हाथों में सौंप देता हूँ” (भजन 31:5)। कुछ बाइबल विद्वानों का मानना है कि यह प्रभु यीशु के दिनों में बच्चों को सिखाई जाने वाली एक प्रार्थना थी। आप इस प्रार्थना को प्रभु यीशु द्वारा क्रूस पर से कही गई अंतिम पुकार में पहचान सकते हैं। परन्तु प्रभु यीशु ने इसमें एक शब्द और जोड़ दिया था, पिता (लूका 23:46)। अपनी मृत्यु से कुछ ही क्षण पहले यह शब्द प्रयोग कर के प्रभु यीशु ने पिता परमेश्वर के साथ अपने घनिष्ठ संबंध को दिखाया। इससे पहले, अपने शिष्यों के साथ हुई अपनी अंतिम बात-चीत में, प्रभु यीशु ने उन शिष्यों को उसके तथा परमेश्वर पिता के साथ के उनके स्थाई निवास के विषय भी बताया था, “और यदि मैं जा कर तुम्हारे लिये जगह तैयार करूं, तो फिर आकर तुम्हें अपने यहां ले जाऊंगा, कि जहां मैं रहूं वहां तुम भी रहो” (यूहन्ना 14:3)।

        प्रभु यीशु क्रूस पर इसलिए बलिदान हुए ताकि हम परमेश्वर पिता के साथ अपने अद्भुत संबंध के अचरज में जीवन व्यतीत कर सकें। यह जानना कितना शान्तिदायक है कि हमारे प्रति प्रभु यीशु के प्रेम के कारण, जिसे उसने क्रूस पर दिए गए अपने बलिदान के द्वारा दिखाया, हम परमेश्वर के साथ उसकी संतान बनकर रह सकते हैं। हम बिना किसी भय के अपनी आँखें बन्द कर सकते हैं,क्योंकि हमारा स्वर्गीय पिता हमारी देखभाल करता है और उसने हम से प्रतिज्ञा की है कि वह अपने साथ अनन्त जीवन के लिए हमें संभाले रखेगा। - जेम्स बैंक्स

 

प्रभु यीशु में एक उज्ज्वल नई भोर हमारी प्रतीक्षा कर रही है।


परन्तु जितनों ने उसे ग्रहण किया, उसने उन्हें परमेश्वर के सन्तान होने का अधिकार दिया, अर्थात उन्हें जो उसके नाम पर विश्वास रखते हैं। वे न तो लहू से, न शरीर की इच्छा से, न मनुष्य की इच्छा से, परन्तु परमेश्वर से उत्पन्न हुए हैं। - यूहन्ना 1:12 -13


बाइबल पाठ: लूका 23:44-48

लू्का 23:44 और लगभग दो पहर से तीसरे पहर तक सारे देश में अन्धियारा छाया रहा।

लू्का 23:45 और सूर्य का उजियाला जाता रहा, और मन्दिर का परदा बीच में फट गया।

लू्का 23:46 और यीशु ने बड़े शब्द से पुकार कर कहा; हे पिता, मैं अपनी आत्मा तेरे हाथों में सौंपता हूं: और यह कहकर प्राण छोड़ दिए।

लू्का 23:47 सूबेदार ने, जो कुछ हुआ था देखकर, परमेश्वर की बड़ाई की, और कहा; निश्चय यह मनुष्य धर्मी था।

लू्का 23:48 और भीड़ जो यह देखने को इकट्ठी हुई भी, इस घटना को, देखकर छाती- पीटती हुई लौट गई।

 

एक साल में बाइबल: 

  • भजन 107-109
  • 1 कुरिन्थियों 4