रविवार, 20 जून 2021

साथ

 

          हमारे चर्च के एक छः सदस्यों के परिवार के घर में आग लग गई, और घर को नष्ट कर दिया। यद्यपि पिता और एक बेटा बच गए; पिता अभी अस्पताल में ही थे, जब उनकी पत्नी, माँ, और दो अन्य बच्चों का अंतिम संस्कार किया गया। दुर्भाग्यवश, इस प्रकार की हृदयविदारक घटनाएँ बार-बार होती रहती हैं। और वो जब भी घटित होती हैं, उनके साथ यह प्रश्न भी दोहराया जाता है कि “भले लोगों के साथ बुरी घटनाएँ क्यों होती हैं?” और यह हमारे लिए कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि इस प्राचीन प्रश्न का कोई नया उत्तर नहीं है।

          परमेश्वर के वचन बाइबल में भजनकार ने भजन 46 में जो सत्य व्यक्त किया है, वही इस प्रश्न के उत्तर के लिए बार-बार प्रयोग किया जाता है; उसी के साथ लोगों को सांत्वना और प्रोत्साहन प्रदान  किया जाता है। “परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक” (पद 1)। इस भजन के 2 और 3 पद में जिन परिस्थितियों का वर्णन किया गया है, वे भयानक और विनाशकारी हैं – धरती और पहाड़ डोल गए, समुद्र में प्रचंड लहरें उफान पर हैं। हम उन परिस्थितियों में अपने होने की कल्पना करने से ही काँप उठते हैं, जिनका वर्णन यहाँ काव्यात्मक रीति से किया गया है। लेकिन कभी-कभी हम अपने आप को वैसी परिस्थितियों में फंसा हुआ पाते हैं – किसी लाइलाज बीमारी के भंवर में फंसा हुआ; किसी आर्थिक संकट में इधर से उधर उछाले जाते हुए; प्रिय जनों की मृत्यु के कारण आहत और स्तब्ध, आदि।

          यह तर्क देना बहुत सहज है कि मुसीबतों के होने का अभिप्राय है कि परमेश्वर अनुपस्थित है। लेकिन पवित्र शास्त्र के सत्य ऐसी धारणाओं का समर्थन नहीं करते हैं। लिखा है,सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है” (पद 7, 11)। चाहे हमारी परिस्थितियाँ असहनीय भी हों, तब भी हमारा परमेश्वर पिता उनमें भी हमारे साथ ही होता है। वह भला, प्रेमी, और विश्वासयोग्य है; हम उसके हमारी हर परिस्थिति में हमारे साथ बने रहने से सांत्वना और प्रोत्साहन प्राप्त कर सकते हैं। - आर्थर जैक्सन

 

पिता परमेश्वर चाहे परिस्थितियाँ आपके हमारे साथ होने पर शक उत्पन्न करें; 

किन्तु हम तब भी आपके वचन की सच्चाई पर भरोसा बनाए रखें।


तुम्हारा स्वभाव लोभरहित हो, और जो तुम्हारे पास है, उसी पर संतोष किया करो; क्योंकि उसने आप ही कहा है, कि मैं तुझे कभी न छोडूंगा, और न कभी तुझे त्यागूंगा। - इब्रानियों 13:5

बाइबल पाठ: भजन 46

भजन संहिता 46:1 परमेश्वर हमारा शरणस्थान और बल है, संकट में अति सहज से मिलने वाला सहायक।

भजन संहिता 46:2 इस कारण हम को कोई भय नहीं चाहे पृथ्वी उलट जाए, और पहाड़ समुद्र के बीच में डाल दिए जाएं;

भजन संहिता 46:3 चाहे समुद्र गरजे और फेन उठाए, और पहाड़ उसकी बाढ़ से कांप उठें।

भजन संहिता 46:4 एक नदी है जिसकी नहरों से परमेश्वर के नगर में अर्थात परमप्रधान के पवित्र निवास भवन में आनन्द होता है।

भजन संहिता 46:5 परमेश्वर उस नगर के बीच में है, वह कभी टलने का नहीं; पौ फटते ही परमेश्वर उसकी सहायता करता है।

भजन संहिता 46:6 जाति जाति के लोग झल्ला उठे, राज्य राज्य के लोग डगमगाने लगे; वह बोल उठा, और पृथ्वी पिघल गई।

भजन संहिता 46:7 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

भजन संहिता 46:8 आओ, यहोवा के महा-कर्म देखो, कि उसने पृथ्वी पर कैसा कैसा उजाड़ किया है।

भजन संहिता 46:9 वह पृथ्वी की छोर तक लड़ाइयों को मिटाता है; वह धनुष को तोड़ता, और भाले को दो टुकड़े कर डालता है, और रथों को आग में झोंक देता है!

भजन संहिता 46:10 चुप हो जाओ, और जान लो, कि मैं ही परमेश्वर हूं। मैं जातियों में महान हूं, मैं पृथ्वी भर में महान हूं!

भजन संहिता 46:11 सेनाओं का यहोवा हमारे संग है; याकूब का परमेश्वर हमारा ऊंचा गढ़ है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • एस्तेर 1-2
  • प्रेरितों 5:1-21


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