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सोमवार, 19 अप्रैल 2021

अवर्णनीय प्रेम

 

          हमारी छोटी सी मसीही मण्डली के लोगों ने मेरे बेटे को, उसके छटे जन्मदिन पर उसे अनपेक्षित उपहार देने की योजना बनाई। मण्डली के लोगों ने जिस कमरे में उसके सन्डे स्कूल की क्लास होती थी, उस कमरे को गुबारों से सजाया और एक छोटी मेज़ पर उसके लिए केक को लाकर रख दिया। जब मेरे बेटे ने कमरे का दरवाज़ा खोला, तो अन्दर जमा सभी ने ऊँची आवाज़ में कहा “जन्मदिन मुबारक हो!”

          बाद में जब मैं बांटने के लिए केक को काट रही थी, तो मेरा बेटा मेरे पास आया और मुझ से फुसफुसाकर पूछने लगा, “मम्मी, यहाँ पर सभी लोग मुझ से इतना प्रेम क्यों करते हैं?” मेरे दिल में भी यही प्रश्न था। ये लोग तो हमें केवल छः महीनों से ही जानते थे, लेकिन हमारे साथ ऐसे व्यवहार करते थे मानो बहुत लम्बे समय के मित्र हों।

          मेरे बेटे के प्रति उनका प्रेम, हमारे प्रति परमेश्वर के प्रेम को प्रतिबिंबित करता था। हम नहीं समझ सकते हैं कि परमेश्वर हम से इतना प्रेम क्यों करता है; लेकिन वह न केवल करता है, वरन हमें अपना प्रेम बिना किसी कीमत के देता भी है। हमने ऐसा कुछ भी नहीं किया है कि हम उसके प्रेम के योग्य हों, लेकिन फिर भी वह हम पर अपना प्रेम बहुतायत से उंडेलता है। परमेश्वर के वचन बाइबल में लिखा है, परमेश्वर प्रेम है” (1 यूहन्ना 4:8)। उसका प्रेम उसके व्यक्तित्व का एक भाग है।

          परमेश्वर ने अपने प्रेम को हम पर उडेला है, और हम से अपेक्षा करता है कि हम भी औरों के प्रति ऐसे ही प्रेम दिखा सकें। प्रभु यीशु ने अपने शिष्यों से कहा, मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो। यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो” (यूहन्ना 13:34-35)।

          हमारी छोटी सी मसीही मण्डली के लोग हमसे इसलिए प्रेम करते हैं क्योंकि उनमें परमेश्वर का प्रेम बसा हुआ है। वह प्रेम उनमें होकर चमकता है और प्रभु यीशु के अनुयायी होने की उनकी पहचान को स्पष्ट प्रकट करता है। हम परमेश्वर के प्रेम को पूरी तरह से समझ तो नहीं पाते हैं, परन्तु उसे औरों तक पहुँचा सकते हैं – उन्हें उसके बारे में बता सकते हैं, उन्हें उसका अनुभव करवा सकते हैं – उसके अवर्णनीय प्रेम के सजीव उदाहरण बनने के द्वारा। - कीला ओकोआ

 

क्योंकि परमेश्वर हम से प्रेम करता है, इसलिए हम भी औरों से प्रेम कर सकते हैं।


हे प्रियो, हम आपस में प्रेम रखें; क्योंकि प्रेम परमेश्वर से है: और जो कोई प्रेम करता है, वह परमेश्वर से जन्मा है; और परमेश्वर को जानता है। - 1 यूहन्ना 4:7

बाइबल पाठ: यूहन्ना 13:31-35

यूहन्ना 13:31 जब वह बाहर चला गया तो यीशु ने कहा; अब मनुष्य पुत्र की महिमा हुई, और परमेश्वर की महिमा उस में हुई।

यूहन्ना 13:32 और परमेश्वर भी अपने में उस की महिमा करेगा, वरन तुरन्त करेगा।

यूहन्ना 13:33 हे बालकों, मैं और थोड़ी देर तुम्हारे पास हूं: फिर तुम मुझे ढूंढोगे, और जैसा मैं ने यहूदियों से कहा, कि जहां मैं जाता हूं, वहां तुम नहीं आ सकते वैसा ही मैं अब तुम से भी कहता हूं।

यूहन्ना 13:34 मैं तुम्हें एक नई आज्ञा देता हूं, कि एक दूसरे से प्रेम रखो: जैसा मैं ने तुम से प्रेम रखा है, वैसा ही तुम भी एक दूसरे से प्रेम रखो।

यूहन्ना 13:35 यदि आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे, कि तुम मेरे चेले हो।

 

एक साल में बाइबल: 

  • 2 शमूएल 6-8
  • लूका 15:1-10