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गुरुवार, 1 अक्तूबर 2020

प्रेम

 

         एमिली ब्रौंटे के विख्यात उपन्यास Wuthering Heights में एक चिड़चिड़ा और झगड़ालू व्यक्ति है जिसके लिए वर्णन किया गया है कि वह दूसरों की आलोचना करने के लिए परमेश्वर के वचन बाइबल में से उदाहरण देता रहता था; उसके लिए लिखा है कि वह “एक उबा देने वाला, स्वधर्मी फरीसी था, जो बाइबल से सदा अपने लिए आशीष पाने की और अपने पड़ोसियों के लिए श्राप की बातें ढूँढ़ता रहता था।”

         उस व्यक्ति के इस विवरण को पढ़ने से कुछ विशेष प्रकार के लोग ध्यान में आते हैं। परन्तु क्या, कुछ सीमा तक, हम सभी ऐसे ही नहीं होते हैं? औरों की असफलताओं और दोषों के लिए उनकी आलोचना करने वाले और अपने अन्दर उन्हीं बातों की अवहेलना कर देने वाले लोग।

         जब कि पवित्र शास्त्र में हम कुछ लोगों के देखते हैं कि उन्होंने इसके ठीक विपरीत किया; वे अपने प्रति परमेश्वर की भलाइयों की प्रतिज्ञाओं को छोड़ने के लिए तैयार थे, यदि उनके ऐसा करने से औरों का लाभ हो जाता; यदि उससे और लोग बचा लिए जाते, तो वे उनके लिए श्रापित होने के लिए भी तैयार थे। मूसा के बारे में विचार कीजिए, जिसने कहा कि वह परमेश्वर की जीवन की पुस्तक में से अपना नाम काटे जाने के लिए तैयार है, बजाए इसके कि इस्राएल को क्षमा न किया जाए (निर्गमन 32:32)। या पौलुस को लीजिए, जो मसीह से श्रापित होने के लिए तैयार था, यदि ऐसा होने से उसके लोग, यहूदी, प्रभु यीशु को पहचानने पाते (रोमियों 9:3)।

         हम तो स्वधर्मी हैं, किन्तु पवित्र शास्त्र उनके जीवनों को प्रमुख करता है जो औरों से अपने आप से अधिक प्रेम रखते थे। और इसका सबसे बड़ा उदाहरण प्रभु यीशु मसीह स्वयं ही हैं। प्रभु यीशु ने अपने क्रूस पर बलिदान होने के लिए पकड़वाए जाने से कुछ ही देर पहले अपने शिष्यों को सिखाया, इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे” (यूहन्ना 15:13)। इससे पहले कि हम उसे जानते, प्रभु यीशु ने हम से प्रेम किया (पद 13:1), और हमें जीवन देने के लिए स्वयं मृत्यु सहन कर ली।

         अब हम सभी को परमेश्वर के परिवार में सम्मिलित होने का निमंत्रण है, कि हम प्रभु से और प्रभु के समान प्रेम प्राप्त कर सकें (15:9-12)। जब हम प्रभु यीशु मसीह के अवर्णनीय प्रेम को औरों के जीवनों में उडेलते हैं, तो उस प्रेम में होकर लोगों को प्रभु परमेश्वर की एक झलक प्राप्त होती है। - मोनिका ब्रैंड्स

 

जब हम मसीह से प्रेम करते हैं, तो हम औरों से भी प्रेम रखते हैं।


परन्तु परमेश्वर हम पर अपने प्रेम की भलाई इस रीति से प्रगट करता है, कि जब हम पापी ही थे तभी मसीह हमारे लिये मरा। - रोमियों 5:8

बाइबल पाठ: यूहन्ना 15:5-17

यूहन्ना 15:5 मैं दाखलता हूं: तुम डालियां हो; जो मुझ में बना रहता है, और मैं उस में, वह बहुत फल फलता है, क्योंकि मुझ से अलग हो कर तुम कुछ भी नहीं कर सकते।

यूहन्ना 15:6 यदि कोई मुझ में बना न रहे, तो वह डाली के समान फेंक दिया जाता, और सूख जाता है; और लोग उन्हें बटोरकर आग में झोंक देते हैं, और वे जल जाती हैं।

यूहन्ना 15:7 यदि तुम मुझ में बने रहो, और मेरी बातें तुम में बनी रहें तो जो चाहो मांगो और वह तुम्हारे लिये हो जाएगा।

यूहन्ना 15:8 मेरे पिता की महिमा इसी से होती है, कि तुम बहुत सा फल लाओ, तब ही तुम मेरे चेले ठहरोगे।

यूहन्ना 15:9 जैसा पिता ने मुझ से प्रेम रखा, वैसा ही मैं ने तुम से प्रेम रखा, मेरे प्रेम में बने रहो।

यूहन्ना 15:10 यदि तुम मेरी आज्ञाओं को मानोगे, तो मेरे प्रेम में बने रहोगे: जैसा कि मैं ने अपने पिता की आज्ञाओं को माना है, और उसके प्रेम में बना रहता हूं।

यूहन्ना 15:11 मैं ने ये बातें तुम से इसलिये कही हैं, कि मेरा आनन्द तुम में बना रहे, और तुम्हारा आनन्द पूरा हो जाए।

यूहन्ना 15:12 मेरी आज्ञा यह है, कि जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।

यूहन्ना 15:13 इस से बड़ा प्रेम किसी का नहीं, कि कोई अपने मित्रों के लिये अपना प्राण दे।

यूहन्ना 15:14 जो कुछ मैं तुम्हें आज्ञा देता हूं, यदि उसे करो, तो तुम मेरे मित्र हो।

यूहन्ना 15:15 अब से मैं तुम्हें दास न कहूंगा, क्योंकि दास नहीं जानता, कि उसका स्वामी क्या करता है: परन्तु मैं ने तुम्हें मित्र कहा है, क्योंकि मैं ने जो बातें अपने पिता से सुनीं, वे सब तुम्हें बता दीं।

यूहन्ना 15:16 तुम ने मुझे नहीं चुना परन्तु मैं ने तुम्हें चुना है और तुम्हें ठहराया ताकि तुम जा कर फल लाओ; और तुम्हारा फल बना रहे, कि तुम मेरे नाम से जो कुछ पिता से मांगो, वह तुम्हें दे।

यूहन्ना 15:17 इन बातें की आज्ञा मैं तुम्हें इसलिये देता हूं, कि तुम एक दूसरे से प्रेम रखो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यशायाह 11-13
  • इफिसियों 4