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रविवार, 18 अप्रैल 2021

आशीषें

 

          हम दोपहर के भोजन के लिए एकत्रित हुए थे; मेरे मित्र जेफ़ ने भोजन के लिए प्रार्थना की, और कहा: “हे पिता, आपका धन्यवाद हो कि आप हमें अपनी हवा में साँस लेने देते हैं, और अपने भोजन पदार्थों में से खाने देते हैं।” जेफ़ हाल ही में नौकरी चले जाने के कारण बहुत कठिन परिस्थितियों से होकर निकला था; इसलिए उसके दिल से व्यक्त किए गए परमेश्वर में विश्वास, और इस बात के अंगीकार ने, कि सब कुछ परमेश्वर का है, और वही हमें यह सब उपयोग करने के लिए देता है, मेरे मन को बहुत गहराई से छूआ, मुझे द्रवित किया। मैं सोचने लगा, “क्या मैं वास्तव में इस बात को समझता और मानता हूँ कि मेरे जीवन की सबसे सामान्य वस्तुएँ भी, मेरे दैनिक जीवन की हर बात, असलियत में परमेश्वर ही की है, और वह अपनी कृपा में मुझे उन्हें प्रयोग करने दे रहा है।”

          परमेश्वर के वचन बाइबल में, जब राजा दाऊद ने मंदिर के निर्माण के लिए इस्राएल के लोगों से उनकी भेंटें स्वीकार कीं, तब उसने प्रार्थना की, मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है” और आगे उसने यह भी कहा “और सब तेरा ही है” (1 इतिहास 29:14, 16)।

          पवित्र शास्त्र हमें बताता है कि हमारा अपनी जीविका कमाने और धन अर्जित करने की योग्यता भी हमें परमेश्वर ही देता है (व्यवस्थाविवरण 8:18)। इस बात को समझना और स्वीकार करना कि हमारे पास जो कुछ भी है वह सब परमेश्वर ही का है, उस ही के द्वारा हमें दिया गया है, हमारी सहायता करता है कि हम संसारकी वस्तुओं पर कम मन लगाएँ, उनके प्रति उदार बनें, और खुले मनों और हाथों के साथ जीवन जीएँ – जो कुछ हमें परमेश्वर से मिला है, उसे औरों के साथ भी खुले हाथों से बाँटें, क्योंकि परमेश्वर हमें प्रतिदिन खुले हाथों से देता है, न केवल सांसारिक आशीषें, वरन अपनी कृपा, करुणा, और दया भी।

          परमेश्वर बहुत उदारता तथा प्रेम से देता है – इतने प्रेम से कि उसने हम सभी लिए अपने इकलौते पुत्र को भी दे दिया (रोमियों 8:32)। क्योंकि हमें इतना कुछ, इतनी उदारता से दिया गया है, इसलिए उसकी इन सभी आशीषों के लिए हम कृतज्ञ मनों के साथ उसके सदा धन्यवादी बने रहें। - जेम्स बैंक्स

 

हमारे पास जो भी है, सब परमेश्वर ही का दिया हुआ है।


जिस से तुम अपने स्वर्गीय पिता की सन्तान ठहरोगे क्योंकि वह भलों और बुरों दोनों पर अपना सूर्य उदय करता है, और धर्मियों और अधर्मियों दोनों पर मेंह बरसाता है। - मत्ती 5:45

बाइबल पाठ: 1 इतिहास 29:6-16

1 इतिहास 29:6 तब पितृों के घरानों के प्रधानों और इस्राएल के गोत्रों के हाकिमों और सहस्रपतियों और शतपतियों और राजा के काम के अधिकारियों ने अपनी अपनी इच्छा से,

1 इतिहास 29:7 परमेश्वर के भवन के काम के लिये पांच हजार किक्कार और दस हजार दर्कनोन सोना, दस हजार किक्कार चान्दी, अठारह हजार किक्कार पीतल, और एक लाख किक्कार लोहा दे दिया।

1 इतिहास 29:8 और जिनके पास मणि थे, उन्होंने उन्हें यहोवा के भवन के खजाने के लिये गेर्शोनी यहीएल के हाथ में दे दिया।

1 इतिहास 29:9 तब प्रजा के लोग आनन्दित हुए, क्योंकि हाकिमों ने प्रसन्न हो कर खरे मन और अपनी अपनी इच्छा से यहोवा के लिये भेंट दी थी; और दाऊद राजा बहुत ही आनन्दित हुआ।

1 इतिहास 29:10 तब दाऊद ने सारी सभा के सम्मुख यहोवा का धन्यवाद किया, और दाऊद ने कहा, हे यहोवा! हे हमारे मूल पुरुष इस्राएल के परमेश्वर! अनादिकाल से अनन्तकाल तक तू धन्य है।

1 इतिहास 29:11 हे यहोवा! महिमा, पराक्रम, शोभा, सामर्थ्य और वैभव, तेरा ही है; क्योंकि आकाश और पृथ्वी में जो कुछ है, वह तेरा ही है; हे यहोवा! राज्य तेरा है, और तू सभों के ऊपर मुख्य और महान ठहरा है।

1 इतिहास 29:12 धन और महिमा तेरी ओर से मिलती हैं, और तू सभों के ऊपर प्रभुता करता है। सामर्थ्य और पराक्रम तेरे ही हाथ में हैं, और सब लोगों को बढ़ाना और बल देना तेरे हाथ में है।

1 इतिहास 29:13 इसलिये अब हे हमारे परमेश्वर! हम तेरा धन्यवाद और तेरे महिमायुक्‍त नाम की स्तुति करते हैं।

1 इतिहास 29:14 मैं क्या हूँ? और मेरी प्रजा क्या है? कि हम को इस रीति से अपनी इच्छा से तुझे भेंट देने की शक्ति मिले? तुझी से तो सब कुछ मिलता है, और हम ने तेरे हाथ से पाकर तुझे दिया है।

1 इतिहास 29:15 तेरी दृष्टि में हम तो अपने सब पुरखाओं के समान पराए और परदेशी हैं; पृथ्वी पर हमारे दिन छाया के समान बीते जाते हैं, और हमारा कुछ ठिकाना नहीं।

1 इतिहास 29:16 हे हमारे परमेश्वर यहोवा! वह जो बड़ा संचय हम ने तेरे पवित्र नाम का एक भवन बनाने के लिये किया है, वह तेरे ही हाथ से हमें मिला था, और सब तेरा ही है।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 3-5
  • लूका 14:25-35