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गुरुवार, 12 नवंबर 2020

मार्गदर्शन

 

           मेरे पड़ौसी, टिम, की कार के डैशबोर्ड पर उसके सामने एक छोटी मूर्ति लगी हुई है, जो मौरिस सैनडक द्वारा लिखित बच्चों की प्रिय पुस्तक Where the Wild Things Are पर आधारित एक 'जंगली चीज़' की है। कुछ समय पहले टिम मेरे पीछे कार चलाता हुआ आ रहा था, और मैंने देखा कि मेरे निकट बने रहने के लिए उसने गाड़ी को कुछ जोखिम भरे तरीके से चलाया और इधर से उधर को काटा। जब हम गंतव्य पर पहुँच गए, तो मैंने उसे छेड़ने के लिए कहा, 'लग रहा था मानो डैशबोर्ड पर लगी वह जंगली चीज़ ने कार को वश में कर रखा था!'

           उससे अगले इतवार को, मैं चर्च के लिए अपने उपदेश के नोट्स घर पर ही भूल आया, इसलिए मैं बहुत तेज़ी से कार चला कर उन नोट्स को लाने के लिए घर गया, और मार्ग में टिम भी उसी मार्ग से आता दिखाई दिया। बाद में जब हम मिले, तो अब मुझे छेड़ने का उसके पास अवसर था, और उसने भी वही कहा, जो मैंने उससे कहा था, 'लग रहा था मानो किसी जंगली चीज़ ने कार को वश में कर रखा था!' हम साथ मिलकर हँसे, परन्तु उसकी कही बात मुझे समझ में आ गई – मुझे कार चलाने की गति पर ध्यान रखना चाहिए था।

           जब परमेश्वर के वचन बाइबल में परमेश्वर के साथ संबंधित होकर रहने की बात आती है, तो साथ ही इसके लिए भी प्रोत्साहित किया जाता है कि हम अपने आप को पूर्णतः उसे समर्पित करें (रोमियों 6:13)। मैंने उस दिन टिम के द्वारा कही बात को परमेश्वर की ओर से एक विनीत एवं सप्रेम चेतावनी के रूप में लिया, कि परमेश्वर चाहता है कि मैं अपना संपूर्ण नियंत्रण उसी के हाथ में रहने दूँ।

           हमें कौन वश में रखता है, हमारे संपूर्ण जीवन पर लागू होता है। क्या हम अपने पुराने पापमय स्वभाव की 'जंगली चीज़ों' जैसे कि चिंता, भय, अपनी ही इच्छा आदि को हम पर वश रखने देते हैं, या हम मार्गदर्शन के लिए परमेश्वर की पवित्र आत्मा और उसके अनुग्रह पर निर्भर और समर्पित रहते हैं, जो हमें बढ़ने में सहायता करते हैं?

           परमेश्वर के मार्गदर्शन में चलते रहना हमारे लिए भला है। पवित्र शास्त्र कहता है कि परमेश्वर की बुद्धिमानी हमें आनन्द और कुशल के मार्गों पर ले जाती है (नीतिवचन 3:17)। इसलिए उसके मार्गदर्शन में चलते रहना भला है। - जेम्स बैंक्स

 

परमेश्वर जो चाहता है, उसके लिए प्रोत्साहित भी करता है।


उसके मार्ग आनन्ददायक हैं, और उसके सब मार्ग कुशल के हैं। - नीतिवचन 3:17

बाइबल पाठ: रोमियों 6:1-14

रोमियों 6:1 सो हम क्या कहें? क्या हम पाप करते रहें, कि अनुग्रह बहुत हो?

रोमियों 6:2 कदापि नहीं, हम जब पाप के लिये मर गए तो फिर आगे को उस में क्योंकर जीवन बिताएं?

रोमियों 6:3 क्या तुम नहीं जानते, कि हम जितनों ने मसीह यीशु का बपतिस्मा लिया तो उस की मृत्यु का बपतिस्मा लिया

रोमियों 6:4 सो उस मृत्यु का बपतिस्मा पाने से हम उसके साथ गाड़े गए, ताकि जैसे मसीह पिता की महिमा के द्वारा मरे हुओं में से जिलाया गया, वैसे ही हम भी नए जीवन की सी चाल चलें।

रोमियों 6:5 क्योंकि यदि हम उस की मृत्यु की समानता में उसके साथ जुट गए हैं, तो निश्चय उसके जी उठने की समानता में भी जुट जाएंगे।

रोमियों 6:6 क्योंकि हम जानते हैं कि हमारा पुराना मनुष्यत्व उसके साथ क्रूस पर चढ़ाया गया, ताकि पाप का शरीर व्यर्थ हो जाए, ताकि हम आगे को पाप के दासत्व में न रहें।

रोमियों 6:7 क्योंकि जो मर गया, वह पाप से छूटकर धर्मी ठहरा।

रोमियों 6:8 सो यदि हम मसीह के साथ मर गए, तो हमारा विश्वास यह है, कि उसके साथ जीएंगे भी।

रोमियों 6:9 क्योंकि यह जानते हैं, कि मसीह मरे हुओं में से जी उठ कर फिर मरने का नहीं, उस पर फिर मृत्यु की प्रभुता नहीं होने की।

रोमियों 6:10 क्योंकि वह जो मर गया तो पाप के लिये एक ही बार मर गया; परन्तु जो जीवित है, तो परमेश्वर के लिये जीवित है।

रोमियों 6:11 ऐसे ही तुम भी अपने आप को पाप के लिये तो मरा, परन्तु परमेश्वर के लिये मसीह यीशु में जीवित समझो।

रोमियों 6:12 इसलिये पाप तुम्हारे मरनहार शरीर में राज्य न करे, कि तुम उस की लालसाओं के आधीन रहो।

रोमियों 6:13 और न अपने अंगों को अधर्म के हथियार होने के लिये पाप को सौंपो, पर अपने आप को मरे हुओं में से जी उठा हुआ जानकर परमेश्वर को सौंपो, और अपने अंगों को धर्म के हथियार होने के लिये परमेश्वर को सौंपो।

रोमियों 6:14 और तुम पर पाप की प्रभुता न होगी, क्योंकि तुम व्यवस्था के आधीन नहीं वरन अनुग्रह के आधीन हो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • यिर्मयाह 51-52
  • इब्रानियों 9